प्रदोष व्रत 2023: जाने इस वर्ष की शुभ तिथि,मुहूर्त और नियम

Posted By: 99PanditJi
Posted On: August 18, 2023
Last Update On: August 19, 2023

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Pradosh Vrat 2023: प्रत्येक वर्ष तथा प्रत्येक माह इस व्रत की तिथि भिन्न होती है| पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत 2023 भगवान शिव की उपासना करके उन्हें प्रसन्न करने के लिए किया जाता है| जैसा कि आप सभी लोगो को पता ही है कि हिन्दू धर्म में प्रत्येक दिन कोई न कोई तिथि या त्यौहार या व्रत आते ही रहते है|

हिन्दू धर्म में इन सभी त्योहारों और व्रतों के नियमों को बहुत ही श्रद्धा के साथ मानते है| आज हम एक ऐसे व्रत या जिसे हम उपवास भी कह सकते है, के बारे में बात करेंगे जो कि प्रत्येक वर्ष में हर माह अलग – अलग मुहूर्त के साथ आता है| 

Pradosh Vrat 2023

इस वर्ष सावन का महिना बहुत ही ख़ास माना गया है क्योंकि इस वर्ष 2023 में सावन एक माह का ना होकर दो माह का है| इसलिए प्रदोष व्रत 2023 भी इस बार सावन माह में दो ना होकर चार प्रदोष व्रत है| आमतौर पर प्रदोष व्रत प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को ही रखा जाता है| परंतु सावन के माह में प्रदोष व्रत का महत्व ओर अधिक हो जाता है| इस माह में पूर्ण श्रद्धा के साथ जो भी इस प्रदोष व्रत को करता है तो भगवान शिव उससे बहुत प्रसन्न होते है और उसकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते है| 

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प्रदोष व्रत 2023 एक हिन्दू व्रत है जो कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है| प्रदोष व्रत का सम्पूर्ण दिन देवों के देव भगवान शंकर को ही समर्पित किया गया है| तो आइये जानते है कि इस प्रदोष व्रत 2023 में प्रत्येक माह में प्रदोष व्रत की शुभ तिथि क्या रहेगी| तथा इस व्रत के नियम और इस व्रत के बारे में और अच्छे से जानेंगे| 

प्रदोष व्रत क्या है ?

हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार एकादशी तिथि को भगवान विष्णु और प्रदोष व्रत की तिथि भगवान शिव को समर्पित किया गया है| इस तिथि को प्रदोष तिथि कहने के पीछे के बहुत बड़ा कारण है| अगर इस कथा के बारें में हम बात करें तो एक समय की बात है जब चंद्र को क्षय रोग हो गया था| जिसकी वजह से चंद्र को मृत्यु के समान ही कष्ट और पीड़ा झेलनी पड़ रही थी| उस समय भगवान शिव ने त्रयोदशी के दिन इस दोष का निवारण किया| यही कारण है कि प्रत्येक माह की त्रयोदशी को प्रदोष के नाम से भी जाना जाने लगा| 

जिस प्रकार से हर माह में दो बार एकादशी की तिथि आती है| उसी प्रकार ही प्रदोष व्रत की तिथि भी प्रत्येक माह में दो बार आती है| मान्यता है कि जब भी कोई व्यक्ति प्रदोष का व्रत करता है तो उसे कई सारी बातों का ध्यान रखकर कुछ नियमों का पालन करना बहुत ही आवश्यक है|

मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत करने वाले लोगों को केवल हरे मूंग का ही सेवन करना चाहिए| प्रदोष व्रत केवल माह के अनुसार ही महत्व नहीं रखता है, बल्कि सप्ताह के दिनों के अनुसार भी प्रदोष व्रत अपना अलग महत्व रखता है| प्रत्येक वार के दिन प्रदोष व्रत करने के भिन्न – भिन्न लाभ है| 

स्कन्द पुराण में प्रदोष व्रत के बारे में बताया गया है कि इस दिन भगवान शिव अपने भवन ने नृत्य करते है| प्रदोष तिथि के दिन जो भी व्यक्ति भगवान शिव की पूजा व व्रत करता है| उसे भगवान शंकर का आशीर्वाद मिलता है और मनचाहे फल की भी प्राप्ति होती है| इसके अलावा आज हम इस वर्ष 2023 में जो भी शुभ तिथि और शुभ मुहूर्त है, इसके बारे में आपको सम्पूर्ण जानकारी देंगे| 

प्रदोष व्रत 2023 शुभ तिथि व मुहूर्त (Pradosh Vrat 2023 Subh Muhurat)

माह तिथि मुहूर्त 
जनवरी में प्रदोष व्रत तिथि शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत 

