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एकादशी माता की आरती

Ekadashi Mata Ki Aarti: एकादशी माता की आरती (ओम जय एकादशी माता)

99Pandit Ji
Last Updated:April 10, 2025

एकादशी माता की आरती, एकादशी माता को समर्पित एक भक्ति अनुष्ठान है, जो एकादशी के दिन मनाया जाता है। भक्त भजन गाते हैं, दीप जलाते हैं और प्रार्थना करते हैं, आध्यात्मिक उत्थान और धार्मिक जीवन के लिए आशीर्वाद मांगते हैं। इस शुभ दिन पर आरती ईश्वर के प्रति समर्पण और भक्ति का प्रतीक है।

हिन्दू कैलेण्डर के अनुसार ग्यारहवीं तिथि को एकादशी कहते हैं। हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार माता एकादशी मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को उत्पन्न हुई थीं।

इस कारण इनका नाम उत्पन्ना एकादशी पड़ा। आज हम इस आर्टिकल के साथ जानेंगे एकादशी माता की आरती।

एकादशी माता की आरती

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Ekadashi Mata Ki Aarti in Hindi – एकादशी माता की आरती इन हिंदी

।। एकादशी माता की आरती ।।

ओम जय एकादशी माता, मैया जय जय एकादशी माता।
विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता ।।
ओम जय एकादशी माता।।

तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी ।
गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी ।।
ओम जय एकादशी…।।

मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी।
शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा, मुक्तिदाता बन आई।।
ओम जय एकादशी…।।

पौष के कृष्णपक्ष की, सफला नामक है,
शुक्लपक्ष में होय पुत्रदा, आनन्द अधिक रहै ।।
ओम जय एकादशी…।।

नाम षटतिला माघ मास में, कृष्णपक्ष आवै।
शुक्लपक्ष में जया, कहावै, विजय सदा पावै ।।
ओम जय एकादशी…।।

विजया फागुन कृष्णपक्ष में शुक्ला आमलकी,
पापमोचनी कृष्ण पक्ष में, चैत्र महाबलि की ।।
ओम जय एकादशी…।।

चैत्र शुक्ल में नाम कामदा, धन देने वाली,
नाम बरुथिनी कृष्णपक्ष में, वैसाख माह वाली ।।
ओम जय एकादशी…।।

शुक्ल पक्ष में होय मोहिनी अपरा ज्येष्ठ कृष्णपक्षी,
नाम निर्जला सब सुख करनी, शुक्लपक्ष रखी।।
ओम जय एकादशी…।।

योगिनी नाम आषाढ में जानों, कृष्णपक्ष करनी।
देवशयनी नाम कहायो, शुक्लपक्ष धरनी ।।
ओम जय एकादशी…।।

कामिका श्रावण मास में आवै, कृष्णपक्ष कहिए।
श्रावण शुक्ला होय पवित्रा आनन्द से रहिए।।
ओम जय एकादशी…।।

अजा भाद्रपद कृष्णपक्ष की, परिवर्तिनी शुक्ला।
इन्द्रा आश्चिन कृष्णपक्ष में, व्रत से भवसागर निकला।।
ओम जय एकादशी…।।

पापांकुशा है शुक्ल पक्ष में, आप हरनहारी।
रमा मास कार्तिक में आवै, सुखदायक भारी ।।
ओम जय एकादशी…।।

देवोत्थानी शुक्लपक्ष की, दुखनाशक मैया।
पावन मास में करूं विनती पार करो नैया ।।
ओम जय एकादशी…।।

परमा कृष्णपक्ष में होती, जन मंगल करनी।।
शुक्ल मास में होय पद्मिनी दुख दारिद्रय हरनी ।।
ओम जय एकादशी…।।

जो कोई आरती एकादशी की, भक्ति सहित गावै।
जन गुरदिता स्वर्ग का वासा, निश्चय वह पावै।।
ओम जय एकादशी…।।

एकादशी माता की आरती

Ekadashi Mata Ki Aarti in English – एकादशी माता की आरती इन इंग्लिश

॥ Ekadashi Mata Ki Aarti ॥

Om Jai Ekadashi, Jai Ekadashi,Jai Ekadashi Mata।
Vishnu Puja Vrat Ko Dharan Kar,Shakti Mukti Pata॥
Om Jai Ekadashi…॥

Tere Naam Ginau Devi,Bhakti Pradan Karni।
Gan Gaurav Ki Deni Mata,Shashtro Mein Varni॥
Om Jai Ekadashi…॥

Margashirsha Ke Krishnapaksha KiUtapanna Vishvatarini Janmi।
Shukla Paksha Mein Hui Mokshada,Muktidata Ban Aayi॥
Om Jai Ekadashi…॥

Paush Ke Krishnapaksha Ki Saphala Naamak Hai।
Shuklapaksha Mein Hoye Putrada,Anand Adhik Rahe॥
Om Jai Ekadashi…॥

Naam Shattila Magh Maas Mein,Krishnapaksha Aave।
Shuklapaksha Mein Jaya Kahave,Vijay Sada Pave॥
Om Jai Ekadashi…॥

Vijaya Phalguna Krishnapaksha MeinShukla Amalaki।
Papmochani Krishna Paksha MeinChaitra Mahabali Ki॥
Om Jai Ekadashi…॥

