Kankadhara Strot: जाने कनकधारा स्तोत्र का हिंदी अर्थ व महत्व
कनकधारा स्त्रोत (Kanakdhara Strot) एक ऐसे प्रार्थना है जो कि माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए की जाती है|…
Shiva Abhishekam: हिन्दू धर्म में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई विभिन्न प्रकार की पूजा की जाती है| उन्ही में से एक है शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) करना| माना जाता है कि समस्त देवतागणों में से भगवान शिव को प्रसन्न करना बहुत ही आसान है| इसी कारण उन्हें प्रसन्न करने के लिए भक्तों द्वारा शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) किया जाता है| जैसा कि आप सभी लोग जानते है सावन का महीना भगवान शंकर तथा माता पार्वती को समर्पित किया जाता है| हिन्दू धर्म में इस सावन के महीने को बहुत ही शुभ माना जाता है|
सावन के माह में शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) के लिए विभिन्न प्रकार की सामग्री का उपयोग होता है| अलग-अलग सामग्री द्वारा शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) करने से अलग-अलग ही लाभ प्राप्त होता है| शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) करने में प्रत्येक सामग्री का एक अलग ही महत्व है| आज इस लेख के माध्यम से हम आपको अलग-अलग सामग्री से शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) करने से होने वाले लाभ के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे| इसी के साथ हम राशि के अनुसार भी यह जानेंगे कि किस राशि के व्यक्ति को किस सामग्री से शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) करना चाहिए|
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सभी शिव भक्तों के द्वारा कभी न कभी शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) जरुर किया गया होगा| सनातन धर्म में शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) का बहुत ही बड़ा महत्व है| हिन्दू धर्म में यह माना जाता है कि अभिषेक करने से भगवान शिव अपने भक्तो से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते है तथा उन्हें मनचाहा वरदान प्रदान करते है| आज इस लेख में हम आपको बताएँगे कि शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) की शुरुआत किस प्रकार से हुई अर्थात शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) क्यों किया जाता है| साथ ही कथा के बारे में भी जानेंगे| प्रलय के कारण सभी महत्वपूर्ण रत्न व औषधियाँ समुंद्र में समा गयी| इन्हें पुनः प्राप्त करने के लिए भगवान विष्णु ने सभी देवताओं व दानवों को समुन्द्र मंथन का आदेश दिया|
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सबसे पहले समुद्र मंथन से एक विष की प्राप्ति हुई| यह कोई साधारण विष नहीं था, यह संसार का सबसे भयानक विष था| जिसका नाम हलाहल विष था| इसकी गंध के कारण सम्पूर्ण विश्व में हाहाकार मच गया| इसका कोई उपाय नहीं मिलने पर भगवान विष्णु ने सभी को भगवान शिव के समक्ष भेज दिया तथा उनसे जगत की रक्षा के लिए भिक्षा मांगी| इसके बाद भगवान शंकर ने सम्पूर्ण जगत की रक्षा हेतु उस विष को ग्रहण कर लिया| यह देख माँ पार्वती ने वह विष भगवान शिव के कंठ में ही रोक लिया| जिस कारण उनका कंठ नीला हो गया|
विष को ग्रहण करने के कारण भगवान शिव के शरीर का तापमान बढ़ गया| उन्हें कैलाश जैसे ठन्डे स्थान पर भी पसीना आने लगा| यह देखकर सभी देवताओं व दैत्यों ने उनका जल से अभिषेक किया| तभी से भगवान शंकर को जल चढ़ाया जाने लगा व तभी से शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) की भी शुरुआत हुई|
शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) भिन्न-भिन्न सामग्रियों से किया जाता है| आज हम आपको बताएँगे कि किस सामग्री से शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) करने पर किस फल की प्राप्ति होती है –
दूध धर्म तथा मन पर प्रभाव के दृष्टिकोण से सात्विक माना जाता है| इसमें भी सबसे पवित्र तथा शुद्ध गाय के दूध को माना जाता है| शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) में दूध का एक अलग ही महत्व होता है| कहा जाता है कि शिवलिंग का दूध से अभिषेक करने पर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है| सोमवार का दिन भगवान शिव को बहुत ही प्रिय है, इस दिन दूध का दान करने से जातक का चंद्रमा ग्रह मजबूत होता है|
