Book a pandit for Any Pooja in a single click
100% FREE CONSULTATION WITH PANDIT JI
हिंदु पंचांग के अनुसार गोवर्धन का त्योहार कार्तिक मास मे शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन का त्योहार मनाया जाता है। हमारे हिंदु धर्म मे जैसे दिवाली का त्योहार बडे हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। उसी प्रकार गोवर्धन का त्योहार भी बडे धूमधाम के साथ मनाया जाता है दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन का धार्मिक पर्व मनाया जाता है।
इस साल दिवाली 24 अक्टूबर 2022 को है इस हिसाब से गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर को होनी चाहिए लेकिन इस बार दिवाली और गोवर्धन पूजा के बीच सूर्यग्रहण लग रहा है। इस वजह से सूर्यग्रहण के कारण इस साल दिवाली के अगले दिन 25 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा नही होगी। सूर्यग्रहण की वजह से इस साल 26 अक्टूबर को गोवर्धन का त्योहार मनाया जाएगा। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट महोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। सूर्य ग्रहण के कारण इस साल गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन नही बल्कि तीसरे दिन मनाया जाएगा ऐसा करीब 27 सालो के बाद होगा।
हिंदु धर्म मे गोवर्धन पूजा को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। गोवर्धन पूजा के दिन महिलाए प्रातः काल उठकर गोबर से गोवर्धन बनाती है उसके बाद फूलो की माला से गोवर्धन जी को सजाती है। फिर दीपक जलाकर गोवर्धन जी की पूजा करती है। गोवर्धन पूजा को भगवान कृष्ण के साथ गाय के बछडो की भी पूजा की जाती है। गोवर्धन पूजा के दिन बैलो की भी पूजा की जाती है। गोवर्धन की पूजा करते समय बच्चे फुलझडिया,पटाखे छुडाते है।
गोवर्धन पूजा के इस त्योहार को सब लोग उमंग उत्साह के साथ मनाते है। गोवर्धन पूजा के दिन शाम को कई मंदिरो मे अन्नकूट का प्रसाद बंाटा जाता है। इसलिए इसे अन्नकूट महोत्सव भी कहा जाता है अन्नकूट का प्रसाद बाजरे की खिचडी,चावल,कडी,मूली पालक की सब्जी से स्वादिष्ट अन्नकूट का प्रसाद बनाया जाता है। गोवर्धन पूजा के दिन भगवान को अन्नकूट का भोग लगाया जाता है। अन्नकूट का भोग लगाने के बाद सब लोगो को अन्नकूट का प्रसाद वितरित किया जाता है। अन्नकूट का प्रसाद खाने मे बहुत स्वादिष्ट लगता है।
कई लोग गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने भी जाते है। गोवर्धन पर्वत को गिरिराज जी कहकर भी स्थानीय निवासियो एंव भक्तो द्वारा संबोधित किया जाता है। गोवर्धन पर्वत उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले मे आता है। गिरिराज जी की परिक्रमा करने दूर-दूर से लोग आते है। गिरिराज जी की परिक्रमा 7 कोस लगभग 21 किलोमीटर की है। गिरिराज जी की परिक्रमा नंगे पैर ही करनी चाहिए गिरिराज जी की परिक्रमा जो भक्त सच्चे मन से करता है भगवान उनको उनकी इच्छानुसार फल देता है। गिरिराज जी की परिक्रमा को बीच मे अधूरा छोडकर नही जाना चाहिए परिक्रमा को बीच मे अधूरा छोडकर जाना अशुभ माना जाता है।
किवदंतियो के अनुसार भगवान कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा को रोकने के लिए भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया था। इसलिए आज के दिन गोवर्धन का पर्व मनाया जाता है। भगवान इंद्र ने भी ब्रज पर अपना प्रकोप 7 दिनो तक जारी रखा लेकिन गोवर्धन पर्वत के नीचे ब्रजवासी पशु सब सुरक्षित रहे। इससे इंद्रदेव का घमंड चूर-चूर हो गया तब से ही इस दिन से भगवान श्री कृष्ण के साथ गाय और बछडे का भी पूजन किया जाता है। गोवर्धन के दिन गो माता की उपासना करने से व्यक्ति को बहुत लाभ मिलता है। शस्त्रो के अनुसार गोवर्धन पूजा करने से व्यक्ति को कई प्रकार के दोष से मुक्ति मिलती है और उसके जीवन मे सुख,समृध्दि,धन व ऐश्वर्य का आगमन होता है।
इस साल 26 अक्टूबर 2022 को गोवर्धन पूजा है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 25 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 18 मिनट पर शुरू हो रही है। ये तिथि 26 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी। वही इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 29 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 43 मिनट तक रहेगा।
Q. गोवर्धन के दिन किसकी पूजा की जाती है ?
A.
गोवर्धन पूजा के दिन गोबर से गोवर्धन जी बनाकर उसकी पूजा करते है। इस दिन भगवान कृष्ण के साथ गाय के बछडो की भी पूजा की जाती है और गोवर्धन पूजा के दिन बैलो की भी पूजा की जाती है।
Q. गोवर्धन पूजा पर क्या बनाया जाता है ?
A. गोवर्धन के दिन कई मंदिरो मे अन्नकूट का प्रसाद बनाया जाता है। इसलिए गोवर्धन पूजा को अन्नकूट महोत्सव भी कहा जाता है अन्नकूट के प्रसाद मे बाजरे की खिचडी,चावल,कडी,मूली पालक की सब्जी से स्वादिष्ट अन्नकूट का प्रसाद बनाया जाता है। अन्नकूट का प्रसाद खाने मे बहुत स्वादिष्ट होता है गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट का प्रसाद खाना चाहिए।
Q. इस साल गोवर्धन पूजा कब है ?
A. सूर्यग्रहण के कारण इस साल गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर की जगह 26 अक्टूबर को मनाया जायेगा। गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 29 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 43 मिनट तक रहेगा।