Krishna Janmashtami 2023 | कृष्ण जन्माष्टमी 2023: सही तिथि, शुभ मुहूर्त, और फायदे

Posted By: 99PanditJi
Posted On: September 1, 2023
Last Update On: September 9, 2023

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Krishna Janmashtami 2023: भारत देश अपनी संस्कृति और त्योहारों को खुशहाली के साथ मनाने के लिए विश्व भर में ही जाना जाता है। हमारे देश में सभी त्योहारों को काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है। हर वर्ष अलग – अलग प्रकार के त्योहारों को हर्षोल्लास से मनाया जाता है। हर माह में कोई न कोई सा त्यौहार हमारे भारत देश में आता ही रहता है। अभी जो त्यौहार आने वाला है उसका लोगो को काफी बेसब्री से इंतज़ार रहता है जी हां हम बात रहे है कृष्ण जन्माष्टमी 2023 की।

जिसका लोगो को काफी इंतज़ार रहता है। वर्तमान में भगवान श्री कृष्ण के भक्तों की संख्या काफी तेजी से बढ़ती जा रही है। लोग फिर से भक्ति के मार्ग पर लौट रहे है। हिन्दू धर्म के पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्ठमी को कृष्ण जन्माष्टमी 2023 का पावन त्यौहार मनाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर यह त्यौहार मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार अष्टमी के दिन रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री हरि विष्णु के अवतार भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था।

Krishna Janmashtami 2023 | कृष्ण जन्माष्टमी 2023

इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल्य रूप को पूजा जाता है। इस दिन महिलाएं और पुरुष दोनों ही उपवास रखते है और आधी रात्रि में यानी भगवान श्री कृष्ण के जन्म के पश्चात अपना उपवास खोला जाता है। मान्यता यह भी है कि जो भी पुरुष या महिला इस दिन उपवास करते है उन्हें भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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महिलाएं भगवान श्री कृष्ण से संतान प्राप्ति के लिए प्रार्थना करती है। इस दिन बाल गोपाल को प्रसन्न करने के लिए उनके लिए अनेक प्रकार के पकवान बनाए जाते है और बाल गोपाल को झूला झुलाया जाता है तथा भगवान से प्रार्थना की जाती है कि वो आपकी हर परिस्थिति में सहायता करें। तो आइये जानते है कि इस बार श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2023 कब और किस तरह से मनाई जाएगी और इसका शुभ मुहूर्त क्या रहेगा।

इस वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी 2023 की शुभ तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त होगा

तिथिमुहूर्त 
प्रारम्भ – 06 सितम्बर 2023दोपहर 03 बजकर 37 मिनट
समाप्त – 07 सितम्बर 2023शाम 04 बजकर 14 मिनट

 

कृष्ण जन्माष्टमी क्या है

कृष्ण जन्माष्टमी अगर आप भारत में रहते है ऐसा हो ही नहीं सकता कि आपको कृष्ण जन्माष्टमी के बारे में पता न हो। यह भारत देश में मनाये जाने वाले त्योहारों में से एक है जिसके बारे में हम आपको आज इस आर्टिकल के माध्यम से आपको पूर्ण रूप से जानकारी प्रदान करेंगे।

इस दिन को भगवान श्री हरि विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में भी जाना जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी को हर जगहों पर अलग – अलग तरीके से मनाकर भगवान श्री कृष्ण को खुश करने का प्रयास किया जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण के सभी मंदिरों फूलो और उनकी झांकियों से सजाया जाता है।

गोविन्द, गोपाल, और कान्हा जैसे अन्य 108 नामो से जाने गए भगवान कृष्ण ने अपनी लीला और मनमोहक रूप की वजह से लोगो के दिलो में अपनी एक छवि बना दी। श्री कृष्ण ने पृथ्वी पर एक साधारण मनुष्य के रूप में जन्म लेकर दुष्टों का संहार करके इस धरती को पाप से मुक्त किया था।

