Purnabrahma Stotram in Sanskrit: पूर्णब्रह्म स्तोत्रम् अर्थ सहित
पूर्णब्रह्म स्तोत्रम् भगवान जगन्नाथ अर्थार्थ जग के नाथ को समर्पित एक मधुर और सुंदर भजन है। भगवान जगन्नाथ, जो पूर्णब्रह्म…
दुर्गा माता की आराधना करने के लिए दुर्गा चालीसा (Durga Chalisa Lyrics in Hindi) का पाठ बहुत ही श्रेष्ठ माना जाता है| हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि त्यौहार के नौ दिनों में दुर्गा चालीसा (Durga Chalisa Lyrics in Hindi) नियमित तथा पूर्ण श्रद्धा के साथ पाठ करने से शत्रुओं से छुटकारा मिलता है| दुर्गा चालीसा का पाठ करने से भक्तों के मन की सभी इच्छाएं माता दुर्गा पूर्ण कर देती है|
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार दुर्गा चालीसा का पाठ नवरात्रि के समय करना बहुत ही शुभ माना जाता है| माँ दुर्गा के जो भी भक्त नवरात्रि का उपवास करते है| उन्हें अपनी सभी मनोकामना को पूर्ण करने के लिए दुर्गा चालीसा (Durga Chalisa Lyrics in Hindi) का पाठ निश्चित रूप से करना चाहिए|
इसके अलावा यह भी माना जाता है कि दुर्गा चालीसा का जाप व्यक्ति के भीतर अध्यात्मिक तथा भावनात्मक दृष्टिकोण को जागृत करने में सहायता करता है| दुर्गा चालीसा (Durga Chalisa Lyrics in Hindi) का पाठ व्यक्ति को मानसिक शांति प्रदान करता है तथा मन में चल रहे अनावश्यक विचारों से भी मुक्ति दिलाता है|
ऐसा भी कहा जाता है कि दुर्गा चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के अन्दर सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है एवं बुरी शक्तियों से लड़ने के लिए ताकत मिलती है| दुर्गा चालीसा का पाठ भक्तों को सभी प्रकार की परेशानियों से बचाता है|
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|| दुर्गा चालीसा ||
नमो नमो दुर्गे सुख करनी ।
नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी ॥
निरंकार है ज्योति तुम्हारी ।
तिहूँ लोक फैली उजियारी ॥
शशि ललाट मुख महाविशाला ।
नेत्र लाल भृकुटि विकराला ॥
रूप मातु को अधिक सुहावे ।
दरश करत जन अति सुख पावे ॥
तुम संसार शक्ति लै कीना ।
पालन हेतु अन्न धन दीना ॥
अन्नपूर्णा हुई जग पाला ।
तुम ही आदि सुन्दरी बाला ॥
प्रलयकाल सब नाशन हारी ।
तुम गौरी शिवशंकर प्यारी ॥
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें ।
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें ॥
रूप सरस्वती को तुम धारा ।
दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा ॥
धरयो रूप नरसिंह को अम्बा ।
परगट भई फाड़कर खम्बा ॥
रक्षा करि प्रह्लाद बचायो ।
हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो ॥
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं ।
श्री नारायण अंग समाहीं ॥
क्षीरसिन्धु में करत विलासा ।
दयासिन्धु दीजै मन आसा ॥
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी ।
महिमा अमित न जात बखानी ॥
मातंगी अरु धूमावति माता ।
भुवनेश्वरी बगला सुख दाता ॥
श्री भैरव तारा जग तारिणी ।
छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी ॥
केहरि वाहन सोह भवानी ।
लांगुर वीर चलत अगवानी ॥
कर में खप्पर खड्ग विराजै ।
जाको देख काल डर भाजै ॥
सोहै अस्त्र और त्रिशूला ।
जाते उठत शत्रु हिय शूला ॥
नगरकोट में तुम्हीं विराजत ।
तिहुँलोक में डंका बाजत ॥
शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे ।
रक्तबीज शंखन संहारे ॥
महिषासुर नृप अति अभिमानी ।
जेहि अघ भार मही अकुलानी ॥
रूप कराल कालिका धारा ।
सेन सहित तुम तिहि संहारा ॥
परी गाढ़ सन्तन पर जब जब ।
भई सहाय मातु तुम तब तब ॥
अमरपुरी अरु बासव लोका ।
तब महिमा सब रहें अशोका ॥
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी ।
तुम्हें सदा पूजे नरनारी ॥
प्रेम भक्ति से जो यश गावैं ।
दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें ॥
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई ।
जन्ममरण ताकौ छुटि जाई ॥
जोगी सुर मुनि कहत पुकारी ।
योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी ॥
शंकर आचारज तप अति कीनो ।
काम अरु क्रोध जीति सब लीनो ॥
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को ।
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको ॥