बुधवार, 04 जनवरी 2023 

कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत 

गुरुवार, 19 जनवरी 2023 

03 जनवरी 2023, रात 10:02 बजे –

05 जनवरी 2023, पूर्वाह्न 12:01 बजे

19 जनवरी 2023, दोपहर 01:18 बजे –

20 जनवरी 2023, सुबह 10:00 बजे  

फरवरी में प्रदोष व्रत तिथि शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, गुरु प्रदोष व्रत 

गुरूवार, 02 फरवरी 2023 

कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, शनि प्रदोष व्रत 

शनिवार, 18 फरवरी 2023 

02 फरवरी 2023, शाम 04:26 बजे –

03 फरवरी 2023, शाम 06 :58 बजे 

17 फरवरी 2023, रात 11:36 बजे 

18 फरवरी 2023, रात 08:02 बजे 

मार्च में प्रदोष व्रत तिथि शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, शनि प्रदोष व्रत

शनिवार, 04 मार्च 2023

कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत , रवि प्रदोष व्रत

रविवार, 19 मार्च 2023

04 मार्च 2023,पूर्वाह्न 11:43 बजे –

05 मार्च 2023,अपराह्न 02:07 बजे

19 मार्च 2023,पूर्वाह्न 08:07 बजे –

20 मार्च 2023,पूर्वाह्न 04:55 बजे

अप्रैल में प्रदोष व्रत तिथि शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत

सोमवार, 03 अप्रैल 2023

कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत

सोमवार, 17 अप्रैल 2023

03 अप्रैल 2023,पूर्वाह्न 06:24 बजे –

04 अप्रैल 2023 पूर्वाह्न 08:05 बजे

17 अप्रैल 2023,दोपहर 03:46 बजे – 18 अप्रैल 2023,दोपहर 01:27 बजे

मई में प्रदोष व्रत तिथि शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत

बुधवार, 03 मई 2023

कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत

बुधवार, 17 मई 2023 

02 मई 2023,रात 11:18 बजे – 

03 मई 2023, रात 11:50 बजे

16 मई 2023,रात 11:36 बजे – 

17 मई 2023, रात 10:28 बजे

जून में प्रदोष व्रत तिथि शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, गुरु प्रदोष व्रत

गुरुवार, 01 जून 2023

कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, गुरु प्रदोष व्रत

गुरुवार, 15 जून 2023

01 जून 2023, दोपहर 01:39 बजे – 

02 जून 2023 दोपहर 12:48 बजे

15 जून 2023, पूर्वाह्न 08:32 बजे – 

16 जून 2023, पूर्वाह्न 08:40 बजे

जुलाई में प्रदोष व्रत तिथि शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत

शनिवार, 01 जुलाई 2023

कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, शुक्र प्रदोष व्रत

शुक्रवार, 14 जुलाई 2023

शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, रवि प्रदोष व्रत

रविवार, 30 जुलाई 2023

01 जुलाई 2023, पूर्वाह्न 01:17 बजे – 01 जुलाई 2023, पूर्वाह्न 11:07 बजे

14 जुलाई 2023, शाम 07:17 बजे – 

15 जुलाई 2023, रात 08:33 बजे

30 जुलाई 2023, पूर्वाह्न 10:34 बजे – 31 जुलाई 2023, पूर्वाह्न 07:27 बजे

अगस्त में प्रदोष व्रत तिथि कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, रवि प्रदोष व्रत

रविवार, 13 अगस्त 2023

शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत

सोमवार, 28 अगस्त 2023

13 अगस्त 2023, सुबह 08:20 बजे – 14 अगस्त 2023, सुबह 10:25 बजे

28 अगस्त 2023, दोपहर 06:23 बजे – 29 अगस्त 2023, दोपहर 02:48 बजे

सितंबर में प्रदोष व्रत तिथि कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, भौम प्रदोष व्रत

मंगलवार, 12 सितंबर 2023

शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत

बुधवार, 27 सितंबर 2023

11 सितंबर 2023, पूर्वाह्न 11:52 बजे – 13 सितंबर 2023, पूर्वाह्न 02:21 बजे

27 सितंबर 2023, पूर्वाह्न 01:46 बजे – 27 सितंबर 2023, रात 10:19 बजे

अक्टूबर में प्रदोष व्रत तिथि कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत

बुधवार, 11 अक्टूबर 2023

शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, गुरु प्रदोष व्रत

गुरुवार, 26 अक्टूबर 2023

11 अक्टूबर 2023, शाम 5:37 बजे – 

12 अक्टूबर 2023, शाम 07:54 बजे

26 अक्टूबर 2023, पूर्वाह्न 09:44 बजे – 27 अक्टूबर 2023, पूर्वाह्न 06:57 बजे

नवम्बर में प्रदोष व्रत तिथि कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत , शुक्र प्रदोष व्रत

