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Gita Jayanti 2025: जाने गीता जयंती 2025 की शुभ तिथि व महत्व

Gita Jayanti 2025: जाने गीता जयंती 2025 की शुभ तिथि व महत्व

99Pandit Ji
Last Updated:November 13, 2025

गीता जयंती 2025 हिन्दू धर्म के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण त्यौहार माना जाता है| इस गीता जयंती 2025 [Gita Jayanti 2025] के पावन अवसर पर हिन्दू धार्मिक संस्कृति के सबसे पवित्र ग्रन्थ ‘श्रीमदभगवदगीता’ को सम्मान दिया जाता है|

हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार गीता जयंती 2025 [Gita Jayanti 2025] का यह पावन पर्व मार्गशीर्ष माह के 11वे दिन, यानी शुक्ल एकादशी को मनाया जाता है| श्रीमद भगवदगीता एक ऐसा ग्रन्थ है जो प्रत्येक मनुष्य के जीवन में बहुत ही बड़ा किरदार निभाती है|

Gita Jayanti 2025

पौराणिक कथाओं के अनुसार यह माना जाता है कि इसी दिन महाभारत का युद्ध प्रारंभ शुरू होने से पूर्व में कुरुक्षेत्र के युद्ध क्षेत्र में अर्जुन को भगवान श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था| इसलिए इस दिन को गीता जयंती के रूप में मनाया जाता है|

गीता में बताया गया है कि मनुष्य को दुःख, लालच तथा अज्ञानता को त्याग कर प्रत्येक परिस्थिति में धैर्य बनाये रखना चाहिए|

भारतीय संस्कृति में इस पवित्र ग्रन्थ श्रीमद्भगवद्गीता को केवल पुस्तक ना मानकर, अपने आप में ही सम्पूर्ण जीवन का स्वरुप माना गया है| इस धार्मिक ग्रन्थ में कुल 700 श्लोक है| जिनमे मनुष्य जीवन से संबंधित सभी बातों के बारे में बताया गया है|

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गीता जयंती 2025 शुभ तिथि – Gita Jayanti 2025 Specific Date

इस वर्ष गीता जयंती 2025 का पावन पर्व 01 दिसंबर 2025 को है| 

  • एकादशी तिथि प्रारंभ : 30 नवंबर 2025 को रात्रि 09:29 बजे से 
  • एकादशी तिथि समाप्त : 01 दिसंबर 2025 को शाम 07:01 बजे तक 

क्यों मनाया जाता है गीता जयंती का पावन पर्व – Why Celebrate Gita Jayanti  2025 Holy Festival

पौराणिक कथाओं के अनुसार यह माना जाता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में कुंती पुत्र अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था| इस गीता जयंती 2025 के पर्व को हिन्दू धर्म में मोक्षदा एकादशी के रूप में भी जाना जाता है|

आपको बता दे कि मोक्षदा एकादशी के दिन भक्तों के द्वारा गीता जी की आरती का भी उच्चारण किया जाता है| भगवदगीता पवित्र ग्रंथो का एक ऐसा हिस्सा है जिसमे कुल 18 अध्याय है|

इसमें 6 अध्याय कर्मयोग, 6 अध्याय ज्ञानयोग तथा आखिर के 6 अध्याय में भक्तियोग के बारे में उपदेश दिए गए है| मान्यताओं के अनुसार इस वर्ष गीता जयंती की 5157 वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी|

इसका तात्पर्य यह है कि भगवान श्री कृष्ण ने कुंती पुत्र अर्जुन को गीता का उपदेश आज से लगभग 5157 वर्ष पूर्व दिया था| जिसकी सहायता से अर्जुन के ज्ञानचक्षु खुले थे|

पौराणिक कथाओं के अनुसार यह माना जाता है कि इस पवित्र ग्रंथ भगवद्गीता की उत्पत्ति कलयुग की शुरुआत होने से लगभग 30 वर्ष पहले हुई थी|

श्रीमद भगवतगीता में कुल 18 अध्याय तथा 700 श्लोक है| इसी के साथ पुस्तक गीता को गीतोपनिषद के नाम से भी पहचाना जाता है| गीता जयंती का त्यौहार प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है|

