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प्रदोष व्रत 2025

Pradosh Vrat 2025 Date: जाने प्रदोष व्रत की शुभ तिथि, मुहूर्त व नियम

99Pandit Ji
Last Updated:February 19, 2025

Pradosh Vrat 2025: प्रत्येक वर्ष तथा प्रत्येक माह इस व्रत की तिथि भिन्न होती है| पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत 2025 (Pradosh Vrat 2025) भगवान शिव की उपासना करके उन्हें प्रसन्न करने के लिए किया जाता है|

जैसा कि आप सभी लोगो को पता ही है कि हिन्दू धर्म में प्रत्येक दिन कोई न कोई तिथि या त्यौहार या व्रत आते ही रहते है|

हिन्दू धर्म में इन सभी त्योहारों और व्रतों के नियमों को बहुत ही श्रद्धा के साथ मानते है| आज हम एक ऐसे व्रत या जिसे हम उपवास भी कह सकते है, के बारे में बात करेंगे जो कि प्रत्येक वर्ष में हर माह अलग – अलग मुहूर्त के साथ आता है|

प्रदोष व्रत 2025

प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है| प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से घर में सुख-समृद्धि तथा खुशहाली सदैव बनी रहती है|

आमतौर पर प्रदोष व्रत प्रत्येक माह की कृष्ण पक्षशुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को ही रखा जाता है| परंतु सावन के माह में प्रदोष व्रत का महत्व ओर अधिक हो जाता है|

इस माह में पूर्ण श्रद्धा के साथ जो भी इस प्रदोष व्रत को करता है तो भगवान शिव उससे बहुत प्रसन्न होते है और उसकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते है| प्रदोष व्रत 2025 (Pradosh Vrat 2025) एक हिन्दू व्रत है जो कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है|

प्रदोष व्रत का सम्पूर्ण दिन देवों के देव भगवान शंकर को ही समर्पित किया गया है| तो आइये जानते है कि इस प्रदोष व्रत 2025 (Pradosh Vrat 2025) में प्रत्येक माह में प्रदोष व्रत की शुभ तिथि क्या रहेगी| तथा इस व्रत के नियम और इस व्रत के बारे में और अच्छे से जानेंगे|

प्रदोष व्रत क्या है ? – What is Pradosh Vrat 2025

हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार एकादशी तिथि (Ekadashi Dates)को भगवान विष्णु और प्रदोष व्रत की तिथि भगवान शिव को समर्पित किया गया है|

इस तिथि को प्रदोष तिथि कहने के पीछे के बहुत बड़ा कारण है| अगर इस कथा के बारें में हम बात करें तो एक समय की बात है जब चंद्र को क्षय रोग हो गया था|

जिसकी वजह से चंद्र को मृत्यु के समान ही कष्ट और पीड़ा झेलनी पड़ रही थी| उस समय भगवान शिव ने त्रयोदशी के दिन इस दोष का निवारण किया|

जिस प्रकार से हर माह में दो बार एकादशी की तिथि आती है| उसी प्रकार ही प्रदोष व्रत की तिथि भी प्रत्येक माह में दो बार आती है|

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मान्यता है कि जब भी कोई व्यक्ति प्रदोष का व्रत करता है तो उसे कई सारी बातों का ध्यान रखकर कुछ नियमों का पालन करना बहुत ही आवश्यक है|

मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत करने वाले लोगों को केवल हरे मूंग का ही सेवन करना चाहिए| प्रदोष व्रत केवल माह के अनुसार ही महत्व नहीं रखता है, बल्कि सप्ताह के दिनों के अनुसार भी प्रदोष व्रत अपना अलग महत्व रखता है| प्रत्येक वार के दिन प्रदोष व्रत करने के भिन्न – भिन्न लाभ है|

स्कन्द पुराण में प्रदोष व्रत के बारे में बताया गया है कि इस दिन भगवान शिव अपने भवन ने नृत्य करते है|

प्रदोष तिथि के दिन जो भी व्यक्ति भगवान शिव की पूजा व व्रत करता है| उसे भगवान शंकर का आशीर्वाद मिलता है और मनचाहे फल की भी प्राप्ति होती है|

प्रदोष व्रत 2025 शुभ तिथि व मुहूर्त (Pradosh Vrat 2025 Subh Muhurat)

माह  तिथि  मुहूर्त
जनवरी में प्रदोष व्रत तिथि शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, शनि प्रदोष व्रत

