Nirjala Ekadashi 2025: Time, Vidhi & Benefits
Nirjala Ekadashi 2025 is considered one of the auspicious occasions to appease Lord Vishnu. It holds special significance not only…
Pradosh Vrat 2025: प्रत्येक वर्ष तथा प्रत्येक माह इस व्रत की तिथि भिन्न होती है| पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत 2025 (Pradosh Vrat 2025) भगवान शिव की उपासना करके उन्हें प्रसन्न करने के लिए किया जाता है|
जैसा कि आप सभी लोगो को पता ही है कि हिन्दू धर्म में प्रत्येक दिन कोई न कोई तिथि या त्यौहार या व्रत आते ही रहते है|
हिन्दू धर्म में इन सभी त्योहारों और व्रतों के नियमों को बहुत ही श्रद्धा के साथ मानते है| आज हम एक ऐसे व्रत या जिसे हम उपवास भी कह सकते है, के बारे में बात करेंगे जो कि प्रत्येक वर्ष में हर माह अलग – अलग मुहूर्त के साथ आता है|
प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है| प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से घर में सुख-समृद्धि तथा खुशहाली सदैव बनी रहती है|
आमतौर पर प्रदोष व्रत प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को ही रखा जाता है| परंतु सावन के माह में प्रदोष व्रत का महत्व ओर अधिक हो जाता है|
इस माह में पूर्ण श्रद्धा के साथ जो भी इस प्रदोष व्रत को करता है तो भगवान शिव उससे बहुत प्रसन्न होते है और उसकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते है| प्रदोष व्रत 2025 (Pradosh Vrat 2025) एक हिन्दू व्रत है जो कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है|
प्रदोष व्रत का सम्पूर्ण दिन देवों के देव भगवान शंकर को ही समर्पित किया गया है| तो आइये जानते है कि इस प्रदोष व्रत 2025 (Pradosh Vrat 2025) में प्रत्येक माह में प्रदोष व्रत की शुभ तिथि क्या रहेगी| तथा इस व्रत के नियम और इस व्रत के बारे में और अच्छे से जानेंगे|
हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार एकादशी तिथि (Ekadashi Dates)को भगवान विष्णु और प्रदोष व्रत की तिथि भगवान शिव को समर्पित किया गया है|
इस तिथि को प्रदोष तिथि कहने के पीछे के बहुत बड़ा कारण है| अगर इस कथा के बारें में हम बात करें तो एक समय की बात है जब चंद्र को क्षय रोग हो गया था|
जिसकी वजह से चंद्र को मृत्यु के समान ही कष्ट और पीड़ा झेलनी पड़ रही थी| उस समय भगवान शिव ने त्रयोदशी के दिन इस दोष का निवारण किया|
जिस प्रकार से हर माह में दो बार एकादशी की तिथि आती है| उसी प्रकार ही प्रदोष व्रत की तिथि भी प्रत्येक माह में दो बार आती है|
मान्यता है कि जब भी कोई व्यक्ति प्रदोष का व्रत करता है तो उसे कई सारी बातों का ध्यान रखकर कुछ नियमों का पालन करना बहुत ही आवश्यक है|
मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत करने वाले लोगों को केवल हरे मूंग का ही सेवन करना चाहिए| प्रदोष व्रत केवल माह के अनुसार ही महत्व नहीं रखता है, बल्कि सप्ताह के दिनों के अनुसार भी प्रदोष व्रत अपना अलग महत्व रखता है| प्रत्येक वार के दिन प्रदोष व्रत करने के भिन्न – भिन्न लाभ है|
स्कन्द पुराण में प्रदोष व्रत के बारे में बताया गया है कि इस दिन भगवान शिव अपने भवन ने नृत्य करते है|
प्रदोष तिथि के दिन जो भी व्यक्ति भगवान शिव की पूजा व व्रत करता है| उसे भगवान शंकर का आशीर्वाद मिलता है और मनचाहे फल की भी प्राप्ति होती है|
माह | तिथि | मुहूर्त |
जनवरी में प्रदोष व्रत तिथि | शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, शनि प्रदोष व्रत