Chaitra Shukla Mein Naam Kamada,Dhan Dene Wali।
Naam Varuthini Krishna Paksha Mein,Vaishakha Maah Wali॥
Om Jai Ekadashi…॥

Shukla Paksha Mein HoyeMohini Apara Jyeshtha Krishnapakshi।
Naam Nirjala Sab Sukha Karni,Shuklapaksha Rakhi॥
Om Jai Ekadashi…॥

Yogini Naam Ashadha Mein Jano,Krishnapaksha Karni।
Devshayani Naam Kahayo,Shuklapaksha Dharani॥
Om Jai Ekadashi…॥

Kamika Shravan Maas Mein Aave,Krishnapaksha Kahiye।
Sharvan Shukla HoyePavitra Anand Se Rahiye॥
Om Jai Ekadashi…॥

Aja Bhadrapada Krishnapaksha Ki,Parivartini Shukla।
Indra Aashwin Krishnapaksha Mein,Vrat Se Bhavsagar Nikla॥
Om Jai Ekadashi…॥

Papankusha Hai Shukla Paksha Mein,Aap Haranahari।
Rama Maas Kartik Mein Aave,Sukhdayak Bhari॥
Om Jai Ekadashi…॥

Devotthani Shukla Paksha Ki,Dukhnashak Maiya।
Paavan Maas Mein Karu VinitiPaar Karo Naiya॥
Om Jai Ekadashi…॥

Parama Krishna Paksha Mein Hoti,Jana Mangal Karni।
Shukla Maas Mein hoye Padmini,Dukh Daridra Harni॥
Om Jai Ekadashi…॥

Jo Koi Aarti Ekadashi Ki,Bhakti Sahita Gaave।
Jan Gurdita Swarga Ka Vasa,Nishchay Vah Paave॥
Om Jai Ekadashi…॥

Mythological Story of Ekadashi Mata – एकादशी माता की पौराणिक कथा

सतयुग में ‘मुर‘ नामक एक बहुत शक्तिशाली दैत्य ने स्वर्ग पर अधिकार कर लिया था। देवराज इंद्र और देवताओं को स्वर्ग से निकाल दिया गया और वे पृथ्वी पर रहने लगे।

अपनी पराजय और अपमान से निराश होकर देवता भगवान शिव की शरण में गए। वहां पहुंचकर उन्होंने अपना दुखड़ा सुनाया। इंद्र की करुण प्रार्थना सुनकर भगवान शंकर ने उन्हें भगवान विष्णु के पास जाने को कहा।

यह सुनकर इंद्र आदि सभी देवता क्षीरसागर पहुंच गए। वहां वे भगवान विष्णु को अत्यंत शक्तिशाली और क्रूर राक्षस ‘मुर’ के आतंक की कथा सुनाते हैं। तथा भगवान विष्णु से रक्षा की प्रार्थना करते हैं।

भगवान विष्णु देवताओं को आश्वासन देते हैं कि वे शीघ्र ही मुर का वध कर देंगे और देवताओं को उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलाएंगे।

भगवान विष्णु और राक्षस मुर के बीच बहुत बड़ा युद्ध हुआ। युद्ध के दौरान भगवान विष्णु को नींद आ जाती है, इसलिए वे विश्राम करने के लिए एक गुफा में सो जाते हैं।

विष्णु भगवान को सोया हुआ देखकर मुर उन पर आक्रमण कर देता है। लेकिन इसी बीच भगवान विष्णु के शरीर से एक कन्या उत्पन्न होती है।

वह कन्या मुर से युद्ध करती है और उसका वध कर देती है। जब भगवान विष्णु की नींद खुलती है, तो उन्हें पता चलता है कि किस प्रकार कन्या ने मुर को मारकर उसकी रक्षा की है।

यह जानकर वे अत्यंत प्रसन्न होते हैं और कहते हैं कि चूंकि तुम मेरे गर्भ से एकादशी तिथि को उत्पन्न हुई हो, इसलिए तुम ‘उत्पन्ना एकादशी’ के नाम से प्रसिद्ध होओगी।

जो कोई इस तिथि को तुम्हारा व्रत करेगा और मेरा नाम लेते हुए तुम्हारी पूजा करेगा, उसके सभी दुख दूर हो जाएंगे और उसे मुक्ति मिल जाएगी। इस प्रकार सभी उत्पन्ना देवी को एकादशी माता के रूप में पूजने लगे।

निष्कर्ष

भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए एकादशी का दिन सबसे अच्छा माना जाता है। भगवान विष्णु से उत्पन्न हुए देवी उत्पन्ना का भी उत्पन्ना एकादशी के रूप में व्रत और पूजन किया जाता है।

देवी उत्पन्ना को एकादशी माता के नाम से भी जाना जाता है। एकादशी माता की आरती (Ekadashi Mata ki Aarti), भक्ति में डूबने का एक अनमोल साधन है|

इस एकादशी माता की आरती का गान करने से भक्तों के मन को शांति प्राप्त होती है| एकादशी माता की आरती और पूजा करने से पहले भक्त अन्न का त्याग करते हैं और सात्विक भोजन खाते हैं।

हम आशा करते हैं आपको यह जानकारी अच्छी लगेगी। ऐसे और भी आरती के लिरिक्स पढ़ने के लिए जुड़े रहें 99Pandit के साथ।

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