Radha Ashtami 2024: Date, Time, Puja Vidhi & Significance
Radha Ashtami 2024 is the most important festival for the devotees of Radha Rani. In this article, we will discuss…
108 Names of Lord Krishna: भगवान श्री कृष्ण को इस जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु का ही अवतार माना जाता है| आपको बता दे कि विष्णु जी के अवतार भगवान श्री कृष्ण के 108 नाम (108 Names of Lord Krishna) है एवं प्रत्येक नाम का एक अलग अर्थ है| आज इस लेख हम आपको भगवान श्री कृष्ण के 108 नाम (108 Names of Lord Krishna) के साथ – साथ उनके अर्थ के बारे में भी बताएँगे|
भगवान श्री कृष्ण का जन्म द्वापरयुग में हुआ| बताया जाता है कि श्री कृष्ण का जन्म मथुरा के कारावास में हुआ था किन्तु उनका पालन पोषण माता यशोदा और नन्द जी के द्वारा किया गया था| भगवान श्री कृष्ण ने अपने जीवन में जो भी लीलाएँ की| उन्ही के अनुसार भगवान श्री कृष्ण के 108 नाम (108 Names of Lord Krishna) रखे गए तो आइये जानते है क्या है भगवान श्री कृष्ण के 108 नाम (108 Names of Lord Krishna) तथा उनका हिंदी अर्थ|
इसी के साथ हम आपको एक ऐसी वेबसाइट में बता रहे है, जिसकी सहायता से ऑनलाइन किसी भी पूजा जैसे सत्यनारायण पूजा (Satyanarayan Puja), रुद्राभिषेक पूजा (Rudrabhishek Puja) एवं काल सर्प दोष पूजा (Kaal Sarp Dosh Puja) के लिए बहुत ही आसानी से पंडितजी बुक कर सकते है| इसी के साथ हमसे जुड़ने के लिए आप Whatsapp पर भी हमसे संपर्क कर सकते है|
नाम |
अर्थ |
अच्युत |
जिसने कभी भूल न की हो |
आदिदेव |
समस्त देवताओं के स्वामी |
अचला |
भगवान |
अजन्मा |
जिसकी शक्ति अनंत हो |
अद्भुतह |
अद्भुत देव |
आदित्या |
अदिति देवी के पुत्र |
अमृत |
अमृत के समान रूप वाले |
अजया |
जीवन तथा मृत्यु के विजेता |
आनंद सागर |
कृपा करने वाले |
अनादिह |
जो सर्वप्रथम है |
अनंता |
अंतहीन देव |
अक्षरा |
अविनाशी प्रभु |
अनिरुद्धा |
जिनका कोई विरोध न कर सके |
अनया |
जिसका कोई भी स्वामी न हो |
अनंतजीत |
सदा विजयी होने वाला |
गोपालप्रिया |
ग्वालों के प्रिय |
गोपाल |
ग्वालों के साथ क्रीडाएं करने वाले |
धर्माध्यक्ष |
धर्म के स्वामी |
द्वारकाधीश |
द्वारका के अधिपति |
देवकीनंदन |
माता देवकी के पुत्र |
देवेश |
देवताओं के भी देवता |
देवाधिदेव |
देवों के देव |
दयानिधि |
सब पर दया करने वाले |
दानवेंद्रों |
वरदान देने वाले |
दयालु |
करुणा के भण्डार |
चतुर्भुज |
चार भुजाओं वाले |
बाल गोपाल |
भगवान श्री कृष्ण का बाल्य रूप |
बलि |
सर्वशक्तिमान |
अपराजित |
जिन्हें कभी हराया न जा सके |
अव्युक्ता |
माणभ की भांति ही स्पष्ट |
लोकाध्यक्ष |
तीनों लोकों के स्वामी |
मदन |
प्रेम के प्रतीक |
कृष्ण |
सांवले रंग वाले |
लक्ष्मीकांत |
देवी लक्ष्मी के देवता |
कंजलोचन |
जिनके कमल के समान नेत्र है |
