Mantra For Yoga in Sanskrit: मनुष्य के जीवन के लिए योग बहुत ही ज्यादा आवश्यक है| वर्तमान के इस तनाव पूर्ण जीवन में योग मनुष्य के मस्तिष्क को स्थिर करता है| योग के लिए संस्कृत मंत्रों का बहुत ही बड़ा महत्व है| योग के लिए संस्कृत मंत्र (Mantra For Yoga) वैदिक काल से ही चले आ रहे है|
जब हम इन मंत्रों का जाप करते है तो मंत्र हमारे द्वारा की गई सभी गतिविधियों के लिए हमारे आस-पास एक अनुकूल एवं सकारात्मक वातावरण बना देते है| योग के मंत्र भाषा एवं ध्वनि के द्वारा हमे आशीर्वाद प्रदान करते है|
योग के लिए संस्कृत मंत्र एक ऐसे शब्दों का समूह है जो जिनमे हमारे मन तथा शरीर को बदलने की शक्ति होती है| प्रत्येक मंत्र शरीर के किसी न किसी अंग को निश्चित रूप से प्रभावित करता है| योग के समय मंत्र (Mantra For Yoga) का जाप करना आपके योग के अभ्यास को एक अलग स्तर पर ले जाने में सहायक होता है| तो आइये जानते है ऐसे ही कुछ योग के लिए संस्कृत मंत्रों के बारे में|
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योग मंत्र संस्कृत में – Mantra for Yoga with Meaning
1. Patanjali Yoga Mantra – पतंजलि योग मंत्र
योगेन चित्तस्य पदेन वाचां।
मलं शरीरस्य च वैद्यकेन॥
योऽपाकरोत्तं प्रवरं मुनीनां।
पतञ्जलिं प्राञ्जलिरानतोऽस्मि॥
आबहु पुरुषाकारं।
शङ्खचक्रासि धारिणं॥
सहस्र शीरसं श्वेतं।
प्रनमामि पतञ्जलिम्॥
हिंदी अर्थ – मैं महर्षि पतंजलि को नमन करता हूँ कि उन्होंने हम शब्द, मन तथा वाणी को शुद्ध करने के लिए योग प्रदान किया| हमारे शरीर की अशुद्धियों को दूर करने से महर्षि पतंजलि ने हमे औषधियाँ प्रदान की है| मुझे उनके समीप जाने की अनुमति प्रदान करे, जिसने हमे यह सब चीज़े दी है| मैं ऋषि पतंजलि के समक्ष अपना शीश झुकता हूँ, जिनके ऊपरी शरीर में मानवरूप है| जिनकी भुजाओं में एक शंख, तलवार एवं चक्र है| जो कि चमकदार सफ़ेद कोबरा से सुसज्जित है, जिसके हज़ार सिर है| आदिशेष के अवतार को मेरा प्रणाम|
2. Ashtanga Vinyasa Opening Yoga Mantra – अष्टांग विन्यास उद्घाटन योग मंत्र
ॐ
वन्दे गुरूणां चरणारविन्दे संदर्शितस्वात्मसुखावबोधे ।
निःश्रेयसे जाङ्गलिकायमाने संसारहालाहलमोहशान्त्यै ॥
आबाहुपुरुषाकारं शङ्खचक्रासिधारिणम् ।
सहस्रशिरसं श्वेतं प्रणमामि पतञ्जलिम् ॥
ॐ
हिंदी अर्थ – मैं अपने गुरु के चरणों के चरणों को प्रणाम करता हूँ| स्वयं के होने वाले सुख का प्रकटीकरण तथा जागरण हमारे गुरुजन तथा हमारे आत्मज्ञान से प्रकट होता है| वह अभ्यास जो हमे जंगले के चिकित्सक की भांति बेहतर से बेहतर ठीक कर सकता है| वह अभ्यास जो कि संसार की जहरीली जड़ी – बूटी के कारण होने वाले भ्रम को समाप्त करता है| मैं पतंजलि ऋषि को प्रणाम करता हूँ, जिनका ऊपरी शरीर एक मानव समान है| जिनकी भुजाओं में एक शंख, तलवार एवं चक्र है| जिनके पास हजारों सफ़ेद चमकदार सिर है, हे पतंजलि ऋषि आपको मेरा प्रणाम|
3. Ganesh Mantra for Yoga – योग के लिए गणेश मंत्र
ॐ गं गणपतये नमः
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥
