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Pradosh Vrat 2024: प्रत्येक वर्ष तथा प्रत्येक माह इस व्रत की तिथि भिन्न होती है| पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत 2024 (Pradosh Vrat 2024)भगवान शिव की उपासना करके उन्हें प्रसन्न करने के लिए किया जाता है| जैसा कि आप सभी लोगो को पता ही है कि हिन्दू धर्म में प्रत्येक दिन कोई न कोई तिथि या त्यौहार या व्रत आते ही रहते है|
हिन्दू धर्म में इन सभी त्योहारों और व्रतों के नियमों को बहुत ही श्रद्धा के साथ मानते है| आज हम एक ऐसे व्रत या जिसे हम उपवास भी कह सकते है, के बारे में बात करेंगे जो कि प्रत्येक वर्ष में हर माह अलग – अलग मुहूर्त के साथ आता है|
प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है| प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से घर में सुख-समृद्धि तथा खुशहाली सदैव बनी रहती है| आमतौर पर प्रदोष व्रत प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को ही रखा जाता है| परंतु सावन के माह में प्रदोष व्रत का महत्व ओर अधिक हो जाता है| इस माह में पूर्ण श्रद्धा के साथ जो भी इस प्रदोष व्रत को करता है तो भगवान शिव उससे बहुत प्रसन्न होते है और उसकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते है|
प्रदोष व्रत 2024 (Pradosh Vrat 2024) एक हिन्दू व्रत है जो कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है| प्रदोष व्रत का सम्पूर्ण दिन देवों के देव भगवान शंकर को ही समर्पित किया गया है| तो आइये जानते है कि इस प्रदोष व्रत 2024 (Pradosh Vrat 2024) में प्रत्येक माह में प्रदोष व्रत की शुभ तिथि क्या रहेगी| तथा इस व्रत के नियम और इस व्रत के बारे में और अच्छे से जानेंगे|
हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार एकादशी तिथि (Ekadashi Dates)को भगवान विष्णु और प्रदोष व्रत की तिथि भगवान शिव को समर्पित किया गया है| इस तिथि को प्रदोष तिथि कहने के पीछे के बहुत बड़ा कारण है| अगर इस कथा के बारें में हम बात करें तो एक समय की बात है जब चंद्र को क्षय रोग हो गया था| जिसकी वजह से चंद्र को मृत्यु के समान ही कष्ट और पीड़ा झेलनी पड़ रही थी| उस समय भगवान शिव ने त्रयोदशी के दिन इस दोष का निवारण किया|
जिस प्रकार से हर माह में दो बार एकादशी की तिथि आती है| उसी प्रकार ही प्रदोष व्रत की तिथि भी प्रत्येक माह में दो बार आती है| मान्यता है कि जब भी कोई व्यक्ति प्रदोष का व्रत करता है तो उसे कई सारी बातों का ध्यान रखकर कुछ नियमों का पालन करना बहुत ही आवश्यक है|
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मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत करने वाले लोगों को केवल हरे मूंग का ही सेवन करना चाहिए| प्रदोष व्रत केवल माह के अनुसार ही महत्व नहीं रखता है, बल्कि सप्ताह के दिनों के अनुसार भी प्रदोष व्रत अपना अलग महत्व रखता है| प्रत्येक वार के दिन प्रदोष व्रत करने के भिन्न – भिन्न लाभ है|
स्कन्द पुराण में प्रदोष व्रत के बारे में बताया गया है कि इस दिन भगवान शिव अपने भवन ने नृत्य करते है| प्रदोष तिथि के दिन जो भी व्यक्ति भगवान शिव की पूजा व व्रत करता है| उसे भगवान शंकर का आशीर्वाद मिलता है और मनचाहे फल की भी प्राप्ति होती है|
माह | तिथि | मुहूर्त |
जनवरी में प्रदोष व्रत तिथि | शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, भौम प्रदोष व्रत
मंगलवार, 09 जनवरी 2024 कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, मंगलवार, 23 जनवरी 2024 |
08 जनवरी 2024, रात 11:58 बजे –
09 जनवरी 2024, रात 10:24 बजे 22 जनवरी 2024, शाम 07:51 बजे – 23 जनवरी 2024, शाम 08:39 बजे |