शक्ति रूप का मरम न पायो ।
शक्ति गई तब मन पछितायो ॥
शरणागत हुई कीर्ति बखानी ।
जय जय जय जगदम्ब भवानी ॥
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा ।
दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा ॥
मोको मातु कष्ट अति घेरो ।
तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो ॥
आशा तृष्णा निपट सतावें ।
मोह मदादिक सब बिनशावें ॥
शत्रु नाश कीजै महारानी ।
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी ॥
करो कृपा हे मातु दयाला ।
ऋद्धि सिद्धि दै करहु निहाला ॥
जब लगि जिऊँ दया फल पाऊं ।
तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं ॥
श्री दुर्गा चालीसा जो कोई गावै ।
सब सुख भोग परमपद पावै ॥
देवीदास शरण निज जानी ।
कहु कृपा जगदम्ब भवानी ॥
|| दोहा ||
शरणागत रक्षा करे,
भक्त रहे निशंक ।
मैं आया तेरी शरण में,
मातु लिजिये अंक ॥
॥ इति श्री दुर्गा चालीसा ॥
|| Durga Chalisa ||
Namo Namo Durge Sukh Karni |
Namo Namo Ambe Dukh Harni ||
NIrankar Hai Jyoti Tumhari |
Tihun Lok Feli Ujiyari ||
Shashi Lalaat Mukh Maha Vishala |
Netra Lal Bhrikutee Vikrala ||
Roop Maatu Ko Adhik Suhaave |
Darshan Karat Jan Ati Sukh Paave ||
Tum Sansar Shakti Lai Keena |
Palan Hetu Anna Dhan Deena ||
Annapoorna Hui Jag Pala |
Tumhi Aadi Sundari Bala ||
Pralaykaal Sab Naashan Haari |
Tum Gauri Shiv Shankar Pyari ||
Shiv Yogi Tumhre Gun Gaavein |
Brahma Vishnu Tumhein Nit Dhyavein ||
Roop Saraswati Ko Tum Dhara |
De Subuddhi Rishi Munin Ubara ||
Dharyo Roop Narsingha Ko Amba |
Pragat Bhayi Phaad Kar Khamba ||
Raksha Kari Prahlaad Bachayo |
Hiranyaksha ko Swarg Pathayo ||
Laksmi Roop Dharo Jag Mahin |
Shree Narayan Anga Samahin ||
Ksheer Sindhu Mein Karat Vilasa |
Daya Sindhu Dije Man Aasa ||
Hingalaj Mein Tum Hi Bhawani |
Mahima Amit Na Jaat Bakhani ||
Matangi Aru Dhoomawati Mata |
Bhuvneshwari Bagala Sukhdata
Shree Bhairav Tara Jag Tarani |
Chhinna Bhala Bhava Dukh Nivarini ||
Kehri Vahan Soha Bhavani |
Laangur Veer Chalata Agavani ||
Kar Mein Khappar Khadaga Virajay |
Jako Dekh Kaal Dar Bhajey ||
Sohe Astra Aur Trishula |
Jaate Uthat Shatru Hiya Shoola ||
Nagarkot Mein Tumhi Virajat |
Tihun Lok Mein Danka Baajat ||
Shumbh – Nishumbh Daanv Tum Maare |
Rakta Beej Shankhan Sanhaare ||
Mahishasur Nrip Ati Abhimaani |
Jehi Agh Bhar Mahi Akulaani ||
Roop Karaal Kalika Dhara |
Sen Sahita Tum Tihin Sanhara ||
Pari Gaadh Santan Par Jab Jab |
Bhayi Sahay Matu Tum Tab Tab ||
Amarpuri Aru Baasav Lokaa |
Tab Mahima Sab Rahe Ashoka ||
Jwala Mein Hai Jyoti Tumhari |
Tumhein Sada Poojey Nar Nari ||
Prem Bhakti Se Jo Yash Gaave |
Dukh Daaridra Nikat Nahin Aave ||
Dhyaave Tumhein Jo Nar Man Layi |
Janma Maran Tako Chhouti Jaayi ||
Jogi Sur Muni Kahat Pukaari |
Yog Na Hoye Bina Shakti Tumhari ||
Shankar Aacharaj Tap Ati Keenho |
Kaam Aru Krodh Jeeti Sab Leenho ||
Nishidin Dhayn Dharo Shankar Ko |
Kahu Kaal Nahin Sumiron Tumko ||
Shakti Roop Ka Maram Na Payo |
Shakti Gayi Tab Man Pachitayo ||
Sharnagat Huyi Kirti Bakhani |
Jai Jai Jai Jagdamb Bhavani ||
Bhayi Prasann Aadi Jagadamba |
Dayi Shakti Nahin Keen Vilamba ||
Mauko Maatu Kashta Ati Ghero |
Tum Bin Kaun Harey Dukh Mero ||
Asha Trishna Nipat Satavein |
Moh Madadik Sab Binshaave ||
Shatru Nash Kijey Maharani |
Sumiron Ikchit Tumhein Bhavani ||
Karo Kripa Hey Maatu Dayala |
Riddhi Siddhi Dey Karahou Nihaala ||
Jab Lagi Jiyoun Daya Phal Paoun |
Tumhro Yash Mein Sada Sunaoun ||
Shree Durga Chalisa Jo Koi Gaave |
Sab Sukh Bhog Parampad Pave ||
Devidas Sharan Nij Jaani |
Kahun Kripa Jagadamb Bhavani ||
|| Doha ||
Sharanaagat Raksha Kare,
Bhakt Rahe Nishank ।
Main Aaya Teri Sharan Me,
Maatu Lijiye Ank ॥
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