शनिवार, 11 जनवरी 2025

कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, सोम प्रदोष व्रत

सोमवार, 27 जनवरी 2025

11 जनवरी 2025, सुबह 08:21 बजे –

12 जनवरी 2025, सुबह 06:33 बजे

26 जनवरी 2025, रात 08:54 बजे –

27 जनवरी 2025, रात 08:34 बजे

फरवरी में प्रदोष व्रत तिथि शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, रवि प्रदोष व्रत

रविवार, 09 फरवरी 2025

कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, भौम प्रदोष व्रत

मंगलवार, 25 फरवरी 2025

09 फरवरी 2025, रात 07:25 बजे –

10 फरवरी 2025, शाम 06:57 बजे

25 फरवरी 2025, दोपहर 12:47 बजे –

26 फरवरी 2025, सुबह 11:08 बजे

मार्च में प्रदोष व्रत तिथि  शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, भौम प्रदोष व्रत

मंगलवार, 11 मार्च 2025

कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, गुरु प्रदोष व्रत

गुरूवार, 27 मार्च 2025

11 मार्च 2025,सुबह 08:13 बजे –

12 मार्च 2025,सुबह 09:11 बजे

27 मार्च 2025,सुबह 01:42 बजे –

27 मार्च 2025,रात 11:03 बजे

अप्रैल में प्रदोष व्रत तिथि  शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, गुरु प्रदोष व्रत 

गुरूवार, 10 अप्रैल 2025

कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, शुक्र प्रदोष व्रत

शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025

09 अप्रैल 2025, रात 10:55 बजे –

11 अप्रैल 2025, सुबह 01:00 बजे

25 अप्रैल 2025, सुबह 11:44 बजे –

26 अप्रैल 2025, सुबह 08:27 बजे

मई में प्रदोष व्रत तिथि  शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, शुक्र प्रदोष व्रत

शुक्रवार, 09 मई 2025

कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, शनि प्रदोष व्रत

शनिवार, 24 मई 2025

09 मई 2025,दोपहर 02:56 बजे – 

10 मई 2025,शाम 05:29 बजे

24 मई 2025,रात 07:20 बजे – 

25 मई 2025, दोपहर 03:51 बजे

जून में प्रदोष व्रत तिथि  शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, रवि प्रदोष व्रत

रविवार, 08 जून 2025

कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, सोम प्रदोष व्रत

सोमवार, 23 जून 2025

08 जून 2025, सुबह 07:17 बजे – 

09 जून 2025, सुबह 09:35 बजे

23 जून 2025, सुबह 01:21 बजे – 

23 जून 2025, रात 10:09 बजे

जुलाई में प्रदोष व्रत तिथि  शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, भौम प्रदोष व्रत

मंगलवार, 08 जुलाई 2025

कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, भौम प्रदोष व्रत

मंगलवार, 22 जुलाई 2025

07 जुलाई 2025, रात 11:10 बजे –

09 जुलाई 2025, सुबह 12:38 बजे

22 जुलाई 2025, सुबह 07:05 बजे –

23 जुलाई 2025, सुबह 04:39 बजे

अगस्त में प्रदोष व्रत तिथि  शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, बुध प्रदोष व्रत

बुधवार, 06 अगस्त 2025

कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, बुध प्रदोष व्रत

बुधवार, 20 अगस्त 2025

06 अगस्त 2025, दोपहर 02:08 बजे –

07 अगस्त 2025, दोपहर 02:27 बजे

20 अगस्त 2025, दोपहर 01:58 बजे –

21 अगस्त 2025, दोपहर 12:44 बजे

सितंबर में प्रदोष व्रत तिथि  शुक्र प्रदोष व्रत

शुक्रवार, 05 सितंबर 2025

शुक्र प्रदोष व्रत

शुक्रवार, 19 सितंबर 2025

05 सितंबर 2025, सुबह 04:08 बजे –

06 सितंबर 2025, सुबह 03:12 बजे

18 सितंबर 2025, रात 11:24 बजे –

19 सितंबर 2025, रात 11:36 बजे

अक्टूबर में प्रदोष व्रत तिथि  शनि प्रदोष व्रत

शनिवार, 04 अक्टूबर 2025

शनि प्रदोष व्रत

शनिवार, 18 अक्टूबर 2025

04 अक्टूबर 2025, शाम 05:09 बजे – 

05 अक्टूबर 2025, दोपहर 03:03 बजे

18 अक्टूबर 2025, दोपहर 12:18 बजे –

19 अक्टूबर 2025, दोपहर 01:51 बजे

नवम्बर में प्रदोष व्रत तिथि  सोम प्रदोष व्रत

सोमवार, 03 नवंबर 2025

सोम प्रदोष व्रत

सोमवार, 17 नवंबर 2025

03 नवंबर 2025, सुबह 05:07 बजे –

04 नवंबर 2025, सुबह 02:05 बजे

17 नवंबर 2025, सुबह 04:47 बजे –

18 नवंबर 2025, सुबह 07:12 बजे

दिसंबर में प्रदोष व्रत तिथि  भौम प्रदोष व्रत

मंगलवार, 02 दिसंबर 2025

बुध प्रदोष व्रत

बुधवार, 17 दिसंबर 2025

02 दिसंबर 2025, दोपहर 03:57 बजे –

03 दिसंबर 2025, दोपहर 12:25 बजे

16 दिसंबर 2025, रात 11:57 बजे –

18 दिसंबर 2025, सुबह 02:32 बजे

 

