काली पूजा 2023: जानिये काली माँ की शुभ तिथि, पूजा विधि और महत्व

Posted By: 99PanditJi
Posted On: August 17, 2023
Last Update On: August 17, 2023

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भारत देश ने सभी धर्म और सम्प्रदाय के लोग निवास करते है| जिसमे से सर्वाधिक हिन्दू धर्म के लोग है| हिन्दू धर्म में इस प्रकृति में उपस्थित प्रत्येक वस्तु को पूजनीय माना गया है| इसके अलावा हिन्दू धर्म में सम्पूर्ण 33 कोटि देवी – देवताओं को पूजने की मान्यता है| सनातन धर्म में कई सारे देवता और देवियाँ है| जिनकी पूजा उचित मुहूर्त के अनुसार की जाती है| आज हम जिस देवी की पूजा के बारे में बात करेंगे| उनसे और उनके क्रोध के सभी लोग भली – भांति परिचित है| आज हम काली पूजा 2023 के बारे में बात करेंगे| 

काली पूजा 2023

काली पूजा का यह त्योहार हिन्दू धर्म में काली माता के सम्मान में मनाया जाता है| इस दिन माँ भगवती से अंश काली माता की पूजा की जाती है| दीपावली के त्यौहार के दौरान कोलकाता, पश्चिम बंगाल, असम, झारखण्ड और उड़ीसा में अमावस्या के दिन सभी लोग काली माता की पूजा करते है| काली पूजा 2023 का यह पावन त्यौहार प्रत्येक वर्ष नवंबर के महीने में ही आता है| इस वर्ष काली पूजा 2023 का त्यौहार 12 नवंबर 2023 के दिन मनाया जाएगा| काली पूजा का त्यौहार हिन्दू धर्म की सुप्रसिद्ध देवी माँ दुर्गा के रूप काली माता को समर्पित किया गया है| 

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काली माता को काल भोई नाशिनी भी कहा जाता है| जिसका अर्थ होता है – बुराई का नाश करने वाली| कार्तिक मास के निशीथ काल में काली माता की पूजा करके उन्हें प्रसन्न किया जाता है| काली माता की यह काली पूजा 2023 का त्यौहार अधिकतर देश के पूर्वी राज्यों में मनाया जाता है| काली माता की यह पूजा किसी आध्यात्मिक और मानसिक मानस को हानिकारक और नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाने के लिए की जाती है| आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से काली माता के बारे में तथा काली पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में जानेंगे|  

काली पूजा 2023 शुभ मुहूर्त व शुभ तिथि 

काली पूजा तिथि – 12 नवंबर 2023 

काली पूजा निशिता समय – 11:39 अपराह्न 12:32 पूर्वाह्न, 13 नवंबर 2023 

अवधि – 00 घंटे 53 मिनट 

अमावस्या तिथि आरंभ – 12 नवंबर 2023, 02:24 अपराह्न 

अमावस्या तिथि समाप्त – 13 नवंबर 2023, अपराह्न 02:56 बजे  

काली माता कौन है 

काली माता माँ दुर्गा का ही विकराल रूप है| जैसा कि आप सभी को पता ही है मां दुर्गा ने असुरों का संहार करने के लिए ही काली माता का अवतार लिया था| माता दुर्गा के इस अवतार को धारण करने के पीछे भी कई कथाएँ प्रचलित है| जिनके विषय में आज हम इस आर्टिकल में बात करेंगे| एक समय की बात है| जब दारुक नाम के एक असुर ने ब्रह्मा जी की घोर तपस्या की और उन्हें प्रसन्न कर लिया| ब्रह्मा जी से वरदान प्राप्त करने के बाद उस असुर में पूरी धरती पर आतंक मचा रखा था| उसने ब्राह्मणों के द्वारा किये जाने सभी अनुष्ठानों को रोक दिया था| इसके पश्चात उसने स्वर्ग लोक पर भी अपना आधिपत्य कर लिया था| 

