Jeev Ashtakam Lyrics in Hindi: जीव अष्टकम हिंदी अर्थ सहित
हरे कृष्ण ! जीव अष्टकम आठ संस्कृत छंदों (अष्ट = आठ, काम = छंद) का एक सेट है, जिसे अक्सर…
सन्तोषी माता चालीसा [Santoshi Mata Chalisa] का जाप करने के शुक्रवार का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है| माना जाता है कि जो भी सच्चे मन व पूर्ण श्रद्धा के साथ माँ सन्तोषी का व्रत करता है व उनकी सन्तोषी माता चालीसा [Santoshi Mata Chalisa] का भी जाप करता है, उस व्यक्ति पर हमेशा सन्तोषी माता की कृपा बनी रहती है| यदि आप सन्तोषी माता का व्रत करते है तो आपको इस बात अवश्य ध्यान रखना है कि इस दिन आपको खट्टी चीजों का सेवन करने से बचना है| सन्तोषी माता की पूजा करने के पश्चात आरी बहुत ही श्रद्धापूर्वक भाव से जाप करें|
सन्तोषी माता की पूजा करने तथा सन्तोषी माता चालीसा [Santoshi Mata Chalisa] का जाप करने से व्यक्ति को धन संबंधित सभी परेशानियों से राहत मिलती है| माता सन्तोषी का व्रत करने तथा सन्तोषी माता चालीसा [Santoshi Mata Chalisa] का जाप करने से भक्तों की सभी मनोकामनाए पूर्ण होती है| हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश जी तथा माता रिद्धि – सिद्धि को माँ सन्तोषी के माता – पिता के रूप में जाना जाता है| कहा जाता है कि सन्तोषी माता की पूजा करने के पश्चात उनकी आरती उतारने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती है|
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|| सन्तोषी माता चालीसा ||
॥ दोहा ॥
बन्दौं सन्तोषी चरण रिद्धि-सिद्धि दातार ।
ध्यान धरत ही होत नर दुःख सागर से पार ॥
भक्तन को सन्तोष दे सन्तोषी तव नाम ।
कृपा करहु जगदम्ब अब आया तेरे धाम ॥
॥ चौपाई ॥
जय सन्तोषी मात अनूपम ।
शान्ति दायिनी रूप मनोरम ॥
सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा ।
वेश मनोहर ललित अनुपा ॥
श्वेताम्बर रूप मनहारी ।
माँ तुम्हारी छवि जग से न्यारी ॥
दिव्य स्वरूपा आयत लोचन ।
दर्शन से हो संकट मोचन ॥
जय गणेश की सुता भवानी ।
रिद्धि- सिद्धि की पुत्री ज्ञानी ॥
अगम अगोचर तुम्हरी माया ।
सब पर करो कृपा की छाया ॥
नाम अनेक तुम्हारे माता ।
अखिल विश्व है तुमको ध्याता ॥
तुमने रूप अनेकों धारे ।
को कहि सके चरित्र तुम्हारे ॥
धाम अनेक कहाँ तक कहिये ।
सुमिरन तब करके सुख लहिये ॥
विन्ध्याचल में विन्ध्यवासिनी ।
कोटेश्वर सरस्वती सुहासिनी ॥
कलकत्ते में तू ही काली ।
दुष्ट नाशिनी महाकराली ॥
सम्बल पुर बहुचरा कहाती ।
भक्तजनों का दुःख मिटाती ॥
ज्वाला जी में ज्वाला देवी ।
पूजत नित्य भक्त जन सेवी ॥
नगर बम्बई की महारानी ।
महा लक्ष्मी तुम कल्याणी ॥
मदुरा में मीनाक्षी तुम हो ।
सुख दुख सबकी साक्षी तुम हो ॥
राजनगर में तुम जगदम्बे ।
बनी भद्रकाली तुम अम्बे ॥
पावागढ़ में दुर्गा माता ।
अखिल विश्व तेरा यश गाता ॥
काशी पुराधीश्वरी माता ।
अन्नपूर्णा नाम सुहाता ॥
सर्वानन्द करो कल्याणी ।
तुम्हीं शारदा अमृत वाणी ॥
तुम्हरी महिमा जल में थल में ।
दुःख दारिद्र सब मेटो पल में ॥
जेते ऋषि और मुनीशा ।
नारद देव और देवेशा ।
इस जगती के नर और नारी ।
ध्यान धरत हैं मात तुम्हारी ॥
जापर कृपा तुम्हारी होती ।
वह पाता भक्ति का मोती ॥
दुःख दारिद्र संकट मिट जाता ।
ध्यान तुम्हारा जो जन ध्याता ॥
जो जन तुम्हरी महिमा गावै ।
ध्यान तुम्हारा कर सुख पावै ॥
जो मन राखे शुद्ध भावना ।
