Shendur Lal Chadhayo Lyrics in Hindi: शेंदुर लाल चढ़ायो आरती
भगवान गणेश जी को बाधाओं को दूर करने वाला और सौभाग्य लाने वाला, कला व विज्ञान का संरक्षक और बुद्धि…
गायत्री माता आरती का जाप ज्ञान की देवी माता गायत्री को प्रसन्न करने तथा उनकी कृपा पाने के लिए किया जाता है| हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार गायत्री देवी एक ऐसी शक्ति है जिसकी कृपा यदि किसी मनुष्य के ऊपर हो तो वह अपनी जिंदगी में हमेशा सफलता को प्राप्त करता है| इस गायत्री माता चालीसा का जाप करने से मनुष्य को सद्बुद्धि की प्रेरणा मिलती है| जो भी मनुष्य गायत्री माता की शरण में आता है| उस व्यक्ति के जीवन में सदैव के लिए अंधकार मिट जाता है| आइये जानते है गायत्री माता आरती के बारे में |
इसके आलवा यदि आप ऑनलाइन किसी भी पूजा जैसे नामकरण पूजा (Namkaran Puja), सत्यनारायण पूजा (Satyanarayan Puja), तथा ऑफिस उद्घाटन पूजा (Office Opening Puja) के लिए आप हमारी वेबसाइट 99Pandit की सहायता से ऑनलाइन पंडित बहुत आसानी से बुक कर सकते है| इसी के साथ हमसे जुड़ने के लिए आप हमारे Whatsapp Channel – “Hindu Temples, Puja and Rituals” को भी Follow कर सकते है|
|| गायत्री माता आरती ||
जयति जय गायत्री माता,
जयति जय गायत्री माता ।
सत् मारग पर हमें चलाओ,
जो है सुखदाता ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
आदि शक्ति तुम अलख निरंजन जगपालक कर्त्री ।
दु:ख शोक, भय, क्लेश कलश दारिद्र दैन्य हत्री ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
ब्रह्म रूपिणी, प्रणात पालिन जगत धातृ अम्बे ।
भव भयहारी, जन-हितकारी, सुखदा जगदम्बे ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
भय हारिणी, भवतारिणी, अनघेअज आनन्द राशि ।
अविकारी, अखहरी, अविचलित, अमले, अविनाशी ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
कामधेनु सतचित आनन्द जय गंगा गीता ।
सविता की शाश्वती, शक्ति तुम सावित्री सीता ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
ऋग, यजु साम, अथर्व प्रणयनी, प्रणव महामहिमे ।
कुण्डलिनी सहस्त्र सुषुमन शोभा गुण गरिमे ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
स्वाहा, स्वधा, शची ब्रह्माणी राधा रुद्राणी ।
जय सतरूपा, वाणी, विद्या, कमला कल्याणी ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
जननी हम हैं दीन-हीन, दु:ख-दरिद्र के घेरे ।
यदपि कुटिल, कपटी कपूत तउ बालक हैं तेरे ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
स्नेहसनी करुणामय माता चरण शरण दीजै ।
विलख रहे हम शिशु सुत तेरे दया दृष्टि कीजै ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
काम, क्रोध, मद, लोभ, दम्भ, दुर्भाव द्वेष हरिये ।
शुद्ध बुद्धि निष्पाप हृदय मन को पवित्र करिये ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
जयति जय गायत्री माता,
जयति जय गायत्री माता ।
सत् मारग पर हमें चलाओ,
जो है सुखदाता ॥
|| Gayatri Mata Aarti ||
Jayati Jay Gayatri Mata,
Jayati Jay Gayatri Mata.
Sat marg par hamein chalao,
Jo hai sukhadata.
Jayati Jay Gayatri Mata.
Aadi Shakti tum alakh niranjan jagpalak kartri,
Dukh shok, bhay, klesh kalash daridra dainya hatri.
Jayati Jay Gayatri Mata.
Brahm rupini, pranaat paalin jagat dhatra ambe,
Bhav bhayahari, jan-hitkari, sukhda jagadambe.
Jayati Jay Gayatri Mata.
Bhay haarini, bhavtarini, anagheaj anand rashi,
Avikari, akhahari, avichalit, amale, avinashi.
Jayati Jay Gayatri Mata.
Kaamdhenu satchit anand Jay Ganga Gita,
Savita ki shasvati, shakti tum savitri sita.
Jayati Jay Gayatri Mata.
Ṛig, Yaju saam, Atharva pranyani, pranav mahamahime,
kundalini sahastra sudhuman shobha guna garime.
Jayati Jay Gayatri Mata.
Swaha, swadha, shachi brahmani radha rudrani,
Jay satrupa, vaani, vidhya, kamla kalyani.
Jayati Jay Gayatri Mata.
Janani ham hain din-hin, dukh-daridra ke ghere,
Yadapi kutila, kapati kaput tau balak hain tere.
Jayati Jay Gayatri Mata.
Snehasani karunamay mata charan sharan dije,
Vilakh rahe ham shisu sut tere daya drishti kije.
Jayati Jay Gayatri Mata.
Kam, krodh, mad, lobh, dambha, durbhav dvesha hariye,
Suddha buddhi nishpap hriday mana ko pavitra kariye.
Jayati Jay Gayatri Mata,
Jayati Jay Gayatri Mata.
Sat marg par hamein chalao,
Jo hai sukhdata.
Table Of Content