कामसांतक |
कंस का वध करने वाले |
कमलनाथ |
देवी लक्ष्मी के प्रभु |
कमलनयन |
कमल के समान नेत्र |
ज्योतिरादित्या |
सूर्य के समान चमक वाले |
जनार्धना |
सभी को वरदान देने वाले |
जयंतह |
समस्त दुश्मनों को पराजित करने वाले |
जगदीशा |
सभी के रक्षक |
जगन्नाथ |
सम्पूर्ण ब्रह्मांड के ईश्वर |
जगद्गुरु |
ब्रह्मांड के गुरु |
गोविंदा |
गाय, प्रकृति तथा भूमि को चाहने वाले |
हरि |
प्रकृति के देवता |
ज्ञानेश्वर |
ज्ञान के देवता |
ऋषिकेश |
सभी इन्द्रियों के दाता |
हिरण्यगर्भा |
सर्व शक्तिशाली प्रजापति |
सहस्राकाश |
जिनके हजारों नेत्र हों |
पुरुषोत्तम |
सबसे उत्तम पुरुष |
रविलोचन |
सूर्य के समान जिनके नेत्र हो |
प्रजापति |
सभी प्राणियों के नाथ |
पुण्य |
निर्मल व्यक्तित्व वाले |
परम पुरुष |
श्रेष्ठ व्यक्तित्व वाले |
पार्थसारथी |
अर्जुन के सारथी |
परब्रह्मन |
परम सत्य |
परमात्मा |
सभी जीवों के प्रभु |
पद्महस्ता |
जिनके हाथ कमल के समान है |
पद्मनाभ |
कमल के आकार की नाभि वाले |
निरंजन |
सबसे उत्तम |
निर्गुण |
जिनमे कोई भी अवगुण न हो |
नारायन |
सबको अपनी शरण में लेने वाले |
मुरली मनोहर |
मुरली बजाकर मोहने वाले |
नंदगोपाल |
नंद बाबा के पुत्र |
मुरलीधर |
मुरली धारण करने वाले |
मोहन |
सभी को आकर्षित करने वाले |
मुरली |
बांसुरी बजाने वाले प्रभु |
मनोहर |
बहुत ही सुन्दर रूप रंग वाले |
मनमोहन |
सबका मन मोह लेने वाले |
मयूर |
मुकुट पर मोर पंख धारण करने वाले |
माधव |
ज्ञान के भण्डार |
महेन्द्र |
इंद्र के स्वामी |
मधुसूदन |
मधु – दानवों का वध करने वाले |
योगिनाम्पति |
योगियों के स्वामी |
वृषपर्व |
धर्म के भगवान |
यदवेंद्रा |
यादव वंश के मुखिया |
योगी |
प्रमुख गुरु |
विश्वरूपा |
ब्रह्मांड के हित में रूप धारण करने वाले |
विश्वात्मा |
ब्रह्मांड की आत्मा |
विश्वकर्मा |
ब्रह्मांड के निर्माता |
विश्वमूर्ति |
पूर्ण ब्रह्मांड का रूप |
विष्णु |
भगवान विष्णु के स्वरूप |
वासुदेव |
हर जगह पर विद्यमान रहने वाले |
विश्वदक्शिनह |
निपुण एवं कुशल |
वैकुंठनाथ |
स्वर्ग में निवास करने वाले |
वर्धमानह |
जिनका कोई आकार न हो |
त्रिविक्रमा |
तीनों लोकों के विजेता |
स्वर्गपति |
स्वर्ग के राजा |
उपेन्द्र |
इंद्र के भाई |
सुमेध |
सर्व ज्ञानी |
सुदर्शन |
रूपवान |
सुरेशम |
सभी जीव जंतुओं के देव |
श्रीकांत |
अद्भुत सौंदर्य के स्वामी |
श्यामसुंदर |
सांवले रंग में भी सुंदर दिखने वाले |
श्याम |
जिनका रंग सांवला हो |
शंतह |
शांत भाव वाले |
श्रेष्ठ |
महान |
सर्वेश्वर |
सभी देवताओं से ऊंचे |
सत्यव्त |
श्रेष्ठ व्यक्तित्व वाले देवता |
सत्य वचन |
सत्य कहने वाले |
सनातन |
जिसका कभी अंत न हो |
सर्वपालक |
सभी का पालन करने वाले |
सर्वजन |
सब कुछ जानने वाले |
सहस्रजीत |
हजारों को जीतने वाले |
सहस्रपात |
जिनके हजारों पैर हो |
