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दिवाली लक्ष्मी पूजन विधि

दिवाली लक्ष्मी पूजन विधि: घर पर लक्ष्मी पूजन करने की सरल विधि

99Pandit Ji
अंतिम अद्यतन:अक्टूबर 13

दिवाली लक्ष्मी पूजन विधि: का नाम पता ही चेहरे पर मुस्कान आ जाती हैं। चारो तरफ ख़ाली और खुशियाँ होती हैं, परिवार के साथ समय का मज़ा कुछ और होता है।

लेकिन का मतलब सिर्फ दीप जलाना नहीं, बल्कि माता लक्ष्मी की पूजा करना है, जो धन, सुख और शांति की देवी हैं।

दिवाली लक्ष्मी पूजन विधि

हर घर में इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है, ताकि आने वाले साल खुशियाँ और बरकत से भरा हो।

इस दिन सही तरीके से पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसलिए आज हम आपको बताते हैं दिवाली लक्ष्मी पूजन विधि यानी घर पर लक्ष्मी जी की पूजा करने का आसान तरीका।

इस लेख में आप जानेंगे दिवाली पर लक्ष्मी पूजन क्यों किया जाता है, पूजा का सही समय और शुभ आह्वान, पूजा में लीज वाली नाश्ता स्टेप बाय स्टेप पूरी पूजा विधि, पूजा के वक्त बोलने वाले मंत्र, पूजा के समय क्या ध्यान रखना चाहिए और पूजा के बाद क्या करना चाहिए। अगर आप पहली बार लक्ष्मी पूजन के बारे में बात कर रहे हैं तो यह ब्लॉग आपके लिए ही है।

शुभ मुहूर्त और समय (दिवाली पूजा 2025)

लक्ष्मी पूजन का सही समय बहुत होता है। इन्हें माता लक्ष्मी माना जाता है, शाम के समय जब चारों ओर अँधेरा होता है, और दीपक जलते हैं, तब घर में आते हैं। इस समय को प्रदोष काल कहा जाता है।

दिवाली लक्ष्मी पूजन विधि

आमतौर पर लक्ष्मी पूजन का शुभ समय शाम 6 बजे से रात 8:30 बजे तक रहता है। जगह और साल के हिसाब से थोड़ा अंतर आता है।

लक्ष्मी पूजन की तिथि:

  • दिन: सोमवार
  • तारीख: 20 अक्टूबर 2025

अंतिम तिथि (काल):

  • आरंभ: 20 अक्टूबर दोपहर 3:44 बजे
  • समाप्त: 21 अक्टूबर शाम 5:54 बजे

शुभ उत्सव (लक्ष्मी पूजा मुहूर्त):

शाम 7:08 बजे से रात 8:18 बजे तक (1 घंटा 10 मिनट)

यह समय दो मुख्य विशेषताओं से श्रेष्ठ है:

  1. यह प्रदोष काल के अंतर्गत आता है (जो सूर्य के बाद लगभग 1.5 घंटे का समय होता है)
  2. इसी अवधि में वृषभ लग्न भी सक्रिय होता है (माता लक्ष्मी का प्रिय राशिफल)

किन समयों से सलाह:

  • सौभाग्य से पहले या बाद में पूजा न करें
  • दोपहर में पूजा न करें, क्योंकि लक्ष्मी पूजन के लिए उसे काल शुभ नहीं माना जाता है

दुर्भाग्यवश तिथि में ही लक्ष्मी पूजन करना अनिवार्य है। पूजा से पहले घर को अच्छे से साफ करें, भगवान का आसन सजाएं, दीप जलाएं और परिवार के सभी लोग मिलकर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा-आराधना करें।

लक्ष्मी पूजन की सामग्री (दिवाली लक्ष्मी पूजन की पूजा सामग्री)

लक्ष्मी पूजन करने से पहले पता करें कि सारी सामग्री पहले से तैयार कर लें। इस पूजा के चुभन से कोई जल्दबाज़ी या ग़लती नहीं होती। नीचे दी गई सामग्री आम तौर पर हर घर में दी गई है दिवाली लक्ष्मी पूजन के लिए उपयोगी हैं।