शुक्रवार, 10 नवंबर 2023

शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, शुक्र प्रदोष व्रत

शुक्रवार, 24 नवंबर 2023

10 नवंबर 2023, दोपहर 12:36 बजे – 11 नवंबर 2023, दोपहर 01:58 बजे

24 नवंबर 2023, शाम 07:07 बजे – 

25 नवंबर 2023, शाम 05:22 बजे

दिसंबर में प्रदोष व्रत तिथि कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, रवि प्रदोष व्रत

रविवार, 10 दिसंबर 2023

शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत, रवि प्रदोष व्रत

रविवार, 24 दिसंबर 2023

10 दिसंबर 2023, पूर्वाह्न 7:13 बजे – 

11 दिसंबर 2023, पूर्वाह्न 07:10 बजे

24 दिसंबर 2023, पूर्वाह्न 06:24 बजे – 

25 दिसंबर 2023, पूर्वाह्न 05:55 बजे

प्रदोष व्रत 2023 के नियम व पूजा विधि 

हिन्दू धर्म में मनाये जाने वाले सभी त्यौहार के अलग – अलग नियम निर्धारित होते है| इसलिए उन त्योहारों या उपवासों को करने के लिये कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है| साथ ही भगवान को शीघ्र – अतिशीघ्र प्रसन्न करने के लिए नीचे बताई विधि से ही पूजा करें| 

प्रदोष व्रत 2023

  • यदि कोई भी व्यक्ति प्रदोष का व्रत करता है| तो उसे इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना होगा| स्नान करने के बाद आपको साफ़ – सुथरे वस्त्र भी धारण करने होंगे| 
  • इसके बाद में भगवान शिव की पूजा करने के लिए बेलपत्र, अक्षत, दीप, धूप और गंगाजल को लेकर मंदिर में जाकर पूजा करनी चाहिए| 
  • पूजा करने के बाद इस प्रदोष के व्रत का संकल्प लीजिये और आपकी जो भी मनोकामना है वो भगवान शिव को कहिये तथा उसे पूर्ण करने के लिए उनसे प्रार्थना कीजिये| 
  • प्रदोष व्रत करने के पश्चात व्यक्ति को किसी भी प्रकार का भोजन ग्रहण नही करना चाहिए| व्रत करने वाले व्यक्ति को सूर्यास्त से कुछ समय पहले पुनः स्नान करके सफ़ेद रंग के कपडे धारण करने चाहिए| 
  • अपने घर व घर में उपस्थित मंदिर के चारों ओर गंगाजल का छिडकाव करना चाहिए| इससे आपके घर का वातावरण काफी शुद्ध होता है| इसके बाद आपको गाय के गोबर की सहायता से मंडप तैयार कीजिये| और इस पर 5 अलग – अलग रंगों से रंगोली बनाइए| 
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  • यह सब कार्य करने के बाद में आपको भगवान शिव का ध्यान करना होगा| जिसके लिए आपको उत्तर – पूर्व दिशा में मुख करके एक आसन पर बैठकर भगवान शिव के मूल मंत्र  “ॐ नमः शिवाय” का जप करना चाहिए| 
  • मंत्र का जप करते हुए साथ ही शिवलिंग पर भी जल चढ़ाए| जिससे भगवान शिव आपसे प्रसन्न होंगे और आपको उनका आशीर्वाद भी मिलता है| 
  • भगवान शिव से अपनी किसी मनोकामना पूर्ण करवाने के लिए व्यक्ति को 11 या 26 बार प्रदोष का व्रत करना बहुत ही आवश्यक है| इन व्रतों का संकल्प पूर्ण कर लेने बाद में इनका उद्दीपन करना भी जरूरी है| हिन्दू धर्म में मान्यता है कि आप प्रदोष व्रत करके अपने जीवन में चल रही सभी प्रकार की परेशानियों से मुक्ति पा सकते है| 

प्रदोष व्रत के लाभ 

  • प्रदोष व्रत करने से सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है और मनुष्य शरीर हमेशा स्वस्थ रहता है| इस व्रत को करने के मनुष्य को मानसिक शांति प्राप्त होती है और तनाव से भी मुक्ति मिलती है| इसके अलावा धन – धान्य से सम्बंधित सभी तकलीफ दूर हो जाती है| 
  • इस व्रत को अधिकांश तौर पर वे महिलाएं करती है| जिनके लंबे समय से कोई संतान ना हुई हो| हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार जिन भी लोगों के संतान नहीं है| उन्हें यह व्रत करके भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहिए| जिससे की उन्हें जल्द से जल्द संतान की प्राप्ति हो सके| 
  • शत्रुओं पर विजय पाने के लिए भी यह व्रत काफी ज्यादा कारगर माना गया है| यदि आपको आपके शत्रुओं का भय हो या आपके शत्रु किसी प्रकार से आपको डरा रहे हो तो आपको प्रदोष का व्रत रखकर भगवान शिव से प्रार्थना करनी चाहिए| जिससे आपके सभी शत्रु परास्त हो जाए| 
  • इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में किसी भी प्रकार का दोष हो तो वह प्रदोष व्रत करने और भगवान शिव के आशीर्वाद से उन दोषों से राहत मिलती है| 