इसके अलावा भी ऐसे कई महान कार्य  है जिन्हें  भगवान श्री कृष्ण ने पापियों का अंत करने के लिए किया है इसलिए हमे भी उनसे सम्बंधित हर इतिहास को जानना जरूरी है। तो इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको श्री कृष्ण के जन्म से जुड़ी हर जानकारी देने की कोशिश करेंगे।

कृष्ण जन्माष्टमी का ये पावन पर्व हर हिन्दू धर्म के लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण की बाल गोपाल रूप की पूजा की जाती है और भगवान से सुख – समृद्धि और संतान प्राप्ति के लिए प्रार्थना की जाती है। श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को कृष्ण जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन भगवान को खुश करने के लिए मध्य रात्रि तक उपवास किया जाता है तथा कई जगहों पर श्री कृष्ण की रासलीला को भी आयोजित किया जाता है।

कृष्ण जन्माष्टमी 2023 मनाने का सही तरीका

कृष्ण जन्माष्टमी के दिन पुरे देश – भर में त्यौहार को लेकर सभी में उत्साह बना रहता है। यही एकमात्र ऐसा  त्यौहार है जो भारत देश के साथ ही विदेशो में भी बड़े उत्साह से मनाया जाता है। श्री कृष्ण के भक्त इस दिन उनका आशीर्वाद पाने के लिए उपवास रखते है। पुरे भारत देश में हर जगहों पर सभी मंदिरो को सजाया जाता है। इस दिन श्री कृष्ण के बाल रूप जिन्हे लड्डू गोपाल जी के नाम से भी जानते है उनकी पूजा पुरे देश में की जाती है। मंदिरों में भजन कीर्तन किये जाते है।

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युवा के द्वारा दही हांड़ी का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा श्री कृष्ण की नगरी मथुरा में इस दिन भक्तों की काफी ज्यादा जनसंख्या होती है जो भगवान के दर्शन के लिए आते है। मथुरा का दही हांड़ी महोत्सव काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। कृष्ण जन्मोत्सव के दिन श्री कृष्ण के मंदिर के साथ ही पूरी की पूरी मथुरा नगरी को भिन्न – भिन्न प्रकार के फूलो से सजाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के दिन पूरी मथुरा नगरी चमचमाती रहती है। श्री कृष्ण के मंदिर में लगी हुई लाइट पुरे मंदिर की शोभा को और ज्यादा बढ़ा देती है। 

दही हांड़ी महोत्सव

जैसा कि आप सभी लोग जानते ही है की श्री कृष्ण बचपन में काफी शरारती है और उनकी सबसे पसंदीदा चीज़ माखन ही थी । इसे खाने के लिए वो दुसरो की मटकी भी फोड़ देते थे जिसमे माखन होता था। तो भगवान श्री कृष्ण की लीला को पुनः दोहराया जाता है हांड़ी महोत्सव के जरिये। कई – कई जगहों पर तो हांड़ी फोड़ने का कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है। इस मटकी को तोड़ने से भक्तों के मन ने भगवान की यादें फिर से ताजा हो जाती है। 

Krishna Janmashtami 2023 | कृष्ण जन्माष्टमी 2023

कृष्ण जन्माष्टमी 2023 की उचित तिथि और शुभ मुहूर्त

हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार हर त्यौहार की एक निश्चित तिथि होती है। वो त्यौहार उसी तिथि के दिन मनाया जाता है। सिर्फ त्यौहार ही नहीं बल्कि हिन्दू हिन्दू धर्म से सभी प्रकार की पूजा – पाठ  के लिए एक निर्धारित तिथि होती है और भी कई ऐसे कार्य है जो अच्छी तिथि या मुहूर्त देखकर ही करवाए जाते है जैसे की गृह प्रवेश पूजा, विवाह और नामकरण संस्कार इत्यादि।

कृष्ण जन्माष्टमी 2023 की कोई निश्चित तिथि नहीं है यह हर साल बदलती रहती है। तिथि के साथ ही में हमारा ये भी जानना जरूरी है की जन्माष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त या शुभ समय क्या होगा क्यूंकि हर धार्मिक कार्य के दो मुहूर्त होते है शुभ और अशुभ।

