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Shadi ke Saat Vachan in Hindi

Shadi ke Saat Vachan in Hindi: 7 Vachan of Hindu Marriage

99Pandit Ji
Last Updated:April 7, 2025

Shadi ke Saat Vachan in Hindi: हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में से विवाह संस्कार एक महत्वपूर्ण संस्कार है। हिंदू विवाह में यूं तो कई तरह के रीति-रिवाज होते हैं लेकिन सबसे जरूरी होते हैं शादी के सात वचन। ये सात वचन, शादी के दौरन अग्नि के सात फेरे लेते हुए पति-पत्नी एक दूसरे को सात वचन देते हैं।

इन सात वचनों के बिना विवाह अधूरा माना जाता है। यह शादी के सात वचन पति-पत्नी अपने जीवन की आखिरी सांस तक निभाते हैं।

वचनों के साथ पति-पत्नी अपने रिश्ते को और भी मजबूत बनाते हैं। आज इस ब्लॉग में 99Pandit के साथ हम आपको बताएंगे शादी के सात वचनों का हिंदी अर्थ और सात वचनों का महत्व क्या है।

Shadi ke Saat Vachan in Hindi

इतना ही नहीं, 99Pandit के साथ आप शादी के लिए बिना परेशानी के पंडित भी बुक कर सकते हैं। यह प्लेटफार्म आपको कुशल और अनुभवी पंडित प्रदान करता है। आप आसानी से शादी की पूजा के लिए पंडित (Pandit for Marriage Puja) बुक करवा सकते हैं।

शादी के सात वचन क्या है? What is meant by Shadi Ke Saat Vachan?

शादी के सात वचन (Shadi ke Saat Vachan in Hindi) को सप्तपदी भी कहा जाता है। अग्नि को साक्षी मान कर उसके फेरे लगा कर वर- वधू एक दूसरे को शादी के सात वचन देते हैं।

विवाह समारोह के दौरान, ये पारंपरिक वचन पारिवारिक पुजारी (या पुरोहित) द्वारा दिए जाते हैं और फिर पवित्र अग्नि के चारों ओर युगल द्वारा मंत्रोच्चार किया जाता है।

मंत्रोच्चार के अलावा, युगल अग्नि के चारों ओर सात मंगल फेरे (या कदम) भी लगाते हैं। कभी-कभी पुरोहित सात वचनों की शुरुआत दोहराए गए वचनों या मंत्रों की एक और श्रृंखला और दुल्हन को अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले आशीर्वाद से करते हैं: “जैसा इंद्र के लिए सचि, अग्नि के लिए स्वाहा, चंद्र के लिए रोहिणी, नल के लिए दमयंती, विवस्यात के लिए भद्रा, वशिष्ठ के लिए अरुंधति, विष्णु के लिए लक्ष्मी, अपने पति के लिए तुम हो।”

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ये पारंपरिक हिंदू प्रतिज्ञाएँ और कुछ नहीं बल्कि जोड़े द्वारा एक दूसरे से किए गए विवाह वादे हैं। ऐसी प्रतिज्ञाएँ या वादे जोड़े के बीच एक अदृश्य बंधन बनाते हैं क्योंकि वे एक साथ सुखी और समृद्ध जीवन के लिए वादा करते हैं।

अगर आपके परिवार में किसी व्यक्ति की शादी होने वाली है, तो आप उसके लिए 99Pandit से पंडित बुक करा सकते हैं।

शादी के सात वचन हिंदी में – Shadi ke Saat Vachan in Hindi

हिंदू विवाह के सात वचन विवाह को पवित्रता और दो अलग-अलग व्यक्तियों के साथ-साथ उनके समुदाय और संस्कृति के मिलन का प्रतीक मानते हैं।

इस रस्म में, जोड़े प्यार, कर्तव्य, सम्मान, वफादारी और एक फलदायी मिलन की शपथ लेते हैं, जहाँ वे हमेशा के लिए साथी बनने के लिए सहमत होते हैं। ये शपथ संस्कृत में पढ़ी जाती हैं।

आइए हिंदू शादी के सात वचनों (Shadi ke Saat Vachan in Hindi) के बारे में गहराई से जानें और हिन्दी में इन हिंदू विवाह प्रतिज्ञाओं का अर्थ समझें।

1. पहला वचन

तीर्थव्रतोद्यापन यज्ञकर्म मया सहैव प्रियवयं कुर्या:,
वामांगमायामि तदा त्वदीयं ब्रवीति वाक्यं प्रथमं कुमारी!

