Murudeshwar Temple: Timings, Poojas, and History
Lord Murudeshwar Temple is a famous Hindu temple located in Uttara Kannada district of the Indian state of Karnataka. This…
Book a pandit for Rahu Ketu Puja in a single click
Verified Pandit For Puja At Your Doorstep
यह मंदिर आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है| जो कि भगवान शिव का बहुत ही चमत्कारी मंदिर है| इस मंदिर को दक्षिण का कैलाशी या दक्षिण का काशी के नाम से भी जाना जाता है| भगवान शिव का यह अद्भुत मंदिर श्री कालाहस्ती पेन्नार नदी की शाखा तथा साथ ही स्वर्णमुखी नदी के तट पर बना हुआ है| आपकी जानकारी के लिए यह बता दे कि श्री कालाहस्ती मंदिर को राहु केतु मंदिर के नाम से जाना जाता है| इस कारण की वजह से लोग यहां पर राहु केतु ग्रह की शान्ति पूजा करवाने के लिए आते है|
इस श्री कालाहस्ती मंदिर में जो शिवलिंग है माना जाता है कि यह शिवलिंग दक्षिण के पंचतत्व लिंगों में से वायु तत्व लिंग है| जिस कारण की वजह से इस शिवलिंग पुजारी के द्वारा भी स्पर्श नहीं किया जाता है| इस मंदिर में ही स्वर्ण पट्ट रखे हुए है, भगवान शिव को चढ़ाएं जाने वाले सभी फूल, मालाएँ तथा फल इसी पर चढ़ाए जाते है| इसके अलावा श्री कालाहस्ती मंदिर में एक पिंडी भी उपस्थित है| जिसकी ऊंचाई लगभग 4 फीट तक मानी जाती है| तथा उस पिंडी पर हाथी तथा मकड़ी की आकृति बनी होती है|
श्री कालाहस्ती का शिखर दक्षिण भारत संस्कृति की शैली से बना हुआ है, जिसके ऊपर सफ़ेद रंग का आवरण बना हुआ है| श्रीकालाहस्ती मंदिर में तीन गोपुरम भी है| इसके अलावा मंदिर कई सारे शिवलिंग के साथ ही भगवान कालहस्तीश्वर तथा देवी ज्ञानप्रसूनअंबा भी मंदिर में विराजमान है| आपको बता दे कि इस श्री कालाहस्ती मंदिर की प्रत्येक साल की आय लगभग 100 करोड़ है| माना जाता है कि इसी स्थान पर अर्जुन को भगवान कालहस्ती के दर्शन हुए थे| पौराणिक कथाओं के अनुसार माना जाता है कि इस जगह का नाम तीन पशुओं के नाम से मिलकर बना हुआ है जिसमे श्री यानी मकड़ी, काल यानी सर्प एवं हस्ती जिसका अर्थ होता है हाथी|
दिन | समय |
सोमवार | सुबह 07:30 से 09:बजे तक |
मंगलवार | दोपहर 03:00 बजे से शाम 04:30 बजे तक |
बुधवार | दोपहर 12:00 बजे से 01:30 बजे तक |
गुरुवार | दोपहर 01:30 बजे से 03:00 बजे तक |
शुक्रवार | सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक |
शनिवार | प्रातः 09:00 बजे से प्रातः 10:30 बजे तक |
रविवार | शाम 04:30 बजे से शाम 06:00 बजे तक |
ऐसे तो इस राहु केतु की पूजा को करने के लिए कोई भी दिन निश्चित नहीं है| आप कभी श्री कालाहस्ती मंदिर में जाकर राहु केतु की शान्ति के लिए पूजा कर सकते है| लेकिन मान्यताओं के अनुसार बताया गया है कि रविवार और गुरुवार का दिन इस मंदिर में पूजा करने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है|
यदि आपको भी राहु – केतु की शांति के लिए पूजा करवानी है तो आप 99Pandit की सहायता से आप राहु – केतु दोष निवारण के लिए पूजा करवा सकते है| 99Pandit एक ऐसा ऑनलाइन साधन है, जिसकी सहायता से आप हिन्दू धर्म से सम्बंधित किसी भी पूजा या अनुष्ठान के लिए पंडित जी को बुक कर सकते है|
