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आज इस लेख के माध्यम से हम आपको भगवान श्री कृष्ण द्वारा प्रेरक उद्धरण (Krishna Motivational Quotes in Hindi) के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। श्री कृष्ण को भगवान विष्णु के 8वें अवतार के रूप में जाना जाता है। श्री कृष्ण ने हमेशा ही अपने ज्ञान के माध्यम लोगों को उत्साहित व प्रेरित किया है।
जिसका सबसे बड़ा उदाहरण भगवद गीता है। कहा जाता है कि मनुष्य के जीवन में हो रही समस्त परेशानियों का हल भगवद गीता में मौजूद है। आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे उद्देश्यों के बारे में बताएँगे जो साक्षात् भगवान श्री कृष्ण के द्वारा दिए गए है।
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1. श्री कृष्ण कहते हैं कि मनुष्य को अपने मन को बार-बार यही समझाना चाहिए कि ईश्वर के अलावा उसका इस दुनिया में और कोई नहीं है।
2. अहंकार उस समय उत्पन्न होता है,जब हम यह भूल जाते है कि प्रशंसा हमारी नहीं हमारे गुणों की की जा रही है।
3. भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि परिवर्तन ही इस संसार का नियम है कल जो किसी और का था आज वो तुम्हारा है और कल किसी और का होगा।
4. कल की चिंता मत करो। जिस ईश्वर ने आजतक तुम्हे संभाला है, वह आगे भी संभाल लेगा।
5. आप वही बन जाते है जिसमे आपको विश्वास है कि आप बन सकते है।
6. जो कुछ भी तुम्हारे साथ हुआ है अच्छे के लिए ही हुआ है और जो हो रहा है अच्छे के लिए हो रहा है एवं जो आगे होगा वो भी अच्छे के लिए ही होगा।
7. श्री कृष्ण कहते है कि बुरे कर्म करने नहीं पड़ते हो जाते है, और अच्छे कर्म होते नहीं करने पड़ते है।
8. यदि मनुष्य शिक्षा से पहले संस्कार, व्यापार से पहले व्यवहार तथा भगवान से पहले माता-पिता को पहचान ले तो उसके जीवन में कभी कोई परेशानी ही नहीं होगी।
9. भगवान श्री कृष्ण कहते है कि इस संसार मे सब कुछ समाप्त होने जैसा कुछ नही होता है, सदैव एक नई शुरुआत हमारी प्रतिक्षा कर रही होती है।
10. अगर जीवन में कभी अवसर मिले तो किसी के सारथी बनना न कि स्वार्थी।
1. धर्म की पहचान कर्म से होती है, कर्म के बिना धर्म की कोई परिभाषा नहीं है।
2. भगवान श्री कृष्ण कहते है कि आत्मा सदैव अमर है इसलिए मरने चिंता कभी मत करों।
3. अपना मन हमेशा कार्य पर लगाओं, इसके परिणाम या इनाम पर नहीं।
4. श्री कृष्ण कहते है कि मैंने ही इस सृष्टि की रचना की है, मैं ही हूँ जो इसका पालन-पोषण करता है एवं मैं ही इस सृष्टि का विनाश करता हूँ।
5. लोग अक्सर सत्य कहने से डरते या बचते है परन्तु सत्य कभी भी छुप नहीं सकता है और न ही कभी मिट सकता है। सत्य को कितना भी छुपा लो, वह कभी न कभी तो उजागर हो ही जाएगा।
6. मौन रहना सबसे अच्छा उत्तर है ऐसे व्यक्ति के लिए, जिसके लिए आपके शब्दों का कोई महत्व नही है।
7. भगवान श्री कृष्ण कहते है कि जब जब इस संसार में धर्म की हार होगी एवं अधर्म की विजय होगी, तब तब मैं इस संसार में अवतार लूँगा और पुनः धर्म की स्थापना करूँगा।
8. मनुष्य की आस्था की परीक्षा उस समय होती है जब वह जो चाहे वो उसे न मिले और फिर भी उसके हृदय से भगवान के लिए धन्यवाद ही निकले।
9. जीवन हो या फिर युद्ध सफलता केवल तीन शास्त्रों से प्राप्त होती है – धैर्य, धर्म एवं साहस।
10. भगवान श्री कृष्ण कहते है कि जो मनुष्य अपने मन को नियंत्रित नहीं करते, मन उन्हें नियंत्रित कर लेता है और उनके के लिए वह शत्रु के समान ही कार्य करता है।
1. समय चाहे जैसा भी हो मनुष्य को सदा अपने परिवार के साथ ही रहना चाहिए। परिवार पर यदि सुख आता है तो वह बढ़ जाता है एवं दुःख आता है तो वह बट जाता है।
2. भगवान श्री कृष्ण कहते है कि अच्छे लोगों का साथ भगवान की कृपा से प्राप्त होता है किन्तु बुरी संगति में पड़ना मनुष्य के स्वयं के हाथ में ही होता है।
