Jeev Ashtakam Lyrics in Hindi: जीव अष्टकम हिंदी अर्थ सहित
हरे कृष्ण ! जीव अष्टकम आठ संस्कृत छंदों (अष्ट = आठ, काम = छंद) का एक सेट है, जिसे अक्सर…
दादाजी चालीसा का जाप प्रतिदिन लाखों भक्तों के द्वारा किया जाता है| दादाजी हिन्दू धर्म के दाधिच समाज में पूजे जाने वाले बहुत ही प्रसिद्ध देवता है| माना जाता है कि दादाजी हनुमान जी के बहुत ही बड़े भक्त थे| दादाजी का जन्म राजस्थान के चुरू जिले में दाधिच ब्राह्मण श्री हरजीराम जी के घर में हुआ था| इनका नाम अखाराम जी था|
कहा जाता था कि इनके चिमटे के स्पर्श करने तथा इनकी धुनी की भभूती मिलाने से जो कलवानी तैयार होती है| उसे अमृत के समान माना जाता है| इस दादाजी चालीसा का जाप करने दादाजी अखाराम जी अपने भक्तों से बहुत प्रसन्न होते है तो आइये पढ़ते है दादाजी अखाराम जी यह पवित्र चालीसा |
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|| दादाजी चालीसा ||
|| दोहा ||
अक्षय तेरा कोष है, अक्षय तेरा नाम।
अक्षय पलकें खोल दे, अक्षय दे वरदान।
|| चौपाई ||
जय अक्षय हरजी सुत देवा। शीश नवायें, करते सेवा।।
जय मारुति सेवक सुखदायक। जय जय जय अंजनि सुत पायक।।
जय जय संत शिरोमणि दाता। जय जीवू बाई के भ्राता।।
जय हरजी सुत कीरति पावन। त्रिभुवन यश सब शोक नसावन।।
जय हनुमत चरणों के दासा। पूर्ण करो सब मन की आशा।।
जय तुम कींकर महावीर का। सरजीवन है किया नीर का।।
जय तुम पौत्रवंश सुखदायक। महावीर सेवक कुलनायक।।
संवत पन्द्रह सौ पचास में। भादव बदी पंचमी प्रात: में ।।
परसाणें से नाम ग्राम में । जन्मे प्रभुजी धरा धाम में।।
कृष्ण पक्ष शुभ घड़ी लग्न में। लियो जन्म हरजी आंगन में ।।
नाम दिया पिता ने अक्षा। सुमिरन से करते हो रक्षा।।
सरल नाम तव अखाराम है। करते सुमिरन सुबह शाम है।।
दिव्य ललाट केशर का टीका । कटी पीताम्बर सोहे निका।।
हाथ छड़ी गल माला सोहे। पंचरंग पाग भक्त मन मोहे।।
सुन्दर राजे गले जनेऊ। रेशम जामा, पगां खड़ाऊँ ।।
छड़ी चिमटा है विष हर्ता। दुखित जनों के पालन कर्ता ।।
तांती और भभूति नीकी। दलन रोग भव मुरि अमीसी ।।
डेरी माँई गऊ चराई। घूणी पर नभ वाणी सुनाई ।।
तपबल से कपि दर्शन पाया। मूरत ले परसाणे आया ।।
भानु दिशा मुख बजरंग कीन्हा। ध्रुव दिश देवल तुमको दीन्हा ।।
सन्मुख पीपल है बजरंग के। हरे खेजड़ी अवगुण चित्त के ।।
बेरी तरु की महिमा भारी। कफ दोषन को टारनहारी ।।
पोल एक पुरब मुख सोहे। मंदिर छवि भक्तन मन मोहे ।।
अमृत कुण्ड और धर्मशाल है। शुभ सुन्दर मन्दिर विशाल है ।।
पूनम, मंगल, शनिवार है। मंदिर दर्शन की बहार है ।।
रात्रि जागरण भजन सुनावै। जो सेवक मांगे सो ही पावै ।।
पौत्र, प्रपौत्र, बहू सब आते। कर दर्शन सब मंगल गाते ।।
श्री फल लड्डू भोग चढ़वे। मनवाँछित फल सो नर पावै ।।
द्वार पितामह के जो आवे । बिन मांगे सब कुछ पा जावे ।।
कृष्ण पक्ष पंचमी का मेला। कोई युगल भक्त अकेला।।
दादा तेरा अमर नाम है। प्रतिपल मुख पर राम राम है ।।
हुकमचंद सुत रामबगस के। विषधर गया पैर में डसके ।।
रोम रोम विष मूँजा फूटा। व्याकुल भए, धीरज मन छूटा ।।
जब कलवाणी दी तत्काला। जैसे तेल दिये बीच डाला ।।
ऐसे काज अनेकों सारे। ते मम ते नहीं जाये उचारे ।।
बैंडवा में भी आज बिराजे। अगणी गुमटी छापर राजे ।।
प्रात: सांय सिगड़ी के दर्शन। तापर लक्ष्मी होती परसन ।।
कर दे दादा वरद हस्त अब। अभय दान दीजे अक्षय तब ।।
कीड़ कांट प्रभु रक्षा करते । भूत-प्रेत भय व्याधा हरते ।।
देश विदेश जहाँ जो ध्यावे । चम्पा सुखद परम पद पावे ।।
|| दोहा ||
तुम हो दया निधान प्रभु, मैं मूरख अज्ञान।
भूल चूक सब क्षमा करो, पौत्र वंश तव जान।।
|| Dadaji Chalisa ||
|| Doha ||
Akshay tera kosh hai, Akshay tera naam.