अगर कार्य को सही मुहूर्त में किया जाए तो आपके लिए भी अच्छा और लाभदायक होगा किन्तु किसी कार्य को करने के लिए कोई मुहूर्त शुभ नहीं है और फिर भी अपने उस कार्य को किया तो सुख की जगह आपको कष्ट भी भोगना पड़ सकता है। अभी हम बात कर रहे आने वाले त्यौहार कृष्ण जन्माष्टमी के बारे में। कई सारे लोग इस बारे में जानना चाहते होंगे कि इस वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी 2023 में कितनी तारीख की होगी और जन्माष्टमी का सबसे शुभ मुहूर्त क्या होगा। 

भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष में अष्टमी तिथि की शुरुआत 06 सितम्बर 2023 को  दोपहर 03 बजकर 37 मिनट से लेकर समाप्त  07 सितम्बर 2023 को   शाम 04 बजकर 14 मिनट तक सबसे शुभ मुहूर्त रहेगा। 

जन्माष्टमी पर ऐसी पूजा से करे भगवान श्री कृष्ण को प्रसन्न

  • जन्माष्टमी वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। 
  • स्नान आदि करने के पश्चात विशेष तोर पर पूजा स्थल की साफ़ सफाई कीजिये।  
  • इसके पश्चात भगवान को अर्पण करने फूल और दीपक की तैयारी करें। 
  • पूजा स्थल के साथ ही भगवान की प्रतिमा को भी अच्छे से साफ़ करे। 
  • भगवान को पुष्प चढ़ा करके उनसे आशीर्वाद प्राप्त करे। 
  • इस दिन भगवान को नारियल अवश्य ही अर्पित कीजिये। 
  • इसके पश्चात भगवान को भोग चढ़ाए। 
  • जन्माष्टमी के पुरे दिन जब तक की आप की पूजा समाप्त न हो जाए तब तक उपवास रखे। 
  • अगर हो सके तो रुद्राक्ष की माला धारण करे और राधा कृष्ण नाम का जप करें

जन्माष्टमी के दिन ध्यान देने योग्य बातें 

  • इस दिन भगवान की पूजा करे।
  • इस दिन भगवान का ध्यान करें और नाम जप करे।   
  • इस दिन भगवान की लोककथाए अवश्य पढ़े। 
  • इस दिन भगवान के लिए उपवास रखे।
  • जन्माष्टमी के दिन दान करने का काफी महत्व है अगर हो सके तो जरूरतमंदों की मदद करें। 
  • इस दिन मांसाहारी भोजन से परहेज करें। 
  • घर का वातावरण एकदम शांत बनाए रखें। 
  • इस दिन किसी अपने से कोई भी अपशब्द न कहें। 

कृष्ण जन्माष्टमी 2023 का महत्व 

कृष्ण जन्माष्टमी 2023 का हिन्दू धर्म में काफी ज्यादा महत्त्व है। इस दिन भगवान के बाल रूप की पूजा की जाती है जिन्हे कई जगहों पर लड्डू गोपाल जी भी कहा जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी 2023 को भगवान श्री कृष्ण के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है की इस दिन सच्चे दिल से पूजा करने वाले व्यक्ति को उसका फल अवश्य मिलता है। इस दिन विधिवत तरिके से पूजा करने वाले भक्तो पर श्री कृष्ण की बड़ी कृपा होती है। 

Krishna Janmashtami 2023 | कृष्ण जन्माष्टमी 2023

इस दिन उपवास करने का नियम है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी इस दिन उपवास करके सच्चे मन से भगवान का नाम जप करता है तो भगवान भी उसके सारे संकट को ख़त्म कर देते है और हमेशा उसपर अपनी असीम कृपा बनाए रखते है। इस दिन भगवान को खुश करने के लिए उनका अच्छे से श्रृंगार किया जाता है और झूला झुलाया जाता है। भगवान के मंदिर को अद्भुत लाइट से और फूल व मालाओं से सजाया जाता है।  कई – कई जगहों पर तो हांड़ी फोड़ने का कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है। इस मटकी को तोड़ने से भक्तों के मन ने भगवान की यादें फिर से ताजा हो जाती है।  

