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हनुमान चालीसा पाठ : कलयुग में हनुमान जी ही एकमात्र ऐसे साक्षात देव है जो थोड़ी सी पूजा मात्र से ही अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाते है और अपने भक्तों के सभी दुःख व कष्टों का निवारण कर देते है| हनुमान जी की उपासना करने से आपको जीवन में सुख, शांति व आरोग्य की प्राप्ति होती है| किसी भी तरह की नकारात्मक शक्ति हनुमान जी के भक्तों को परेशान नहीं करती है|
हनुमान जी की महिमा और भक्तों के मन में उनके लिए अटूट श्रद्धा की वजह से ही गोस्वामी तुलसीदास जी ने हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए ही हनुमान चालीसा की रचना की थी| हनुमान चालीसा पाठ को मंगलवार और शनिवार के दिन पढना बहुत अच्छा माना जाता है| इससे भक्तों को आन्तरिक शांति प्राप्त होती है| दुनिया भर में हर व्यक्ति भगवान हनुमान जी पूजा करता है क्योंकि हनुमान जी सबसे शक्तिशाली देवों में से एक है|
हनुमान चालीसा पाठ शक्तिशाली पवित्र ग्रंथो में से एक है जो लोगो को बुरी व नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षित रखने और संकट को दूर करने में सहायता करता है| हनुमान जी एक वानर देवता है जो भगवान श्री राम के सबसे शक्तिशाली और उत्साही अनुयायी है| हनुमान चालीसा का जप तुरंत फल प्रदान करता है और भक्त के जीवन में काफी चमत्कार दिखाता है| हनुमान चालीसा पाठ कई सारे लोग करते है लेकिन इसको पढ़ने के फायदे कोई भी नहीं जनता है| पौराणिक कथाओ के अनुसार हनुमान जी 8 चिरंजीवियों में से एक है| लोगों का मानना है कि वे आज भी इस धरती पर जीवित है और भगवान राम की भक्ति कर रहे है| मंगल, शनि, एवं पितृ दोषों में भी हनुमान चालीसा पाठ लाभदायक है|
|| दोहा ||
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि |
बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ||
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन – कुमार |
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार ||
|| चौपाई ||
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुँ लोक उजागर |
राम दूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ||
महाबीर बिक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी ||
कंचन बरन बिराज सुबेसा, कानन कुण्डल कुँचित केसा ||
हाथ ब्रज अरु ध्वजा बिराजै, काँधे मूँज जनेऊ साजै |
शंकर स्वयं/सुवन केसरी नंदन, तेज प्रताप महा जगवंदन ||
बिद्यावान गुनी अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर |
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया ||
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा, बिकट रूप धरि लंक जरावा |
भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचन्द्र के काज सँवारे ||
लाय सजीवन लखन जियाए, श्री रघुबीर हरषि उर लाये |
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई, तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ||
सहस बदन तुम्हारो जस गावैं, अस कहि श्रीपति कंठ लगावै |
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा, नारद सारद सहित अहीसा ||
जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते, कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते |
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा, राम मिलाय राज पद दीन्हा ||
तुम्हारो मंत्र विभीषण माना, लंकेश्वर भए सब जग जाना |
जुग सहस्त्र जोजन पर भानु, लील्यो ताहि मधुर फल जानू ||
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं, जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं |
दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ||
राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसारे |
सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना ||
आपन तेज सम्हारो आपै, तीनों लोक हाँक तै कांपै |
भूत पिशाच निकट नहिं आवै, महावीर जब नाम सुनावै ||
नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा |
संकट तै हनुमान छुड़ावै, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ||
सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा |
और मनोरथ जो कोई लावै, सोई अमित जीवन फल पावै ||
चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा |
साधु सन्त के तुम रखवारे, असुर निकंदन राम दुलारे ||
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता |
राम रसायन तुम्हरे पासा, सदा रहो रघुपति के दासा ||
तुम्हरे भजन राम को पावै, जनम जनम के दुख बिसरावै |
अंतकाल रघुवरपुर जाई, जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई ||
और देवता चित्त न धरई, हनुमत सेइ सर्ब सुख करई |
संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ||
जै जै जै हनुमान गोसाईं, कृपा करहु गुरुदेव की नाईं |
जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बंदि महा सुख होई ||
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा, होय सिद्धि साखी गौरीसा |
तुलसीदास सदा हरि चेरा,कीजै नाथ हृदय मह डेरा ||
|| दोहा ||
पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप |
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप ||
त्रेता युग में जब भगवान विष्णु राम अवतार लेते है| तब उनके साथ ही अन्य देवता भी वानर रूप में अवतार लेते है| ताकि वे सभी रावण के विरुद्ध इस युद्ध में भगवान राम की सहायता कर सके| शेषनाग ने लक्ष्मण जी (राम के भाई) व भगवान शिव ने हनुमान जी का अवतार लिया|
हनुमान चालीसा पाठ एक काव्य कृति है जिसमे हनुमान जी के सभी गुणों व कार्यों का चालीस चौपाइयों में वर्णन किया गया है| यह पहली ऐसी लघु रचना है जिसमें पवन पुत्र हनुमान जी की स्तुति को काफी सुन्दर रूप में दर्शाया गया है| इस हनुमान चालीसा पाठ में हनुमान जी की वंदना के साथ ही श्री राम के व्यक्तित्व को भी बताया गया है|
हनुमान चालीसा पाठ में चालीसा शब्द का अर्थ चालीस (40) है यानी कि इस हनुमान चालीसा पाठ में कुल चालीस चौपाई है और दो दोहे है| यह भक्तों द्वारा हनुमान जी को प्रसन्न की जाने वाली प्रार्थना है जिसमें कुल चालीस पंक्तियाँ है| इस वजह से इसे हनुमान चालीसा पाठ कहते है|
हनुमान चालीसा पाठ गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा लिखा गया है| जिसे बहुत ही शक्तिशाली माना गया है| हनुमान चालीसा पाठ को करने से भक्तों के मन से भय दूर हो जाता है| जब अकबर ने तुलसीदास जी को भगवान राम का प्रदर्शन करने को बोला तो उन्होंने कहा कि श्री राम को कोई भी व्यक्ति केवल सच्ची भक्ति से देख सकता है| इस बात पर क्रोधित होकर अकबर ने तुलसीदास जी को कैद कर लिया| इसके इकतालीसवे दिन तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा पाठ की रचना की और उसका प्रदर्शन किया है| इसके पश्चात वानरों के द्वारा अकबर के महल को लूटे जाने के बाद वे तुलसीदास जी के चरणों में गिर पड़े और उन्हें रिहा कर दिया|
वेदों के अनुसार हनुमान जी का जन्म 1 करोड़ 85 लाख 58 हज़ार 115 वर्ष पहले त्रेतायुग के अंतिम चरण में चेत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन सुबह 6.30 बजे आंजन नामक एक छोटे से पहाड़ी गाँव में हुआ था| इनके पिता का नाम केसरी और माता का नाम अंजना था| हनुमान जी बल, बुद्धि और विद्या तीनो में ही सर्वश्रेष्ठ रहे थे| हनुमान जी की शुरुआती शिक्षा उनकी माँ द्वारा हुई थी| इसके पश्चात जब वह बड़े हो गये तो उन्हें पवन देव के आग्रह पर शिक्षा लेने सूर्यदेव के पास भेज दिया था| जहाँ पर उन्होंने केवल सात दिनों में ही सम्पूर्ण ज्ञान प्राप्त कर लिया और प्रभु श्री राम की भक्ति में लीन हो गए|
हनुमान जी ने कई सारे राक्षसों का संहार करके उनके आतंक से कई गाँवों को मुक्त किया| इसके अलावा बचपन में भूख लगने पर सूर्य को अपने उदर में धारण कर लिया और भगवान शिव के आग्रह पर सूर्य देव को मुक्त किया| हनुमान जी को सभी देवी – देवताओं से बहुत सारे वरदान प्राप्त थे| जिस कारण वह प्रभु श्री राम की सहायता के साथ – साथ जग कल्याण के लिए सक्षम हो गये थे| उन्होंने रावण के साथ युद्ध में भगवान श्री राम के विजय पथ को सरल कर दिया |
जब बचपन में हनुमान जी ने सूर्य देव को निगला था| उस समय इंद्र ने सूर्य देव को मुक्त करने के लिए वज्र से हनुमान जी पर प्रहार किया| जिससे उनकी ठुड्डी टूट गयी| जब से ही इनका नाम हनुमान हो गया| इसके अलावा भी इनके कई नाम है:-
हनुमान जी एक ही रूप है लेकिन वो भी काफी दुर्लभ है| हनुमान जी का एक पंचमुखी रूप है| जिसमे हनुमान जी के पांच मुख है| ऐसा माना जाता है कि इस रूप के दर्शन बहुत ही दुर्लभ होतें है|