उसके आतंक के परेशान होकर सभी देवता ब्रह्मा जी और विष्णु भगवान के पास पहुंचे| उस समय ब्रह्मा जी ने बताया कि इस राक्षस का अंत केवल एक स्त्री के द्वारा ही किया जा सकता है| ब्रह्मा जी के यह कहने के पश्चात सभी देवता स्त्री रूप धारण करके उस राक्षस से लड़ने के लिए चले गये| लेकिन इसके पश्चात वह सभी मिलकर भी उस असुर को हराने में असमर्थ थे क्योंकि वह बहुत ही शक्तिशाली था| इसके पश्चात ब्रह्मा जी और विष्णु भगवान के साथ ही सभी देवता भगवान शिव के धाम कैलाश पर्वत पर पहुँचे| ब्रह्मा जी और विष्णु भगवान ने उन्हें सारी बात बता दी| उन सभी की बात सुनकर भगवान शिव ने माता पार्वती की तरफ देखा| 

भगवान शिव ने माता पार्वती से कहा कि हे कल्याणी इस जगत के कल्याण और असुर दारुक का नाश करने के लिए में तुमसे प्रार्थना करता हूं| इस बात पर माँ पार्वती मुस्कुराई और अपने अंश को भगवान शिव के अंदर प्रवेश करवाया| जिससे काली माता की उत्पति हुई| काली माता के केवल मात्र हुँकार भरने से ही असुर दारुक और उसकी सम्पूर्ण सेना जलकर भस्म हो गई| 

काली पूजा 2023 की पूजा सामग्री  

काली माता की पूजा दो प्रकार से की जाती है| एक तो काली माता की पूजा सामान्य तरह से होती है और इसके अलावा काली माता की एक पूजा तांत्रिक प्रकार से भी की जाती है| अभी हम आपको माता काली की सामान्य पूजा के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री के बारे में बतायेंगे| काली माता के पूजन में काम आने वाली सामग्री निम्न है – 

  • काली माता की तस्वीर 
  • लाल फुल 
  • बताशा 
  • हलवा 
  • पुड़ी 
  • अगरबत्ती या धूपबत्ती 
  • सिंदूर 
  • नारियल 
  • लौंग 
  • सुपारी 
  • दीपक 
  • चावल 
  • गंगाजल
  • अक्षत 
  • फल
  • मीठा पान 

माँ काली पूजन विधि 

  • काली माता की पूजा करने से पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके साफ़ – सुथरे वस्त्र धारण करने चाहिए| 
  • अब पूजा वाले स्थान पर काली माता की मूर्ति या उनकी तस्वीर को स्थापित करें और उनके सामने घी का एक दीपक जलाएं| 
  • काली माता को गुडहल का फुल काफी अधिक पसंद है| इसलिए पूजा के समय काली माता को गुडहल का फुल अवश्य चढ़ाना चाहिए| तथा “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” इस मंत्र का 108 बार जप करें| इससे आपको काली माता का आशीर्वाद प्राप्त होगा| 
  • ऊपर बताए गए मंत्र का पूजा के समय 108 बार जप करने से जीवन में चल रही सभी बाधाओं से छुटकारा मिलता है और काली माता का आशीर्वाद भी मिलता काली माता को खिचड़ी तथा तली हुई सब्जियों का प्रसाद चढ़ाना बहुत ही अच्छा माना जाता है| काली माता की पूर्ण श्रद्धा पूजा करने से माता भक्तों की सभी मनोकामनाए पूर्ण करती है| 
  • दिवाली की रात को काली माता को काली उड़द, काला तिल और सरसों का तेल चढाने से काली माता बहुत ही प्रसन्न होती है व अपने भक्तों के सभी दुःख व कष्ट दूर कर देती है| 
  • ज्योतिषियों के द्वारा बताया गया है कि जिस भी व्यक्ति की कुंडली में यदि राहु और केतु से संबंधित दोष हो तो उसे काली माता की आराधना करनी चाहिए| 
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  • पौराणिक शास्त्रों में बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति काली माता को प्रसन्न करना चाहता है तो उसे काली माता के सबसे पसंदीदा यानी 108 गुडहल के फूल इसी के साथ 108 बेलपत्र और माला चढाने से भी काली माता बहुत प्रसन्न होती है| 
  • गुडहल के फूल के साथ ही काली माता को चमेली और चंपा के फूल भी बेहद पसंद है| इसलिए जो भी व्यक्ति माँ काली को चंपा और चमेली के फूलों से बनी माना चढ़ाता है काली माता उस व्यक्ति के सभी दुखों को दूर करती है| 
  • दिवाली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने के बाद में आधी रात को काली माता का पूजन करना बहुत ही शुभ माना गया है| 
  • इस दिन तांत्रिकों के द्वारा भी काली माता की पूजा की जाती है| इस दिन को तांत्रिको में काफी ज्यादा अच्छा माना जाता है| 

