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Kali Puja 2025: भारत देश ने सभी धर्म और सम्प्रदाय के लोग निवास करते है| जिसमे से सर्वाधिक हिन्दू धर्म के लोग है| हिन्दू धर्म में इस प्रकृति में उपस्थित प्रत्येक वस्तु को पूजनीय माना गया है|
इसके अलावा हिन्दू धर्म में सम्पूर्ण 33 कोटि देवी – देवताओं को पूजने की मान्यता है| सनातन धर्म में कई सारे देवता और देवियाँ है| जिनकी पूजा उचित मुहूर्त के अनुसार की जाती है|

आज हम जिस देवी की पूजा के बारे में बात करेंगे| उनसे और उनके क्रोध के सभी लोग भली – भांति परिचित है| आज हम काली पूजा 2025 के बारे में बात करेंगे|
काली पूजा का यह त्योहार हिन्दू धर्म में काली माता के सम्मान में मनाया जाता है| इस दिन माँ भगवती से अंश काली माता की पूजा की जाती है|
दीपावली के त्यौहार के दौरान कोलकाता, पश्चिम बंगाल, असम, झारखण्ड और उड़ीसा में अमावस्या के दिन सभी लोग काली माता की पूजा करते है| काली पूजा का यह पावन त्यौहार प्रत्येक वर्ष नवंबर के महीने में ही आता है|
इस वर्ष काली पूजा 2025 का त्यौहार 20 अक्टूबर 2025 के दिन मनाया जाएगा| काली पूजा का त्यौहार हिन्दू धर्म की सुप्रसिद्ध देवी माँ दुर्गा के रूप काली माता को समर्पित किया गया है|
माँ काली को काल भोई नाशिनी भी कहा जाता है| जिसका अर्थ होता है – बुराई का नाश करने वाली| कार्तिक मास के निशीथ काल में काली माता की पूजा करके उन्हें प्रसन्न किया जाता है|
माँ काली का यह काली पूजा का त्यौहार अधिकतर देश के पूर्वी राज्यों में मनाया जाता है| आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से काली माता के बारे में तथा काली पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में जानेंगे|
काली पूजा तिथि – 20 अक्टूबर 2025
निशिता समय – 11:45 PM से 12:36 AM, 21 अक्टूबर 2025
अवधि – 00 घंटे 50 मिनट
अमावस्या तिथि आरंभ – 20 अक्टूबर 2025, 03:44 PM
अमावस्या तिथि समाप्त – 21 अक्टूबर 2025, 05:54 PM
काली माता माँ दुर्गा का ही विकराल रूप है| जैसा कि आप सभी को पता ही है मां दुर्गा ने असुरों का संहार करने के लिए ही काली माता का अवतार लिया था|
माता दुर्गा के इस अवतार को धारण करने के पीछे भी कई कथाएँ प्रचलित है| जिनके विषय में आज हम इस आर्टिकल में बात करेंगे| एक समय की बात है|
जब दारुक नाम के एक असुर ने ब्रह्मा जी की घोर तपस्या की और उन्हें प्रसन्न कर लिया| ब्रह्मा जी से वरदान प्राप्त करने के बाद उस असुर में पूरी धरती पर आतंक मचा रखा था|
उसने ब्राह्मणों के द्वारा किये जाने सभी अनुष्ठानों को रोक दिया था| इसके पश्चात उसने स्वर्ग लोक पर भी अपना आधिपत्य कर लिया था|
उसके आतंक के परेशान होकर सभी देवता ब्रह्मा जी और विष्णु भगवान के पास पहुंचे| उस समय ब्रह्मा जी ने बताया कि इस राक्षस का अंत केवल एक स्त्री के द्वारा ही किया जा सकता है|
ब्रह्मा जी के यह कहने के पश्चात सभी देवता स्त्री रूप धारण करके उस राक्षस से लड़ने के लिए चले गये| लेकिन इसके पश्चात वह सभी मिलकर भी उस असुर को हराने में असमर्थ थे क्योंकि वह बहुत ही शक्तिशाली था|
भगवान शिव ने माता पार्वती से कहा कि हे कल्याणी इस जगत के कल्याण और असुर दारुक का नाश करने के लिए में तुमसे प्रार्थना करता हूं|
इस बात पर माँ पार्वती मुस्कुराई और अपने अंश को भगवान शिव के अंदर प्रवेश करवाया| जिससे काली माता की उत्पति हुई|
काली माता की पूजा दो प्रकार से की जाती है| एक तो काली माता की पूजा सामान्य तरह से होती है और इसके अलावा काली माता की एक पूजा तांत्रिक प्रकार से भी की जाती है|

अभी हम आपको माता काली की सामान्य पूजा के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री के बारे में बतायेंगे| काली माता के पूजन में काम आने वाली सामग्री निम्न है –
माँ काली की पूजा करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते है| जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा के साथ काली माता की पूजा करता है तो काली माता उसे हर प्रकार की परेशानी से बचाती है|
आइये जानते है कि काली माता की पूजा करने से भक्तों को क्या – क्या लाभ होता है –
सनातन धर्म में कई सारे देवता और देवियाँ है| जिनकी पूजा उचित मुहूर्त के अनुसार की जाती है| हिन्दू धर्म में इस प्रकृति में उपस्थित प्रत्येक वस्तु को पूजनीय माना गया है|
इसके अलावा हिन्दू धर्म में सम्पूर्ण 33 कोटि देवी – देवताओं को पूजने की मान्यता है| जो लोग पूर्ण ईमानदारी के साथ काली माता की पूजा करते है|

उन्हें काली माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है| जीवन से नकारात्मक भाव दूर होते है| काली माता की पूजा करने से हमें अंधकार और निराशा से छुटकारा मिलता है|
यदि आप काली पूजा के अनुष्ठान करवाने के लिए किसी पंडित जी की तलाश कर रहे है तो 99Pandit आपकी इस तलाश को हमेशा के लिए ख़त्म कर देगा क्योंकि हमारी इस वेबसाइट पर आपको काली पूजा व काली पूजा के अनुष्ठान तथा अन्य सभी प्रकार की पूजा के लिए पंडित बहुत ही आसानी से मिल जाएगा|
इस सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में हर एक चीज़ का अस्तित्व है| यदि अच्छाई है तो बुरे भी है, सकारात्मकता है तो नकारात्मकता भी है| काली शब्द का अर्थ – अंधकार,समय और मृत्यु माना गया है|
देवी काली माता की प्रतिमा यदि आपने देखी है तो उसमे दिखाया जाता है कि काली माता का पूरा शरीर रक्त से रंगा हुआ हैं और वह एक कटा हुआ सिर ले जा रही है|
इसके अलावा काली माता को अपने भक्तों को आशीर्वाद देते और गरीबों को खाना खिलाते हुए दिखाया जाता है|
काली माता की पूजा करके सभी भक्त माता से अपने अंदर की सभी बुराइयों को मिटाने के लिए प्रार्थना करते है| काली माता को स्त्री शक्ति का एक बेहतरीन उदाहरण माना गया है|
आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से काली पूजा के बारें में काफी बाते जानी है| आज हमने काली पूजा के फ़ायदों के बारे में भी जाना| इसके अलावा हमने आपको काली पूजा से जुडी काफी बातों के बारे में बताया है|
हम उम्मीद करते है कि हमारे द्वारा बताई गयी जानकारी से आपको कोई ना कोई मदद मिली होगी| इसके अलावा भी अगर आप किसी और पूजा के बारे में जानकारी लेना चाहते है।
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