Shiva Panchakshara Stotram Lyrics: शिव पंचाक्षर स्तोत्रम् हिंदी अर्थ सहित
Shiva Panchakshara Stotram Lyrics: ऊँ नमः शिवाय ! भगवान शिव को देवों के देव महादेव कहा जाता है। जो भी…
हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार माँ दुर्गा जी की आरती (Durga Ji Ki Aarti) सामान्यतः शाम के समय तथा माँ दुर्गा की पूजा के शुभ समय पर की जाती है| कभी – कभी प्रारंभिक पूजा के पश्चात भी एक बार माँ दुर्गा जी की आरती (Durga Ji Ki Aarti) की जाती है|
देवी दुर्गा को शक्ति का रूप माना जाता है| इस वजह से इन तक पहुँचाना बहुत ही कठिन है| माँ दुर्गा इस सम्पूर्ण सृष्टि की सुरक्षा के लिए बुराई को नष्ट करती है| धार्मिक ग्रंथों के अनुसार माँ दुर्गा को ऊर्जा तथा शक्ति का परम स्रोत माना जाता है|
माँ दुर्गा जी की आरती (Durga Ji Ki Aarti) व्यक्ति के जीवन में सुकून तथा शांति लाने का बहुत ही अच्छा स्त्रोत है| दुर्गा माँ की आरती शुभ उत्सव तथा नकारात्मक ऊर्जा के अंत का ही प्रतीक मानी जाती है| माँ दुर्गा जी की आरती करने के बहुत सारे लाभ बताये जाते है| इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है माँ दुर्गा जी की आरती (Durga Ji Ki Aarti) का पूर्ण श्रद्धा के साथ जाप करने व्यक्ति मानसिक शांति की अनुभूति होती है|
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|| दुर्गा जी की आरती ||
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवरी॥
ॐ जय अम्बे गौरी।
मांग सिंदूर विराजत टीको मृगमदको।
उज्ज्वल से दोउ नैना चंद्रवदन नीको॥
ॐ जय अम्बे गौरी।
कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजे।
रक्त पुष्प गलमाला कंठन पर साजै॥
ॐ जय अम्बे गौरी।
केहरि वाहन राजत खड्ग खप्पर धारी।
सुर नर मुनि जन सेवत तिनके दुःख हारी॥
ॐ जय अम्बे गौरी।
कानन कुंडल शोभित नासाग्रे मोती।
कोटिक चंद्र दिवाकर सम राजत ज्योति॥
ॐ जय अम्बे गौरी।
शुंभ निशंभु बिदारे महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना निशदिन मदमाती॥
ॐ जय अम्बे गौरी।
चण्ड मुण्ड संहारे शोणित बीज हरे।
मधु कैटभ दोउ मारे सुर भयहीन करे॥
ॐ जय अम्बे गौरी।
ब्रम्हाणी रुद्राणी तुम कमला रानी।
आगम निगम बखानी तुम शिव पटरानी॥
ॐ जय अम्बे गौरी।
चौसंठ योगिनी गावत नृत्य करत भैरों।
बाजत ताल मृदंगा अरु डमरु॥
ॐ जय अम्बे गौरी।
तुम ही जग की माता तुम ही हो भरता |
भक्तन की दुख हरता सुख संपति करता॥
ॐ जय अम्बे गौरी।
भुजा चार अति शोभित वर मुद्रा धारी।
मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी॥
ॐ जय अम्बे गौरी।
कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती।
श्री मालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति॥
ॐ जय अम्बे गौरी।
श्री अंबे जी की आरती,जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी,सुख-संपति पावे ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवरी॥
ॐ जय अम्बे गौरी।
|| Durga Ji Ki Aarti ||
Jai Ambe Gauri Maiya,
Jai Shyama Gauri,
Nishdin Tumko Dhyaavat,
Hari Brahma Shivri ||
|| Jai Ambe Gauri ||
Mang Sindur Viraajat,
Tiko Mrigmadko,
Ujjvalse Se Dou Naina,
Chandravadan Niko ||
|| Jai Ambe Gauri ||
Kanak Saman Kalevar,
Raktambar Raje,
Rakta Pushpa Galmala,
Kanthan Par Saje ||
|| Jai Ambe Gauri ||
Kehari Vahan Rajat,
Khadg Khappar Dhari,
Sur Nar Munijan Sevat,
Tinke Dukhahari ||
|| Jai Ambe Gauri ||
Kanan Kundal Shobhit,
Nasagre Moti,
Kotik Chandra Divakar,
Samrajat Jyoti ||
|| Jai Ambe Gauri ||
Shumbh – Nishubh Bidare,
Mahishasur Ghati,
Dhumra – Vilochan Naina,
Nishdin Madmati ||
|| Jai Ambe Gauri ||
Chanda Munda Sanhaare,
Shonit Beej Hare,
Madhu Kaitabh Dou Mare,
Sur Bhayahin Kare ||
|| Jai Ambe Gauri ||
Brahmani Rudrani,
Tum Kamala Rani,
Aagam Nigam Bakhani,
Tum Shiv Patrani ||
|| Jai Ambe Gauri ||
Chaunsath Yogini Gavat,
Nritya Karat Bhairon,
Bajat Taal Mridanga,
Aur Bajat Damru ||
|| Jai Ambe Gauri ||
Tum Hi Jag Ki Mata,
Tum Hi Ho Bharta,
Bhaktan Ki Dukh Harta,
Sukh Sampati Karta ||
|| Jai Ambe Gauri ||
Bhuja Char Ati Shobhit,
Var Mudra Dhari,
Manvanchhit Phal Pavat,
Sevat Nar Nari ||
|| Jai Ambe Gauri ||
Kanchan Thal Virajat,
Agar Kapur Bati,
Shri Malketu Me Rajat,
Kotiratan Jyoti ||
|| Jai Ambe Gauri ||
Shri Ambe Ji Ki Aarti,
Jo Koi Nar Gaave,
Kahat Shivanand Swami,
Sukh Sampatti Paave ||
|| Jai Ambe Gauri ||
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