Sagittarius Personality Characteristics and Traits
Sagittarius Personality: Sagittarius is the star symbol with a birthday that dates between 22nd November and 21st December. The star…
इस धरती पर कई सारे रत्न तथा धातुएं मौजूद है| जिनमे से कई के बारे में तो हमें ज्ञात है लेकिन बहुत सी ऐसी धातुएं और तत्व है,जो कि अभी तक अज्ञात है| आज हम जिस रत्न या पत्थर के बारे में बात करेंगे, वह है गोमेद रत्न| इन रत्नों को हिन्दू धर्म में तथा ज्योतिष क्षेत्र में बहुत ही शुभ माना जाता है| ज्योतिष विज्ञान के अनुसार गोमेद रत्न को एक बहुत ही सुन्दर रत्न माना जाता है, जिसको धारण से यह मनुष्य के जीवन को भी सुन्दर बना देता है| हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार अलग – अलग राशियों के अनुसार लोगों को रत्न पहनने की सलाह दी जाती है| सभी लाभदायक रत्नों की सूची में गोमेद रत्न को भी शामिल किया गया है|
इस गोमेद रत्न को राहु ग्रह से संबंधित माना गया है| माना जाता है कि ज्योतिषियों के अनुसार को पाप ग्रह माना जाता है| इसी वजह से ज्योतिषियों के द्वारा राहु ग्रह को शांत करने तथा इसके दुष्प्रभाव को कम करने के लिए गोमेद रत्न को धारण करने की सलाह दी जाती है| गोमेद रत्न को धारण करने के लिए आपको इसके साथ में मूंगा, पुखराज तथा माणिक्य रत्न को धारण नहीं करना चाहिए| इससे व्यक्ति के जीवन में दुर्भाग्य का आगमन होता है| इस गोमेद रत्न को धारण करने से यह धारक के सभी रुके हुए सभी कार्यों को पूर्ण करता है तथा इसे धारण करने से व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है|
सनातन धर्म के अनुसार रत्न शास्त्र में 9 रत्न और 84 उपरत्न के बारे सम्पूर्ण विवरण मिलता है| आपकी जानकारी के लियें बता दे कि ग्रहों की कमजोर स्थिति को सुधारने के लिए रत्नों को धारण किया जाता है| गोमेद रत्न को धारण करने से व्यक्ति की समस्त बीमारियां तथा परेशानियां दूर हो जाती है| जिससे व्यक्ति को एक सुखद जीवन की प्राप्ति होती है| आगे हम इस लेख के माध्यम से यह जानेंगे कि गोमेद रत्न को किन – किन राशियों के द्वारा धारण किया जाना शुभ माना जाता है| इस धारण करने क्या लाभ होता है| इन सभी विषयों पर आगे विस्तार से चर्चा करेंगे तो इस लेख को पूरा अवश्य पढ़िए|
विद्वान् ज्योतिषियों के अनुसार यह माना गया है कि गोमेद रत्न एक बहुत ही सुन्दर – सा चमकदार तथा अपारदर्शी रत्न है| यह गोमेद रत्न अधिकतर लाल रंग या भूरे रंग में उपलब्ध होता है| गोमेद रत्न को गारनेट समूह का रत्न भी माना जाता है| कई ज्योतिषियों मानना यह है कि किसी भी रत्न को धारण करने से पूर्व अपनी कुंडली की दशा के बारे में जानना बहुत ही आवश्यक है| अपनी कुण्डी दशा के अनुसार ही आपको उपयुक्त रत्न धारण करना चाहिए| माना जाता है गोमेद रत्न केवल भाग्य में ही सुधार नहीं लाता बल्कि स्वास्थ्य में सुधार लाता है| जो भी व्यक्ति इसे धारण करता है तो उसे जोड़ों के दर्द, कम सुनाई देना, ब्लड कैंसर आदि कई बीमारियों से राहत मिलती है|