Shadi ke Saat Vachan in Hindi

अर्थात: पहले वचन में पति-पत्नी द्वारा अपने जीवन साथी से एक जोड़े के रूप में साथ रहने और तीर्थ यात्रा पर जाने का वादा है।

इस वचन के माध्यम से कन्या वर से कहती है कि यदि आप किसी भी तीर्थ स्थान पर जाओ तो मुझे भी अपने संग ले जाना।

यदि आप किसी भी प्रकार व्रत एवम धार्मिक कार्य करते हैं। तो उसमें मुझे भी अपना भागीदार बनाना। यदि आप इसे कार्य करते हैं तो मैं आपके वामांग में आना चाहती हूं।

इस वचन में वर-वधू भोजन, पानी और अन्य पोषण की प्रचुरता के लिए पवित्र आत्मा के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं, और साथ रहने, एक-दूसरे का सम्मान करने और एक-दूसरे की देखभाल करने की शक्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

2. दूसरा वचन

पुज्यो यथा स्वौ पितरौ ममापि तथेशभक्तो निजकर्म कुर्या:
वामांगमायामि तदा त्वदीयं ब्रवीति कन्या वचनं द्वितीयम!!

Shadi ke Saat Vachan in Hindi

अर्थात: दूसरे फेरे में माता-पिता दोनों के लिए समान सम्मान की बात कही जाती है। साथ ही, जोड़ा शारीरिक और मानसिक शक्ति,आध्यात्मिक शक्तियों और स्वस्थ और शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए प्रार्थना करता है।

दूसरे वचन में कन्या वर से दूसरा वचन मांगते हुए कहती है कि जिस प्रकार आप अपने अभिभावक अर्थात अपने माता-पिता का सम्मान करते हैं। उसी प्रकार मेरे माता-पिता कभी सम्मान करें, तो मैं आपके बमांग में आना स्वीकार करती हूं।

3. तीसरा वचन

जीवनम अवस्थात्रये पालनां कुर्यात
वामांगंयामितदा त्वदीयं ब्रवीति कन्या वचनं तृतीयं!!

Shadi ke Saat Vachan in Hindi

अर्थात: तीसरे वचन में कन्या अपने वर से यह वचन मांगती है कि वह जीवन के तीनों चरणों (युवावस्था, प्रौढ़ावस्था, वृद्धावस्था) में स्वेच्छा से उसका अनुसरण करेगा।

साथ ही, दंपत्ति सर्वशक्तिमान ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वे धर्मी साधनों और उचित उपयोग द्वारा अपने धन में वृद्धि करें, तथा आध्यात्मिक दायित्वों की पूर्ति करें। तो ही मैं आपके वामांग में आना स्वीकार करती हूं।

4. चौथा वचन

कुटुम्बसंपालनसर्वकार्य कर्तु प्रतिज्ञां यदि कातं कुर्या:,
वामांगमायामि तदा त्वदीयं ब्रवीति कन्या वचनं चतुर्थ:।

Shadi ke Saat Vachan in Hindi

अर्थात: चौथा वचन में कन्या वर से कहती है कि अब तक आप परिवारिक चिंता से मुक्त थे। लेकिन अब विवाह के बंधन में बंध रहे हैं। तो अब आप परिवार की आर्थिक खर्च उठाने की प्रतिज्ञा करें। तो मैं आपकी वह मांग में आना स्वीकार करती हुँ।

चौथा वचन हिंदू विवाह में महत्वपूर्ण सात वचनों में से एक है। यह इस बात का एहसास दिलाता है कि इस शुभ घटना से पहले, युगल स्वतंत्र थे और पारिवारिक चिंता और जिम्मेदारी से पूरी तरह अनभिज्ञ थे।