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि राहु केतु पूजा के लिए श्री कालाहस्ती में ऑनलाइन टिकट बुक करने के लिए कोई भी सुविधा नहीं है| इसलिए आपको पूजा हेतु टिकट बुक करने के लिए मंदिर में ही जाना होगा और वही से ही आपको टिकट खरीदना पड़ेगा| आपको सचेत करने के लिए बता दे कि ऐसे कई लोग है आपको धोखा देने के लिए ऑनलाइन टिकट बुक करवाने का दावा करेंगे लेकिन श्री कालाहस्ती मंदिर द्वारा कोई भी ऑनलाइन टिकट बुक करवाने की सुविधा नहीं है| आपको टिकट मंदिर के जाकर ही प्राप्त होंगे|
जैसे ही आप मंदिर परिसर में प्रवेश करेंगे तो आप देखेंगे कि वहां पर राहु केतु पूजा के टिकट बेचने के लिये लिए एक विशेष टिकट काउंटर बना रखा है| यहाँ पर पूजा की कीमत सामान्य से हमेशा ही भिन्न होती है| इस पूजा सम्पूर्ण लाभ पाने लिए व्यक्ति जल्दी मंदिर परिसर में आना होता है| इस मंदिर में प्रतिदिन बहुत सारे राहु केतु पूजा करवाने आते है
राहु केतु की शांति के पूजा का आयोजन श्री कालाहस्ती मंदिर के परिसर में बहुत सारी जगहों पर किया जाता है| आपकी पूजा के लिए स्थान आपकी टिकट पर ही निर्भर करता है| ज्यादा पैसे तो बढ़िया जगह| राहु केतु भी पूजा का लाभ जगह पर निर्भर नहीं करता है| वैसे यह राहु केतु पूजा मुख्य मंदिर के अन्दर और बाहर दोनों स्थानों पर की जाती है| आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अगर आप भी श्री कालाहस्ती मंदिर में राहु केतु पूजा करवाना चाहते है तो आपको घर से किसी भी प्रकार की कोई सामग्री ले जाने की कोई आवश्यकता होती है|
पूजा के लिए टिकट खरीदने पर ही आपको पूजा से सम्बंधित सभी सामग्री टिकट काउंटर पर ही मिल जाएगी| पूजा की सम्पूर्ण सामग्री राहु केतु पूजा के टिकट में ही शामिल होती है| यदि आपको वहां से भी सामग्री प्राप्त ना हो तो आपको बता दे की मंदिर परिसर में कई ऐसी दुकानें है जो राहु केतु पूजा की सामग्री बेचते है तो आप वहां से भी सामग्री प्राप्त कर सकते है| राहु केतु पूजा को हॉल तथा मंडप में अलग – अलग प्रवेश तथा निकास के द्वार के साथ भिन्न भिन्न समय पर किया जाता है| मंदिर के अंदर जाने के भक्तों को भगवान शिव जी के दर्शन करके तथा पूजा करके दूसरे दरवाजे से बाहर निकलना होता है|
आपकी जानकारी के बता दे कि श्री कालाहस्ती मंदिर में हॉल बुक करने के लिए आपको 500 रूपए का टिकट खरीदना होगा| यहाँ की सबसे ख़ास बात यही है कि चाहे इस मंदिर में कितनी भी भीड़ हो, लेकिन आपको राहु केतु पूजा के लिए एक खाली स्थान उपलब्ध करवाया जाएगा| इस मंदिर में पूजा के समय पुजारी जी माइक्रोफोन की सहायता से सभी को निर्देश दिए जाते है|
लोगों को आसानी से समझाने के लिए पुजारी जी के द्वारा सभी भाषाओँ में मंत्रों का उच्चारण किया जाता है| यदि आप किसी कारण वश पूजा की क्रिया में पीछे रह जाते है तो वहां उपस्थित कर्मचारी आपकी पूर्ण रूप से सहायता करते है| इसके अलावा राहु केतु की पूजा सरल ही है तथा इस पूजा को पूर्णकरने के लिए 20 – 25 मिनट का समय लगता है|