हिंदी अर्थ – सर्वोपरी भगवान श्री गणेश जी को प्रणाम| आपकी घुमावदार सूंड तथा विशाल शरीर लाखों सूर्यों की भांति चमकते है| और सभी पर अपना आशीर्वाद बरसाते है| हे देवो के देव श्री गणेश जी, कृपया मेरी सभी गतिविधियों और प्रयासों में समस्त बाधाओं को हमेशा के लिए दूर करें|
4. Ashtanga Vinyasa Closing Yoga Mantra – अष्टांग विन्यासा क्लोजिंग योग मंत्र
ॐ
स्वस्तिप्रजाभ्यः परिपालयन्तां न्यायेन मार्गेण महीं महीशाः।
गोब्राह्मणेभ्यः शुभमस्तु नित्यं लोकाः समस्ताः सुखिनो भवन्तु ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ।
हिंदी अर्थ – सम्पूर्ण विश्व में सबही मनुष्य स्वस्थ तथा सुखी रहे| नेता सद्गुण के मार्ग पर चलकर पृथ्वी की रक्षा करे| पृथ्वी को अच्छा मानने वाले सभी लोगों को कल्याण हो| पूरी दुनिया तथा ब्रह्मांड सुखी व शांतिपूर्ण रहे|
5. Gayatri Mantra for Yoga – गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुव: स्व:
तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो न: प्रचोदयात्।
हिंदी अर्थ – मैं उन सूर्य देवता का ध्यान करता हूँ, जिनके द्वारा तीनों लोक प्रकाशित होते है – पृथ्वी, स्वर्ग और अन्तरिक्ष | जो दिव्य शक्तियों में सबसे अधिक तेजस्वी तथा पूजनीय है| वह सूर्य देव हमारी बुद्धि को प्रकाशित करे|
6. Durga Mantra for Yoga – योग के लिए दुर्गा मंत्र
ॐ दम दुर्गायै नमः
हिंदी अर्थ – मैं दिव्य माँ दुर्गा को नमन करता हूँ जो हमारी रक्षा करती है तथा हमारे ऊपर अपना आशीर्वाद बनाए रखती है|
7. Mahamrityunjaya Mantra (Rudra Mantra) – महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||
हिंदी अर्थ – हम तीन नेत्रों वाले भगवान शिव की पूजा करते है| जिनकी सुगंध बहुत ही मधुर है तथा सभी प्राणियों का पोषण करते है| जिस प्रकार खीरा अपनी लता से अलग होता है, उसी भांति हम भी मृत्यु से मुक्त हो जाएं|
8. Guru Yoga Mantra – गुरु योग मंत्र
गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु,
गुरु देवो महेश्वर, गुरु साक्षात, प
रम ब्रह्म, तस्मै श्री गुरवे नमः।
हिंदी अर्थ – मैं देवताओं में त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश का आवाहन करता हूँ एवं उन्हें अपना शिक्षक मानता हूँ| मैं अपने शिक्षक को सर्वोच्च सिद्धांतो के अवतार के रूप में स्वीकार करता हूँ| मैं उन गुरुओं की पूजा करता हूँ व उन्हें प्रणाम करता हूँ|
9. Shivoham Shivoham
शिवोहम: शिवोहम:
हिंदी अर्थ – शिवोहमः दो शब्दों से मिलकर बना है| जिसमे शिवः का अर्थ है शिव तथा अहम् का अर्थ है – मैं हूँ | इसलिए शिवोहमः का अर्थ होगा – मैं शिव हूँ या मैं शाश्वत हूँ|
10. Adi Mantra (Kundalini Yoga) – आदि मंत्र (कुंडलिनी योग)
ओंग नमो गुरु देव नमो:
हिंदी अर्थ – मैं सृजनात्मक बुद्धि को प्रणाम करता हूँ| मैं अपने भीतर के दिव्य शिक्षक को नमन करता हूँ|
11. Shanti Mantra – शांति मंत्र
ॐ सर्वेषां स्वस्तिर्भवतु ।
सर्वेषां शान्तिर्भवतु ।
सर्वेषां पूर्णंभवतु ।
सर्वेषां मङ्गलंभवतु ।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
हिंदी अर्थ – सभी का कल्याण हो, सब में पूर्णता हो, सब में पूर्णता हो, सब शुभ अनुभव करे| ओम शांति, शांति, शांति!