फरवरी में प्रदोष व्रत तिथि | शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, बुध प्रदोष व्रत
बुधवार, 07 फरवरी 2024 कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, बुध प्रदोष व्रत बुधवार, 21 फरवरी 2024 |
07 फरवरी 2024, दोपहर 02:02 बजे –
08 फरवरी 2024, सुबह 11:17 बजे 21 फरवरी 2024, सुबह 11:27 बजे 22 फरवरी 2024, दोपहर 01:21 बजे |
मार्च में प्रदोष व्रत तिथि | शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, शुक्र प्रदोष व्रत
शुक्रवार, 08 मार्च 2024 कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत शुक्रवार, 22 मार्च 2024 |
08 मार्च 2024,सुबह 01:19 बजे –
08 मार्च 2024,रात 09:57 बजे 22 मार्च 2024,सुबह 04:44 बजे – 23 मार्च 2024,सुबह 07:17 बजे |
अप्रैल में प्रदोष व्रत तिथि | शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत,शनि प्रदोष व्रत
शनिवार, 06 अप्रैल 2024 कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत,रवि प्रदोष व्रत रविवार, 21 अप्रैल 2024 |
06 अप्रैल 2024, सुबह 10:19 बजे –
07 अप्रैल 2024, सुबह 06:53 बजे 20 अप्रैल 2024, दोपहर 10:41 बजे – 22 अप्रैल 2024, सुबह 01:11 बजे |
मई में प्रदोष व्रत तिथि | शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत,रवि प्रदोष व्रत
रविवार, 05 मई 2024 कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत,सोम प्रदोष व्रत सोमवार, 20 मई 2024 |
05 मई 2024,शाम 05:41 बजे –
06 मई 2024, दोपहर 02:40 बजे 20 मई 2024,दोपहर 03:58 बजे – 21 मई 2024, शाम 05:39 बजे |
जून में प्रदोष व्रत तिथि | शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, भौम प्रदोष व्रत
मंगलवार, 04 जून 2024 कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत,बुध प्रदोष व्रत बुधवार, 19 जून 2024 |
04 जून 2024, दोपहर 12:18 बजे –
04 जून 2024, रात 10:01 बजे 19 जून 2024, सुबह 07:28 बजे – 20 जून 2024, सुबह 07:49 बजे |
जुलाई में प्रदोष व्रत तिथि | शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत,बुध प्रदोष व्रत
बुधवार, 03 जुलाई 2024 कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, शुक्र प्रदोष व्रत शुक्रवार, 19 जुलाई 2024 |
03 जुलाई 2024, सुबह 07:10 बजे –
04 जुलाई 2024, सुबह 05:54 बजे 18 जुलाई 2024, रात 08:44 बजे – 19 जुलाई 2024, रात 07:41 बजे |
अगस्त में प्रदोष व्रत तिथि | गुरु प्रदोष व्रत
गुरूवार, 01 अगस्त 2024 शनि प्रदोष व्रत शनिवार, 17 अगस्त 2024 शनि प्रदोष व्रत शनिवार, 31 अगस्त 2024 |
01 अगस्त 2024, दोपहर 03:28 बजे –
02 अगस्त 2024, दोपहर 03:26 बजे 17 अगस्त 2024, सुबह 08:05 बजे – 18 अगस्त 2024, सुबह 05:51 बजे 31 अगस्त 2024, सुबह 02:25 बजे – 01 सितंबर 2024, सुबह 03:40 बजे |
सितंबर में प्रदोष व्रत तिथि | रवि प्रदोष व्रत
रविवार, 15 सितंबर 2024 रवि प्रदोष व्रत रविवार, 29 सितंबर 2024 |
15 सितंबर 2024, शाम 06:12 बजे –
16 सितंबर 2024, दोपहर 03:10 बजे 29 सितंबर 2024, शाम 04:47 बजे – 30 सितंबर 2024, रात 07:06 बजे |
अक्टूबर में प्रदोष व्रत तिथि | भौम प्रदोष व्रत
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024 भौम प्रदोष व्रत मंगलवार, 29 अक्टूबर 2024 |
15 अक्टूबर 2024, सुबह 03:42 बजे –
16 अक्टूबर 2024, सुबह 12:29 बजे 26 अक्टूबर 2024, सुबह 10:31 बजे – 27 अक्टूबर 2024, दोपहर 01:15 बजे |
नवम्बर में प्रदोष व्रत तिथि | बुध प्रदोष व्रत
बुधवार, 13 नवंबर 2024 गुरु प्रदोष व्रत गुरूवार, 28 नवंबर 2024 |
13 नवंबर 2024, दोपहर 12:36 बजे –