क्र सं | श्री कालाहस्ती पूजा सेवा | टिकट की कीमत | पूजा का स्थान | समय |
1 | सुप्रभात सेवा | रू. 50 | मंदिर के अन्दर | प्रातः 04:30 बजे – प्रातः 05:00 बजे तक |
2 | गौ माता पूजा | रू. 50 | मंदिर के अन्दर | प्रातः 05:00 बजे से प्रातः 05:30 बजे तक |
3 | अर्चना | रू. 25 | मंदिर के अन्दर | प्रातः 6:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक |
4 | सहस्त्र नामर्चना | रू. 200 | मंदिर के अन्दर | प्रातः 6:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक |
5 | त्रिसथी अर्चना | रू. 125 | ज्ञानप्रसूनम्बिका सन्निधि | प्रातः 6:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक |
6 | राहु केतु पूजा | रू. 500 | श्री कृष्ण देवराय मंडपम | प्रातः 6:00 बजे से सायं 6:00 बजे तक |
7 | विशेष काल सर्प दोष निवारण पूजा | रू. 750 | ज्ञानम्बिका मंडपम् | प्रातः 6:00 बजे से सायं 6:00 बजे तक |
8 | असीर्वचन राहु केतु काल सर्प निवारण पूजा | रू. 1500 | द्वजस्थंभम (अडाला मंडपम) के पास मंदिर के बाहर | प्रातः 6:00 बजे से सायं 6:00 बजे तक |
9 | विशेष असीर्वचन राहु केतु काल सर्प निवारण पूजा | रू. 2500 | मंदिर के अन्दर कल्याणोत्सवम मंडपम के पास | प्रातः 6:00 बजे से सायं 6:00 बजे तक |
इस मंदिर से सम्बंधित एक बहुत ही पौराणिक कथा चली आ रही है| जिसमे बताया गया है कि इस सम्पूर्ण दुनिया के निर्माण के प्रारम्भिक समय में भगवान वायु ने भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए घोर तपस्या की थी| भगवान वायु देव की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव उनके समक्ष प्रकट हुए तथा उन्हें तीन वरदान दिए| जिसमे भगवान शिव ने उन्हें इस सम्पूर्ण जगत में उपस्थित रहने का वरदान दिया तथा उन्हें साम्बा शिव के रूप में कर्पुर लिंगम का नाम बदलने की अनुमति दी| उस समय से ही वायु देव इस सम्पूर्ण जगत का एक महत्वपूर्ण भाग बन चुके है|
इसके अलावा भी एक कथा प्रचलित है जिसमे बताया गया है कि एक बार माता पार्वती को भगवान शंकर ने श्राप दे दिया था| जिस वजह से माता पार्वती को अपना दिव्य अवतार त्यागकर मनुष्य रूप में धरती पर रहना पड़ा| इसके पश्चात माता पार्वती ने भगवान शिव के श्राप से मुक्त होने के लिए श्री कालाहस्ती में कई वर्षों तक तपस्या की थी| माता पार्वती की अटूट तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने माता पार्वती को उनके दिव्य अवतार में पुनः अपना लिया|| जिन्हें हिन्दू धर्म में ज्ञान प्रसूनम्बिका देवी या शिव-ज्ञानम् ज्ञान प्रसूनम्बा के नाम से भी जाना जाता है|
राहु केतु पूजा करवाने के लिए आपको पंडित हमारी वेबसाइट 99Pandit की सहायता से उपलब्ध हो जाएंगे| इस यदि आपको किसी भी विशेष स्थान या शहर में राहु केतु पूजा के लिए अनुभवी पंडित की आवश्यकता है तो हमारी वेबसाइट तथा एप 99Pandit के माध्यम से ऑनलाइन ही पंडित जी को बुक कर सकते है|