लेकिन, तब से चीजें बदल गई हैं। अब, उन्हें भविष्य में पारिवारिक जरूरतों को पूरा करने की ज़िम्मेदारी उठानी होगी।

साथ ही, फेरे में जोड़ों से आपसी प्रेम और विश्वास से ज्ञान, खुशी और सद्भाव प्राप्त करने और एक साथ लंबे समय तक खुशहाल जीवन जीने के लिए कहा जाता है।

5. पांचवा वचन

स्वसद्यकार्ये व्यहारकर्मण्ये व्यये मामापि मन्‍त्रयेथा
वामांगमायामि तदा त्वदीयं ब्रूते वच: पंचमत्र कन्या!!

Shadi ke Saat Vachan in Hindi

अर्थात: पांचवे वचन में कन्या वर से कहती है कि अगर अपने घर के कार्यों में लेन देन हेतु या अन्य किसी कार्य हेतु धन का व्यय करते समय यदि आप मेरी राय ले तो, मैं आपके वामांन में आना चाहती हूं।

यहाँ, दुल्हन घर के कामों में सहयोग करने, विवाह और अपनी पत्नी के लिए अपना बहुमूल्य समय निवेश करने के लिए कहती है । वे मजबूत, गुणी और वीर बच्चों के लिए पवित्र आत्मा का आशीर्वाद चाहते हैं।

6. छठा वचन

न मेपमानमं सविधे सखीना द्यूतं न वा दुर्व्यसनं भंजश्वेत
वामाम्गमायामि तदा त्वदीयं ब्रवीति कन्या वचनं च षष्ठम!

Shadi ke Saat Vachan in Hindi

अर्थात: छटे वचन में कन्या वर से ये वचन मांगती है कि अगर वो चार लोगों के बीच अर्थात अपने सहेलियों के बीच बैठी हो। तो आप मेरा किसी भी कारण से अपमान नहीं करेंगे। यदि आप अपने आप को जुआ ,शराब से दूर रखते है। तो मैं आपके वामंग में आना स्वीकार करती हूँ।

यह फेरा हिंदू विवाह के सात वचनों में से एक है। यह दुनिया भर में प्रचुर ऋतुओं के लिए और आत्म-संयम और दीर्घायु के लिए मनाया जाता है।

यहाँ, दुल्हन अपने पति से सम्मान की मांग करती है, खासकर परिवार, दोस्तों और अन्य लोगों के सामने। इसके अलावा, वह अपने पति से जुआ और अन्य प्रकार की शरारतों से दूर रहने की अपेक्षा करती है।

7. सातवा वचन

परस्त्रियं मातूसमां समीक्ष्य स्नेहं सदा चेन्मयि कान्त कूर्या।
वामांगमायामि तदा त्वदीयं ब्रूते वचः सप्तमंत्र कन्या!!

Shadi ke Saat Vachan in Hindi

अर्थात: अंतिम व सातवे वचन में कन्या ,वर से मांगती हैं कि आप एक पराई स्त्री को सदैव अपनी माता के रूप में देखेंगे।

कभी भी तीसरे व्यक्ति को पति – पत्नी के प्रेम में बीच भागीदार नही बनाएंगे । यदि यह वचन आप मुझे दे तो मैं आपके वामांग में आना स्वीकार करती हूँ।

इस वचन में जोड़े से सच्चे साथी बनने और न केवल अपने लिए बल्कि ब्रह्मांड की शांति के लिए भी समझदारी, वफादारी और एकता के साथ आजीवन साथी बने रहने के लिए कहा जाता है।

यहाँ, दुल्हन दूल्हे से कहती है कि वह उसका सम्मान करे, ठीक वैसे ही जैसे वह अपनी माँ का सम्मान करता है और विवाह के बाहर किसी भी व्यभिचारी रिश्ते में लिप्त होने से बचता है।

शादी के सात वचन का महत्त्व

सप्तपदी (संस्कृत में शाब्दिक अर्थ सात कदम) विवाह के सात वचनों को संदर्भित करता है जो दूल्हा और दुल्हन प्रत्येक कदम पर लेते हैं।