12. Shanti Mantra 2 – शांति मंत्र 2
ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात्पूर्णमुदच्यते ।
पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
हिंदी अर्थ – वह अनंत है एवं यह ब्रह्मांड अनंत है| अनंत अनंत से ही निकलता है| अनंत की अनंतता को लेकर, वह केवल अनंत ही रह जाता है| ॐ शांति, शांति, शांति!
13. Shanti Mantra 3 – शांति मंत्र 3
ॐ सह नाववतु ।
सह नौ भुनक्तु ।
सह वीर्यं करवावहै ।
तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषावहै ।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
हिंदी अर्थ – भगवान हमारी रक्षा करे| भगवान हम दोनों का पालन पोषण करे| हम दोनों मिलकर बड़ी ऊर्जा के साथ अपना कार्य करे| हम एक दुसरे से विवाद न करे| मुझे शांति हो, मेरे वातावरण में शांति हो, मुझ पर काम करने वाली शक्तियों में शांति हो|
14. Shanti Mantra 4 – शांति मंत्र 4
ॐ द्यौः शान्तिरन्तरिक्षं शान्तिः,
पृथिवी शान्तिरापः शान्तिरोषधयः शान्तिः ।
वनस्पतयः शान्तिर्विश्वेदेवाः शान्तिर्ब्रह्म शान्तिः,
सर्वं शान्तिः शान्तिरेव शान्तिः सा मा शान्तिरेधि ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
हिंदी अर्थ – शांति समौर्ण आकाश एवं साथ ही प्रत्येक जगह विशाल आकाशीय अंतरिक्ष में फ़ैल जाए| इस सम्पूर्ण धरती, पानी में एवं सभी जड़ी – बूटियों, पेड़ और लताओं में शांति व्याप्त हो| पूरे ब्रह्मांड में शांति बहे| शांति सर्वोच्च सत्ता ब्रह्म में हो| सभी में शांति और केवल शांति हो|
15. Shanti Mantra 5 – शांति मंत्र 5
ॐ असतो मा सद्गमय ।
तमसो मा ज्योतिर्गमय ।
मृत्योर्मा अमृतं गमय ।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
हिंदी अर्थ – हमे असत्य से सत्य की ओर ले चलो| हमे अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो| हमे मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो| ओम शांति, शांति, शांति!