गोमेद ऐसे तो पूरी दुनिया मे अनेकों जगहों पर पाया जाता है| लेकिन मुख्यतः यह पत्थर भारत, श्रीलंका और ब्राजील में पाया जाता है| इसके अलावा थाईलैंड, साउथ अफ्रीका तथा ऑस्ट्रेलिया में भी यह पत्थर बहुत आसानी से मिल जाते है| राहु ग्रह से सम्बंधित इस रत्न को हिंदी के गोमेद (Gomed) रत्न तथा अंग्रेजी भाषा में इसे हैसोनाइट स्टोन (Hessonite Stone) के नाम से भी जाना जाता है| हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस रत्न को गलती से भी शुक्ल पक्षमी के किसी भी शनिवार के दिन इस गोमेद रत्न को धारण करना बहुत ही अशुभ माना गया है| इस रत्न को आर्द्रा नक्षत्र व शतभिषा नक्षत्र के समय धारण करने से इस रत्न की शुद्धता और भी बढ़ जाती है|
ज्योतिषियों के द्वारा बताया गया है कि यह रत्न उन लोगों को धारण करना चाहिए| जिस भी व्यक्ति की कुंडली में राहु दोष चल रहा हो| क्योंकि माना जाता है कि इस रत्न पर राहु ग्रह का शासन होता है| पौराणिक काल से ही राहु ग्रह को एक बहुत अशुभ और दुष्ट ग्रह माना गया है| जिस भी व्यक्ति की कुंडली में राहु ग्रह का दोष होता है| उस व्यक्ति को बहुत सी कठिनाइयों तथा परेशानियों का सामना करना पड़ता है| उन लोगों को हमेशा ही गोमेद रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है|
वैदिक ग्रंथों में बताया गया है कि इस रत्न को कुंभ राशि वाले लोगों को धारण करना चाहिए| यह गोमेद रत्न कुंभ राशि वाले लोगों का अधिकारिक रत्न माना गया है| इसके अलावा भी कई ऐसी राशियाँ है जिन्हें गोमेद रत्न को धारण करने की सलाह दी जाती है| जैसे कि – तुला, वृषभ, मिथुन इत्यादि| मान्यताओं के अनुसार यह गोमेद रत्न काफी शक्तिशाली माना गया है| इसलिए एक बार इसे धारण करने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिष से जरूर संपर्क करे तथा उन्हें अपनी कुंडली निश्चित तौर पर दिखाए| ज्योतिष की सलाह पर ही गोमेद रत्न को धारण करे|
अभी कुछ समय पहले जाना कि गोमेद रत्न को धारण करने से पूर्व किसी अनुभवी ज्योतिषी की सलाह लेना बहुत ही आवश्यक है| ऐसा इसलिए है क्योंकि गोमेद रत्न सभी शक्तिशाली रत्नों में से ही एक है| राशियों के अनुसार जिन लोगों ने सिंह, मेष, कर्क, धनु, मकर तथा मीन राशि में जन्म लिया है, उन लोगों अपने जीवनकाल में कभी भी गोमेद रत्न को धारण नहीं करना चाहिए| इन राशियों में जन्म लेने वाले लोगों के लिए यह रत्न अशुभ माना जाता है| इसके अलावा जिस भी व्यक्ति ने पहले से ही मूंगा रत्न को धारण किया हुआ है
तो उस व्यक्ति को भी गोमेद रत्न नहीं धारण करना चाहिए क्योंकि इन दोनों रत्नों को एक साथ में पहनने से मनुष्य के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है| जिससे उस मनुष्य को बहुत सी परेशानियों एवं कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है|
इस रत्न को धारण करने के लिए एक नियम पूर्वक विधि को अपनाना भी आवश्यक है क्योंकि जब किसी प्रक्रिया को नियमपूर्वक व उचित तरीके से किया जाता है तो हमें लाभ भी अधिक ही मिलता है| हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार गोमेद रत्न को धारण करने के लिए शनिवार का दिन बहुत ही अच्छा माना जाता है| यदि शनिवार कृष्ण पक्ष का हो तो बहुत ही शुभ होता है| इस गोमेद रत्न को सुबह 04:00 बजे से 07:00 के बीच में सूर्योदय के समय धारण करने के लिए सबसे अच्छा मुहूर्त समय बताया गया है|