देसी गाय के बिना मिलावट वाले दूध से शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) तथा रुद्राभिषेक करने से भक्तों की समस्त मनोकामनाएँ पूर्ण होती है| इसके अलावा भक्त जल के पात्र में थोडा दूध मिलाकर उससे शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) तथा रुद्राभिषेक करते है तो इससे उनका मानसिक तनाव कम होता है| इस बात का अवश्य ध्यान रखे कि भगवान शिव पर चढ़ने वाला दूध कच्चा हो|
इससे पहले हमने दूध से अभिषेक करने से होने वाले फल बारे में बताया| अब हम जानेंगे शहद से अभिषेक करने से क्या लाभ होता है| आपको बता दे कि भगवान शिव की सबसे पसंदीदा वस्तुओं में शहद को भी शामिल किया गया है| शहद से शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) करने का बहुत ही ख़ास महत्त्व बताया गया है| शहद से भगवान शिव का अभिषेक करने से जातक को सम्मान तथा जीवन में तरक्की प्राप्त होती है| इसके साथ ही शहद से शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) करने से शुक्र ग्रह से होने वाले दुष्प्रभाव समाप्त होते है|
लिंग पुराण में यह बताया गया है कि भगवान शिव के स्थान का दर्शन करना ही पुण्यदायी होता है| उससे सौ गुना फल स्पर्श करने से मिलता है| जल अभिषेक से सौ गुना फल दूध से अभिषेक करने से, दूध से हज़ार गुना दही से अभिषेक करने से, दही से सौ गुना शहद से अभिषेक करने से, तथा घी से शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) करने से अनंत गुना फल की प्राप्ति होती है| इसके अतिरिक्त घी से शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) करने से भगवान शिव अपने भक्तों मोक्ष प्रदान करते है| भगवान शिव के स्मरण मात्र से ही भक्तों की मनोकामनाएँ पूर्ण हो जाती है| इसी बीच घी से भगवान शिव का अभिषेक मनुष्यों के लिए बहुत ही लाभदायी सिद्ध होता है|
महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक किया जाता है| भगवान शिव को पंचामृत बहुत ही प्रिय है| माना जाता है सावन के महीने में पंचामृत द्वारा शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) करने से भक्तों को सौभाग्य की प्राप्ति होती है तथा उनकी समस्त मनोकानाएं भी पूर्ण होती है| सावन के माह में शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) करने का बहुत बड़ा महत्व है|
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सावन में भगवान शिव का अभिषेक करने से भय, रोग से छुटकारा मिलता है तथा धन की प्राप्ति होती है| पंचामृत को पांच अलग-अलग सामग्री दूध, दही, घी, शक्कर और शहद मिलाकर बनाया जाता है| शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) के लिए पंचामृत बनाते समय शुद्धता का ध्यान रखना भी बहुत आवश्यक है|
भगवान शिव का विभिन्न सामग्रियों से अभिषेक किया जाता है| इन्ही में दही भी शामिल है| जिन जातकों को संतान प्राप्त नहीं हो रही हो या आर्थिक तंगी से परेशान हो उन्हें भगवान शिव का दही से अभिषेक करना चाहिए| दही से भगवान शिव का अभिषेक करने से जातकों को संतान की प्राप्ति होती है तथा दही से रुद्राभिषेक करने से भवन तथा वाहन की प्राप्ति भी होती है| सावन के महीने में भगवान शिव का दही से अभिषेक करने से भक्तों को सौभाग्य की प्राप्ति होती है|
भगवान शिव का अभिषेक महाशिवरात्रि तथा सावन के महीने में करना जातकों के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है| महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर भगवान शिव का अभिषेक तिल के तेल से करने का बहुत महत्व है| इस दिन भगवान शिव का तिल के तेल से अभिषेक करने से महादेव अपने भक्तों से बहुत ही प्रसन्न होते है व उनकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती है| साथ ही इस दिन तिल के तेल से शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) करने से जातक के ज्ञान में भी वृद्धि होती है व उसके लिए शिक्षा के सभी मार्ग भी खुल जाते है|
