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तिरुपति बालाजी मंदिर : जाने दर्शन का समय, इतिहास तथा महत्व

99Pandit Ji
Last Updated:September 21, 2023

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हमारे इस भारत देश में हिन्दू धर्म से सम्बंधित बहुत सारे चमत्कारी मंदिर है| आज हम बात करने वाले तिरुपति बालाजी मंदिर के बारे में, जो कि भारत देश के आन्ध्रप्रदेश राज्य में स्थित है| यह मंदिर भारत में उपस्थित चमत्कारी मंदिरों की सूची में आता है| यह मंदिर केवल आंध्र प्रदेश में ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण भारत देश में भी बहुत ही अधिक प्रसिद्ध है| जैसा कि आपको पता ही है कि यह मंदिर आंध्र प्रदेश में है लेकिन तमिलनाडु और कर्नाटक राज्य के लोगों में इस मंदिर के प्रति बहुत आस्था है| इसी कारण से आपको इस मंदिर में सबसे अधिक श्रद्धालु इन्हीं राज्यों के मिलेंगे| 

तिरुपति बालाजी मंदिर

मान्यताओं के अनुसार भगवान तिरुपति बालाजी का मंदिर सर्वाधिक लोकप्रिय माना जाता है| इस तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग तिरुपति बालाजी के दर्शन करने के लिए आते है तथा बालाजी से अपनी सभी समस्याओं को हल करने के लिए प्रार्थना करते है| यह मंदिर सम्पूर्ण भारत के सबसे पवित्र और सुप्रसिद्ध मंदिरों में शामिल है| यह मंदिर आंध्रप्रदेश राज्य में तिरुपति जिले के तिरुमाला नामक एक पहाड़ी शहर में स्थित है| जिसमे भगवान विष्णु के अवतार भगवान वेंकटेश्वर जी विराजमान माने जाते है| 

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हिन्दू धर्म की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है भगवान विष्णु ने इस मानवता को कलयुग की परेशानियों व कठिनाइयों से बचाने के लिए भगवान वेंकटेश्वर के रूप में इस धरती पर अवतरित हुए थे| इस तिरुपति बालाजी मंदिर में पर्यटकों के आने जाने की संख्या बहुत ही अधिक मात्रा होती है| आपको बता दे कि इस तिरुपति बालाजी मंदिर को पृथ्वी के बैकुंठ के नाम से भी जाना है| इस लेख में हम आगे जानेंगे कि तिरुपति बालाजी मंदिर में दर्शन का उचित समय क्या होता है, तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास तथा इसके महत्व के बारे में भी जानेंगे| 

तिरुपति बालाजी मंदिर दर्शन का समय 

क्र.ससमय आयोजन 
1प्रातः 02:30- प्रातः 03:00 बजे तकसुप्रभात सेवा/अंग प्रदक्षिणम्
2प्रातः 03:30 – प्रातः 04:00थोमाला सेवा (एकन्थम)
3प्रातः 04:00 – प्रातः 04:15कोलुवु और पंचांग श्रवणम (एकांतम) 
4प्रातः 04:15 – प्रातः 05:00प्रथम अर्चना, सहस्र नामर्चना (एकान्तम्)
5प्रातः 05:00 – प्रातः 08:30वीआईपी ब्रेक दर्शन : एल1, एल2 (सिफारिश पत्र),

एल3 (कर्मचारी), 

6प्रातः 06:00 – प्रातः 07:00 विशेष पूजा/अस्तादला पाद पद्मराधनमु/  सहस्रकलासाभिषेकम/तिरुप्पावदा,
7प्रातः 07:00 – प्रातः 07:30 शुद्धि, द्वितीय अर्चना, द्वितीय बेल
8प्रातः 08:30 – सायं 07:00 बजे तकसर्व दर्शन/दिव्य दर्शन/विशेष प्रवेश दर्शन
9प्रातः 10:00 बजे वरिष्ठ नागरिक दर्शन/शारीरिक रूप से विकलांग दर्शन/

