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सनातन धर्म में सुंदरकाण्ड पाठ का एक विशेष महत्व है | सुंदरकाण्ड पाठ हमारे जीवन में सुख और समृद्धि लाता है | इस पाठ के आयोजन होने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है | इस ब्लॉग के माध्यम से है हमारा यानि 99पंडित का उद्देश्य सुंदरकाण्ड पाठ पूजन सामग्री के बारे में आपको विस्तृत जानकारी प्रदान करवाना है |
मुख्यत: सुंदरकाण्ड पाठ रामायण का पांचवां अध्याय है, जो मुख्य रूप से हनुमान की उस यात्रा वर्तान्त पर केंद्रित है, जब वे लंका में सीता की खोज कर रहे थे। सबसे महत्वपूर्ण बात इस पाठ की यह है की इस पाठ को आप रोजना भी कर सकते हो |
सुंदरकाण्ड पाठ की सम्पूर्ण जानकारी आप हमारी 99पंडित की बुक ए पंडित सेवा के माध्यम से अपने पंडित से विचार विमर्श कर के भी प्राप्त कर सकते हो | यह बहुत आसान है बस आपको बुकिंग के दौरान पूछे जाने वाली समस्त जानकारी का ब्यौरा देना होगा जैसे आपका नाम, आपकी जगह, शहर, फ़ोन नंबर, मेल पता, और आपके द्वारा की जाने वाली पूजा का नाम, और बुकिंग कन्फर्म करके अपना पंडित स्वयं बुक कर सकते हो |
हम 99पंडित कुशल व् प्रशिक्षित तथा अनुभवी पंडितो का एक ऐसा समूह है जो आपको “सुंदरकाण्ड पाठ” में होने वाली समस्त समस्याओं का उचित निवारण करता है | हमारा हर संभव प्रयास रहता है की कोई भी धार्मिक अनुष्ठान हम बिना किसी व्यवधान के सम्पन करा सके इस हेतु हम सदैव अग्रणीय रहते है जिससे की हम पुण्य के भागीदार बन सके |
सामग्री | मात्रा |
रोली | एक पैकेट |
कलावा (मौली) | दो पैकेट |
सिंदूर | एक पैकेट |
इलायची | एक पैकेट |
सुपारी | गयारह |
पानी वाला नारियल | एक |
लाल कपड़ा | सवा मीटर |
जनेऊ | चार |
माचिस | एक |
बंदन पीला | एक पैकेट |
चावल | आधा किलो |
शहद | एक शीशी |
इत्र | एक शीशी |
गंगा जल | एक शीशी |
पंचमेवा | दो सो ग्राम |
धूपबत्ती | एक पैकेट |
रूईबत्ती गोल वाली मध्यम साइज | एक पैकेट |
देशी घी | दही सो ग्राम |
दोना | एक गड्डी |
राम दरबार फोटो फ्रेम बड़ा साइज | – |
हनुमान जी फोटो फ्रेम बड़ा साइज | – |
सुंदरकांड पुस्तकें | ( अगर आपके घर आने वाले टीम के पास न हो तो व्यवस्थता करे झॉंकि की व्यवस्था पहले से सजा कर रखे)| |
फल | आवश्यकतानुसार |
पान | सात नग |
फूल + फूलमाता + आम का पल्लव + कलश धातु का घर वाला रखे (नए की जरूरत नहीं) | – |
विशेष – सुंदरकाण्ड पाठ में हवन निषेध होता है |
यहाँ हम आपको सुंदरकाण्ड पाठ को करने का सही तरीका बता रहे है, अगर आप बताये गए तरीके के अनुसार पाठ का आयोजन करते है तो आपके सुख- समृद्धि के मार्ग में आने वाली बाधायें दूर होगी |
यदि आप उपर दर्शाये हुए तरीके से सुन्दरकाण्ड पाठ का आयोजन करते है तो आप अनगिनत लाभ के भागीदार बन सकते है जैसे-
Q.सुंदरकाण्ड पाठ कितने घंटे का होता है?
A.यह आमतौर पर पूछा जाने वाले सवालो में से एक है अगर आपको सुंदरकाण्ड पाठ का आयोजन संपन्न करवाना है तो आपको काम से कम एक से डेढ़ घंटे का समय चाहिए |
Q.सुंदरकाण्ड पाठ कितने दिन तक पढ़ना चाहिए?
A.सुंदरकाण्ड पाठ हेतु वैसे तो को दिनों की समय सिमा निर्धारित नहीं है फिर भी इस पाठ का आयोजन 11, 21, या 31 दिनों तक करना चाहिए जिससे इसका लाभ अधिक मिलता है |
Q.सुंदरकाण्ड पाठ की कौन सी चौपाई को शुरू करना होता है?
A.सुंदरकाण्ड पाठ शुरुवात हमें “प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदयँ राखि कोसलपुर राजा॥ गरल सुधा रिपु करहिं मिताई | ” चौपाई से करनी चाहिए |
Q.सुंदरकाण्ड पाठ के लिए कौन सा दिन अच्छा है?
A.सुंदरकाण्ड पाठ करने के लिए मंगलवार और शनिवार का दिन श्रेष्ठ मन जाता है क्यों की यह दोनों दिन हनुमान जी से संबंधित माने जाते हैं|
सामान्यतया : सुंदरकाण्ड पाठ भी हनुमानजी जी के बल प्रताप को दर्शाता है इस लिए सुंदरकाण्ड पाठ का पढ़ना हनुमानजी जी की स्तुति करना समझा जाता है। यह दो विशेष दिन भी हनुमान जी को समर्पित है।
Q.सुंदरकाण्ड पाठ सुबह व शाम को कितने बजे करना चाहिए?
A.सुंदरकाण्ड पाठ हमें सुबह ब्रम्ह्महूर्त 4:00 बजे से 6 :00 बजे के बीच करनी चाहिए | क्यों की हिन्दू धर्म दर्शन के अनुसार यह समय देव उपासना हेतु अच्छा माना जाता है |
यदि आप समूह के लोगो को आमंत्रित कर सुंदरकाण्ड पाठ कर रहे हैं तो शाम को 7 बजे के बाद का समय उचित रहेगा |