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सत्यनारायण आरती [Satyanarayan Aarti] भगवान विष्णु के रूप भगवान सत्यनारायण को समर्पित मानी जाती है| यदि आप घर में भगवान सत्यनारायण कथा का आयोजन करते है तो आपको कथा के पूर्ण होने के पश्चात सत्यनारायण आरती [Satyanarayan Aarti] का जाप अवश्य करना चाहिए| बिना सत्यनारायण आरती [Satyanarayan Aarti] के सत्यनारायण कथा को अधुरा माना जाता है| धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सत्यनारायण आरती [Satyanarayan Aarti] का पूर्ण भक्ति के साथ जाप करने से जीवन की परेशानियां, संकट व दुःख दूर हो जाते है| साथ ही इस सत्यनारायण आरती [Satyanarayan Aarti] का जाप करने से घर में हमेशा ही सुख-शांति बनी रहती है|
भगवान सत्यनारायण की विशेष कृपा पाने के लिए पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा करने के पश्चात सत्यनारायण आरती [Satyanarayan Aarti] का गान करने से भगवान सत्यनारायण बहुत प्रसन्न होते है तथा अपने भक्तों को सुख – समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते है| शास्त्रों में बताया गया है कि सत्यनारायण आरती [Satyanarayan Aarti] का जाप घर में करने से घर के वास्तु दोष दूर हो जाते है| भगवान सत्यनारायण की इस आरती को प्रतिदिन भी गाया जा सकता है लेकिन इसका भगवान सत्यनारायण पूजा के पश्चात जाप करना शुभ माना जाता है|
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|| सत्यनारायण आरती ||
जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
सत्यनारायण स्वामी,
जन पातक हरणा ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
रत्न जड़ित सिंहासन,
अद्भुत छवि राजै ।
नारद करत निराजन,
घण्टा ध्वनि बाजै ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
प्रकट भये कलि कारण,
द्विज को दर्श दियो ।
बूढ़ा ब्राह्मण बनकर,
कंचन महल कियो ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
दुर्बल भील कठारो,
जिन पर कृपा करी ।
चन्द्रचूड़ एक राजा,
तिनकी विपत्ति हरी ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
वैश्य मनोरथ पायो,
श्रद्धा तज दीन्ही ।
सो फल भोग्यो प्रभुजी,
फिर-स्तुति कीन्हीं ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
भाव भक्ति के कारण,
छिन-छिन रूप धरयो ।
श्रद्धा धारण कीन्हीं,
तिनको काज सरयो ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
ग्वाल-बाल संग राजा,
वन में भक्ति करी ।
मनवांछित फल दीन्हों,
दीनदयाल हरी ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
चढ़त प्रसाद सवायो,
कदली फल, मेवा ।
धूप दीप तुलसी से,
राजी सत्यदेवा ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
श्री सत्यनारायण जी की आरती,
जो कोई नर गावै ।
ऋद्धि-सिद्ध सुख-संपत्ति,
सहज रूप पावे ॥
जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
सत्यनारायण स्वामी,
जन पातक हरणा ॥
|| Satyanarayan Aarti ||
Jai Lakshmi Ramna,
Swami Jai Lakshmi Ramna |
Satyanarayan Swami,
Jan Paatak Harana ||
Om Jai Lakshmi Ramna,
Swami Jai Lakshmi Ramna |
Ratna Jadit Singhasan,
Adbhut Chhavi Raaje |
Naarad Karat Nirajan,
Ghanta Dhwani Baaje ||
Om Jai Lakshmi Ramna,
Swami Jai Lakshmi Ramna |
Prakat Bhaye Kali Kaaran,
Dwij Ko Darsh Diyo |
Budha Brahman Bankar,
Kanchan Mahal Kiyo ||
Om Jai Lakshmi Ramna,
Swami Jai Lakshmi Ramna |
Durbal Bheel Kathaaro,
Jin Par Kripa Kari |
Chandrachud Ek Raja,
Tinki Vipatti Hari ||
Om Jai Lakshmi Ramna,
Swami Jai Lakshmi Ramna |
Vaishya Manorath Paayo,
Shraddha Taj Dinhi |
Sau Phal Bhogyo Prabhuji,
Phir- Stuti Kinhi ||
Om Jai Lakshmi Ramna,
Swami Jai Lakshmi Ramna |
Bhaav Bhakti Ke Kaaran,
Chhin-Chhin Roop Dharayo |
Shraddha Dhaaran Kinhi,
Tinko Kaaj Sarayo ||
Om Jai Lakshmi Ramna,
Swami Jai Lakshmi Ramna |
Gwal-Bal Sang Raja,
Van Me Bhakti Kari |
Manvanchhit Phal Dinho,
Deendayal Hari ||
Om Jai Lakshmi Ramna,
Swami Jai Lakshmi Ramna |
Chadhat Prasad Savayo,
Kadali Phal, Meva |
Dhup Deep Tulsi Se,
Raaji Satyadeva ||
Om Jai Lakshmi Ramana,
Swami Jai Lakshmi Ramana.
Shri Satyanarayan Ji Ki Aarti,
Jo Koi Nar Gaave.
Riddhi-Siddh Sukh-Sampatti,
Sahaj Roop Paave.
Jai Lakshmi Ramana,
Swami Jai Lakshmi Ramana.
Satyanarayan Swami,
Jan Paatak Harana
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