वार के अनुसार प्रदोष व्रत के लाभ 

रविवार प्रदोष व्रत  –  प्रदोष का व्रत रविवार के दिन करने से मनुष्य का शरीर सभी प्रकार के रोगों से मुक्त रहता है| अर्थात उसका शरीर निरोगी हो जाता है| 

सोमवार प्रदोष व्रत – इस दिन प्रदोष का व्रत करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाए पूर्ण होती है| तथा मनुष्य को मनचाहे फल की प्राप्ति होती है| 

मंगलवार प्रदोष व्रत – मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित किया गया है| जो शिवजी के ही अवतार है| इस दिन प्रदोष व्रत करने से सभी रोगियों को उनके रोगों से मुक्ति मिलती है| और जिस व्यक्ति पर कोई कर्ज है तो उससे भी मुक्ति मिलती है| 

बुधवार प्रदोष व्रत – इस दिन प्रदोष व्रत करने से महादेव जातक की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते है|

प्रदोष व्रत 2023

बृहस्पतिवार प्रदोष व्रत – इसे गुरूवार के नाम से भी जाना जाता है| इस दिन प्रदोष व्रत को करने व्यक्ति को अपने जीवन में शत्रुओं से सम्बंधित सभी से राहत मिलती है| तथा शत्रुओं पर भी विजय प्राप्त होती है|

शुक्रवार प्रदोष व्रत –  प्रदोष का व्रत जो शुक्रवार के दिन होता है तो इसे ‘शुक्र प्रदोष व्रत’ के नाम से भी जाना जाता है| इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति के जीवन में हमेशा सुख व समृद्धि बनी रहती है| 

शनिवार प्रदोष व्रत – इस दिन आने वाले व्रत को “शनि प्रदोष व्रत” भी कहा जाता है| शनिवार के दिन व्रत करने वाली महिलाओं को संतान सुख की प्राप्ति होती है| 

प्रदोष व्रत को करने वाले ध्यान रखे कुछ मुख्य बातें 

  • जो भी व्यक्ति इस व्रत को करने का संकल्प लेता है| उसे पुरे दिन में कुछ भी नहीं खाना चाहिए| 
  • एक बात का जरूर ध्यान रखें कि इस दिन भूलकर कर भी आपको नमक का सेवन नहीं करना चाहिए| 
  • व्रत वाले दिन पूर्ण तन और मन से भगवान का ध्यान करना चाहिए और अपने मन से सभी प्रकार क्रूर भावनाओं को त्याग देना चाहिए| 
  • इस दिन सही तरीके से ब्रह्मचर्य का पालन करना बहुत ही आवश्यक है| 
  • प्रदोष का व्रत करने वाले खासतौर पर इस बात का ध्यान रखें कि इस दिन आपको किसी भी स्थिति में मांसाहारी या ऐसा भोजन जो मनुष्य के शरीर को आलसी बनाता हो, उसका सेवन नहीं करना चाहिए| व्रत के दिन नशीले पदार्थों का भी सेवन नहीं करना चाहिए| 

निष्कर्ष 

आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से  प्रदोष व्रत के बारे में काफी बातें जानी है| हमने प्रदोष व्रत से होने वाले लाभों के बारे में भी जाना| इसके अलावा हमने आपको  प्रदोष व्रत से जुड़ी काफी सारी बातों के बारे में बताया है| हम उम्मीद करते है कि हमारे द्वारा बताई गई जानकारी से आपको कोई ना कोई मदद मिली होगी| इसके अलावा भी अगर आप किसी और पूजा के बारे में जानकारी लेना चाहते है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q.प्रदोष व्रत में किस प्रकार के भोजन का सेवन करना चाहिए ?

A.इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को मीठी चीज़ों का सेवन करना चाहिए|

Q.कितने प्रदोष व्रत करने की मान्यता है ?

A.हिन्दू धर्म के अनुसार जातक को 11 या 26 प्रदोष व्रत करने चाहिए|

Q.प्रदोष व्रत के दिन क्या नहीं खाना चाहिए ?

A.ज्योतिषियों के अनुसार एकादशी की भांति ही प्रदोष व्रत के दिन चावल से परहेज करना चाहिए|

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