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Pradosh Vrat 2023: प्रत्येक वर्ष तथा प्रत्येक माह इस व्रत की तिथि भिन्न होती है| पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत 2023 भगवान शिव की उपासना करके उन्हें प्रसन्न करने के लिए किया जाता है| जैसा कि आप सभी लोगो को पता ही है कि हिन्दू धर्म में प्रत्येक दिन कोई न कोई तिथि या त्यौहार या व्रत आते ही रहते है|
हिन्दू धर्म में इन सभी त्योहारों और व्रतों के नियमों को बहुत ही श्रद्धा के साथ मानते है| आज हम एक ऐसे व्रत या जिसे हम उपवास भी कह सकते है, के बारे में बात करेंगे जो कि प्रत्येक वर्ष में हर माह अलग – अलग मुहूर्त के साथ आता है|
इस वर्ष सावन का महिना बहुत ही ख़ास माना गया है क्योंकि इस वर्ष 2023 में सावन एक माह का ना होकर दो माह का है| इसलिए प्रदोष व्रत 2023 भी इस बार सावन माह में दो ना होकर चार प्रदोष व्रत है| आमतौर पर प्रदोष व्रत प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को ही रखा जाता है| परंतु सावन के माह में प्रदोष व्रत का महत्व ओर अधिक हो जाता है| इस माह में पूर्ण श्रद्धा के साथ जो भी इस प्रदोष व्रत को करता है तो भगवान शिव उससे बहुत प्रसन्न होते है और उसकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते है|
प्रदोष व्रत 2023 एक हिन्दू व्रत है जो कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है| प्रदोष व्रत का सम्पूर्ण दिन देवों के देव भगवान शंकर को ही समर्पित किया गया है| तो आइये जानते है कि इस प्रदोष व्रत 2023 में प्रत्येक माह में प्रदोष व्रत की शुभ तिथि क्या रहेगी| तथा इस व्रत के नियम और इस व्रत के बारे में और अच्छे से जानेंगे|
हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार एकादशी तिथि को भगवान विष्णु और प्रदोष व्रत की तिथि भगवान शिव को समर्पित किया गया है| इस तिथि को प्रदोष तिथि कहने के पीछे के बहुत बड़ा कारण है| अगर इस कथा के बारें में हम बात करें तो एक समय की बात है जब चंद्र को क्षय रोग हो गया था| जिसकी वजह से चंद्र को मृत्यु के समान ही कष्ट और पीड़ा झेलनी पड़ रही थी| उस समय भगवान शिव ने त्रयोदशी के दिन इस दोष का निवारण किया| यही कारण है कि प्रत्येक माह की त्रयोदशी को प्रदोष के नाम से भी जाना जाने लगा|
जिस प्रकार से हर माह में दो बार एकादशी की तिथि आती है| उसी प्रकार ही प्रदोष व्रत की तिथि भी प्रत्येक माह में दो बार आती है| मान्यता है कि जब भी कोई व्यक्ति प्रदोष का व्रत करता है तो उसे कई सारी बातों का ध्यान रखकर कुछ नियमों का पालन करना बहुत ही आवश्यक है|
मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत करने वाले लोगों को केवल हरे मूंग का ही सेवन करना चाहिए| प्रदोष व्रत केवल माह के अनुसार ही महत्व नहीं रखता है, बल्कि सप्ताह के दिनों के अनुसार भी प्रदोष व्रत अपना अलग महत्व रखता है| प्रत्येक वार के दिन प्रदोष व्रत करने के भिन्न – भिन्न लाभ है|
स्कन्द पुराण में प्रदोष व्रत के बारे में बताया गया है कि इस दिन भगवान शिव अपने भवन ने नृत्य करते है| प्रदोष तिथि के दिन जो भी व्यक्ति भगवान शिव की पूजा व व्रत करता है| उसे भगवान शंकर का आशीर्वाद मिलता है और मनचाहे फल की भी प्राप्ति होती है| इसके अलावा आज हम इस वर्ष 2023 में जो भी शुभ तिथि और शुभ मुहूर्त है, इसके बारे में आपको सम्पूर्ण जानकारी देंगे|
माह | तिथि | मुहूर्त |
जनवरी में प्रदोष व्रत तिथि | शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत बुधवार, 04 जनवरी 2023 कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत गुरुवार, 19 जनवरी 2023 | 03 जनवरी 2023, रात 10:02 बजे – 05 जनवरी 2023, पूर्वाह्न 12:01 बजे 19 जनवरी 2023, दोपहर 01:18 बजे – 20 जनवरी 2023, सुबह 10:00 बजे |