हिन्दू धर्म में भगवान शिव के अभिषेक का बहुत ही ज्यादा महत्व है| विभिन्न प्रकार की सामग्रियों से शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) किया जाता है| इन्ही में चन्दन भी शामिल है| चंदन को पूजा की सबसे महत्वपूर्ण सामग्रियों में से एक माना जाता है| सावन के महीने में भगवान शिव का चंदन से अभिषेक करने पर जातक को सौभाग्य की प्राप्ति होती है| यह महादेव के सभी भक्तों के लिए शुभता का प्रतीक माना जाता है| चन्दन से भगवान शिव का अभिषेक करना जातकों के लिए अच्छा भाग्य लाता है तथा इससे जातक का स्वास्थ्य भी सदैव अच्छा बना रहता है|
हिन्दू धर्म में चावल को भी पूजन सामग्री की सूची में रखा जाता है| प्रत्येक पूजा सामग्री में चावल (अक्षत) अनिवार्य माना जाता है| इस कारण महाशिवरात्रि पर भगवान शिव का अभिषेक चावल के पाउडर से करने पर जातक की धन संबंधी सभी समस्याएं धीरे-धीरे समाप्त होने लगती है तथा चावल के पाउडर से शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) करने से व्यक्ति को हर प्रकार के कर्ज से मुक्ति प्राप्त होती है|
सावन के माह में भगवान शिव का अभिषेक करना भक्तों के लिए बहुत ही लाभदायक होता है| भगवान शिव का अभिषेक विभिन्न तरह की सामग्रियों से किया जाता है| इसमें नारियल के जल से शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) करना भी शामिल है| सावन के माह में शिवलिंग पर नारियल के जल से अभिषेक करने से भक्तों को नकारात्मकता एवं तनाव से छुटकारा मिलता है| इसी के साथ ही अच्छी संतान व सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है| नारियल के जल से अभिषेक करना जातक को शांत जीवन जीने में सहायता करता है|
नींबू का प्रयोग भी कई बार पूजा सामग्री के रूप में किया जाता है| इसी कारण नींबू के रस से भी भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है| नींबू के रस से शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) करने से भक्तों के मन से मृत्यु का डर समाप्त होता है| इसके अलावा नींबू के रस से शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) करने से स्वास्थ्य में भी लाभ होता है| इस अभिषेक को करने से व्यक्ति अपने डर पर नियंत्रण पा सकता है|
हिन्दू शास्त्रों में बताया गया है कि गन्ने के रस से भगवान शिव का सबसे उत्तम अभिषेक होता है| गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करना बहुत ही शुभ माना जाता है| प्राचीन समय में भक्तों द्वारा भगवान शिव से धन प्राप्ति की कामना हेतु गन्ने के रस से उनका अभिषेक किया जाता था| यदि आप भी गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करेंगे तो उनकी कृपा से आपको भी धन तथा एक बेहद स्वस्थ जीवन की प्राप्ति होगी|
भगवान शिव को सोमवार का दिन समर्पित किया गया है| इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से करने से शिवजी अपने भक्तों से प्रसन्न होते है| सोमवार के दिन भगवान शिव का जल से अभिषेक करने से भक्तों की समस्त मनोकामनाएँ पूर्ण होती है| इसके अतिरिक्त शिव जी को जल चढाने से मनुष्य को मानसिक शांति भी प्राप्त होती है| भगवान शिव की कृपा पाने के लिए प्रत्येक सोमवार के दिन शिवजी की पूजा करने के साथ-साथ महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना सबसे उत्तम उपाय माना जाता है|
जिस प्रकार अलग-अलग सामग्री से भगवान से उसी प्रकार के लाभ प्राप्त होते है| उसी प्रकार से यदि आप अपनी राशि के अनुसार शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) करते है तो यह आपके लिए और भी अधिक लाभदायक हो सकता है तो आइये जानते है किस राशि के व्यक्ति को किस प्रकार से शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) करना चाहिए –
इस राशि के जातकों को अपनी पूजा का अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए जल के पात्र में गुड़, गंगाजल, बिल्वपत्र एवं सुगंध मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए|
जिन व्यक्तियों की राशि वृषभ है, उन्हें भगवान शिव की कृपा पाने के लिए सावन के सोमवार वाले दिन शुद्ध दूध, घी तथा दही से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए|
इस राशि वाले शिव भक्तों को गन्ने के रस से अभिषेक करना बहुत ही लाभदायक होता है| इसलिए इन्हें सावन सोमवार को गन्ने के रस से शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) करना चाहिए| इससे उन्हें धन की प्राप्ति भी होगी|
