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सत्यनारायण आरती

Satyanarayan Aarti Lyrics: सत्यनारायण आरती – ॐ जय लक्ष्मी रमणा

99Pandit Ji
Last Updated:June 5, 2025

सत्यनारायण आरती (Satyanarayan Aarti Lyrics) भगवान विष्णु के रूप भगवान सत्यनारायण को समर्पित मानी जाती है। यदि आप घर में भगवान सत्यनारायण कथा का आयोजन करते है तो आपको कथा के पूर्ण होने के पश्चात सत्यनारायण आरती का जाप अवश्य करना चाहिए।

बिना सत्यनारायण आरती के सत्यनारायण कथा को अधुरा माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सत्यनारायण आरती का पूर्ण भक्ति के साथ जाप करने से जीवन की परेशानियां, संकट व दुःख दूर हो जाते है। साथ ही इस सत्यनारायण आरती का जाप करने से घर में हमेशा ही सुख-शांति बनी रहती है।

सत्यनारायण आरती

भगवान सत्यनारायण की विशेष कृपा पाने के लिए पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा करने के पश्चात सत्यनारायण आरती का गान करने से भगवान सत्यनारायण बहुत प्रसन्न होते है तथा अपने भक्तों को सुख – समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते है।

शास्त्रों में बताया गया है कि सत्यनारायण आरती (Satyanarayan Aarti Lyrics) का जाप घर में करने से घर के वास्तु दोष दूर हो जाते है। भगवान सत्यनारायण की इस आरती को प्रतिदिन भी गाया जा सकता है लेकिन इसका भगवान सत्यनारायण पूजा के पश्चात जाप करना शुभ माना जाता है।

सत्यनारायण आरती हिंदी में – Satyanarayan Ji Ki Aarti in Hindi

|| सत्यनारायण आरती ||

जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
सत्यनारायण स्वामी,
जन पातक हरणा ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

रत्‍‌न जड़ित सिंहासन,
अद्भुत छवि राजै ।
नारद करत निराजन,
घण्टा ध्वनि बाजै ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

प्रकट भये कलि कारण,
द्विज को दर्श दियो ।
बूढ़ा ब्राह्मण बनकर,
कंचन महल कियो ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

दुर्बल भील कठारो,
जिन पर कृपा करी ।
चन्द्रचूड़ एक राजा,
तिनकी विपत्ति हरी ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

वैश्य मनोरथ पायो,
श्रद्धा तज दीन्ही ।
सो फल भोग्यो प्रभुजी,
फिर-स्तुति कीन्हीं ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

भाव भक्ति के कारण,
छिन-छिन रूप धरयो ।
श्रद्धा धारण कीन्हीं,
तिनको काज सरयो ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

ग्वाल-बाल संग राजा,
वन में भक्ति करी ।
मनवांछित फल दीन्हों,
दीनदयाल हरी ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

चढ़त प्रसाद सवायो,
कदली फल, मेवा ।
धूप दीप तुलसी से,
राजी सत्यदेवा ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

श्री सत्यनारायण जी की आरती,
जो कोई नर गावै ।
ऋद्धि-सिद्ध सुख-संपत्ति,
सहज रूप पावे ॥

जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
सत्यनारायण स्वामी,
जन पातक हरणा ॥

सत्यनारायण आरती

Satyanarayan Aarti Lyrics In English |  Om Jai Lakshmi Ramna

|| Satyanarayan Aarti ||

Jai Lakshmi Ramna,
Swami Jai Lakshmi Ramna |
Satyanarayan Swami,
Jan Paatak Harana ||

Om Jai Lakshmi Ramna,
Swami Jai Lakshmi Ramna |

Ratna Jadit Singhasan,
Adbhut Chhavi Raaje |
Naarad Karat Nirajan,
Ghanta Dhwani Baaje ||

Om Jai Lakshmi Ramna,
Swami Jai Lakshmi Ramna |

Prakat Bhaye Kali Kaaran,
Dwij Ko Darsh Diyo |
Budha Brahman Bankar,
Kanchan Mahal Kiyo ||

Om Jai Lakshmi Ramna,
Swami Jai Lakshmi Ramna |

Durbal Bheel Kathaaro,
Jin Par Kripa Kari |
Chandrachud Ek Raja,
Tinki Vipatti Hari ||

Om Jai Lakshmi Ramna,
Swami Jai Lakshmi Ramna |

Vaishya Manorath Paayo,
Shraddha Taj Dinhi |
Sau Phal Bhogyo Prabhuji,
Phir- Stuti Kinhi ||

Om Jai Lakshmi Ramna,
Swami Jai Lakshmi Ramna |

Bhaav Bhakti Ke Kaaran,
Chhin-Chhin Roop Dharayo |
Shraddha Dhaaran Kinhi,
Tinko Kaaj Sarayo ||

Om Jai Lakshmi Ramna,
Swami Jai Lakshmi Ramna |

Gwal-Bal Sang Raja,
Van Me Bhakti Kari |
Manvanchhit Phal Dinho,
Deendayal Hari ||

Om Jai Lakshmi Ramna,
Swami Jai Lakshmi Ramna |

Chadhat Prasad Savayo,
Kadali Phal, Meva |
Dhup Deep Tulsi Se,
Raaji Satyadeva ||

Om Jai Lakshmi Ramana,
Swami Jai Lakshmi Ramana.

Shri Satyanarayan Ji Ki Aarti,
Jo Koi Nar Gaave.
Riddhi-Siddh Sukh-Sampatti,
Sahaj Roop Paave.

Jai Lakshmi Ramana,
Swami Jai Lakshmi Ramana.
Satyanarayan Swami,
Jan Paatak Harana

निष्कर्ष

आज इस लेख में हमने सत्यनारायण आरती (Satyanarayan Aarti Lyrics) के बारे में पढ़ा। यह आरती भगवान विष्णु के रूप सत्यनारायण भगवान की उपासना गाई जाती है। भगवान विष्णु को सम्पूर्ण जगत के पालनकर्ता के रूप में भी जाना जाता है।

आपको बता दे कि हिंदू धर्म में एकादशी का दिन भगवान विष्णु को ही समर्पित होता है। इस दिन भक्तों के द्वारा भगवान सत्यनारायण को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया जाता है। इसी के साथ सत्यनारायण व्रत कथा व आरती भी की जाती है।

इसी के साथ यदि आप ऑनलाइन किसी भी पूजा जैसे सत्यनारायण पूजा (Satyanarayan Puja), रुद्राभिषेक पूजा (Rudrabhishek Puja), महालक्ष्मी पूजा के लिए आप हमारी वेबसाइट 99Pandit की सहायता से ऑनलाइन पंडित (Online Pandit Booking) बहुत आसानी से बुक कर सकते है।

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