Maha Kumbh Mela 2025: A Guide to the World’s Largest Spiritual Gathering
India’s biggest spiritual gathering festival is going to happen. Yes, you heard it right: The Kumbh Mela 2025. This is…
दिवाली पर साल का दूसरा और आखिरी सूर्यग्रहण लग रहा है। दिवाली पर सूर्य ग्रहण की बात सुनकर कई लोग परेशान है दिवाली का धार्मिक पर्व कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है। अमावस्या 24 और 25 अक्टूबर दोनो दिन रहेगी। दिवाली पर साल 2022 का आखिरी सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर 2022 को लगने वाला है।
अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर 2022 को शाम 05:27 बजे शुरू हो रही है। जो 25 अक्टूबर 2022 दोपहर 04:18 बजे तक चलेगी और सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर मंगलवार को लगेगा। सूर्य ग्रहण वाले दिन सूर्य देवता कष्ट मे रहते है। इस दिन हमे कोई शुभ काम नही करना चाहिए सूर्य ग्रहण वाले दिन शुभ काम करना अच्छा नही माना जाता है।
यह सूर्य ग्रहण अंाशिक सूर्य ग्रहण है। जो साल 2022 का दूसरा सूर्य ग्रहण होगा सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से यूरोप,उत्तर पूर्वी अफ्रीका और पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सो मे दिखाई देगा। भारत मे सूर्य ग्रहण नई दिल्ली,बेंग्लुरू,कोलकाता,चेन्नई,उज्जैन,वाराणसी,मथुरा मे दिखाई देगा यह भी बताया जा रहा है कि पूर्वी भारत को छोडकर सारे भारत मे सूर्य ग्रहण देखा जा सकता है। सूर्य ग्रहण से कुछ राशियो पर अच्छा तो कुछ राशियो पर गलत असर पड सकता है।
सूर्य ग्रहण की भोगोलिक घटना है कि सूर्य ग्रहण वाले दिन सूर्य को आंखो से नही देखना चाहिए। सूर्य ग्रहण वाले दिन सूर्य को आंखो से देखना अच्छा नही माना जाता है। सूर्य के चारो ओर पृथ्वी समेत कई ग्रह परिक्रमा करते रहते है। पृथ्वी का उपग्रह चंद्रमा है और वह पृथ्वी की कक्षा मे परिक्रमा करता रहता है। लेकिन कई बार ऐसी स्थिति हो जाती है कि सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक सीधे नही पहुंच पाता क्योकि चन्द्रमा बीच मे आ जाता है इस घटना सूर्य ग्रहण कहा जाता है। दिवाली के 15 दिन बाद 8 नवंबर को देव दिवाली के दिन चंद्र ग्रहण लगेगा ऐसे मे कुछ ज्योतिषियो का कहना है कि त्योहारो के सीजन के बीच पड रहे दोनो ग्रहण पांच राशि वृषभ,मिथुन,कन्या,तुला,वृश्विक राशि वाले लोगो के लिए मुश्किले बढा सकते है।
वृषभ राशि- त्योहारो के इस सीजन मे पडने वाले सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण वृषभ राशि के लिए अच्छे नही माने जा रहे है। सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के बीच वृषभ राशि वाले लोगो को संभलकर रहने की सलाह दी जाती है। सेहत के मामले मे लापरवाही बिल्कुल भी ना बरते। सेहत का ध्यान रखे सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के बीच किसी नए काम की शुरूआत ना करे। अगर वे सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण मे कोई नया काम शुरू करते है तो उस काम मे कुछ न कुछ रूकावट आएगी।
मिथुन राशि- सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण की अवधि के बीच मिथुन राशि वाले लोगो को संभलकर रहना होगा इस दौरान आपको भाग्य का साथ बिल्कुल भी नही मिलेगा। विभिन्न कार्यो मे सफलता पाने के लिए कठिन परिश्रम करना होगा आमदनी से ज्यादा खर्चे बढेंगे। धन संबंधी मामलो मे विशेष सावधानी बरतनी होगी तनाव भी बढ सकता है।
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कन्या राशि- 25 अक्टूबर से 8 नवंबर तक कन्या राशि वाले लोगो को संभलकर रहना होगा। कन्या राशि वाले के अनावश्यक खर्चे बढ सकते है अगर आप प्राॅपर्टी मे निवेश करने की सोच रहे है तो इसे टाल दे इस दौरान आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड सकता है। इस बीच किसी से उधार लेन देन की गलती ना करे।
तुला राशि- सूर्य ग्रहण से लेकर चंद्र ग्रहण तक तुला राशि के लोगो को भी सावधान रहना होगा। इस राशि पर सबसे ज्यादा असर पडेगा आपको रूपये पैसे का नुकसान हो सकता है। आपको अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना होगा और घर मे परिवार के बडे बुजुर्गो का भी ख्याल रखना होगा। वाहन चलाते समय सावधानी बरतनी होगी कि कही कोई दुर्घटना ना हो जाये।