प्रदोष व्रत 2025 के नियम व पूजा विधि

हिन्दू धर्म में मनाये जाने वाले सभी त्यौहार के अलग – अलग नियम निर्धारित होते है| इसलिए उन त्योहारों या उपवासों को करने के लिये कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है| साथ ही भगवान को शीघ्र – अतिशीघ्र प्रसन्न करने के लिए नीचे बताई विधि से ही पूजा करें|

प्रदोष व्रत 2025

  • यदि कोई भी व्यक्ति प्रदोष का व्रत करता है| तो उसे इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना होगा| स्नान करने के बाद आपको साफ़ – सुथरे वस्त्र भी धारण करने होंगे|
  • इसके बाद में भगवान शिव की पूजा करने के लिए बेलपत्र, अक्षत, दीप, धूप और गंगाजल को लेकर मंदिर में जाकर पूजा करनी चाहिए|
  • पूजा करने के बाद इस प्रदोष के व्रत का संकल्प लीजिये और आपकी जो भी मनोकामना है वो भगवान शिव को कहिये तथा उसे पूर्ण करने के लिए उनसे प्रार्थना कीजिये|
  • प्रदोष व्रत करने के पश्चात व्यक्ति को किसी भी प्रकार का भोजन ग्रहण नही करना चाहिए| व्रत करने वाले व्यक्ति को सूर्यास्त से कुछ समय पहले पुनः स्नान करके सफ़ेद रंग के कपडे धारण करने चाहिए| 
  • अपने घर व घर में उपस्थित मंदिर के चारों ओर गंगाजल का छिडकाव करना चाहिए| इससे आपके घर का वातावरण काफी शुद्ध होता है| इसके बाद आपको गाय के गोबर की सहायता से मंडप तैयार कीजिये| और इस पर 5 अलग – अलग रंगों से रंगोली बनाइए|
  • यह सब कार्य करने के बाद में आपको भगवान शिव का ध्यान करना होगा| जिसके लिए आपको उत्तर – पूर्व दिशा में मुख करके एक आसन पर बैठकर भगवान शिव के मूल मंत्र  “ॐ नमः शिवाय” का जप करना चाहिए| 
  • मंत्र का जप करते हुए साथ ही शिवलिंग पर भी जल चढ़ाए| जिससे भगवान शिव आपसे प्रसन्न होंगे और आपको उनका आशीर्वाद भी मिलता है|

प्रदोष व्रत के लाभ – Benefits Of Pradosh Vrat 2025

  • प्रदोष व्रत करने से सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है और मनुष्य शरीर हमेशा स्वस्थ रहता है| इस व्रत को करने के मनुष्य को मानसिक शांति प्राप्त होती है और तनाव से भी मुक्ति मिलती है| इसके अलावा धन – धान्य से सम्बंधित सभी तकलीफ दूर हो जाती है|
  • इस व्रत को अधिकांश तौर पर वे महिलाएं करती है| जिनके लंबे समय से कोई संतान ना हुई हो| हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार जिन भी लोगों के संतान नहीं है| उन्हें यह व्रत करके भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहिए| जिससे की उन्हें जल्द से जल्द संतान की प्राप्ति हो सके|
  • शत्रुओं पर विजय पाने के लिए भी यह व्रत काफी ज्यादा कारगर माना गया है| यदि आपको आपके शत्रुओं का भय हो या आपके शत्रु किसी प्रकार से आपको डरा रहे हो तो आपको प्रदोष का व्रत रखकर भगवान शिव से प्रार्थना करनी चाहिए| जिससे आपके सभी शत्रु परास्त हो जाए|
  • इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में किसी भी प्रकार का दोष हो तो वह प्रदोष व्रत करने और भगवान शिव के आशीर्वाद से उन दोषों से राहत मिलती है|

वार के अनुसार प्रदोष व्रत के लाभ  – Benefits of Pradosh Vrat 2025 According to Week Days

