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कामिका एकादशी 2025

कामिका एकादशी 2025: तिथि, व्रत कथा, महत्व एवं दान

99Pandit Ji
Last Updated:July 20, 2025

कामिका एकादशी 2025 (Kamika Ekadashi 2025) श्रावण मास में आती है। ये वो समय होता है जब मन भक्ति में भीगने लगता है। बारिश की तरह भावनाएँ भी बहने लगती हैं  और उसी भाव में जब कोई सच्चे मन से भगवान विष्णु की पूजा करता है, तो उसका मन साफ़ हो जाता है।

मान्यता है कि कामिका एकादशी व्रत रखने से व्यक्ति को अपने पापों से मुक्ति मिलती है, मन की इच्छाएँ शांत होती हैं और आत्मा को भीतर से सुकून मिलता है।

कामिका एकादशी 2025

यह एकादशी न केवल मोक्ष का रास्ता खोलती है, बल्कि परिवार में शांति, स्वास्थ्य और सुख भी लाती है।
भगवान विष्णु इस दिन व्रत रखने वालों पर विशेष कृपा करते हैं। और यही वजह है कि हर साल लाखों श्रद्धालु इस दिन को पूरी श्रद्धा से मनाते हैं।

आइये आज हम जानेंगे कामिका एकादशी 2025 की सही तिथि, इसकी व्रत कथा, धार्मिक महत्व और इससे जुड़ा दान-पुण्य कितना फलदायी होता है।

कामिका एकादशी तिथि व शुभ मुहूर्त – Kamika Ekadashi 2025 Date

यह कामिका एकादशी 2025 में 21 जुलाई, सोमवार को मानी जाएगी। यह व्रत श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है, जो भगवान विष्णु की भक्ति के लिए बेहद पवित्र माना गया है।

  • एकादशी तिथि प्रारंभ : 20 जुलाई 2025, रविवार को 12:12 PM पर
  • एकादशी तिथि समाप्त : 21 जुलाई 2025, सोमवार को 09:38 AM पर
  • पारण (व्रत खोलने का समय) : 22 जुलाई 2025 को सुबह 5 बजकर 52 मिनट से लेकर 7 बजकर 05 मिनट तक (पारण द्वादशी तिथि में सूर्योदय के बाद करना शुभ माना जाता है)

कामिका एकादशी क्या है? – What is Kamika Ekadashi

कामिका एकादशी हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को आने वाला एक पवित्र व्रत है।

यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इसे पापों से मुक्ति, मन की शुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग माना गया है।

कामिका एकादशी 2025

इस दिन भक्तजन व्रत रखते हैं, उपवास करते हैं, और पूरे दिन भगवान विष्णु का ध्यान, मंत्र जाप, और पूजन करते हैं।

रात को जागरण किया जाता है और कथा-श्रवण का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि कामिका एकादशी का व्रत करने से गंगा स्नान, गौदान, और तीर्थ यात्रा जितना फल मिलता है।

यह एकादशी न सिर्फ पापों को हरती है, बल्कि मन की इच्छाओं को भी पूरा करती है इसी वजह से इसे ‘कामिका’ (कामना पूरी करने वाली) कहा जाता है।

यह व्रत न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से, बल्कि मानसिक और आत्मिक शांति के लिए भी बेहद फलदायी माना जाता है।

कामिका शब्द का अर्थ क्या है?

