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Aarti Harji Nandan Ki Lyrics: दादाजी की आरती

99Pandit Ji
Last Updated:December 11, 2023

दादाजी की आरती का जाप प्रतिदिन लाखों भक्तों के द्वारा किया जाता है| दादाजी हिन्दू धर्म के दाधिच समाज में पूजे जाने वाले बहुत ही प्रसिद्ध देवता है| माना जाता है कि दादाजी हनुमान जी के बहुत ही बड़े भक्त थे| दादाजी का जन्म राजस्थान के चुरू जिले में दाधिच ब्राह्मण श्री हरजीराम जी के घर में हुआ था| इनका नाम अखाराम जी था| कहा जाता था कि इनके चिमटे के स्पर्श करने तथा इनकी धुनी की भभूती मिलाने से जो कलवानी तैयार होती है| उसे अमृत के समान माना जाता है| इस दादाजी की आरती का जाप करने दादाजी अखाराम जी अपने भक्तों से बहुत प्रसन्न होते है तो आइये पढ़ते है दादाजी अखाराम जी यह पवित्र आरती |

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दादाजी की आरती

दादाजी की आरती | Dadaji Aarti Lyrics In Hindi

|| दादाजी की आरती ||

आरती हरजी नंदन की,
दधीचि कुल गौरव संतन की ||

गले में तुलसी की माला |
चिमटा रतन जडित वाला |
भाल पर तिलक गंध आला |
खडाऊ चन्दन, काटते फंदन, करे हम वंदन,
पितामह कष्टनिकंदन की |
दधीचि कुल गौरव संतन की ||1 ||

रेशमी पीताम्बर सोहे |
इंदु सम मुख मंडल मोहे |
कमल सम नेत्र धनुष भोंहे |
प्रभु का भजन, ध्यान में मगन, मरुत सुत लगन,
पवन सुत किंकर संतन की |
दधीचि कुल गौरव संतन की ||2 ||

शोभित ब्रह्मसूत्र दाता |
नाम अखाराम सुखदाता |
स्मरण से नवनिधिया पाता |
जीवू के भ्रात, सुमिरते प्रात, आप पितुमात,
तुम्हारे सेवक भक्तन की |
दधीचि कुल गौरव संतन की ||3 ||

परसाने सिगड़ी ज्योत दादा |
कटे विष भुत प्रेत व्याधा |
कलवाणी अमृत जो पाता |
तांती है नीकी, बभूति अमीसी, प्राण में रमीसी,
काटती भवभय बंघन की |
दधीचि कुल गौरव संतन की ||4 ||

पंचमी कृष्ण पक्ष सेवे |
मिठाई श्री फल ध्वजा मेवे |
झडूला युगल जात देवे |
हुकम का तनय, चंपा करे विनय, पौत्र की सुनिए,
श्री राम के पूजन वंदन की |
दधीचि कुल गौरव संतन की ||5 ||

दादाजी की आरती

Dadaji Aarti Lyrics In English | आरती हरजी नंदन की

|| Dadaji Ki Aarti ||

Aarti Harji Nandan Ki,
Dadhichi Kul Gaurav Santan Ki ||

Gale Mein Tulsi Ki Mala |
Chimta Ratan Jaddit Wala |
Bhaal Par Tilak Gandh Ala |
Khadau Chandan, Kaatte Fandan, Kare Hum Vandana,
Pitamah Kasht Nikandan Ki |
Dadhichi Kul Gaurav Santan Ki ||1 ||

Reshami Peetambar Sohe |
Indu Sam Mukh Mandal Mohe |
Kamal Sam Netra Dhanush Bhonkhe |
Prabhu Ka Bhajan, Dhyan Mein Magn, Marut Sut Lagan,
Pavan Sut Kinkar Santan Ki |
Dadhichi Kul Gaurav Santan Ki ||2 ||

Shobhit Brahmasutra Data |
Naam Akhaaram Sukhdata |
Smran Se Navanidhiya Pata |
Jeevu Ke Bhrat, Sumirate Praat, Aap Pitumaat,
Tumhare Sevak Bhaktan Ki |
Dadhichi Kul Gaurav Santan Ki ||3 ||

Parasane Sigri Jyot Dada |
Kate Vish Bhoot Pret Vyadha |
Kalvani Amrit Jo Pata |
Taanti Hai Neeki, Babhooti Ameesi, Pran Mein Ramesi,
Kaatti Bhavbhay Banghan Ki |
Dadhichi Kul Gaurav Santan Ki ||4 ||

Panchami Krishna Paksha Seve |
Mithai Shri Phal Dhvaja Meve |
Jhadoola Yugala Jaat Deve |
Hukam Ka Tanay, Champa Kare Vinay, Pautr Ki Suniye,
Shri Ram Ke Pujan Vandana Ki |
Dadhichi Kul Gaurav Santan Ki ||5 ||

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