16. Shanti Mantra 6 – शांति मंत्र 6
ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः
सर्वे सन्तु निरामयाः ।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु
मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत् ।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
हिंदी अर्थ – सभी लोग सुखी तथा आनंदित रहे| सभी लोग बीमारियों से मुक्त रहे| सब लोगों को अन्दर एवं बाहर केवल अच्छाई ही दिखे| कोई भी व्यक्ति को दुखों का सामना नही करना पड़े| ओम शांति, शांति, शांति|
17. Mantra For Yoga – योग के लिए मंत्र
ॐ श्रद्धायै नमः।
हिंदी अर्थ – मैं पूर्ण श्रद्धा के साथ भगवान को प्रणाम करता हूँ एवं देवी के चरणों में अपना आत्मसमर्पण करता हूँ|
18. Laxmi Mantra – लक्ष्मी मंत्र
ॐ श्रीं महा लक्ष्मीयै नमः
हिंदी अर्थ – श्री शक्ति, महान देवी महालक्ष्मी को मेरा नमन|
19. Dhanvantari Gayatri Mantra – धन्वन्तरी गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे अमृता
कलशा हस्थाय धीमहि
तन्नो धन्वन्तरि प्रचोदयात ।।
हिंदी अर्थ – मैं उन परम पुरुष की पूजा करता हूँ, जो कि अमृत से भरा कलश धारण करते है| जब मैं उनका ध्यान करता हूँ तो वह मेरी बुद्धि को ज्ञान से आलोकित करके मुझ पर कृपा करे|
20. Dhanvantari Mantra – धन्वन्तरी मंत्र
ओं नमो भगवते वासुदेवाय
धन्वन्तरये अमृतकलशहस्ताय
सर्वामयविनाशनाय त्रैलोक्यनाथाय
धन्वन्तरी श्रीमहाविष्णवे नमः।
हिंदी अर्थ – भगवान धन्वंतरी को मेरी ओर से प्रणाम, जो कि भगवान विष्णु के अवतार है एवं जिन्हें वासुदेव धन्वंतरी के नाम से भी जाना जाता है| वे अपने हाथों में कलश धारण करते है जो कि अमृत से भरा हुआ है| हे भगवान, आप सभी मनुष्यों के मन से भय तथा रोगों को दूर करते है| आप सभी प्राणियों के शुभचिंतक तथा तीनों लोकों के रक्षक है| हे प्रभु! आप भगवान विष्णु के स्वरुप तथा आयुर्वेद के देवता है| सभी जीवों के आप ही परम उपचारक है|
21. Prayer for Yog – योग के लिए प्रार्थना
आप सद्भाव में आगे बढे,
आप एक ही स्वर में बोले,
आपका मन प्रारंभ की भांति समभाव रहे,
आपके सभी पवित्र प्रयासों में दिव्यता प्रकट हो,
आपके सभी पवित्र प्रयासों में दिव्यता प्रकट हो,
आपके सभी पवित्र प्रयासों में दिव्यता प्रकट हो|
22. Anusara Invocation Yog Mantra – अनुसार मंगलाचरण योग मंत्र
ॐ नमः शिवाय गुरवे
सच्चिदानन्द मूर्तये ।
निष्प्रपञ्चाय शान्ताय
निरालम्बाय तेजसे ॥
हिंदी अर्थ – ओम गुरु को मेरा प्रणाम, जो कि भगवान शिव है| जिन्होंने तीन तत्वों का रूप धारण किया है| जो कि वास्तविक चेतना एवं आनंद है| जो वर्तमान, शांत तथा सर्वव्यापी है, जो कि सीमाओं से परे एवं गहरी शांति के साथ सभी के भीतर प्रवेश करते है| जिन्हें किसी सहारे की आवश्यकता नही है अर्थात जो सभी सहारे से मुक्त है| स्वतंत्र एवं चेतना के चमकदार प्रकाश के द्वारा सभी को प्रकाशित करते है|
23. Universal Prayer – सार्वभौमिक प्रार्थना
ॐ
सभी सुखी रहे,
सभी रोगों से मुक्त हो,
सभी शुभ देखे,
किसी को कोई कष्ट न हो|
24. Sankalpa – संकल्प
मैं स्वयं को एक शांतिपूर्ण, आनंदित, प्रेमपूर्ण तथा स्वस्थ मनुष्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूँ|
