Krishnakriya Shatakam Lyrics: कृष्णक्रिया षटकम् – बिनिद्र जिवोहं गहन त्रासम्
जय श्री कृष्ण! कृष्णक्रिया षटकम् (Krishnakriya Shatakam Lyrics) भगवान कृष्ण को समर्पित एक भक्तिपूर्ण भजन है जो 6 छंदों से…
सनातन धर्म के समस्त पवित्र ग्रंथों में गुरु के भगवान से भी बड़ा दर्जा प्रदान किया गया है| इस कारण अपने गुरु देव की उपासना करने हेतु ही गुरु पादुका स्तोत्रम (Guru Paduka Stotram Lyrics) का जाप किया जाता है|
केवल गुरु ही होते है जो किसी व्यक्ति को सत्य का मार्ग दिखाते है| अपने गुरुओं की पूजा तथा उपासना करने हेतु हिन्दू धर्म में बहुत सारे मंत्र तथा स्तोत्र है किन्तु गुरु पादुका स्तोत्रम (Guru Paduka Stotram Lyrics) की एक अलग ही महिमा है|
इस प्रसिद्ध गुरु पादुका स्तोत्रम (Guru Paduka Stotram Lyrics) की रचना धर्म प्रवर्तक श्री आदि शंकराचार्य जी ने की थी| ऐसा माना जाता है कि जो भी इस गुरु पादुका स्तोत्रम (Guru Paduka Stotram Lyrics) का प्रतिदिन नियमित रूप से पाठ करता है, उससे गुरु बहुत ही जल्दी प्रसन्न होते है एवं शिष्यों को आशीर्वाद भी प्रदान करते है|
सभी पढ़ाई करने वाले बच्चों को इस गुरु पादुका स्तोत्रम (Guru Paduka Stotram Lyrics) का जाप अवश्य ही करना चाहिए तो आइये जानते है इस गुरु पादुका स्तोत्रम (Guru Paduka Stotram Lyrics) के बारे में|
इसी के साथ यदि आप किसी भी पूजा जैसे – रुद्राभिषेक पूजा (Rudrabhishek Puja), नवग्रह शांति पूजा (Navgraha Shanti Puja) एवं नामकरण पूजा (Namkaran Puja) के ऑनलाइन पंडितजी की खोज कर रहे है तो आपको बता दे कि 99Pandit के द्वारा आप किसी भी स्थान से ऑनलाइन पंडितजी बहुत ही आसानी से बुक कर सकते है| इसी के साथ हमसे जुड़ने के लिए आप Whatsapp पर भी हमसे संपर्क कर सकते है|
अनंतसंसार समुद्रतार नौकायिताभ्यां गुरुभक्तिदाभ्याम् ।
वैराग्यसाम्राज्यदपूजनाभ्यां नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ॥ 1 ॥
हिंदी अर्थ – मेरे गुरु की चरण पादुकाओं को मेरा नमन, जो कि एक नाव की भांति है| जो मुझे इस जीवन के अनंत सागर को पार करने में सहायता करती है, जो मुझे मेरे गुरु के प्रति समर्पण की भावना प्रदान करती है तथा जिनकी पूजा करने से मुझे त्याग का प्रभुत्व प्राप्त होता है|
कवित्ववाराशिनिशाकराभ्यां दौर्भाग्यदावां बुदमालिकाभ्याम् ।
दूरिकृतानम्र विपत्ततिभ्यां नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ॥ 2 ॥
हिंदी अर्थ – मेरे गुरु देव की पादुकाओं को प्रणाम, जो कि ज्ञान का सागर है| पूर्णिमा के चंद्रमा के समान है, जो जल है, जो कि दुर्भाग्य की अग्नि को बुझा देता है एवं उनके सामने झुकने वाले व्यक्ति के समस्त संकट को दूर कर देते है|
नता ययोः श्रीपतितां समीयुः कदाचिदप्याशु दरिद्रवर्याः।
मूकाश्र्च वाचस्पतितां हि ताभ्यां नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ॥ 3 ॥