फरवरी में प्रदोष व्रत तिथि | शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, गुरु प्रदोष व्रत गुरूवार, 02 फरवरी 2023 कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, शनि प्रदोष व्रत शनिवार, 18 फरवरी 2023 | 02 फरवरी 2023, शाम 04:26 बजे – 03 फरवरी 2023, शाम 06 :58 बजे 17 फरवरी 2023, रात 11:36 बजे 18 फरवरी 2023, रात 08:02 बजे |
मार्च में प्रदोष व्रत तिथि | शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, शनि प्रदोष व्रत शनिवार, 04 मार्च 2023 कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत , रवि प्रदोष व्रत रविवार, 19 मार्च 2023 | 04 मार्च 2023,पूर्वाह्न 11:43 बजे – 05 मार्च 2023,अपराह्न 02:07 बजे 19 मार्च 2023,पूर्वाह्न 08:07 बजे – 20 मार्च 2023,पूर्वाह्न 04:55 बजे |
अप्रैल में प्रदोष व्रत तिथि | शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत सोमवार, 03 अप्रैल 2023 कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत सोमवार, 17 अप्रैल 2023 | 03 अप्रैल 2023,पूर्वाह्न 06:24 बजे – 04 अप्रैल 2023 पूर्वाह्न 08:05 बजे 17 अप्रैल 2023,दोपहर 03:46 बजे – 18 अप्रैल 2023,दोपहर 01:27 बजे |
मई में प्रदोष व्रत तिथि | शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत बुधवार, 03 मई 2023 कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत बुधवार, 17 मई 2023 | 02 मई 2023,रात 11:18 बजे – 03 मई 2023, रात 11:50 बजे 16 मई 2023,रात 11:36 बजे – 17 मई 2023, रात 10:28 बजे |
जून में प्रदोष व्रत तिथि | शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, गुरु प्रदोष व्रत गुरुवार, 01 जून 2023 कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, गुरु प्रदोष व्रत गुरुवार, 15 जून 2023 | 01 जून 2023, दोपहर 01:39 बजे – 02 जून 2023 दोपहर 12:48 बजे 15 जून 2023, पूर्वाह्न 08:32 बजे – 16 जून 2023, पूर्वाह्न 08:40 बजे |
जुलाई में प्रदोष व्रत तिथि | शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत शनिवार, 01 जुलाई 2023 कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, शुक्र प्रदोष व्रत शुक्रवार, 14 जुलाई 2023 शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, रवि प्रदोष व्रत रविवार, 30 जुलाई 2023 | 01 जुलाई 2023, पूर्वाह्न 01:17 बजे – 01 जुलाई 2023, पूर्वाह्न 11:07 बजे 14 जुलाई 2023, शाम 07:17 बजे – 15 जुलाई 2023, रात 08:33 बजे 30 जुलाई 2023, पूर्वाह्न 10:34 बजे – 31 जुलाई 2023, पूर्वाह्न 07:27 बजे |
अगस्त में प्रदोष व्रत तिथि | कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, रवि प्रदोष व्रत रविवार, 13 अगस्त 2023 शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत सोमवार, 28 अगस्त 2023 | 13 अगस्त 2023, सुबह 08:20 बजे – 14 अगस्त 2023, सुबह 10:25 बजे 28 अगस्त 2023, दोपहर 06:23 बजे – 29 अगस्त 2023, दोपहर 02:48 बजे |
सितंबर में प्रदोष व्रत तिथि | कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, भौम प्रदोष व्रत मंगलवार, 12 सितंबर 2023 शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत बुधवार, 27 सितंबर 2023 | 11 सितंबर 2023, पूर्वाह्न 11:52 बजे – 13 सितंबर 2023, पूर्वाह्न 02:21 बजे 27 सितंबर 2023, पूर्वाह्न 01:46 बजे – 27 सितंबर 2023, रात 10:19 बजे |
अक्टूबर में प्रदोष व्रत तिथि | कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत बुधवार, 11 अक्टूबर 2023 शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, गुरु प्रदोष व्रत गुरुवार, 26 अक्टूबर 2023 | 11 अक्टूबर 2023, शाम 5:37 बजे – 12 अक्टूबर 2023, शाम 07:54 बजे 26 अक्टूबर 2023, पूर्वाह्न 09:44 बजे – 27 अक्टूबर 2023, पूर्वाह्न 06:57 बजे |