पुरे भारत देश में हर जगहों पर सभी मंदिरों को सजाया जाता है। इस दिन श्री कृष्ण के बाल रूप जिन्हे लड्डू गोपाल जी के नाम से भी जानते है उनकी पूजा पूरे देश में की जाती है। मंदिरों में भजन कीर्तन किये जाते है।

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भगवान कृष्ण ने मनुष्य के रूप में जन्म लिया क्यूंकि उस समय कंश का आतंक काफी ज्यादा बढ़ चूका था जिसको ख़त्म करने के लिए विष्णु भगवान ने श्री कृष्ण के रूप में अपना आठवा अवतार लिया।  जिसके माध्यम से उन्होंने हमे कई सारी चीज़ो के बारे में ज्ञान की बातें बताई। इसके अलावा उन्होंने महाभारत के युद्ध के समय भी अपनी मित्रता का धर्म निभाया तथा अर्जुन को सही मार्ग  दिखाया। उनके द्वारा अर्जुन को कही गयी वो हर बात श्रीमद भगवत गीता में लिखी हुई है। 

 जिसको वर्तमान में यदि कोई पढ़कर उनकी बातों को अपने जीवन में अपना लेता है तो उसके जीवन उद्धार होना निश्चित है किन्तु पिछले कुछ समय से लोग अपने धर्म के बारे बात ही नहीं करना चाहते है और ना ही अपने धर्म के बारे में पता है। हर व्यक्ति को अपने धर्म के इतिहास के बारे में पता होना आवश्यक है लेकिन लोग धीरे – धीरे अपने धर्म के बारे में जानने के इच्छुक है। पुनः लोग भगवान की भक्ति में ध्यान लगा रहे है जो कि बहुत ही अच्छी बात है। 

निष्कर्ष 

तो आज हमने कृष्ण जन्माष्टमी के बारे काफी बातें जानी और श्री कृष्ण के इतिहास के बारे में भी जाना। इसके अलावा भी अगर आप किसी और पूजा के बारे में जानकारी लेना चाहते है है। तो आप हमारी वेबसाइट पर जाकर सभी तरह की पूजा या त्योहारों के बारे में सम्पूर्ण ज्ञान ले सकते है। इसके अलावा अगर आप ऑनलाइन किसी भी पूजा या पूजन सामग्री जेसे: सुंदरकांड पाठ पूजन सामग्री, अखंड रामायण, गृहप्रवेश और विवाह के लिए भी आप हमारी वेबसाइट 99पंडित और हमारे ऐप्प [99पंडित] की सहायता से ऑनलाइन पंडित  बहुत आसानी से बुक कर सकते है। आप हमे कॉल करके भी पंडित जी को किसी की कार्य के बुक कर सकते है जो कि वेबसाइट पर दिए गए है फिर चाहे आप किसी भी राज्य से हो। हम आपको आपकी भाषा वाले ही पंडित जी से ही जोड़ेंगे 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q.भगवान श्री कृष्ण का जन्म कब हुआ था ?

A.श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष में, अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में रात्रि को 12 बजे हुआ था।

Q.जन्माष्टमी की पूजा किस समय होती है ?

A.जन्माष्टमी की पूजा मध्य रात्रि में की जाती है क्यूंकि भगवान कृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में हुआ था।

Q.श्री कृष्ण कितने समय तक जीवित रहे थे ?

A.श्री कृष्ण कुल 125 वर्ष 08 महीने और 07 दिन तक जीवित रहे थे। कुरुक्षेत्र के युद्ध के 36 साल बाद उनकी मृत्यु हो गयी थी। 

Q.जन्माष्टमी के दिन क्या नहीं करना चाहिए ?

A.जन्माष्टमी दे ऐसे बहुत से कार्य जिनका आपको ध्यान रखना और उन्हें करने से बचना है लेकिन सबसे महत्वपूर्ण  इस दिन मांसाहारी भोजन से दूरी बनाए रखें।

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