कामिका शब्द संस्कृत मूल से आया है, और यह “काम” से जुड़ा है। यहाँ “काम” का मतलब होता है इच्छा, मन की चाह (मनोकामना) और “इका” किसी विशेष गुण या क्रिया को दर्शाता है।

तो कामिका का सीधा भाव निकलता है “वो जो कामना को पूर्ण करे” यानि यह एकादशी वो दिन है जो मन की सच्ची इच्छाओं को पूरा करने वाली मानी जाती है।

पुराणों में कहा गया है कि जो भी व्यक्ति कामिका एकादशी के दिन सच्चे मन से भगवान विष्णु का व्रत करता है, उसकी मनोकामनाएँ धीरे-धीरे पूरी होती हैं, चाहे वे सांसारिक हों या आत्मिक।

इसलिए इस एकादशी को “कामिका” नाम दिया गया है क्योंकि यह न केवल पापों का नाश करती है बल्कि मानव हृदय में छिपी सच्ची इच्छाओं को भी संतुष्ट करती है।

कामिका एकादशी व्रत कथा – Kamika Ekadashi Vrat Katha

बहुत पहले की बात है। एक गाँव में एक आदमी रहता था, जो बहुत गुस्सैल था। वो छोटी-छोटी बातों पर लड़ पड़ता था। एक दिन गुस्से में आकर उसने गलती से एक ब्राह्मण की हत्या कर दी।

ये बहुत बड़ा पाप था। उसके बाद उसका मन बेचैन रहने लगा। ना भूख लगती थी, ना नींद आती थी। लोग भी उसे बुरा मानने लगे। पछतावे में वो सब कुछ छोड़कर जंगल की ओर निकल गया, जहाँ उसे एक संत-महात्मा मिले।

वो उनके चरणों में गिर गया और बोला – “मैंने बहुत बड़ा पाप कर दिया है महाराज, क्या मेरे लिए कोई रास्ता बचा है?” महात्मा मुस्कराए और बोले – “पछतावा सबसे पहला उपाय है।

अब तू श्रावण महीने की कृष्ण पक्ष वाली एकादशी तिथि का व्रत रख, जिसका नाम है कामिका एकादशी, उस दिन भगवान विष्णु की पूजा कर, व्रत कर और सच्चे मन से क्षमा माँग।”

वो आदमी गाँव लौटा और कामिका एकादशी का व्रत पूरी श्रद्धा से किया। वो दिनभर भूखा रहा, भगवान विष्णु का नाम जपा और ब्राह्मण आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

कुछ ही दिनों में उसका जीवन बदल गया। मन हल्का हुआ, लोग भी फिर से जुड़ने लगे और उसे आत्मिक शांति मिलने लगी।

कहते हैं – जो भी व्यक्ति कामिका एकादशी का व्रत श्रद्धा से करता है, उसे न सिर्फ पापों से मुक्ति मिलती है, बल्कि मन की शांति और मोक्ष का रास्ता भी खुल जाता है।

मान्यताओं के अनुसार, इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु की पूजा की जानी चाहिए, जो शंख, चक्र और गदा धारण किए हुए हैं।

पुराणों में उल्लेख है कि कामिका एकादशी 2025 (Kamika Ekadashi 2025) के अवसर पर यदि कोई व्यक्ति भगवान के समक्ष घी या तिल के तेल का दीपक जलाता है, तो उसके पूर्वज स्वर्गलोक में अमृत का आनंद लेते हैं।

साथ ही, इस दिन यदि कोई मंदिर, तुलसी के वृक्ष, केले के पेड़ या पीपल के नीचे दीप जलाता है, तो उसे अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है।

कामिका एकादशी का व्रत क्यों करें?

कामिका एकादशी का व्रत श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। ये व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और माना जाता है कि इस दिन उपवास व पूजा करने से मन की इच्छाएं पूरी होती हैं, पाप नष्ट होते हैं और आत्मा को शांति मिलती है।

इस व्रत का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि इसे करने से गंगा-स्नान, तीर्थ यात्रा, और दान-पुण्य के बराबर फल मिलता है। जो लोग मानसिक तनाव , डर, या पछतावे में जी रहे हों, उनके लिए ये व्रत बहुत राहत देने वाला होता है।