नवम्बर में प्रदोष व्रत तिथि | कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत , शुक्र प्रदोष व्रत शुक्रवार, 10 नवंबर 2023 शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, शुक्र प्रदोष व्रत शुक्रवार, 24 नवंबर 2023 | 10 नवंबर 2023, दोपहर 12:36 बजे – 11 नवंबर 2023, दोपहर 01:58 बजे 24 नवंबर 2023, शाम 07:07 बजे – 25 नवंबर 2023, शाम 05:22 बजे |
दिसंबर में प्रदोष व्रत तिथि | कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, रवि प्रदोष व्रत रविवार, 10 दिसंबर 2023 शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, रवि प्रदोष व्रत रविवार, 24 दिसंबर 2023 | 10 दिसंबर 2023, पूर्वाह्न 7:13 बजे – 11 दिसंबर 2023, पूर्वाह्न 07:10 बजे 24 दिसंबर 2023, पूर्वाह्न 06:24 बजे – 25 दिसंबर 2023, पूर्वाह्न 05:55 बजे |
हिन्दू धर्म में मनाये जाने वाले सभी त्यौहार के अलग – अलग नियम निर्धारित होते है| इसलिए उन त्योहारों या उपवासों को करने के लिये कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है| साथ ही भगवान को शीघ्र – अतिशीघ्र प्रसन्न करने के लिए नीचे बताई विधि से ही पूजा करें|
रविवार प्रदोष व्रत – प्रदोष का व्रत रविवार के दिन करने से मनुष्य का शरीर सभी प्रकार के रोगों से मुक्त रहता है| अर्थात उसका शरीर निरोगी हो जाता है|
सोमवार प्रदोष व्रत – इस दिन प्रदोष का व्रत करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाए पूर्ण होती है| तथा मनुष्य को मनचाहे फल की प्राप्ति होती है|
मंगलवार प्रदोष व्रत – मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित किया गया है| जो शिवजी के ही अवतार है| इस दिन प्रदोष व्रत करने से सभी रोगियों को उनके रोगों से मुक्ति मिलती है| और जिस व्यक्ति पर कोई कर्ज है तो उससे भी मुक्ति मिलती है|
बुधवार प्रदोष व्रत – इस दिन प्रदोष व्रत करने से महादेव जातक की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते है|
बृहस्पतिवार प्रदोष व्रत – इसे गुरूवार के नाम से भी जाना जाता है| इस दिन प्रदोष व्रत को करने व्यक्ति को अपने जीवन में शत्रुओं से सम्बंधित सभी से राहत मिलती है| तथा शत्रुओं पर भी विजय प्राप्त होती है|
शुक्रवार प्रदोष व्रत – प्रदोष का व्रत जो शुक्रवार के दिन होता है तो इसे ‘शुक्र प्रदोष व्रत’ के नाम से भी जाना जाता है| इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति के जीवन में हमेशा सुख व समृद्धि बनी रहती है|
शनिवार प्रदोष व्रत – इस दिन आने वाले व्रत को “शनि प्रदोष व्रत” भी कहा जाता है| शनिवार के दिन व्रत करने वाली महिलाओं को संतान सुख की प्राप्ति होती है|
आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से प्रदोष व्रत के बारे में काफी बातें जानी है| हमने प्रदोष व्रत से होने वाले लाभों के बारे में भी जाना| इसके अलावा हमने आपको प्रदोष व्रत से जुड़ी काफी सारी बातों के बारे में बताया है| हम उम्मीद करते है कि हमारे द्वारा बताई गई जानकारी से आपको कोई ना कोई मदद मिली होगी| इसके अलावा भी अगर आप किसी और पूजा के बारे में जानकारी लेना चाहते है।
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Q.प्रदोष व्रत में किस प्रकार के भोजन का सेवन करना चाहिए ?
A.इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को मीठी चीज़ों का सेवन करना चाहिए|
Q.कितने प्रदोष व्रत करने की मान्यता है ?
A.हिन्दू धर्म के अनुसार जातक को 11 या 26 प्रदोष व्रत करने चाहिए|
Q.प्रदोष व्रत के दिन क्या नहीं खाना चाहिए ?
A.ज्योतिषियों के अनुसार एकादशी की भांति ही प्रदोष व्रत के दिन चावल से परहेज करना चाहिए|