ईसाई समारोह में कही जाने वाली प्रतिज्ञाओं की तरह ही यह हिंदू विवाह में सबसे महत्वपूर्ण रस्मों में से एक है।

हिंदू धर्म में विवाह के लिए सात फेरों के साथ सात वचन बहुत महत्वपूर्ण हैं। हिंदू धर्म में 7 सांख्य को अत्यंत शुभ माना जाता है।

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जिस प्रकार मनुष्य के सात क्रियाएं, पृथ्वी पर सात महाद्वीप, इंद्रधनुष में सात रंग, सात ऋषि, एवं सप्ताह में सात दिन होने इत्यादि के कारण 7 संख्या को शुभ माना जाता है।

विवाह में अग्नि देवता को साक्षी मानकर वर और कन्या अपने रिश्ते को मजबूत करने हेतु सात कसम खाते हैं और सात फेरे लेते हैं। सनातन धर्म में भी पति-पत्नी के रिश्तों को सात जन्मों तक बताया गया है।

जिस प्रकार भगवान अग्नि के साथ रंग होते हैं। उसी प्रकार सात फेरों के माध्यम से पति- पत्नी का साथ जन्मो जन्मांतर तक बना रहता है।

शादी के सात वचन की कथा- सावित्री और सत्यवान की कथा

विवाह के सात वचन की परंपरा (सप्तपदी) और इसकी शुरुआत के पीछे एक सुंदर कहानी है। सावित्री और सत्यवान की कथा।

जब सावित्री के प्रिय पति सत्यवान की अल्पायु में मृत्यु हो जाती है, तो उसकी समर्पित पत्नी सावित्री मृत्यु के देवता यम के पीछे-पीछे जाती है, जब वह उसकी आत्मा को ले जाता है। जब यम को पता चलता है कि वह उनका पीछा कर रही है, तो वे उसे वापस लौटने को कहते हैं।

वह जवाब देती है कि वह पहले ही उसके साथ सात कदम से अधिक चल चुकी है और इसलिए वह उसकी दोस्त बन गई है। वह उसका मित्र बनकर उससे बातचीत शुरू करता है।

अपनी बुद्धि और विवेक से वह मृत्यु के देवता को जीत लेती है, जो उसके पति को पुनः जीवन प्रदान करता है। दोस्ती या किसी भी रिश्ते की शुरुआत में सात चरणों का महत्व ऐसा ही है।

निष्कर्ष

हिंदू शादियाँ समृद्ध संस्कृति का प्रतिबिंब हैं। जैसे की हमने आपको बताया, विवाह संस्कार में वर-वधु द्वारा लिए गए शादी के सात वचन (Shadi ke Saat Vachan in Hindi) बहुत महत्वपूर्ण हैं।

सात वचन पति-पत्नी के बीच के संबंध को मजबूती प्रदान करते हैं। तथा साथ ही साथ उनके बीच प्रेम सामंजस्य को भी बढ़ावा देते हैं।

सात वचन के साथ, सात फेरे लेने से उनके वैवाहिक जीवन में अटूट विश्वास बना रहता है। जो उनके भविष्य को सुरक्षित एवं खुशहाली बनाती हैं तथा इसमें लिया गया प्रत्येक संकल्प रिश्ते को मजबूती प्रदान करता हैं।

हिंदू मान्यता यह है कि आप न केवल एक-दूसरे के नाम, पते, परिवार और मन को एकजुट कर रहे हैं, बल्कि अपनी आत्माओं को भी एकजुट कर रहे हैं।

यह प्रथा इतनी पवित्र इसलिए है क्योंकि इस दिन आपको भगवान शिव और उनकी पत्नी देवी पार्वती का रूप माना जाता है। तो, आपका मिलन दिव्यता की तरह अद्वितीय माना जाता है।

इसके साथ ही आज के ब्लॉग में बस इतना ही, आगे ऐसे ही और ब्लॉग पढ़ने के लिए जुड़े रहे 99Pandit के साथ।

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