साक्षी |
समस्त देवों के गवाह |
केशव |
लंबे एवं काले उलझा ताले |
आज इस लेख के माध्यम में हमने आपको भगवान श्री कृष्ण के 108 नाम (108 Names of Lord Krishna) एवं 108 मंत्रों के बारे में बताया| माना जाता है कि जो भक्त भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने के बाद उनके 108 नामों का पूर्ण श्रद्धा के साथ जाप करता है तो उस भक्त को भगवान श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है| श्री कृष्ण के 108 नामों का जाप करने भक्तों के सभी संकट दूर होते है एवं श्री कृष्ण हमेशा उन्हें जीवन में सही मार्ग दर्शाते है|
भगवान श्री कृष्ण के 108 नाम (108 Names of Lord Krishna) के साथ – साथ ही इस लेख बताए गए 108 मंत्रों का नियमित रूप से जाप करना, 108 नामों का जाप करने के समान ही है| इन 108 नामों के मंत्रों का जाप करने से भगवान श्री कृष्ण अपने भक्तों के बहुत ही प्रसन्न होते है|
भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है| जन्माष्टमी के समय श्री कृष्ण के 108 नाम एवं मंत्रों का जाप करना जातक के लिए बहुत ही लाभकारी सिद्ध होता है|
भगवान श्री कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि के दिन हुआ था| इस इस कारण से भगवान श्री कृष्ण की जन्मतिथि को कृष्ण जन्माष्टमी के नाम से भी जाना जाता है| इस दिन सभी भक्त भगवान श्री कृष्ण की पूजा करते है तथा अपनी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने के लिए प्रार्थना करते है|
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा तथा श्री कृष्ण के 108 नाम (108 Names of Lord Krishna) का जाप करने से भक्तों के जीवन से सभी कठिनाइयां दूर होती है|
इसी के साथ यदि आप शिव तांडव स्तोत्रम [Shiv Tandav Stotram], सरस्वती जी की आरती [Saraswati Aarti], या कनकधारा स्तोत्र [Kanakdhara Stotra] आदि भिन्न-भिन्न प्रकार की आरतियाँ, चालीसा व व्रत कथा पढना चाहते है तो आप हमारी वेबसाइट 99Pandit पर विजिट कर सकते है|
इसके अलावा आप हमारे एप 99Pandit For Users पर भी आरतियाँ व अन्य कथाओं को पढ़ सकते है| इस एप में भगवद गीता के सभी अध्यायों को हिंदी अर्थ समझाया गया है|
Q.भगवद गीता में कृष्ण के कितने नाम है?
A.गीता में बताया गया है कि भगवान श्री कृष्ण के 108 नाम है|
Q.श्री कृष्ण का पूरा नाम क्या था?
A.भगवान श्री कृष्ण का पूरा नाम कृष्ण वासुदेव यादव था|
Q.भगवान श्री कृष्ण का नाम क्या था?
A.बताया जाता है कि बचपन में सभी लोग श्री कृष्ण को कान्हा या कन्हैया कहकर पुकारते थे|
Q.श्री कृष्ण के भक्त कितने प्रकार के होते है?
A.आपको बता दे कि भगवद गीता में भगवान श्री कृष्ण में चार प्रकार भक्तों का वर्णन किया है जो इस प्रकार से है – आर्त, जिज्ञासु, अर्थार्थी और ज्ञानी|
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