शनिवार, 11 जनवरी 2025 कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, सोम प्रदोष व्रत सोमवार, 27 जनवरी 2025 |
11 जनवरी 2025, सुबह 08:21 बजे –
12 जनवरी 2025, सुबह 06:33 बजे 26 जनवरी 2025, रात 08:54 बजे – 27 जनवरी 2025, रात 08:34 बजे |
फरवरी में प्रदोष व्रत तिथि | शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, रवि प्रदोष व्रत
रविवार, 09 फरवरी 2025 कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, भौम प्रदोष व्रत मंगलवार, 25 फरवरी 2025 |
09 फरवरी 2025, रात 07:25 बजे –
10 फरवरी 2025, शाम 06:57 बजे 25 फरवरी 2025, दोपहर 12:47 बजे – 26 फरवरी 2025, सुबह 11:08 बजे |
मार्च में प्रदोष व्रत तिथि | शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, भौम प्रदोष व्रत
मंगलवार, 11 मार्च 2025 कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, गुरु प्रदोष व्रत गुरूवार, 27 मार्च 2025 |
11 मार्च 2025,सुबह 08:13 बजे –
12 मार्च 2025,सुबह 09:11 बजे 27 मार्च 2025,सुबह 01:42 बजे – 27 मार्च 2025,रात 11:03 बजे |
अप्रैल में प्रदोष व्रत तिथि | शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, गुरु प्रदोष व्रत
गुरूवार, 10 अप्रैल 2025 कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, शुक्र प्रदोष व्रत शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025 |
09 अप्रैल 2025, रात 10:55 बजे –
11 अप्रैल 2025, सुबह 01:00 बजे 25 अप्रैल 2025, सुबह 11:44 बजे – 26 अप्रैल 2025, सुबह 08:27 बजे |
मई में प्रदोष व्रत तिथि | शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, शुक्र प्रदोष व्रत
शुक्रवार, 09 मई 2025 कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, शनि प्रदोष व्रत शनिवार, 24 मई 2025 |
09 मई 2025,दोपहर 02:56 बजे –
10 मई 2025,शाम 05:29 बजे 24 मई 2025,रात 07:20 बजे – 25 मई 2025, दोपहर 03:51 बजे |
जून में प्रदोष व्रत तिथि | शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, रवि प्रदोष व्रत
रविवार, 08 जून 2025 कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, सोम प्रदोष व्रत सोमवार, 23 जून 2025 |
08 जून 2025, सुबह 07:17 बजे –
09 जून 2025, सुबह 09:35 बजे 23 जून 2025, सुबह 01:21 बजे – 23 जून 2025, रात 10:09 बजे |
जुलाई में प्रदोष व्रत तिथि | शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, भौम प्रदोष व्रत
मंगलवार, 08 जुलाई 2025 कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, भौम प्रदोष व्रत मंगलवार, 22 जुलाई 2025 |
07 जुलाई 2025, रात 11:10 बजे –
09 जुलाई 2025, सुबह 12:38 बजे 22 जुलाई 2025, सुबह 07:05 बजे – 23 जुलाई 2025, सुबह 04:39 बजे |
अगस्त में प्रदोष व्रत तिथि | शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, बुध प्रदोष व्रत
बुधवार, 06 अगस्त 2025 कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, बुध प्रदोष व्रत बुधवार, 20 अगस्त 2025 |
06 अगस्त 2025, दोपहर 02:08 बजे –
07 अगस्त 2025, दोपहर 02:27 बजे 20 अगस्त 2025, दोपहर 01:58 बजे – 21 अगस्त 2025, दोपहर 12:44 बजे |
सितंबर में प्रदोष व्रत तिथि | शुक्र प्रदोष व्रत
शुक्रवार, 05 सितंबर 2025 शुक्र प्रदोष व्रत शुक्रवार, 19 सितंबर 2025 |
05 सितंबर 2025, सुबह 04:08 बजे –
06 सितंबर 2025, सुबह 03:12 बजे 18 सितंबर 2025, रात 11:24 बजे – 19 सितंबर 2025, रात 11:36 बजे |
अक्टूबर में प्रदोष व्रत तिथि | शनि प्रदोष व्रत