3. मनुष्य को सदैव अपनी वाणी पर संयम रखना चाहिए क्योंकि वाणी के द्वारा दिए गए घाव कभी नही भरते है।
4. किसी भी मनुष्य के जीवन में सुख-दुःख का आना, सर्दी-गर्मी आने जाने के समान होता है इसलिए हमें इन्हें सहन करना आना चाहिए।
5. भगवान श्री कृष्ण कहते है कि मैं हमेशा तुम्हारे साथ एवं तुम्हारे आस-पास ही रहता हूँ, चाहे तुम कुछ भी कर रहे हो।
6. कृष्ण कहते है यदि आप किसी व्यक्ति को छोटा देख रहे है तो आप या तो उसे दूर से देख रहे है या तो अपने भीतर के अहंकार से।
7. मनुष्य को जीवन में कभी निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि कमज़ोर आपका वक्त होता है, आप नहीं।
8. जब मनुष्य अपनी ही इन्द्रियों के वश में होता है तो उसके जीवन में केवल परेशानियां ही आती है।
9. व्यक्ति अपने जीवन में उनके लिए शोक करता है जो इसके योग्य नहीं है, बुद्धिमान व्यक्ति किसी जीवित या मृत के लिए शोक नहीं करता है।
10. यदि आप किसी दुसरे से अच्छे की अपेक्षा करते है तो सामने वाले के साथ आप भी बुरा करके उसे निराश न करे।
1. आत्मा का अंतिम लक्ष्य होता है परमात्मा से मिल जाना।
2. भगवान श्री कृष्ण कहते है कि समय कभी रुकता नहीं है इसलिए आज यदि बुरा चल रहा है तो कल अवश्य अच्छा भी आएगा।
3. ‘मैं श्रेष्ठ हूँ’ यह आत्मविश्वास है किन्तु ‘केवल मैं ही श्रेष्ठ हूँ’ यह आपका अहंकार है।
4. श्री कृष्ण कहते है कि प्रेम हमेशा माफ़ी माँगना पसंद करता है किन्तु अहंकार सदैव माफ़ी सुनना पसंद करता है।
5. फल की इच्छा किये बिना अपना कर्म करते रहो।
6. जो बात सत्य पर आधारित होती है उसे करने, कहने एवं मानने में हमें कभी भयभीत नहीं होना चाहिए।
7. भगवान श्री कृष्ण कहते है कि किसी भी मनुष्य का जीवन उसके कर्मों के आधार पर चलता है, जैसे उसके कर्म होते है वैसा ही उसका जीवन होता है।
8. एक बार माफ़ करके अच्छे अवश्य बनो किन्तु उसी व्यक्ति पर पुनः विश्वास करके मुर्ख नहीं मत बनो।
9. धर्म केवल हमे मार्ग दिखाता है किन्तु मंजिल पर तो हमे कर्म ही पहुंचाता है।
10. जिस व्यक्ति को हारने या जीतने से कोई प्रभाव नही पड़ता, ऐसा व्यक्ति दूसरों की जीत में भी खुशियाँ मनाता है।
1. भगवान श्री कृष्ण कहते है कि जो व्यक्ति अपनी संपूर्ण इच्छाओं का त्याग कर देता है, मैं और मेरा की भावना तथा लालसा से मुक्त हो जाता है। उस व्यक्ति को शांति प्राप्त होती है।
2. यदि किसी ने आपको दुखी किया है तो बुरा मत मानना क्योंकि लोग अक्सर उसी पेड़ पर पत्थर मारते है, जिस पेड़ पर अधिक मीठे फल होते है।
3. जिस मनुष्य ने अपनी जवानी के समय बहुत पाप किये है, उसे बुढ़ापे में कभी नींद नहीं आती है।
4. मनुष्य के द्वारा जीवन में की गई हर गलती से सीख लेकर उसे पुनः न किया जाए तो उसे भगवान दंड नहीं क्षमा दान देते है।
5. भगवान श्री कृष्ण कहते है कि जिस व्यक्ति के चारों ओर सदैव नकारात्मक लोग रहते है, उस व्यक्ति का मंजिल से भटकना बिल्कुल तय होता है।
6. आत्मा देह को उसी प्रकार से त्याग देती है, जिस प्रकार मनुष्य अपने पुराने वस्त्र उतार कर नए वस्त्र धारण कर लेता है।
7. जो मार्ग आपके लिए भगवान ने खोला है, उसे कोई भी बंद नहीं कर सकता है।
8. श्री कृष्ण कहते है कि व्यक्ति को उसके कर्म उसी प्रकार ढूँढ लेते है, जिस प्रकार एक बछड़ा गायों के झुण्ड से अपनी माँ को ढूँढ लेता है।
9. क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है। यह मनुष्य के सोचने व समझने की शक्ति को नष्ट कर देता है। परिणामस्वरूप उस व्यक्ति के पतन में ज्यादा समय नहीं लगता है।
10. भगवान कहते है कि परिवर्तन ही इस सम्पूर्ण संसार में स्थाई है इसलिए मनुष्य को कभी भी परिवर्तन से घबराना नही चाहिए।
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