काली पूजा से होने वाले फायदे 

काली माता की पूजा करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते है| जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा के साथ काली माता की पूजा करता है तो काली माता उसे हर प्रकार की परेशानी से बचाती है| आइये जानते है कि काली माता की पूजा करने से भक्तों को क्या – क्या लाभ होता है – 

Kali Puja 2023

  • काली माता का पूजन करने से लम्बे समय से चल रही बीमारी दूर होती है| 
  • ऐसे कई बीमारियाँ जिनका इलाज वर्तमान में नहीं है| वह भी काली माता की पूजा से जड़ से समाप्त हो जाती है| 
  • काली माता की पूजा करने से किसी भी प्रकार के जादू – टोने का असर नहीं होता है| और जिन पर जादू टोना हो रहा हो तो उससे भी राहत मिलती है| 
  • सभी बुरी और नकारात्मक ऊर्जाओं से काली माता की पूजा करने से रक्षा होती है| 
  • यह पूजा व्यक्ति को कर्जों से मुक्ति दिलाती है| 
  • किसी भी व्यवसाय में आ रही परेशानियां दूर होती है| 
  • अपने ख़ास दोस्त या जीवन साथी से संबंधो में हो रही दूरियां कम होती है और नजदीकियां बढती है| 
  • रोजगार और शिक्षा के क्षेत्र में असफलता दूर होती है और सफलता प्राप्त होती है| 
  • काली माता की पूजा करने से बिजनेस और नौकरी में नए – नए अवसर आते है| 
  • जिस भी व्यक्ति के जीवन में प्रतिदिन कोई ना कोई समस्या आती हो तो उसे काली माता की पूजा करनी चाहिए| 
  • पितृदोष और कालसर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए भी काली माता की पूजा करना बहुत आवश्यक है|
  • यदि किसी भी व्यक्ति के जीवन में शनि की साढ़े साती चल रही है तो काली माता की पूजा इसके प्रभाव को कम कर सकती है| 

काली माता की पूजा करते समय ध्यान देने योग्य बातें 

  • काली माता की पूजा करने से पहले उचित दिशा का निर्धारण करना बहुत ही आवश्यक है| घर में जिस भी स्थान पर आपका मंदिर या पूजा स्थल है तो उसको हमेशा ही ईशान कोण उत्तर – पूर्व दिशा में होना चाहिए| शास्त्रों के अनुसार यह दिशा पूजा स्थल के लिए सबसे शुद्ध मानी गयी| इसके अलावा यदि किसी और दिशा में पूजा स्थल उपस्थित है तो पूजा का फल कम प्राप्त होता है| 
  • पूजा करते समय सबसे जरूरी बात यह है कि इस समय व्यक्ति को अपना मुख किस दिशा में रखना चाहिए| मान्यता है कि काली माता की पूजा करते समय भक्त को अपना मुख पश्चिम दिशा में रखना चाहिए| वही दूसरी ओर मंदिर और भगवान का मुख सदैव पूर्व दिशा में होना चाहिए| एक बात जिसका आपको हमेशा ही ध्यान रखना चाहिए| जो यह है कि हमे कभी – भी भगवान की ओर पीठ करके नहीं बैठना चाहिए| 
  • काली माता की पूजा करते समय या किसी भी भगवान की पूजा करते समय ज़मीन पर ना बैठे| पूजा – पाठ करने के लिए हमेशा एक साफ़ – सुथरे आसन का प्रयोग करना बहुत जरुरी है| मान्यता है कि बिना आसन के यानी ज़मीन पर बैठकर पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में दरिद्रता आती है| इसलिये पूजा करते समय सदैव आसन का उपयोग करें| 
  • पूजा करने से पहले सबसे जरूरी होता है कि जिस भी भगवान की हम पूजा करने जा रहे है| उनके लिए सम्पूर्ण श्रद्धा के भाव से एक दीपक जलाना| दीपक भगवान के प्रति हमारी आस्था, श्रद्धा और भक्ति – भाव को व्यक्त करता है| इसलिए हमेशा जब भी भगवान की पूजा करें तो सबसे पहले भगवान को घी का दीपक अवश्य जलाएं| 
  • भगवान विष्णु, गणेश, महादेव, सूर्य देव और देवी दुर्गा को पंचदेव के नाम से भी जाना जाता है| हिन्दू धर्म में मान्यता है कि इन पंचदेवों की पूजा करने से सभी प्रकार के दुखो से मुक्ति मिलती है| प्रतिदिन इन पंच देवताओं का ध्यान करने से घर में सुख व समृद्धि बढ़ती है| तथा सभी पाँचों देवताओं की असीम कृपा भी प्राप्त होती है| 