रोगी दशान।टिकट सुबह 7:00 बजे तक लेना होगा|

10दोपहर 12:00 बजे – शाम 05:00 बजे तक कल्याणोत्सवम/अर्जिथा ब्रह्मोत्सवम/ वसंतोत्सवम/उंजल सेवा (डोलोत्सवम)/सुपदम दर्शन
11अपराह्न 03:00 बजे वरिष्ठ नागरिक दर्शन/शारीरिक रूप से विकलांग दर्शन/

रोगी दशान।टिकट दोपहर 12:00 बजे तक लेना होगा|

1205:30 अपराह्न – 06:30 अपराह्नसहस्त्र दीपलांकरण सेवा
1307:00 अपराह्न – 08:00 अपराह्नशुद्धि, कैंकर्यम् (एकन्थम),रात्रि घंटी
1408:00 अपराह्न – 11:30 अपराह्नसर्व दर्शन/दिव्य दर्शन
15रात्रि 11:30 – 12:00 पूर्वाह्नशुद्धि, एकान्त सेवा की तैयारी
1612:00 बजेएकांत सेवा

तिरुपति बालाजी मंदिर तक कैसे पहुचे?

यह मंदिर आंध्र प्रदेश में स्थित है| यहाँ पर जाने के लिए बहुत सारे साधन है| जिनके माध्यम से आप तिरुपति के लिए जा सकते है| तिरुपति बालाजी मंदिर आप कार, बस, फ्लाइट आदि सभी साधनों से बहुत ही आसानी से जा सकते है| इस लेख में हम आपको जानकारी देंगे कि आप इन तीनों साधनों के माध्यम से किस प्रकार आप तिरुपति बालाजी मंदिर जा सकते है| 

फ्लाइट के माध्यम से 

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि तिरुपति बालाजी मंदिर के सबसे नजदीक में तिरुपति अन्तराष्ट्रीय हवाई अड्डा है| इस हवाई अड्डे से तिरुपति बालाजी का मंदिर लगभग 17 किलोमीटर दूर है| जिसके लिए आपको टैक्सी या फिर बस के माध्यम से जाना होगा| यदि आपके स्थान से तिरुपति  हवाई अड्डे के लिए कोई भी फ्लाइट नहीं है तो आप केम्पेगोड़ा अन्तराष्ट्रीय हवाई अड्डा के लिए फ्लाइट ले सकते है| इस हवाई अड्डे से तिरुपति की दुरी लगभग 250 किलोमीटर है| जिसके लिए आपको टैक्सी या बस की सुविधाएं मिल जाएगी| 

ट्रेन के माध्यम से 

तिरुपति जिले में तिरुपति रेलवे स्टेशन है| जो कि विशाखापट्टनम, चेन्नई, हैदराबाद, पूरी, सिकंदराबाद, पांडिचेरी, हजरत निजामुद्दीन, तिरुअनंतपुरम, कोलकाता, नागरकोइल, दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद, हावड़ा, बेंगलुरु, विजयवाड़ा तथा मुंबई के मार्ग से जुड़ा हुआ है| इन जगहों से तिरुपति के लिए सीधे ही ट्रेने जाती है| इसके पश्चात रेलवे स्टेशन से ही आपको तिरुपति बालाजी मंदिर जाने के लिए टैक्सी या बस की सुविधा मिल जाएगी| 

बस के माध्यम से 

आंध्रप्रदेश सरकार के द्वारा वहां पर विभिन्न स्थानों को जोड़ने के लिए बसों की सुविधाएं की गई है| ताकि किसी भी व्यक्ति को एक स्थान से दुसरे स्थान तक आने जाने में किसी भी प्रकार की कोई भी समस्या ना हो| इसी वजह से यदि आप इसी राज्य में निवास करते है तो आपको तिरुपति जाने के लिए बस की सुविधा बहुत ही आसानी से प्राप्त हो जायेगी| यदि आप तिरुपति से बहुत ज्यादा दुरी पर रहते है तो हम आपको यही सलाह देंगे कि आपको सफ़र के लिए ट्रेन का साधन चुनना चाहिए, जो कि सर्वश्रेष्ठ माना जाता है| 

तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास 

प्राचीन कथाओं के अनुसार मान्यता थी कि एक बार महर्षि भृगु ऋषि बैकुंठ में पधारे| भृगु ऋषि ने आते ही योग निद्रा में लेटे हुए भगवान विष्णु की छाती पर लात मारी| 

तिरुपति बालाजी मंदिर

ऐसा होते ही भगवान विष्णु ने भृगु ऋषि के चरण पकड़ लिए तथा उनसे यह पूछने लगे कि उन्हें कही चोट तो नहीं लगी| लेकिन माता लक्ष्मी जी ऋषि भृगु का ऐसा व्यवहार बिल्कुल भी पसंद नहीं आया| उनके ऐसे बर्ताव पर भी भगवान विष्णु ने उन्हें कोई दंड नहीं दिया| इस वजह से माता लक्ष्मी उनसे नाराज़ होकर बैकुंठ से चली गयी| इसके पश्चात भगवान विष्णु ने उन्हें खोजने की कोशिश की| उस समय भगवान विष्णु को पता चला कि माता लक्ष्मी ने पृथ्वी पर पद्मवती नाम की कन्या के रूप में जन्म लिया था| 

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तब भगवान विष्णु भी अपना वेश बदलकर पद्मावती जी के पास गए और उनके समक्ष शादी का प्रस्ताव रखा| जिसे देवी ने भी स्वीकार कर लिया| अब जरूरत थी शादी करने के लिए धन की| जिसका समाधान करने के लिए भगवान विष्णु ने भगवान शंकर और ब्रह्मा जी को साक्षी मानकर कुबेर जी धन का कर्ज लिया| भगवान कुबेर के द्वारा दिए गए इस कर्ज से भगवान विष्णु के वेंकटेश्वर तथा माता लक्ष्मी जी के पद्मावती रूप का विवाह सम्पन्न हुआ|

यह मंदिर सबसे लोकप्रिय मंदिर माना जाता है| इस मंदिर में प्रत्येक दिन पर्यटकों तथा श्रद्धालुओं का आना जाना चलता रहता है| यह एक ऐसा धार्मिक स्थान है जहाँ का आकर्षण लोगों को अपनी ओर खींचकर लाता है| तथा एक बार जो भी इस मंदिर में आकर भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन कर लेता है तो उस व्यक्ति का मन हमेशा ही यहाँ पर लग जाता है| लोग यहाँ पर बहुत ही दान – पुण्य का कार्य करते है|

तिरुपति बालाजी मंदिर में बालों का दान  

इस मंदिर में लोग दर्शन करने से पूर्व ही अपने द्वारा मांगी हुई मन्नत को पूरा करने के लिए अपने बालों को दान करते है| इस प्रक्रिया को “मोक्कू” भी कहा जाता है| इस प्रथा को करने के लिए मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए एक परिसर अलग से बनाया है| प्रत्येक वर्ष यहाँ पर बहुत सारे बाल इकट्ठे हो जातें है| जिन्हें मंदिर संस्था के द्वारा नीलाम करके बेच दिया जाता है| 

तिरुपति बालाजी मंदिर की महिमा 

इस तिरुपति बालाजी के मंदिर को भूलोक वैकुण्ठं कहा जाता है| जिसका अर्थ होता है – पृथ्वी पर भगवान विष्णु का निवास| इस प्रकार से लोगों का यही मानना है कि कलयुग में भगवान विष्णु अवतार लेंगे तथा अपने सभी भक्तों को इस संसार के माया रूपी जाल से मोक्ष की ओर निर्देशित करेंगे| 

यहाँ पर नित्य रूप से भगवान की मूर्ति को सुन्दर कपड़ों तथा गहनों से सुशोभित किया जाता है| इसके अलावा भी मंदिर में अलग से भगवान को सजाने के लिए इस्तेमाल होने वाले सोने के गहनों का भण्डारण है| 