रविवार प्रदोष व्रत  –  प्रदोष का व्रत रविवार के दिन करने से मनुष्य का शरीर सभी प्रकार के रोगों से मुक्त रहता है| अर्थात उसका शरीर निरोगी हो जाता है|

सोमवार प्रदोष व्रत – इस दिन प्रदोष का व्रत करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाए पूर्ण होती है| तथा मनुष्य को मनचाहे फल की प्राप्ति होती है|

मंगलवार प्रदोष व्रत – मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित किया गया है| जो शिवजी के ही अवतार है| इस दिन प्रदोष व्रत करने से सभी रोगियों को उनके रोगों से मुक्ति मिलती है| और जिस व्यक्ति पर कोई कर्ज है तो उससे भी मुक्ति मिलती है|

बुधवार प्रदोष व्रत – इस दिन प्रदोष व्रत करने से महादेव जातक की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते है|

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बृहस्पतिवार प्रदोष व्रत – इसे गुरूवार के नाम से भी जाना जाता है| इस दिन प्रदोष व्रत को करने व्यक्ति को अपने जीवन में शत्रुओं से सम्बंधित सभी से राहत मिलती है| तथा शत्रुओं पर भी विजय प्राप्त होती है|

शुक्रवार प्रदोष व्रत –  प्रदोष का व्रत जो शुक्रवार के दिन होता है तो इसे ‘शुक्र प्रदोष व्रत’ के नाम से भी जाना जाता है| इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति के जीवन में हमेशा सुख व समृद्धि बनी रहती है|

शनिवार प्रदोष व्रत – इस दिन आने वाले व्रत को “शनि प्रदोष व्रत” भी कहा जाता है| शनिवार के दिन व्रत करने वाली महिलाओं को संतान सुख की प्राप्ति होती है|

प्रदोष व्रत को करने वाले ध्यान रखे कुछ मुख्य बातें – Important Things About Pradosh Vrat 2025

  • जो भी व्यक्ति इस व्रत को करने का संकल्प लेता है| उसे पुरे दिन में कुछ भी नहीं खाना चाहिए|
  • एक बात का जरूर ध्यान रखें कि इस दिन भूलकर कर भी आपको नमक का सेवन नहीं करना चाहिए|
  • व्रत वाले दिन पूर्ण तन और मन से भगवान का ध्यान करना चाहिए और अपने मन से सभी प्रकार क्रूर भावनाओं को त्याग देना चाहिए|
  • इस दिन सही तरीके से ब्रह्मचर्य का पालन करना बहुत ही आवश्यक है|
  • प्रदोष का व्रत करने वाले खासतौर पर इस बात का ध्यान रखें कि इस दिन आपको किसी भी स्थिति में मांसाहारी या ऐसा भोजन जो मनुष्य के शरीर को आलसी बनाता हो, उसका सेवन नहीं करना चाहिए| व्रत के दिन नशीले पदार्थों का भी सेवन नहीं करना चाहिए|

निष्कर्ष – Conclusion

आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से  प्रदोष व्रत के बारे में काफी बातें जानी है| हमने प्रदोष व्रत से होने वाले लाभों के बारे में भी जाना|

इसके अलावा हमने आपको  प्रदोष व्रत से जुड़ी काफी सारी बातों के बारे में बताया है| हम उम्मीद करते है कि हमारे द्वारा बताई गई जानकारी से आपको कोई ना कोई मदद मिली होगी|

इसके अलावा भी अगर आप किसी और पूजा के बारे में जानकारी लेना चाहते है। यदि आप किसी भी व्रत के अनुष्ठान या उसके उद्दीपन के लिए पंडित जी की तलाश कर रहे है तो हम आपको आज एक ऐसी वेबसाइट के बारे में बताने जा रहे है|

जिसकी सहायता से आप घर बैठे ही किसी भी जगह से आपकी पूजा के उपयुक्त और अनुभवी पंडित जी को खोज सकते है|

आप हमारी वेबसाइट 99Pandit पर जाकर सभी तरह की पूजा या त्योहारों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी ले सकते है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q.प्रदोष व्रत में किस प्रकार के भोजन का सेवन करना चाहिए ?

A.इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को मीठी चीज़ों का सेवन करना चाहिए|

Q.कितने प्रदोष व्रत करने की मान्यता है ?

A.हिन्दू धर्म के अनुसार जातक को 11 या 26 प्रदोष व्रत करने चाहिए|

Q.प्रदोष व्रत के दिन क्या नहीं खाना चाहिए ?

A.ज्योतिषियों के अनुसार एकादशी की भांति ही प्रदोष व्रत के दिन चावल से परहेज करना चाहिए|


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