कर्क राशि के जातकों को भगवान शंकर की कृपा पाने के सावन माह के प्रत्येक सोमवार के दिन भगवान शिव का घी से अभिषेक करना चाहिए|
इस राशि के सभी जातकों को भगवान शिव की कृपा पाने के लिए जल के पात्र में लाल पुष्प, काले तिल, गुड़ तथा शहद मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए|
जिन भी जातक की राशि कन्या है इन्हें सावन के पहले सोमवार के दिन गन्ने के रस में शहद को मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है|
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तुला राशि वाले जातकों को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए जल के पात्र में शहद, सुगंध तथा चमेली का तेल मिलाकर उससे भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए|
इन राशि के जातकों को अपनी पूजा का सम्पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए सावन सोमवार के दिन दूध, घी, दही, शहद इत्यादि से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए|
इस राशि के आराध्य देव भगवान शिव ही है| मकर राशि वाले भक्तों के लिए नारियल के जल से अभिषेक करना बहुत ही शुभ माना जाता है|
इस राशि के समस्त जातकों को भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सावन माह के प्रथम सोमवार को जल या दूध में हल्दी मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए|
इस राशि के जातक भी भगवान शिव को माना जाता है| इस राशि के भक्तों को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गंगाजल में सुगंध, काले तिल तथा शहद मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए|
मीन राशि के जातकों के लिए सबसे लाभदायक यही रहेगा कि वह सावन सोमवार के दिन दूध या जल में केसर मिलाकर उससे भगवान शिव का अभिषेक करें|
आज इस लेख के माध्यम हमने आपको बहुत सारी बातों के बारे में बताया| जैसे शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) विभिन्न सामग्री का उपयोग करके किया जाता है| उन सभी सामग्रियों से शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) करने का अलग महत्व है| इसके अलावा हमने विभिन्न राशियों के लिए अलग-अलग शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) की प्रक्रिया के बारे में बताया है| इसकी सहायता से आप अपनी राशि के अनुसार भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए उनकी पूजा कर सकते है| हिन्दू धर्म में बताया गया है कि भगवान शिव स्वभाव के बहुत ही भोले है| भगवान शंकर केवल एक लोटा जल से ही अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाते है|
आमतौर पर शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) एक लिंगम पर किया जाता है| अभिषेक शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है जो किसी भी भगवान को पवित्र स्नान कराने की भक्ति पूर्ण गतिविधि को दर्शाता है| जब आप शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) करते है तो उस समय आपका मन एकाग्र होता है| आपका सम्पूर्ण मन व हृदय भगवान शिव की छवि तथा दिव्य विचारों से भरा हुआ रहता है| शिव अभिषेक (Shiva Abhishekam) करते समय मनुष्य का अहंकार धीरे-धीरे नष्ट हो जाता है|
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Q.गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक क्यों किया जाता है?
A.भगवान शिव का अभिषेक गन्ने के रस से करने पर जातक को धन संबंधी कोई भी परेशानी नहीं होती है तथा उसके घर में लक्ष्मी जी निवास करती है|
Q.कुंभ राशि वाले भक्तों को किस प्रकार से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए ?
A.इन राशि वालों को गंगाजल में सुगंध, काले तिल, शहद आदि मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए|
Q.भगवान शिव किन राशियों के आराध्य देव माने जाते है?
A.कुंभ तथा मकर दोनों राशियों के आराध्य देव भगवान शिव ही है|
Q.कर्ज मुक्ति के लिए किस सामग्री से शिव अभिषेक किया जाता है?
A.चावल के पाउडर से भगवान शिव का अभिषेक करने पर जातक को कर्ज से मुक्ति प्राप्त होती है|
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