99Pandit ऐसा साधन है जिसके माध्यम से आप गणेश चतुर्थी पूजा, सत्यनारायण पूजा, गृह प्रवेश पूजा आदि कई सारी धार्मिक पूजाओं के लिए ऑनलाइन पंडितजी भी बुक कर सकते है| 

तिरुपति बालाजी मंदिर में मनाए जाने वाले त्योहार 

अब हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे कि तिरुपति बालाजी के मंदिर में कौन – कौन से त्यौहार मनाये जाते है| 

मान्यताओं के अनुसार भगवान तिरुपति बालाजी का मंदिर सर्वाधिक लोकप्रिय माना जाता है| इस तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग तिरुपति बालाजी के दर्शन करने के लिए आते है तथा बालाजी से अपनी सभी समस्याओं को हल करने के लिए प्रार्थना करते है| हिन्दू धर्म की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है| भगवान विष्णु ने इस मानवता को कलयुग की परेशानियों व कठिनाइयों से बचाने के लिए भगवान वेंकटेश्वर के रूप में इस धरती पर अवतरित हुए थे| आइये जानते है कि वह कौन – कौन से त्यौहार है – 

ब्रह्मोत्सवम:

यह तिरुपति बालाजी मंदिर में मनाया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है| यह त्यौहार कुल नौ दिनों तक मनाया जाता है| जिसकी शुरुआत सितम्बर या फिर अक्टूबर के महीने में आ जाती है| इस त्यौहार की शुरुआत “ध्वज स्तंभम”  नामक एक खम्भे पर झंडे को फहराने से की जाती है| इस त्यौहार सभी भक्तों के द्वारा बहुत ही खुशहाली और भक्ति के भाव से मनाया जाता है| 

वैकुंठ एकादशी: 

यह त्यौहार भी तिरुपति बालाजी मंदिर में मनाया जाने महत्वपूर्ण त्योहारों में से ही एक है| इस त्योहार को दिसम्बर या जनवरी  तक मनाया जाता है| हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन बैकुंठ के द्वार सभी भक्तों के लिए खोल दिए जाते है| इस दिन भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर को फूलों से सजाया जाता है| तथा भगवान वेंकटेश्वर बहुत ही विशेष पूजा की जाती है| 

रथसप्तमी

यह त्यौहार फरवरी के महीने में मनाया जाता है| रथसप्तमी का त्यौहार चंद्रमा के बढ़ते हुए चरण को दर्शाता है तथा यह सूर्य देव को समर्पित किया गया है| माना जाता है कि इस दिन सूर्य भगवान अपनी दिशा दक्षिण पूर्व से उत्तर पूर्व की और बदल जाता है| इसी कारण इस दिन से वसंत ऋतू का आरम्भ हो जाता है| 

उगादि: 

तेलगु नव वर्ष को ही उगादि के नाम से भी जाना जाता है जो कि मार्च या अप्रैल के महीने में मनाया जाता है| तेलगु लोग इस त्यौहार को बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाते है| इस शुभ अवसर पर भगवान तिरुपति के मंदिर को आम का पत्तों की सहायता से सजाया जाता है| इस त्यौहार की मुख्य प्रथा “पंचांग श्रवणं” है जिसमे पुजारी ज्योतिष विद्या की सहायता से आगे के समय में होने वाली घटनाओं की भविष्य वाणी करते है| 

हमारे इस ऑनलाइन प्लेटफार्म 99Pandit की सहायता से आपको नए घर की वास्तु शांति पूजा के लिए आपके ही शहर में अनुभवी पंडित उपलब्ध हो जाएंगे| 

तिरुपति बालाजी मंदिर के आसपास के दर्शनीय स्थल

1. श्री वेंकटेश्वर राष्ट्रीय उद्यान 

तिरुपति के वनस्पतियों तथा जीवों के बारे में जानने के लिए आपको एक बार इस, श्री वेंकटेश्वर राष्ट्रीय उद्यान पर अवश्य ही आना चाहिए| इस राष्ट्रीय उद्यान को शोरिया थंबर्गगिय, रेड सैंडर्स तथा चन्दन जैसे दुर्लभ पौधों का घर माना जाता है| 