इस रत्न को किसी भी रूप जैसे – अंगूठी, ब्रेसलेट या इसके अलावा गले में पेंडेंट बनवाकर भी धारण कर सकते है| किन्तु अधिकांश लोग इस गोमेद रत्न को अंगूठी के रूप में पहनना पसंद करते है| इसलिए इस रत्न से अंगूठी के रूप में सीधे हाथ की मध्यमा अंगुली में पहनना बहुत ही शुभ माना जाता है| हिन्दू धर्म में गोमेद रत्न को धारण करने के लिए चांदी, अष्टधातु या पंचधातु से मिलकर बना होना चाहिए| ज्योतिषियों के अनुसार 7 रत्ती गोमेद रत्न धारण करने के लिए उचित माना जाता है, लेकिन 9 और 12 रत्ती का गोमेद रत्न बहुत ही शुभ माना जाता है|
इसके लिए आपको चुनाव अपने ज्योतिष से पूछकर ही करना चाहिए| वह आपकी कुंडली देखकर आपके ग्रहों के अनुसार आपको सलाह देंगे कि आपको किस प्रकार का गोमेद रत्न धारण करना चाहिए| इससे आपके सभी रुके हुए कार्य पुनः चलने लगेंगे तथा आपके जीवन से सभी प्रकार की परेशानियां व दुःख दूर हो जाएँगे|
इस पवित्र रत्न को धारण करने की विधि इसके शुद्धिकरण करने से की जाती है| गोमेद रत्न को धारण करने से पूर्व उसे शुद्ध करना बहुत ही आवश्यक है| इस दिन सुबह जल्दी उठकर नित्य कर्म व स्नान से मुक्त होकर अपने गोमेद रत्न को पूजा घर में रखे और स्वयं भी वहा पर बैठ जाएं| इसके पश्चात एक धातु के कटोरे में अपने रत्न को रख दे| अब उस रत्न को पवित्र गंगाजल या पंचामृत से स्नान कराएं|
उस धातु के कटोरे में कुछ तुलसी के पत्तो को भी डाले| कुछ समय के बाद में रत्न को उस कटोरे से बाहर निकाल कर साफ़ जल से धो दे| अब अपने इष्ट देवता का ध्यान करके बताये हुए मंत्र का 108 बार जाप करे – || ॐ रां राहवे नमः ||
हमने इस लेख के माध्यम से गोमेद रत्न के बारे में बहुत सारी बातों के बारे में जाना| जैसे कि गोमेद रत्न को किन लोगों को धारण करना चाहिए और किन लोगों को धारण नहीं करना चाहिए| इसके अलावा हमने आपको गोमेद रत्न को धारण करने की विधि के बारे में भी बताया| हमें गोमेद रत्न के बारे में आपको सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने की कोशिश की है|
इसके अलावा भी आप यदि किसी रत्न के बारे या फिर किसी पूजा के सम्बंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी वेबसाइट 99Pandit पर विजिट कर सकते है| 99Pandit एक ऐसा ऑनलाइन प्लेटफार्म है, जिसकी सहायता से आप किसी भी पूजा के लिए ऑनलाइन पंडित जी को बुक कर सकते है|
Q.गोमेद रत्न पहनने से क्या लाभ है ?
A.जो भी मनुष्य इस गोमेद रत्न को धारण कर लेता है तो उस मनुष्य के जीवन सभी दुःख दूर होते है तथा किसी भी कार्य में बाधा नहीं आती है|
Q.गोमेद रत्न का महत्व क्या है ?
A.मान्यताओं के अनुसार गोमेद रत्न मे शक्तिशाली राहु ग्रह की ऊर्जा होती है| इस कलयुग के समय राहु ग्रह का अधिक प्रभाव है|
Q.गोमेद रत्न का असर कितने दिनों में होता है ?
A.यह गोमेद रत्न धारण करने के 15 से 30 दिनों के भीतर ही असर दिखाना शुरू कर देता है|
Q.यह रत्न किस प्रकार काम करता है ?
A.गोमेद को धारण करने से यह हमारे मन में सकारात्मक विचारों को पैदा करता है तथा शत्रुओं पर भी विजय प्राप्त करवाता है|
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