शनिवार, 04 अक्टूबर 2025 शनि प्रदोष व्रत शनिवार, 18 अक्टूबर 2025 |
04 अक्टूबर 2025, शाम 05:09 बजे –
05 अक्टूबर 2025, दोपहर 03:03 बजे 18 अक्टूबर 2025, दोपहर 12:18 बजे – 19 अक्टूबर 2025, दोपहर 01:51 बजे |
नवम्बर में प्रदोष व्रत तिथि | सोम प्रदोष व्रत
सोमवार, 03 नवंबर 2025 सोम प्रदोष व्रत सोमवार, 17 नवंबर 2025 |
03 नवंबर 2025, सुबह 05:07 बजे –
04 नवंबर 2025, सुबह 02:05 बजे 17 नवंबर 2025, सुबह 04:47 बजे – 18 नवंबर 2025, सुबह 07:12 बजे |
दिसंबर में प्रदोष व्रत तिथि | भौम प्रदोष व्रत
मंगलवार, 02 दिसंबर 2025 बुध प्रदोष व्रत बुधवार, 17 दिसंबर 2025 |
02 दिसंबर 2025, दोपहर 03:57 बजे –
03 दिसंबर 2025, दोपहर 12:25 बजे 16 दिसंबर 2025, रात 11:57 बजे – 18 दिसंबर 2025, सुबह 02:32 बजे |
हिन्दू धर्म में मनाये जाने वाले सभी त्यौहार के अलग – अलग नियम निर्धारित होते है| इसलिए उन त्योहारों या उपवासों को करने के लिये कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है| साथ ही भगवान को शीघ्र – अतिशीघ्र प्रसन्न करने के लिए नीचे बताई विधि से ही पूजा करें|
रविवार प्रदोष व्रत – प्रदोष का व्रत रविवार के दिन करने से मनुष्य का शरीर सभी प्रकार के रोगों से मुक्त रहता है| अर्थात उसका शरीर निरोगी हो जाता है|
सोमवार प्रदोष व्रत – इस दिन प्रदोष का व्रत करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाए पूर्ण होती है| तथा मनुष्य को मनचाहे फल की प्राप्ति होती है|
मंगलवार प्रदोष व्रत – मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित किया गया है| जो शिवजी के ही अवतार है| इस दिन प्रदोष व्रत करने से सभी रोगियों को उनके रोगों से मुक्ति मिलती है| और जिस व्यक्ति पर कोई कर्ज है तो उससे भी मुक्ति मिलती है|
बुधवार प्रदोष व्रत – इस दिन प्रदोष व्रत करने से महादेव जातक की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते है|
बृहस्पतिवार प्रदोष व्रत – इसे गुरूवार के नाम से भी जाना जाता है| इस दिन प्रदोष व्रत को करने व्यक्ति को अपने जीवन में शत्रुओं से सम्बंधित सभी से राहत मिलती है| तथा शत्रुओं पर भी विजय प्राप्त होती है|
शुक्रवार प्रदोष व्रत – प्रदोष का व्रत जो शुक्रवार के दिन होता है तो इसे ‘शुक्र प्रदोष व्रत’ के नाम से भी जाना जाता है| इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति के जीवन में हमेशा सुख व समृद्धि बनी रहती है|
शनिवार प्रदोष व्रत – इस दिन आने वाले व्रत को “शनि प्रदोष व्रत” भी कहा जाता है| शनिवार के दिन व्रत करने वाली महिलाओं को संतान सुख की प्राप्ति होती है|
आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से प्रदोष व्रत के बारे में काफी बातें जानी है| हमने प्रदोष व्रत से होने वाले लाभों के बारे में भी जाना|
इसके अलावा हमने आपको प्रदोष व्रत से जुड़ी काफी सारी बातों के बारे में बताया है| हम उम्मीद करते है कि हमारे द्वारा बताई गई जानकारी से आपको कोई ना कोई मदद मिली होगी|
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Q.प्रदोष व्रत में किस प्रकार के भोजन का सेवन करना चाहिए ?
A.इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को मीठी चीज़ों का सेवन करना चाहिए|
Q.कितने प्रदोष व्रत करने की मान्यता है ?
A.हिन्दू धर्म के अनुसार जातक को 11 या 26 प्रदोष व्रत करने चाहिए|
Q.प्रदोष व्रत के दिन क्या नहीं खाना चाहिए ?
A.ज्योतिषियों के अनुसार एकादशी की भांति ही प्रदोष व्रत के दिन चावल से परहेज करना चाहिए|
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