Jeev Ashtakam Lyrics in Hindi: जीव अष्टकम हिंदी अर्थ सहित
हरे कृष्ण ! जीव अष्टकम आठ संस्कृत छंदों (अष्ट = आठ, काम = छंद) का एक सेट है, जिसे अक्सर…
Ahoi Mata Ki Aarti Lyrics: अहोई माता की आरती का जाप अहोई माता को प्रसन्न करने के लिए ही किया जाता है| कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी के रूप में मनाया है| इस तिथि के दिन अहोई माता की पूजा के साथ – साथ उनकी अहोई माता की आरती (Ahoi Mata Ki Aarti Lyrics) करना भी जातकों के लिए बहुत ही लाभकारी होता है|
सभी महिलाएं इस दिन उपवास रखकर भगवान शिव तथा माता पार्वती के साथ – साथ अहोई माता की पूजा करते हुए अपने बच्चों की लम्बी उम्र के लिए उनसे प्रार्थना करती है| जो भी महिला इस दिन पूजा करने के पश्चात अहोई माता की आरती (Ahoi Mata Ki Aarti Lyrics) का जाप करती है, उन्हें माता की असीम कृपा प्राप्त होती है| आइये जानते है अहोई माता की आरती (Ahoi Mata Ki Aarti Lyrics) के बारे में|
इसके अलावा यदि आप ऑनलाइन किसी भी पूजा जैसे ग्रहण योग शांति पूजा (Grahan Yog Shanti Puja), पितृ दोष पूजा (Pitru Dosha Puja), तथा रुद्राभिषेक पूजा (Rudrabhishek Puja) के लिए आप हमारी वेबसाइट 99Pandit की सहायता से ऑनलाइन पंडित बहुत आसानी से बुक कर सकते है|यहाँ बुकिंग प्रक्रिया बहुत ही आसान है|
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|| अहोई माता की आरती ||
जय अहोई माता,
जय अहोई माता ।
तुमको निसदिन ध्यावत,
हर विष्णु विधाता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥
ब्रह्माणी, रुद्राणी, कमला,
तू ही है जगमाता ।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥
माता रूप निरंजन,
सुख-सम्पत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्यावत,
नित मंगल पाता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥
तू ही पाताल बसंती,
तू ही है शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव प्रकाशक,
जगनिधि से त्राता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥
जिस घर थारो वासा,
वाहि में गुण आता ।
कर न सके सोई कर ले,
मन नहीं घबराता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥
तुम बिन सुख न होवे,
न कोई पुत्र पाता ।
खान-पान का वैभव,
तुम बिन नहीं आता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥
शुभ गुण सुंदर युक्ता,
क्षीर निधि जाता ।
रतन चतुर्दश तोकू,
कोई नहीं पाता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥
श्री अहोई माँ की आरती,
जो कोई गाता ।
उर उमंग अति उपजे,
पाप उतर जाता ॥
ॐ जय अहोई माता,
मैया जय अहोई माता ।
|| Ahoi Mata Ki Aarti ||
Jai Ahoi Mata,
Jai Ahoi Mata.
Tumko nisdin dhyaavat,
Har Vishnu vidhata.
Om Jai Ahoi Mata.
Brahmani, Rudrani, Kamala,
Tu hi hai jagamata.
Surya-chandra dhyaavat,
Narad Rishi gaata.
Om Jai Ahoi Mata.
Mata roop niranjana,
Sukh-sampatti daata.
Jo koi tumko dhyaavat,
Nit mangal paata.
Om Jai Ahoi Mata.
Tu hi paataal basanti,
Tu hi hai shubhdaata.
Karm-prabhav prakaashak,
Jagannidhi se traata.
Om Jai Ahoi Mata.
Jis ghar thaaro vaasa,
Vaahi mein gun aata.
Kar na sake soi kar le,
Man nahin ghabraata.
Om Jai Ahoi Mata.
Tum bin sukh na hove,
Na koi putra paata.
Khaan-paan ka vaibhav,
Tum bin nahin aata.
Om Jai Ahoi Mata.
Shubh gun sundar yukta,
Ksheer nidhi jaata.
Ratan chaturdash toku,
Koi nahin paata.
Om Jai Ahoi Mata.
Shri Ahoi Maa ki aarti,
Jo koi gaata.
Ur umang ati upaje,
Paap utar jaata.
Om Jai Ahoi Mata,
Maiyya Jai Ahoi Mata
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