व्रत की विधि एवं सामग्री

व्रत की विधि (Vidhi) –

  1. व्रत से एक दिन पहले हल्का भोजन करें और मन में संकल्प लें।
  2. व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूजा की जगह तैयार करें।
  3. भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
  4. गंगाजल से मूर्ति को स्नान कराएँ और पीले कपड़े से सजाएँ।
  5. फूल, चंदन, तुलसी, अक्षत, धूप-दीप से पूजा करें।
  6. विष्णु सहस्रनाम, श्री विष्णु चालीसा या ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें।
  7. दिनभर उपवास रखें – निर्जल, फलाहार या सिर्फ जल पर रह सकते हैं, अपनी श्रद्धा अनुसार।
  8. रात को जागरण करें या भजन-कीर्तन करें।
  9. अगले दिन द्वादशी तिथि में सूर्योदय के बाद व्रत खोलें।
  10. पहले किसी ज़रूरतमंद या ब्राह्मण को भोजन या वस्त्र दान दें, फिर खुद भोजन करें।

इस व्रत में सबसे ज़रूरी चीज़ है मन की श्रद्धा और शुद्ध भाव। चाहे सारी सामग्री न हो, लेकिन अगर दिल से भगवान को याद किया जाए, तो व्रत सफल माना जाता है।

व्रत में उपयोग होने वाली सामग्री (Samagri) –

  • भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर
  • पीला कपड़ा
  • फूल (विशेषकर पीले)
  • तुलसी के पत्ते
  • चावल (अक्षत)
  • दीपक, धूपबत्ती, कपूर
  • चंदन, रोली
  • गंगाजल
  • पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, शक्कर)
  • पीले फल, पीली मिठाई
  • पूजा की थाली, कलश, जल पात्र, घंटी
  • साफ़ पीले या सफेद रंग के वस्त्र

कामिका एकादशी का धार्मिक महत्व – Importance of Kamika Ekadashi

कामिका एकादशी को भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए बेहद खास माना जाता है। यह व्रत श्रावण मास में आता है, जो भक्ति और वर्षा दोनों का मौसम होता है।

कहा जाता है कि इस एकादशी पर जो भी व्यक्ति सच्चे मन से भगवान विष्णु का व्रत करता है, उसकी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं और उसे पापों से मुक्ति मिलती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कामिका एकादशी का फल इतना शक्तिशाली होता है कि इसे गंगा स्नान, गौदान, और यज्ञ के बराबर पुण्य देने वाला बताया गया है।

कामिका एकादशी 2025

यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायी है जो अपने जीवन में अशांति, अपराधबोध या बुरे कर्मों से घिरे होते हैं। इस एकादशी का आध्यात्मिक महत्व भी बहुत गहरा है।

जब इंसान पूरे दिन व्रत रखकर भगवान का नाम जपता है, तो उसका मन शांत होता है, सोच सकारात्मक होती है और आत्मा को भीतर से हल्कापन महसूस होता है।

यह व्रत सिर्फ पूजा-पाठ नहीं, बल्कि आत्मचिंतन और खुद से जुड़ने का एक सुंदर माध्यम भी है। कामिका एकादशी पर तुलसी दल से भगवान विष्णु की पूजा करना बेहद शुभ माना गया है।

यह दिन जीवन में नयी शुरुआत करने का अवसर देता है एक ऐसा दिन जब इंसान खुद को माफ़ कर सकता है, और भगवान से दोबारा जुड़ सकता है।