इसी के साथ किसी भी प्रकार की पूजा के लिए पंडित जी को ऑनलाइन ही हमारी वेबसाइट 99Pandit से बहुत ही आसानी से बुक कर सकते है| इसके लिए आपको हमें आपकी सामान्य जानकारी प्रदान करनी होगी|

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गीता जयंती के लिए पूजा सामग्री – Puja Samagri

  • गंगाजल
  • कपड़े का टुकड़ा (लाल या पीला)
  • लकड़ी की चौकी
  • भगवान श्रीकृष्ण की तस्वीर
  • तेल
  • दीपक
  • हल्दी
  • चन्दन
  • कुमकुम
  • अक्षत (चावल)
  • पुष्प (फूल)
  • धूप
  • नैवेद्यम
  • गंधम

गीता जयंती 2025 की पूजा विधि – Puja Vidhi

इस वर्ष गीता जयंती के व्रत तथा पूजन करने के लिए एक अनुष्ठान निर्धारित किया गया है| जिसके बारे में आज हम आपको जानकारी देंगे कि किस प्रकार पूजा करने से आपको भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होगा –

गीता जयंती 2025

  • इसके लिए आपको जल्दी उठना होगा अगर हो सके तो ब्रह्म मुहूर्त में|
  • अब स्नान करे तथा साफ़ वस्त्रों को ही धारण करे|
  • फिर भगवान का ध्यान – योग करें तथा पूजा को सम्पूर्ण ईमानदारी से करने का संकल्प करें|
  • पूजा शुरू करने से पहले पूजा कक्ष के चारों ओर गंगाजल का छिडकाव अवश्य करें|
  • एक लकड़ी की चौकी रखे|
  • चौकी को लाल या फिर पीले रंग के कपड़े से अच्छे तरीके ढक दीजिये|
  • इसके पश्चात उस चौकी पर भगवान श्रीकृष्ण की तस्वीर को रखे|
  • अब तेल का दीपक जलाएं|
  • पूजा से पहले भगवान श्रीकृष्ण को हल्दी, चंदन व कुमकुम चढ़ाएं|
  • अब भगवद गीता को अच्छे तरीके से लाल कपड़े से ढक कर भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा के पास में रखे|
  • गीता पर हल्दी,चंदन व कुमकुम चढ़ाएं|
  • इसके बाद में हल्दी लगा हुआ चावल (अक्षत), उसके बाद दीपक, पुष्प, धूप तथा नैवेद्यम अर्पित करते है|
  • पूजा समाप्त होने के पश्चात गीता जी की आरती करना बहुत ही आवश्यक होता है|
  • इसके पश्चात हाथ जोड़कर इस पवित्र ग्रंथ को नमन करे तथा इसका पाठ करे| इस भगवदगीता का पाठ जातक के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता है|

भगवद्गीता के पथ का क्या महत्व है – Importance Of Bhagavad Gita

हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार माना जाता है कि भगवदगीता एक ऐसा धार्मिक ग्रन्थ में, जिसमे एक सम्पूर्ण सृष्टि के सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से बताया गया है|

इस धार्मिक पुस्तक के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण ने हमे जो उपदेश दिए है| वह बहुत ही आलौकिक तथा काफी प्रेरणादायक रहे है|

कहा जाता है कि जो भी भगवद्गीता को पूर्ण श्रद्धा के साथ पढता है| उसे आलौकिक ज्ञान, प्रकाश तथा अपार आनंद की प्राप्ति होती है|

वैदिक पुराणों में भगवद्गीता की तुलना एक माँ से की जाती है जो किसी भी व्यक्ति के जीवन से सभी प्रकार की परेशानियों को दूर करके हर प्रकार के दुःख को दूर करती है|

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को यदि कोई व्यक्ति भगवत गीता का पाठ करता है तो उसे अपने पिछले जन्म में किये हुए सभी पापों से मुक्ति मिलती है तथा उस व्यक्ति पर भगवान श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है और जिस पर भगवान श्रीकृष्ण की कृपा हो| उसे सदा ही मोक्ष की प्राप्ति होती है|

गीता जयंती 2025 का कुरुक्षेत्र समारोह – Gita Jayanti 2025 Festival In Kurukshetra

गीता जयंती 2025 के इस पावन पर्व को हरियाणा राज्य के कुरुक्षेत्र में बहुत प्रसन्नता तथा हर्षोल्लास से मनाया जाता है|