14 नवंबर 2024, सुबह 09:43 बजे 28 नवंबर 2024, सुबह 06:23 बजे – 29 नवंबर 2024, सुबह 08:39 बजे |
दिसंबर में प्रदोष व्रत तिथि | शुक्र प्रदोष व्रत
शुक्रवार, 13 दिसंबर 2024 शनि प्रदोष व्रत शनिवार, 28 दिसंबर 2024 |
12 दिसंबर 2024, रात 7:13 बजे –
13 दिसंबर 2024, रात 07:10 बजे 28 दिसंबर 2024, सुबह 06:24 बजे – 29 दिसंबर 2024, सुबह 05:55 बजे |
हिन्दू धर्म में मनाये जाने वाले सभी त्यौहार के अलग – अलग नियम निर्धारित होते है| इसलिए उन त्योहारों या उपवासों को करने के लिये कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है| साथ ही भगवान को शीघ्र – अतिशीघ्र प्रसन्न करने के लिए नीचे बताई विधि से ही पूजा करें|
रविवार प्रदोष व्रत – प्रदोष का व्रत रविवार के दिन करने से मनुष्य का शरीर सभी प्रकार के रोगों से मुक्त रहता है| अर्थात उसका शरीर निरोगी हो जाता है|
सोमवार प्रदोष व्रत – इस दिन प्रदोष का व्रत करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाए पूर्ण होती है| तथा मनुष्य को मनचाहे फल की प्राप्ति होती है|
मंगलवार प्रदोष व्रत – मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित किया गया है| जो शिवजी के ही अवतार है| इस दिन प्रदोष व्रत करने से सभी रोगियों को उनके रोगों से मुक्ति मिलती है| और जिस व्यक्ति पर कोई कर्ज है तो उससे भी मुक्ति मिलती है|
बुधवार प्रदोष व्रत – इस दिन प्रदोष व्रत करने से महादेव जातक की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते है|
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बृहस्पतिवार प्रदोष व्रत – इसे गुरूवार के नाम से भी जाना जाता है| इस दिन प्रदोष व्रत को करने व्यक्ति को अपने जीवन में शत्रुओं से सम्बंधित सभी से राहत मिलती है| तथा शत्रुओं पर भी विजय प्राप्त होती है|
शुक्रवार प्रदोष व्रत – प्रदोष का व्रत जो शुक्रवार के दिन होता है तो इसे ‘शुक्र प्रदोष व्रत’ के नाम से भी जाना जाता है| इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति के जीवन में हमेशा सुख व समृद्धि बनी रहती है|
शनिवार प्रदोष व्रत – इस दिन आने वाले व्रत को “शनि प्रदोष व्रत” भी कहा जाता है| शनिवार के दिन व्रत करने वाली महिलाओं को संतान सुख की प्राप्ति होती है|
आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से प्रदोष व्रत के बारे में काफी बातें जानी है| हमने प्रदोष व्रत से होने वाले लाभों के बारे में भी जाना| इसके अलावा हमने आपको प्रदोष व्रत से जुड़ी काफी सारी बातों के बारे में बताया है| हम उम्मीद करते है कि हमारे द्वारा बताई गई जानकारी से आपको कोई ना कोई मदद मिली होगी| इसके अलावा भी अगर आप किसी और पूजा के बारे में जानकारी लेना चाहते है।
यदि आप किसी भी व्रत के अनुष्ठान या उसके उद्दीपन के लिए पंडित जी की तलाश कर रहे है तो हम आपको आज एक ऐसी वेबसाइट के बारे में बताने जा रहे है| जिसकी सहायता से आप घर बैठे ही किसी भी जगह से आपकी पूजा के उपयुक्त और अनुभवी पंडित जी को खोज सकते है| आप हमारी वेबसाइट 99Pandit पर जाकर सभी तरह की पूजा या त्योहारों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी ले सकते है।
Q.प्रदोष व्रत में किस प्रकार के भोजन का सेवन करना चाहिए ?
A.इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को मीठी चीज़ों का सेवन करना चाहिए|
Q.कितने प्रदोष व्रत करने की मान्यता है ?
A.हिन्दू धर्म के अनुसार जातक को 11 या 26 प्रदोष व्रत करने चाहिए|
Q.प्रदोष व्रत के दिन क्या नहीं खाना चाहिए ?
A.ज्योतिषियों के अनुसार एकादशी की भांति ही प्रदोष व्रत के दिन चावल से परहेज करना चाहिए|
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