हिंदी अर्थ – मेरे गुरुदेव की चरण पादुकाओं को मेरा प्रणाम, जो उसके समक्ष झुकने वाले व्यक्ति को धन का स्वामी बना देती है| भले वह कितने भी गरीब क्यों न हो| यह गूंगे व्यक्ति को भी महान वक्ता बना देती है|
नालीकनीकाश पदाहृताभ्यां नानाविमोहादि निवारिकाभ्यां ।
नमज्जनाभीष्टततिप्रदाभ्यां नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ॥ 4 ॥
हिंदी अर्थ – मेरे गुरु की पादुकाओं को नमस्कार, जो हमे हमारे गुरु के कमल समान चरणों की ओर आकर्षित करती है| जो हमे अवांछित इच्छाओं से मुक्ति प्रदान करती है तथा प्रणाम करने वालों की समस्त इच्छाओं को पूर्ण करने में सहायता करती है|
नृपालि मौलिव्रजरत्नकांति सरिद्विराजत् झषकन्यकाभ्यां ।
नृपत्वदाभ्यां नतलोकपंकते: नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ॥ 5 ॥
हिंदी अर्थ – जो राजा के मुकुट में स्थित रत्नों की भांति चमकते है, जो मगरमच्छों से भरे झरने में दासी भी भांति प्रतीत होते है और जो भक्तों को राजा का दर्जा प्रदान करवाते है| मेरे गुरु की उन पादुकाओं को मेरा प्रणाम|
पापांधकारार्क परंपराभ्यां तापत्रयाहींद्र खगेश्र्वराभ्यां ।
जाड्याब्धि संशोषण वाडवाभ्यां नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ॥ 6 ॥
हिंदी अर्थ – जो सूर्य की श्रृंखला के समान है व अंधकारमय समस्त पापों को दूर कर रही है| जो बाजों के राजा की भांति है, जो दुखों के नागों को दूर कर रहे है और जो अग्नि के समान अज्ञान के सागर को सुखा रहे है| मेरे गुरु के ऐसे चरण पादुकाओं को मेरा नमस्कार|
शमादिषट्क प्रदवैभवाभ्यां समाधिदान व्रतदीक्षिताभ्यां ।
रमाधवांध्रिस्थिरभक्तिदाभ्यां नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ॥ 7 ॥
हिंदी अर्थ – जो हमें शम की भांति छ: गुणों से संपन्न करती है| जो छात्रों को शाश्वत समाधि में जाने की क्षमता प्रदान करती है तथा जो भगवान विष्णु के चरणों में भक्ति प्राप्त करने में सहायता करती है| मेरे गुरु की चरण पादुकाओं को मेरा नमन है|
स्वार्चापराणां अखिलेष्टदाभ्यां स्वाहासहायाक्षधुरंधराभ्यां ।
स्वांताच्छभावप्रदपूजनाभ्यां नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ॥ 8 ॥
हिंदी अर्थ – मेरे गुरु की चरण पादुकाओं को नमस्कार है जो सेवा हेतु शिष्यों की सभी इच्छाएं पूर्ण करती है| जो सदा सेवा का बोझ उठाने में शामिल होती है एवं साधकों को प्राप्ति स्थिति में मदद करती है|
कामादिसर्प व्रजगारुडाभ्यां विवेकवैराग्य निधिप्रदाभ्यां ।
बोधप्रदाभ्यां दृतमोक्षदाभ्यां नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ॥ 9 ॥
हिंदी अर्थ – जो गरुड़ है, जो जूनून के सांप को दूर भगाती है| जो ज्ञान एवं त्याग का खजाना प्राप्त करते है| जो व्यक्ति को प्रबुद्ध ज्ञान का आशीर्वाद प्रदान करते है| मेरे गुरु की ऐसी पादुकाओं को मेरा प्रणाम है|
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