हनुमान जी के पांच भाई थे| जिनके नाम निम्न है:
हनुमान चालीसा पाठ हनुमान जी को प्रसन्न करने वाला एक बेहतरीन गीत है| भगवान राम के प्रति इनके उदारता के कारण, हनुमान जी को बहुत सम्मान दिया जाता है और इन्हें भक्ति, समर्पण और विश्वास के रूप में देखा जाता है| हनुमान चालीसा पाठ को तुलसीदास जी द्वारा, जिन्होंने रामचरितमानस की रचना की, लिखा गया है| तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा पाठ तब लिखा था जब वे अस्वस्थ थे| हनुमान चालीसा पाठ से उन्हें अपना स्वास्थ्य पुन: पाने में सहायता मिली|
हनुमान चालीसा पाठ अवधि भाषा में लिखी 40 छंदों वाली एक ऐसी प्रार्थना है जिसमे हनुमान जी के गुणों का बखान किया गया है| हनुमान जी का दूसरा नाम संकट मोचन भी है जिसका अर्थ होता है – पीड़ा को दूर कने वाला| इसका तात्पर्य यही है कि हनुमान जी अपने भक्तों को कष्टों और भय से मुक्ति दिलाने की क्षमता रखते है| हवन की सहायता से आप अपनी बाधाओं पर हमेशा के लिए काबू पा सकते है| यह आपको हनुमान जी वीरता और विशाल शक्ति तक पहुचने में सक्षम होता है| यह आपको वे कार्य करने में भी सक्षम बना सकता है जिसकी आप केवल कल्पना कर सकते है|
हनुमान चालीसा पाठ को शुरू करने से सबसे शुभ दिन मंगलवार और शनिवार है| अगर हो सके तो हनुमान चालीसा पाठ करने के लिए मंदिर जरूर जाए| जब भी आप हनुमान चालीसा पाठ को करना आरम्भ करे तो इसे लगातार 40 दिनों तक करिए| इसके पश्चात आप को अगले 11 मंगलवार और 11 शनिवार तक 21 हनुमान चालीसा के पाठ करने होंगे| इस चीज़ का ध्यान रखे कि आपको हनुमान चालीसा का पाठ सुबह 4.00 बजे ही करना है|
हनुमान चालीसा पाठ को पूर्ण विधि से करने पर हनुमान जी प्रसन्न होतें है| हनुमान चालीसा पढ़ने से पहले एक बार प्रभु श्री राम का नाम अवश्य लेना चाहिए| मान्यता है कि जब भी हनुमान जी की पूजा के पहले श्री राम का नाम लिया जाता है तो हनुमान जी प्रसन्न होते है और सारी मनोकामनाएं पूर्ण करते है क्योकि हनुमान जी प्रभु श्री राम के अनुयायी है| हनुमान चालीसा पाठ करते समय एक तुलसी की माला ले और पाठ करते हुए तीन से ग्यारह पाठ करें|
हनुमान चालीसा का पाठ करते समय किसी भी तरल पदार्थ पीने या कुछ भी खाने से बचें| ध्यान रहे कि जब भी आप हनुमान चालीसा कर रहे हो तब आपको किसी के भी द्वारा रोका ना जाए| पूजा के पश्चात हनुमान जी को भोग लगाएं फिर जरूरतमंदों को बूंदी चूरमा खिलाएं |
हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमान जी अपने भक्तों को नकारात्मक शक्ति और जीवन में चल रही हर दुविधा से मुक्ति दिलाते है| हनुमान चालीसा का पाठ विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार के दिन कोई भी व्यक्ति कर सकता है| इन दिनों हनुमान जी के मंदिर जाने की सलाह दी जाती है|
आज हम आपको आपके घर में हनुमान चालीसा पाठ का जाप करने के फायदे बताने जा रहे हैं:
हालांकि, किसी भी समय भगवान की पूजा करना आपको कठिनाइयों, समस्याओं, तनाव और नकारात्मक ऊर्जाओं से हमेंशा बचाता है। जैसा कि आपने हनुमान चालीसा पाठ पढ़ने के लाभ और चरण पढ़े हैं। अब आप सभी इससे अवगत हो चुके हैं| अपनी सभी चिंताओं से मुक्ति पाने के लिए संकट मोचन वीर हनुमान को हमेशा याद रखें। हनुमान हवन के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ करने से भगवान का आशीर्वाद, खुशी, आत्मविश्वास और भयमुक्त जीवन मिलता है। हनुमान जी आर्थिक और कर्ज संबंधी समस्याओं से भी मुक्ति दिलाते हैं।
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Q.भगवान हनुमान कौन हैं?
A.भगवान हनुमान एक वानर देवता हैं जो भगवान राम के सबसे शक्तिशाली और उत्साही अनुयायी हैं। और उन्हें शिव का प्रकट रूप और ग्यारहवां रुद्र रूप माना जाता है।
Q.भगवान हनुमान का दूसरा नाम क्या है व इसका अर्थ क्या है?
A.हनुमान जी का दूसरा नाम संकट मोचन भी है जिसका अर्थ होता है – पीड़ा को दूर कने वाला|
Q.1 दिन में कितनी बार हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए?
A.हनुमान चालीसा का पाठ कितनी भी बार किया जा सकता है लेकिन तुलसीदास के ने बताया है कि घोर विपत्ति में हनुमान चालीसा का प्रतिदिन 100 बार पाठ करना चाहिए|
Q.क्या भगवान हनुमान जी आज भी जीवित है?
A.पौराणिक कथाओं के अनुसार हनुमान जी 8 चिरंजीवियों में से एक है| लोगों का मानना है कि वे आज भी इस धरती पर जीवित है|