2. श्री पद्मावती अम्मावरी मंदिर  

यह मंदिर तिरुमाला के पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है| इसे पर्यटकों द्वारा घुमने के लिए सबसे लोकप्रिय स्थान माना गया है| यह श्री पद्मावती अम्मावरी मंदिर भगवान वेंकटेश्वर की पत्नी पद्मावती जी को ही समर्पित किया गया है|

तिरुपति बालाजी मंदिर

3. कपिला तीर्थम  

अगर आप तिरुपति के आस – पास कोई घूमने योग्य स्थान की तलाश कर रहे है तो आपके लिए कपिला तीर्थम एक बहुत अच्छी जगह है| यह स्थान पवित्र होने के साथ ही उस धारा के नाम से भी जाना जाता है जो की भगवान शंकर को समर्पित इस मंदिर के पास बहती है| 

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4. हिरण पार्क 

तिरुपति के निकट घुमने योग्य स्थानों में हिरण पार्क भी शामिल है| तिरुमाला की पहाड़ी के आधार पर स्थित यह पार्क बहुत ही बड़ी संख्या में हिरणों, मोर तथा अन्य जीवों का आवास माना गया है| यहाँ आने वाले पर्यटक पार्क में घूम सकते है, जानवरों को खाना खिला सकते है तथा वहां के सुन्दर दृश्य का आनंद ले सकते है| 

5. सिला थोरनाम 

चित्तूर जिले में स्थित यह स्थान एक पत्थरों के मेहराब के रूप में है| यह स्थान तिरुपति के सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थानों में से एक है| यह स्थान अपनी विशेष वास्तुकला के बारे में जाना जाता है| 

निष्कर्ष 

आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से तिरुपति बालाजी मंदिर के बारें में काफी बाते जानी है| आज हमने तिरुपति बालाजी पूजन के फ़ायदों के बारे में भी जाना तथा वहां तक जाने के लिए साधनों के बारे में भी बात की| हम उम्मीद करते है कि हमारे द्वारा बताई गयी जानकारी से आपको कोई ना कोई मदद मिली होगी| इसके अलावा भी अगर आप किसी और पूजा के बारे में जानकारी लेना चाहते है। तो आप हमारी वेबसाइट 99Pandit पर जाकर सभी तरह की पूजा या त्योहारों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी ले सकते है| 

अगर आप हिन्दू धर्म से सम्बंधित किसी पूजा जैसे – वाहन पूजा, भूमि पूजा इत्यादि हेतु पंडित जी की तलाश कर रहे है तो आपको बता दे की 99Pandit पंडित बुकिंग की सर्वश्रेष्ठ सेवा है जहाँ आप घर बैठे मुहूर्त के हिसाब से अपना पंडित ऑनलाइन आसानी से बुक कर सकते हो | यहाँ  बुकिंग प्रक्रिया बहुत ही आसान है| बस आपको “बुक ए पंडित” विकल्प का चुनाव करना होगा और अपनी सामान्य जानकारी जैसे कि अपना नाम, मेल, पूजन स्थान , समय,और पूजा का चयन के माध्यम से आप आपना पंडित बुक कर सकेंगे|

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q.तिरुपति में सबसे ख़ास क्या है ?

A.इस मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर की प्रतिमा बहुत ही ख़ास और आलोकिक है|

Q.तिरुपति बालाजी मंदिर कहा स्थित है ?

A.यह मंदिर आंध्रप्रदेश राज्य में तिरुपति जिले के तिरुमाला नामक एक पहाड़ी शहर में स्थित है|

Q.तिरुपति बालाजी मंदिर का मालिक कौन है ?

A.यह मंदिर तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के द्वारा संचालित किया जाता है, जो कि आंध्र प्रदेश सरकार के नियंत्रण में है|

Q.तिरुपति बालाजी मंदिर कब जाना चाहिए ?

A.ऐसे तो आप कभी भी तिरुपति बालाजी मंदिर जा सकते है| लेकिन सबसे सही समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है|

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