इस त्यौहार के लिए प्रमुख स्थल होने के कारण कुरुक्षेत्र को बहुत ही धार्मिक भावनाओं तथा पवित्रताओं के साथ जोड़ा गया है| इसके अलावा कुरुक्षेत्र कई अन्य वजहों से भी जाना जाता है|

गीता जयंती 2025

जैसे कि कई पौराणिक ग्रन्थ ऋग्वेद, एवं सामवेद की रचना भी हरियाणा के कुरुक्षेत्र में की गई थी| आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सुप्रसिद्ध ऋषि मनु ने भी इसी भी स्थान पर मनुस्मृति की रचना की थी|

माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण के अलावा भी सिख गुरुओं और गौत्तम बुद्ध जैसे कई महान लोगों ने इस स्थान का दौरा किया है|

कुरुक्षेत्र में ही गीता जयंती के त्यौहार का आयोजन किया जाता है| सम्पूर्ण भारत से तीर्थयात्री एवं श्रद्धालुजन इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए हरियाणा के कुरुक्षेत्र इकठ्ठा होते है|

गीता जयंती 2025 के दिन भगवान श्रीकृष्ण के सभी भक्तों के द्वारा सन्निहित सरोवर तथा ब्रह्म सरोवर के पवित्र जल में स्नान किया जाता है|

इस समय पर बहुत ही भरी संख्या में धार्मिक गतिविधियों का आयोजन करने से वहां का सम्पूर्ण परिवेश आध्यात्मिक तथा पूर्ण रूप शुद्ध हो जाता है| यह त्यौहार लगभग एक सप्ताह तक चलता है|

जिसमे नृत्य प्रदर्शन, भगवद्गीता कथा वाचन, नाटक, भजन, पुस्तक प्रदर्शनियां, श्लोक पाठ तथा मुफ्त चिकित्सा सुविधा जैसे कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है|

आपको बता दे कि गीता जयंती का यह सम्पूर्ण समारोह कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड, जिला प्रशासन, हरियाणा पर्यटन, कला व सांस्कृतिक मामले विभाग हरियाणा के द्वारा आयोजित किया जाता है|

गीता पढ़ने के फायदे – Benefits Of Reading Gita Book

  • यदि कोई व्यक्ति प्रतिदिन गीता का पाठ करता है तो उसका मन हमेशा ही शांत रहता है तथा उस व्यक्ति के किसी कार्य में कोई बाधा नहीं आती है|
  • श्री भगवत गीता का पाठ करने से व्यक्ति काम, क्रोध तथा मोह मुक्त हो जाता है| जिससे उन्हें आगे जाकर मोक्ष की प्राप्ति होती है|
  • अगर किसी व्यक्ति का मन चलायमान है और वह अपने मन को नियंत्रित करना चाहता है तो उस व्यक्ति को प्रत्येक दिन पूर्ण श्रद्धा भाव से भगवत गीता का पाठ करना चाहिए|
  • भगवान श्रीकृष्ण ने आपको गीता के माध्यम से सच व झूठ का ज्ञान कराया है| जब आपको इस बारे में ज्ञान हो जाएगा| उस समय आप विजयी हो जाओगे|
  • जैसा आप जानते है कि अच्छे व बुरे की समझ व्यक्ति को परिपक्‍व बनाती है| श्री भगवद्गीता में आपको अच्छे तथा बुरे में बारे में बहुत ही गहराई से जानने को मिलेगा|
  • भगवद्गीता का पाठ करने से व्यक्ति के मन में आत्मविश्वास की बढ़ोतरी होती है|
  • गीता का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में हमेशा खुशहाली तथा सकारात्मकता बढ़ती है| सकारात्मक ऊर्जा व्यक्ति के जीवन में ऊर्जा का संचार करती है|

निष्कर्ष – Conclusion

आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से गीता जयंती 2025 के बारे में काफी बातें जानी है| आज हमने कुरुक्षेत्र में होने वाले गीता जयंती 2025 समारोह के बारे में भी जाना|

हम उम्मीद करते है कि हमारे द्वारा बताई गई जानकारी से आपको कोई ना कोई मदद मिली होगी| इसके अलावा भी अगर आप किसी और पूजा के बारे में जानकारी लेना चाहते है।

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