Akshay palkein khol de, Akshay de varadan
|| Chaupai ||
Jay Akshay Harji Sut Deva | Sheesh Navaye, Karte Seva.
Jai Maruti Sevak Sukhdaayak | Jai Jai Jai Anjani Sut Paayak.
Jay Jai Sant Shiromani Data | Jai Jeevoo Baare Ke Bhrata.
Jai Harji Sut Keerti Pavan | Tribhuvan Yash Sab Shok Nasaavan.
Jay Hanumat Charanon Ke Daasa | Purn Karo Sab Man Ki Aasha.
Jai Tum Kinkar Mahaveer Ka | Sarjeevan Hai Kiya Neer Ka.
Jay Tum Pautravansh Sukhdaayak | Mahaveer Sevak Kulnaayak.
Sanvat Pandrah Sau Pachaas Mein | Bhadav Badi Panchami Praatah Mein.
Parasaane Se Naam Gram Mein | Janme Prabhuji Dhara Dhaam Mein.
Krishna Paksh Shubh Ghadi Lagn Mein | Liyo Janm Harji Aangan Mein.
Naam Diya Pita Ne Aksha | Smiran Se Karte Ho Raksha.
Saral Naam Tav Akharam Hai | Karte Smiran Subah Shaam Hai.
Divya Lalaat Keshar Ka Teeka | Kati Peetambar Sohe Nika.
Haath Chhadi Gale Maala Sohe | Panchrang Paag Bhakt Man Mohe.
Sundar Raaje Gale Janeu | Resham Jama, Pagaan Khadaaun.
Chhadi Chimta Hai Vish Harta | Dukhit Janon Ke Palan Karta.
Taanti Aur Bhavuti Neeki | Dalan Rog Bhav Muri Ameesi.
Deri Maai Gau Charaai | Ghooni Par Nabhi Vaani Sunaai.
Tapbal Se Kapi Darshan Paaya | Moorti Le Parasane Aaya.
Bhanu Disha Mukh Bajrang Keenha | Dhruv Disha Deval Tumko Deenha.
Sanmukh Peepal Hai Bajrang Ke | Hare Khejadi Avgun Chitt Ke.
Beri Taru Ki Mahima Bhari | Kaph Doshan Ko Taaranhaari.
Pol Ek Purab Mukh Sohe | Mandir Chhavi Bhakton Man Mohe.
Amrit Kund Aur Dharmashal Hai | Shubh Sundar Mandir Vishal Hai.
Poonam, Mangal, Shanivaar Hai | Mandir Darshan Ki Bahaar Hai.
Ratri Jaagran Bhajan Sunaave | Jo Sevak Maange Soi Paave.
Pautr, Prapautr, Bahu Sab Aate | Kar Darshan Sab Mangal Gaate.
Shri Phal Laddu Bhog Chadhave | Manvaanchhit Phal So Nar Paave.
Dwaar Pitamah Ke Jo Aave | Bin Maange Sab Kuch Pa Jaave.
Krishna Paksh Panchami Ka Mela | Koi Yugala Bhakt Akela.
Dada Tera Amar Naam Hai | Pratipal Mukh Par Raam Raam Hai.
Hukamchand Sut Raambaksh Ke | Vishadhar Gaya Pair Mein Daskhe.
Rom Rom Vish Munja Phoota | Vyaakul Bhaaye, Dheeraj Man Chhoota.
Jab Kalvaani Di Tatkaala | Jaise Tel Diye Beech Daala.
Aise Kaaj Aneko Saare | Te Mam Te Nahi Jaaye Uchaare.
Bandwa Mein Bhi Aaj Biraaje | Agni Gumti Chaapar Raaje.
Pratah Saanjh Sigdi Ke Darshan | Taapar Lakshmi Hoti Parasan.
Kar De Dada Varad Hast Ab | Abhay Daan Deeje Akshay Tab.
Keed Kaant Prabhu Raksha Karte | Bhoot-pret Bhay Vyadha Harate.
Desh Videsh Jahan Jo Dhyaave | Champa Sukhad Param Pad Paave.
|| Doha ||
Tum ho daya nidhan Prabhu, main moorkh agyaan.
Bhool chook sab kshama karo, pautra vansh tav jaan.
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