काली पूजा के अनुष्ठान 

सनातन धर्म में कई सारे देवता और देवियाँ है| जिनकी पूजा उचित मुहूर्त के अनुसार की जाती है| हिन्दू धर्म में इस प्रकृति में उपस्थित प्रत्येक वस्तु को पूजनीय माना गया है| इसके अलावा हिन्दू धर्म में सम्पूर्ण 33 कोटि देवी – देवताओं को पूजने की मान्यता है| जो लोग पूर्ण ईमानदारी के साथ काली माता की पूजा करते है| उन्हें काली माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है| जीवन से नकारात्मक भाव दूर होते है| काली माता की पूजा करने से हमें अंधकार और निराशा से छुटकारा मिलता है| 

काली पूजा 2023

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काली पूजा 2023 का महत्व  

इस सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में हर एक चीज़ का अस्तित्व है| यदि अच्छाई है तो बुरे भी है, सकारात्मकता है तो नकारात्मकता भी है| काली शब्द का अर्थ – अंधकार,समय और मृत्यु माना गया है| देवी काली माता की प्रतिमा यदि आपने देखी है तो उसमे दिखाया जाता है कि काली माता का पूरा शरीर रक्त से रंगा हुआ हैं और वह एक कटा हुआ सिर ले जा रही है| इसके अलावा काली माता को अपने भक्तों को आशीर्वाद देते और गरीबों को खाना खिलाते हुए दिखाया जाता है| 

काली माता की पूजा करके सभी भक्त माता से अपने अंदर की सभी बुराइयों को मिटाने के लिए प्रार्थना करते है| काली माता को स्त्री शक्ति का एक बेहतरीन उदाहरण माना गया है| 

निष्कर्ष 

आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से काली पूजा के बारें में काफी बाते जानी है| आज हमने काली पूजा के फ़ायदों के बारे में भी जाना| इसके अलावा हमने आपको काली पूजा से जुडी काफी बातों के बारे में बताया है| हम उम्मीद करते है कि हमारे द्वारा बताई गयी जानकारी से आपको कोई ना कोई मदद मिली होगी| इसके अलावा भी अगर आप किसी और पूजा के बारे में जानकारी लेना चाहते है। तो आप हमारी वेबसाइट 99Pandit पर जाकर सभी तरह की पूजा या त्योहारों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी ले सकते है। 

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q.माँ काली की पूजा कैसे की जाती है ?

A.काली माता की पूजा करने से पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके साफ़ – सुथरे वस्त्र धारण करने चाहिए|अब पूजा वाले स्थान पर काली माता की मूर्ति या उनकी तस्वीर को स्थापित करें और उनके सामने घी का एक दीपक जलाएं|

Q.काली माता की पूजा किस दिन की जाती है ?

A.काली चौदस के दिन काली माता की पूजा की जाती है| काली चौदस दिवाली के एक दिन पहले यानी छोटी दिवाली के दिन होती है|

Q.काली माता की किसकी कुलदेवी है ?

A.देवी काली को सिंधिया घराने की कुलदेवी माना गया है|

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