Purnabrahma Stotram in Sanskrit: पूर्णब्रह्म स्तोत्रम् अर्थ सहित
पूर्णब्रह्म स्तोत्रम् भगवान जगन्नाथ अर्थार्थ जग के नाथ को समर्पित एक मधुर और सुंदर भजन है। भगवान जगन्नाथ, जो पूर्णब्रह्म…
अच्युतस्याष्टकम् (Achyutam Keshavam Lyrics) मंत्र का जाप भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है| अष्टकम शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ होता है आठ| अच्युतस्याष्टकम् (Achyutam Keshavam Lyrics) एक ऐसा स्तोत्र या मंत्र है जो कि भगवान विष्णु को समर्पित किया जाता है| इस अच्युतस्याष्टकम् (Achyutam Keshavam Lyrics) स्तोत्र की रचना आदि शंकराचार्य जी के द्वारा की गई थी|
भगवान विष्णु की पूजा करने के पश्चात इस अच्युतस्याष्टकम् (Achyutashtakam) स्तोत्र का जाप जातकों के लिए बहुत ही लाभकारी सिद्ध होता है| माना जाता है कि जिन व्यक्तियों को पूर्ण मेहनत के पश्चात भी सफलता प्राप्त नहीं हो रही हो तो उन्हें इस अच्युतस्याष्टकम् (Achyutashtakam) स्तोत्र का पाठ प्रतिदिन करना चाहिए| आइये जानते है अच्युतस्याष्टकम् (Achyutam Keshavam Lyrics) स्तोत्र के लिरिक्स के बारे में|
इसी के साथ यदि आप शिव तांडव स्तोत्रम [Shiv Tandav Stotram], यमुना जी की आरती [Yamuna Ji Aarti], या निर्वाण षट्कम [Nirvana Shatakam] आदि भिन्न-भिन्न प्रकार की आरतियाँ, चालीसा व व्रत कथा पढना चाहते है तो आप हमारी वेबसाइट 99Pandit पर विजिट कर सकते है|
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|| अच्युतस्याष्टकम् ||
अच्युतं केशवं रामनारायणं
कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम् ।
श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं
जानकीनायकं रामचंद्रं भजे ॥1॥
अच्युतं केशवं सत्यभामाधवं
माधवं श्रीधरं राधिकाराधितम् ।
इन्दिरामन्दिरं चेतसा सुन्दरं
देवकीनन्दनं नन्दजं सन्दधे ॥२॥
विष्णवे जिष्णवे शाङ्खिने चक्रिणे
रुक्मिणिरागिणे जानकीजानये ।
बल्लवीवल्लभायार्चितायात्मने
कंसविध्वंसिने वंशिने ते नमः ॥३॥
कृष्ण गोविन्द हे राम नारायण
श्रीपते वासुदेवाजित श्रीनिधे ।
अच्युतानन्त हे माधवाधोक्षज
द्वारकानायक द्रौपदीरक्षक ॥४॥
राक्षसक्षोभितः सीतया शोभितो
दण्डकारण्यभूपुण्यताकारणः ।
लक्ष्मणेनान्वितो वानरौः सेवितोऽगस्तसम्पूजितो
राघव पातु माम् ॥५॥
धेनुकारिष्टकानिष्टकृद्द्वेषिहा
केशिहा कंसहृद्वंशिकावादकः ।
पूतनाकोपकःसूरजाखेलनो
बालगोपालकः पातु मां सर्वदा ॥६॥
विद्युदुद्योतवत्प्रस्फुरद्वाससं
प्रावृडम्भोदवत्प्रोल्लसद्विग्रहम् ।
वन्यया मालया शोभितोरःस्थलं
लोहिताङ्घ्रिद्वयं वारिजाक्षं भजे ॥७॥
कुञ्चितैः कुन्तलैर्भ्राजमानाननं
रत्नमौलिं लसत्कुण्डलं गण्डयोः ।
हारकेयूरकं कङ्कणप्रोज्ज्वलं
किङ्किणीमञ्जुलं श्यामलं तं भजे ॥८॥
अच्युतस्याष्टकं यः पठेदिष्टदं
प्रेमतः प्रत्यहं पूरुषः सस्पृहम् ।
वृत्ततः सुन्दरं कर्तृविश्वम्भरस्तस्य
वश्यो हरिर्जायते सत्वरम् ॥९॥
श्री शङ्कराचार्य कृतं!
|| Achyutashtakam ||
Achyutam Keshavam Ram Narayanam,
Krishna Damodaram Vasudevam Harim.
Shreedharam Madhavam Gopika-Vallabham,
Janaki-nayakam Ramachandram Bhaje.
Achyutam Keshavam Satyabhamadhavam,
Madhavam Shreedharam Radhikaradhitam.
Indiramandiram Chetasa Sundaram,
Devakinandanam Nandajam Sandadhe.
Vishnave Jishnave Shankhine Chakrine,
Rukmini-ragine Janaki-janaye.
Ballavivalabhaya Architaya Atmane,
Kansavidhvamsine Vanshine Te Namah.
Krishna Govind Hey Ram Narayan,
Shri-pate Vasudevajit Shreenidhe.
Achyutanant Hey Madhavadhokshaj,
Dwarakanayak Draupadi-rakshak.
Rakshasakshobhitah Sitaya Shobhito,
Dandakaranyabhupunyatakaranah.
Lakshmanena-anvito Vanarauh Sevito Agastya-sampujito,
Raghav Patu Maam.
Dhenuka Arissttaka Anisstta Krd Dvessihaa
Keshihaa Kamsa Hrd Vamshikaa Vaadakah
Puutanaa Kopakah Suura Jaa Khelano
Baala Gopaalakah Paatu Maam Sarvadaa
Vidyud Udyota Vat Prasphurad Vaasasam
Praavrdd Ambhoda Vat Prollasad Vigraham
Vanyayaa Maalayaa Shobhito rahsthalam
Lohita Angghri Dvayam Vaarija Akssam Bhaje
Kunjitaih kuntalairbhrajamanananam,
Ratna maulim lasat kundalam gandayoh.
Haarakeyurakam kankṇaprojjvalam,
Kingkini manjulam shyamalam tam bhaje.
Achyutasya ashtakam yah pathedistadam,
Prematah pratyaham purushah saspriham.
Vrittatah sundaram kartur vishwambarasya,
Vashyo harirjayate satvaram.
Shree Shankaracharya kritam!
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