दिवाली लक्ष्मी पूजन विधि

पूजा सूची सामग्री:

  1. साफ लकड़ी का पत्ता या प्लास्टिक का कारखाना
  2. नये लाल या पीले कपड़े की दुकान पर विक्रेता के लिए
  3. माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र
  4. एक कलश (एक कलश)
  5. अशोक के पत्ते
  6. गंगाजल या शुद्ध जल
  7. कुमकुम, हल्दी, रोली, चावल (अक्षत),
  8. दीपक (घी या तेल वाला)
  9. कपूर और अगरबत्ती
  10. फूल (कमल, गुलाब, गेंदे)
  11. मिठाई (खासकर खेड, लोध, या बताशे)
  12. चावल का आटा या मिट्टी से बनी छोटी चटनी (मंडल बनाने के लिये)
  13. सिक्का या नोट (धन का प्रतीक)
  14. पंचमेवा (काजू, बादाम, तेल, सूखा नारियल, खजूर)
  15. नई बही-खाता या डायरी (व्यापारी वर्ग के लिए)

लक्ष्मी पूजन विधि (दिवाली लक्ष्मी पूजन विधि)

जिस रात सब कुछ जगमग हो रहा हो, उस समय लक्ष्मी पूजन सबसे शुभ माना जाता है। नीचे दिए गए आसान स्टेप्स फॉलो करके कोई भी घर पर दिवाली लक्ष्मी पूजन कर सकता है।

दिवाली लक्ष्मी पूजन विधि

1. तैयारी करें: शाम को घर की अच्छी तरह से सफाई करें और दरवाजे पर रंगोली बनाएं। यह है सत्य-सुथरे घर में लक्ष्मी जी का प्रवेश होता है।

2. दुकान की सजावटये: एक साफ कपड़ा पर लाल या पीला कपड़ा, वह पर लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति। मूर्ति के आगे दीपक जलाएं।

3. कलश स्थापना: एक कलश में गंगाजल भरा, जिसमें अशोक के पत्ते और ऊपर के नारियल शामिल हैं। यह कलश शुभता और धन की वृद्धि का प्रतिक होता है।

4. संकल्प ले: दोनों हाथों में थोड़ा पानी उर फूल लेकर व्रत या पूजा का संकल्प लें कि आप मन से लक्ष्मी माता की पूजा करेंगे।

5. भगवान गणेश की पूजा: हर शुभ कार्य की शुरुआत गणेश जी से होती है, उन्हें दीया, फूल और निर्धन बनाएं।

6. लक्ष्मी जी की पूजा: लक्ष्मी जी को हल्दी, कुमकुम, चावल, फूल और मिठाई दें। इनके आगे सिक्के या नोट हैं, माना जाता है कि पूजा के समय लक्ष्मी जी कमल के फूल लगते हैं।

7. दीपदान करें: घर के हर कोने में दीपक जलते हैं, ऐसा माना जाता है कि इससे ब्लैकआउट और नकारात्मकता दूर होती है।

8. आरती करें: लक्ष्मी और गणेश जी की आरती पूरे परिवार के साथ मिलकर करें।

9. प्रसाद बाटें: पूजा के बाद सभी को मिठाई और प्रसाद की बातें।

लक्ष्मी पूजन में बोले वाले मंत्र

पूजा के दौरान मंत्र का उच्चारण अत्यंत शुभ और घटित होता है, और यदि आप लक्ष्मी जी की पूजा कर रहे हैं तो लक्ष्मी जी के मंत्र का उच्चारण भी अत्यंत शुभ और शुभ होता है। पूजन में जाने वाले लक्ष्मी जी के कुछ प्रमुख मंत्र -

लक्ष्मी जी के प्रमुख मंत्र:

  • मुख्य और सरल मंत्रः ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।।
  • गाय मंत्रः ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्ये च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ।
  • प्रभावशाली मंत्रः ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः।
  • धन प्राप्ति के लिए: ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ।
  • सिद्ध लक्ष्मी के लिए: ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सिद्ध लक्ष्म्यै नमः।।