यह भगवान शिव का श्री कालाहस्ती मंदिर भारत के आन्ध्रप्रदेश राज्य में स्थित होता है| आंध्रप्रदेश में आने के बाद आपको श्री कालाहस्ती बस स्टैंड पर बहुत सारे निजी साधन मिल जाएंगे| यह बस स्टैंड जहाँ से आपको निजी साधन प्राप्त होंगे, वह मंदिर से लगभग 2 किलोमीटर दूर स्थित है| इसके अलावा यदि आप ट्रेन से जाना चाहते है तो श्री कालाहस्ती मंदिर परिसर से रेलवे स्टेशन की दूरी लगभग 3 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है| अगर आप और भी अधिक दूरी पर रहते है तथा फ्लाइट से यहां जाना चाहते है तो मंदिर से सबसे नजदीकी हवाई अड्डा तिरुपति हवाई अड्डा है|
इस हवाई अड्डे से आपको श्री कालाहस्ती मंदिर तथा तिरुपति बालाजी मंदिर जाने के लिए निजी साधन जैसे टैक्सी और बस बहुत ही आसानी से मिल जाते है| जिनकी सहायता से आप मंदिर तक आसानी से पहुँच जाते है|
आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से श्री कालाहस्ती मंदिर तथा वहां पर होने वालीं राहु केतु पूजा के बारें में काफी बाते जानी है| आज हमने राहु केतु पूजन के फ़ायदों के बारे में भी जाना तथा वहां तक जाने के लिए साधनों के बारे में भी बात की| हम उम्मीद करते है कि हमारे द्वारा बताई गयी जानकारी से आपको कोई ना कोई मदद मिली होगी| इसके अलावा भी अगर आप किसी और पूजा के बारे में जानकारी लेना चाहते है। तो आप हमारी वेबसाइट 99Pandit पर जाकर सभी तरह की पूजा या त्योहारों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी ले सकते है|
अगर आप हिन्दू धर्म से सम्बंधित किसी पूजा जैसे – वाहन पूजन, भूमि पूजन तथा श्री कालाहस्ती मंदिर में होने वाली राहु केतु पूजा के हेतु पंडित जी की तलाश कर रहे है तो आपको बता दे की 99Pandit पंडित बुकिंग की सर्वश्रेष्ठ सेवा है जहाँ आप घर बैठे मुहूर्त के हिसाब से अपना पंडित ऑनलाइन आसानी से बुक कर सकते हो | यहाँ बुकिंग प्रक्रिया बहुत ही आसान है| बस आपको “बुक ए पंडित” विकल्प का चुनाव करना होगा और अपनी सामान्य जानकारी जैसे कि अपना नाम, मेल, पूजन स्थान , समय,और पूजा का चयन के माध्यम से आप आपना पंडित बुक कर सकेंगे|
Q.तिरुपति में सबसे ख़ास क्या है ?
A.इस मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर की प्रतिमा बहुत ही ख़ास और आलोकिक है|
Q.श्रीकालाहस्ती मंदिर में किस भगवान की पूजा की जाती है ?
A.इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा की जाती है|
Q.श्रीकालाहस्ती मंदिर में राहु केतु पूजा क्यों प्रसिद्ध है ?
A.ऐसा माना जाता है कि इस पूजा को करने से लोगों को राहु और केतु के ज्योतिषीय प्रभावों से बचाया जा सकता है|
Q.श्री कालाहस्ती का अर्थ क्या है ?
A.यह नाम भगवान शिव के कट्टर भक्तों के नाम पर रखा गया है| जिनमे मकड़ी(श्री), सर्प(काल), और हाथी(हस्ती) शामिल है|
Q.श्री कालाहस्ती मंदिर में पूजा के लिए टिकट कैसे बुक किये जाते है ?
A.राहु केतु पूजा के लिए श्री कालाहस्ती में ऑनलाइन टिकट बुक करने के लिए कोई भी सुविधा नहीं है| इसलिए आपको पूजा हेतु टिकट बुक करने के लिए मंदिर में ही जाना होगा और वही से ही आपको टिकट खरीदना पड़ेगा|