कामिका एकादशी के पुण्यदायक दान

  1. पीले कपड़े – भगवान विष्णु को पीला रंग बहुत पसंद है। इसलिए इस दिन पीले कपड़ों का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इससे श्री हरि की कृपा मिलती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।
  2. फल और मिठाई – इस दिन मौसमी फल और खासकर पीली मिठाई (जैसे बेसन के लड्डू) का दान कर सकते हैं। यह दान दरिद्रता दूर करता है और घर में अन्न-धन की बढ़ोतरी होती है।
  3. अनाज (अन्न दान) – चावल, दाल, गेहूं जैसे अनाज का दान करना बहुत बड़ा पुण्य माना जाता है खासकर चावल का दान इस दिन बहुत शुभ होता है। इससे घर में हमेशा भोजन की भरपूर उपलब्धता बनी रहती है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद सदैव हमारे साथ रहता है।
  4. तिल का दान – कामिका एकादशी पर काले या सफेद तिल दान करना भी अच्छा माना गया है। ये दान पितरों की आत्मा की शांति के लिए होता है और पापों से मुक्ति भी मिलती है।
  5. घी और दही – घी और दही का दान करने से अच्छा स्वास्थ्य और समृद्धि मिलती है।
  6. धन और दक्षिणा – कोई भी चीज़ दान करें, उसके साथ थोड़ी सी दक्षिणा (कुछ पैसे) ज़रूर दें। इससे दान पूरा माना जाता है।

दान करते समय ध्यान रखने वाली बातें:

  1. दान सच्चे मन और अच्छे भाव से करें, दिखावे के लिए नहीं।
  2. कोशिश करें कि दान ब्राह्मण या ज़रूरतमंद इंसान को ही दें।
  3. सूर्यास्त के बाद दान ना करें, दिन में ही देना शुभ होता है।

कामिका एकादशी व्रत के लाभ

कामिका एकादशी 2025 का व्रत करने से सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि मन को शांति और आत्मा को सुकून मिलता है।

जो लोग मानसिक तनाव, पछतावे या किसी गलती का बोझ लेकर जी रहे होते हैं, उनके लिए यह व्रत किसी राहत से कम नहीं।

कहते हैं कि कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi 2025) पर सच्चे मन से भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत रखने से पुराने पाप भी नष्ट हो जाते हैं। इस दिन का व्रत खास इसलिए भी माना जाता है क्योंकि यह मन की सच्ची कामनाएं पूरी करता है।

कामिका एकादशी 2025

जिस भी श्रद्धालु के मन में कोई इच्छा हो — चाहे नौकरी की, शादी की, संतान की या किसी भी प्रकार की वह इस व्रत के माध्यम से भगवान से सीधा जुड़ सकता है।

इसके अलावा, इस व्रत से जीवन में चल रही परेशानियाँ, नकारात्मकता, और ग्रहों के अशुभ प्रभाव भी धीरे-धीरे कम हो जाते हैं।

इस व्रत को करने से अश्वमेध यज्ञ के बराबर फल मिलता है, आध्यात्मिक रूप से यह व्रत मोक्ष की ओर बढ़ने का एक मजबूत कदम माना जाता है, यानी आत्मा को शुद्धि और आगे के जन्मों से मुक्ति की संभावना भी बढ़ जाती है।

इसलिए कामिका एकादशी केवल एक व्रत नहीं, बल्कि जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का एक शुभ अवसर है।

निष्कर्ष

कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi 2025) सिर्फ एक व्रत भर नहीं है, ये मन की शांति, पापों से मुक्ति, और भगवान विष्णु से जुड़ने का एक सीधा रास्ता है। इस दिन किया गया उपवास, पूजा और दान सिर्फ शरीर को नहीं, बल्कि आत्मा को भी हल्का करता है।

जो लोग किसी गलती का पछतावा लेकर जी रहे हों, या जिनका मन बेचैन रहता हो, उनके लिए ये व्रत बेहद असरदार है। ये दिन हमें ये मौका देता है कि हम थोड़ी देर के लिए दुनिया की उलझनों से हटकर खुद से और भगवान से जुड़ें।

भगवान विष्णु का सच्चे दिल से ध्यान करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आने लगते हैं। इस व्रत में कोई बहुत बड़ा खर्च नहीं है, बस ज़रूरत है सच्चे मन, श्रद्धा और भाव की।

अगर आप किसी भी कारण से परेशान हैं, उलझे हुए हैं या सिर्फ मन से भगवान के करीब जाना चाहते हैं तो कामिका एकादशी आपके लिए एक बहुत अच्छा अवसर हो सकता है।

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