लक्ष्मी समय का ध्यान रखें

लक्ष्मी पूजन के दौरान कुछ छोटी लेकिन बची हुई बातें याद रखनी चाहिए ताकि पूजा पूरा फल दे:

  1. पूजा से पहले मन और शरीर दोनों साफ रखें, स्नान के बाद ही पूजा-पाठ करें।
  2. पूजा स्थल पर पीले या लाल रंग के कपड़े का प्रयोग करें।
  3. पूजा में लोहे या स्टील के बर्तन न रखें, कोशिश करें कि पत्थर, पीतल या चांदी के बर्तन का प्रयोग करें।
  4. लक्ष्मी जी की मूर्ति या तस्वीर के पास कपड़ा या जूता, जूता जेसी बेकार नहीं है।
  5. पूजा के समय गुस्सा, लड़ाई-झगड़ा बिल्कुल न करें, लक्ष्मी माता शांत घर में प्रवेश करती हैं।
  6. दीपक पूरे समय जलता रहना चाहिए।
  7. चांदी के सिक्के या सिक्के लक्ष्मी जी के आगे रखें, और अगले दिन अपने पर्स या सिक्के में रखें।
  8. पूजा पूरी होने के बाद घर की सभी लाइटें और दीपक जलते रहते हैं, ये ब्लैकआउट पर प्रकाश की जीत हैं।

लक्ष्मी पूजन कैसे करें

पूजा पूरी होने के बाद कुछ बातें जरूर करनी चाहिए ताकि लक्ष्मी जी का आशीर्वाद बना रहे:

  1. आरती के बाद दीपक बाबियाँ नहीं, उसे अपने आप बुझने दें।
  2. घर के हर कोने में दीपक स्थित रहता है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है।
  3. मिठाई और प्रसाद बाँटें, घर के लोगों और आस-पास के बर्बादमंदों को।
  4. लक्ष्मी जी के चरणों में धन जमा करें, फिर अगले दिन उन्हें संभालकर रख लें।
  5. अगले दिन सुबह घर में थाली बजाकर शुभ ध्वनि करें, इससे नकारात्मकता दूर होती है।
  6. इस रात किसी पर गुस्सा या कटु वचन न कहने से माना जाता है कि इससे लक्ष्मी माता नाराज हो जाती हैं।

लक्ष्मी पूजन के बाद का ये व्यवहार ही असली पूजा का फल है क्योंकि पूजा सिर्फ धन के लिए नहीं, मन की शांति और कृतज्ञता के लिए होती है।

अनुमान

यह त्यौहार केवल खली और मिठाइयों का नहीं है, बल्कि घर में सुख समृद्धि और शांति का प्रतीक है। इस दिन की सबसे खास परंपरा है माता लक्ष्मी की पूजा।

सही विधि, मन की मुद्रा और सही समय पर दी गई पूजा से दिवाली लक्ष्मी पूजन विधि का महत्व और वृद्धि होती है।

पूजा करने का असली उद्देश्य केवल धन कामना नहीं है, बल्कि घर के माहौल को सकारात्मक बनाना, परिवार में प्रेम और मेलजोल हासिल करना और अपने कर्मों में सच्चाई रखना।

जब पूरा परिवार मिलकर दीपक जलाता है, मंत्र बजाता है, और आरती करता है तो घर में लक्ष्मी माता का आशीर्वाद इलेक्ट्रोनिक रूप से आता है।

इस वर्ष, अपने घर को अच्छे से सजाएं, पूजा की सामग्री पहले से तैयार करें और पूजा को पूरे मन और श्रद्धा से करें। याद रखें, असली लक्ष्मी हमारे अच्छे कर्म, शुद्ध विचार, और प्यारे रिश्ते से आती हैं।

दिवाली लक्ष्मी पूजन विधि को सरल और सही तरीके से अपनाकर आप अपने घर में समृद्धि और खुशियों की स्थायी रोशनी ला सकते हैं।

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