अपने द्वारा किये गए प्रत्येक कार्य के माध्यम से,
मैं अपने आस – पास एक शांतिपूर्ण, प्रेमपूर्वक वातावरण बनाने का प्रयास करूँगा|
मैं जो अभी हूँ, उसकी सीमाओं को तोड़ने का प्रयास करता हूँ
एवं सम्पूर्ण दुनिया को अपना मानता हूँ|
मैं अपने जीवन की प्रत्येक दुसरे जीवन के साथ रिश्तेदारी को पहचानता हूँ|
मैं सभी की एकता को पहचानता हूँ|
25. Karagre Vasate Lakshmi Mantra: कराग्रे वस्ते लक्ष्मी मंत्र
कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती
करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम्
हिंदी अर्थ – हथेली के शीर्ष भाग पर माता लक्ष्मी निवास करती है जो कि धन एवं समृद्धि प्रधान करने वाली है| हथेली के मध्य भाग में ज्ञान एवं आत्मज्ञान प्रदान करने वाली देवी सरस्वती का निवास होता है| शक्ति प्रदान करने वाली माँ गौरी हथेली के आधार भाग पर स्थित होती है| इसलिए सुबह के समय हथेली को देखना शुभ माना जाता है|
26. Meditation Mantra – योग मंत्र
लोकाः समस्ता सुखिनो भवन्तु
ॐ शांति शांति शांति|
हिंदी अर्थ – ब्रह्मांड के सभी प्राणी सुखी एवं शांतिपूर्ण रहे|
शांति, शांति, शांति
27. Shivay Mantra – शिवाय मंत्र
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
हिंदी अर्थ – मैं परम मंगलमय भगवान शंकर को नमस्कार करता हूँ|
28. Kubera Mantra – कुबेर मंत्र
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये
धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
हिंदी अर्थ – मैं भगवान कुबेर जी को प्रणाम करता हूँ जो कि ब्रह्मांड में समस्त धन के संरक्षक या कोषाध्यक्ष है| समस्त सफलता के स्वामी भी आप ही है|
29. Surya Namaskar Invocation Yoga Mantra – सूर्य नमस्कार मंगलाचरण योग मंत्र
ॐ हिरण्मयेन पात्रेण सत्यस्यापिहितं मुखम्।
तत् त्वं पूषन्नपावृणु सत्यधर्माय दृष्टये ॥
हिंदी अर्थ – हे सूर्य देवता, पात्रेण के आवरण की भांति, स्वर्णिम प्रकाश सत्य को ढकता है| हे पोषक! कृपया उस आवरण का द्वार खोलिए ताकी मुझे सत्य दिखाई दे| हे प्रभु! अपने भक्तों को वास्तविक वास्तविकता दिखाइये|
30. Surya Gayatri Yog Mantra – सूर्य गायत्री योग मंत्र
ॐ अश्वध्वजय विद्महे
पासहस्थाय धीमहि
तन्नो सूर्यः प्रचोदयात ||
हिंदी अर्थ – मुझे उस भगवान की प्रार्थना एवं ध्यान करने दो, जिनके पास घोड़े के ध्वजा है| भगवान अपने हाथों में रस्सी लेकर मेरे मन को उज्जवल करे तथा सूर्य भगवान मेरी बुद्धि को प्रकाशित करें|
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q.योग का नारा क्या है?
A. अपनी आंतरिक शक्ति को उजागर करें।
Q.योग में मंत्र का क्या महत्व है?
A.योग के लिए संस्कृत मंत्र एक ऐसे शब्दों का समूह है जो जिनमे हमारे मन तथा शरीर को बदलने की शक्ति होती है।
Q.योग करने से क्या क्या लाभ होता है?
A.योग से शक्ति, संतुलन और लचीलेपन में सुधार होता है। धीमी गति और गहरी सांस लेने से रक्त प्रवाह बढ़ता है और मांसपेशियां गर्म होती हैं।
Q.योग प्रतिदिन कितने समय तक करना चाहिए?
A.योग विशेषज्ञों के मुताबिक, रोजाना 30 मिनट का योगाभ्यास शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आदर्श माना जाता है।