वृश्विक राशि- ग्रहण काल की अवधि मे वृश्विक राशि वाले लोगो को भी सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। आपकी आर्थिक स्थिति प्रभावित हो सकती है। रूपये पैसे के मामले मे परेशानी का सामना करना पड सकता है। निवेश बहुत सोच समझकर कर ही करे उधार लेन देन से बचे इस दौरान आप अभी किसी कार्य को शुरू करने की सोच रहे है तो उसे टाल देना ही बेहतर होगा।
आंशिक सूर्य ग्रहण अमावस्या तिथि को शेप मे आता है। आंशिक सूर्य ग्रहण को वलयाकार सूर्य ग्रहण भी कहा जाता है बताया जाता है कि इस ग्रहण के दौरान सूर्य और पृथ्वी की दूरी अधिक हो जाती है। इसलिए सूर्य का प्रकाश धरती तक पहुंचने से पहले चन्द्रमा बीच मे आ जाता है इसे अंाशिक सूर्य ग्रहण कहते है।
भारतीय समयानुसार सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर मंगलवार को दोपहर 4 बजकर 29 मिनट से शाम 5 बजकर 30 मिनट तक यानी लगभग 1 घंटा 14 मिनट रहेगा। यह भी बताया जा रहा है कि सूर्यास्त के साथ यह ग्रहण 5:43 PM पर पूरी खत्म हो जाएगा।
जानकारी के मुताबिक ग्रहण लगने से पहले के समय को अशुभ माना जाता है। और इसे ही सूतक काल कहते है। सूतक काल मे कोई भी मांगलिक कार्य नही करने चाहिए सूतक काल मे व्यक्ति को नया काम भी शुरू नही करना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है और वह ग्रहण खत्म होने के बाद ही खत्म होता है।
बताया जा रहा है कि अगर कही ग्रहण दिखाई नही देता है तो वहां सूतक नही माना जाता है इस बार भारत मे आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई दे रहा है। तो सूतक मान्य होगा आंशिक सूर्य ग्रहण का सूतक 3:17 AM पर शुरू होगा और 5:43 PM पर खत्म होगा।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूतक काल मे कोई भी शुरू करने से बचना चाहिए। अगर आप सूतक मे कोई नया काम शुरू करते है तो उसमे नुकसान लग सकता है। सूतक काल मे कोई नया काम शुरू करना अशुभ माना जाता है।
सूर्य ग्रहण के दौरान ’’उॅं आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमंहि तत्रः सूर्यः प्रचोदयात’’ मंत्र का जाप करना चाहिए। सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद दही मे थोडा पानी मिलाकर उसमे चीनी के कुछ दाने डालकर थोडे तुलसी के पत्ते मिलाने चाहिए और फिर उसको प्रसाद के रूप मे ग्रहण करना चाहिए ऐसा करना बहुत शुभ माना जाता है।
हिंदु धर्म की पौराणिक कथाओ के अनुसार बताया गया है कि ग्रहण का संबंध राहु और केतु ग्रह से है। समुद्र मंथन के समय जब देवताओ और राक्षसो का अमृत से भरे हुए कलश के लिए युध्द हुआ था तब उस युध्द मे राक्षसो की जीत हुई थी।
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और राक्षस उस कलश को लेकर पाताल चले गए थे। तब भगवान विष्णु ने मोहिनी अप्सरा का रूप धारण किया था और असुरो से वह कलश ले लिया था। इसके बाद जब भगवान विष्णु ने देवताओ को अमृत पिलाना शुरू किया तो स्वर्भानु नामक राक्षस ने धोखे से अमृत पी लिया था और देवताओ को जैसे ही इस बारे मे पता चला उन्होने भगवान विष्णु को इस बारे मे बता दिया।
भगवान विष्णु को जैसे ही सच्चाई पता चली तो वह बहुत क्रोधित हुए और भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से उसका सिर धड से अलग कर दिया। स्वर्भानु नामक राक्षस के शरीर के दो हिस्से हो गए और वह वही तडप-तडप के मर गया। तभी से मान्यता है कि स्वर्भानु के शरीर के दो हिस्से राहु और केतु नाम से जाना जाता है और देवताओ से अपमान का बदला लेने के बाद वह सूर्य और चन्द्र से बदला लेने के लिए वह बार-बार ग्रहण लगाता है। तभी से सूर्य ग्रहण और चन्द्र ग्रहण लग रहा है।
Q. भारत मे 2022 मे सूर्य ग्रहण कब है?
A.
हमारे हिंदु धर्म मे इस साल गोर्वधन पूजा 25 अक्टूबर को है। सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 22 मिनट से आरम्भ होगा जो कि शाम 06 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगा।
Q. सूर्य ग्रहण और चन्द्र ग्रहण कब होता है?
A. ज्योतिषियो के अनुसार सूर्य ग्रहण अमावस्या तिथि के दिन होता है। और चन्द्र ग्रहण पूर्ण चंद्रमा की रात यानी कि पूर्णिमा के दिन होता है। कहा जाता है कि अमावस्या के दिन सूर्य पर ग्रहण लगने से इसका प्रभाव कुछ राशियो पर भी पडता है।
Q. सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण लगने का क्या कारण है?
A. इसके पीछे एक कारण है भगवान विष्णु क्रोधित होकर स्वर्भानु नामक राक्षस का सिर धड से अलग कर दिया था स्वर्भानु के शरीर के दो हिस्से राहु और केतु के नाम से जाने जाते है। इसलिए वह बदला लेने के लिए बार-बार सूर्य ग्रहण और चन्द्र ग्रहण लगाता है
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