ताकी पूरण करो कामना ॥
कुमति निवारि सुमति की दात्री ।
जयति जयति माता जगधात्री ॥
शुक्रवार का दिवस सुहावन ।
जो व्रत करे तुम्हारा पावन ॥
गुड़ छोले का भोग लगावै ।
कथा तुम्हारी सुने सुनावै ॥
विधिवत पूजा करे तुम्हारी ।
फिर प्रसाद पावे शुभकारी ॥
शक्ति-सामरथ हो जो धनको ।
दान-दक्षिणा दे विप्रन को ॥
वे जगती के नर औ नारी ।
मनवांछित फल पावें भारी ॥
जो जन शरण तुम्हारी जावे ।
सो निश्चय भव से तर जावे ॥
तुम्हरो ध्यान कुमारी ध्यावे ।
निश्चय मनवांछित वर पावै ॥
सधवा पूजा करे तुम्हारी ।
अमर सुहागिन हो वह नारी ॥
विधवा धर के ध्यान तुम्हारा ।
भवसागर से उतरे पारा ॥
जयति जयति जय संकट हरणी ।
विघ्न विनाशन मंगल करनी ॥
हम पर संकट है अति भारी ।
वेगि खबर लो मात हमारी ॥
निशिदिन ध्यान तुम्हारो ध्याता ।
देह भक्ति वर हम को माता ॥
यह चालीसा जो नित गावे ।
सो भवसागर से तर जावे ॥
॥ दोहा ॥
संतोषी माँ के सदा बंदहूँ पग निश वास ।
पूर्ण मनोरथ हो सकल मात हरौ भव त्रास ॥
॥ इति श्री संतोषी माता चालीसा ॥
|| Santoshi Mata Chalisa ||
|| Doha ||
“Bandoun Santoshi Charan Riddhi-Siddhi Daataar.
Dhyaan Dharat Hi Hot Nar Dukh Saagar Se Paar.
Bhakton Ko Santosh De Santoshi Tav Naam.
Kripa Karo Jagdamba Ab Aaya Tere Dhaam.
|| Chaupai ||
Jai Santoshi Maat Anoopam.
Shaanti Daayini Roop Manoram.
Sundar Varan Chaturbhuj Roopa.
Vesh Manohar Lalit Anupa.
Shwetambar Roop Manhaari.
Maa Tumhaari Chhavi Jag Se Nyari.
Divya Swaroopa Aayat Lochan.
Darshan Se Ho Sankat Mochan.
Jai Ganesh Ki Suta Bhavani.
Riddhi-Siddhi Ki Putri Gyaani.
Agam Agocchar Tumhari Maaya.
Sab Par Karo Kripa Ki Chhaaya.
Naam Anek Tumhaare Maata.
Akhil Vishw Hai Tumko Dhyaata.
Tumne Roop Anek Dhare.
Ko Kahi Sake Charitra Tumhaare.
Dhaam Anek Kahaa Tak Kahiye.
Sumiran Tab Karke Sukh Lahiye.
Vindhyachal Mein Vindhyavasini.
Koteshwar Saraswati Suhasini.
Kalkatte Mein Tu Hi Kaali.
Dusht Nashini Mahaakaali.
Sambal Pur Bahuchara Kahaati.
Bhaktajano Ka Dukh Mitaati.
Jwala Ji Mein Jwala Devi.
Pujat Nitya Bhakt Jan Sevi.
Nagar Bombay Ki Maharani.
Maha Lakshmi Tum Kalyani.
Madura Mein Meenakshi Tum Ho.
Sukh Dukh Sabki Saakshi Tum Ho.
Rajnagar Mein Tum Jagdambi.
Bani Bhadrakali Tum Ambe.
Paawagadh Mein Durga Maata.
Akhil Vishw Tera Yash Gaata.
Kashi Puraadhishwari Maata.
Annapurna Naam Suhaata.
Sarvaanand Karo Kalyani.
Tumhi Shaarada Amrit Vaani.
Tumhari Mahima Jal Mein Thal Mein.
Dukh Daaridr Sab Mito Pal Mein.
Jete Rishi Aur Muneesha.
Narad Dev Aur Devesha.
Is Jagati Ke Nar Aur Naari.
Dhyaan Dharat Hai Maat Tumhaari.
Jaapar Kripa Tumhaari Hoti.
Vah Paata Bhakti Ka Moti.
Dukh Daaridr Sankat Mit Jaata.
Dhyaan Tumhara Jo Jan Dhyaata.
Jo Jan Tumhari Mahima Gaavai.
Dhyaan Tumhara Kar Sukh Paavai.
Jo Man Raakhe Shuddh Bhaavana.
Taaki Puraan Karo Kaamna.
Kumati Nivaari Sumati Ki Daatri.
Jayati Jayati Maata Jagdhaatri.
Shukravaar Ka Divas Suhaavan.
Jo Vrat Kare Tumhaara Paavan.
Gud Chhole Ka Bhog Lagaavai.
Katha Tumhari Sune Sunaavai.
Vidhivat Pooja Kare Tumhari.
Phir Prasaad Paave Shubhkaari.
Shakti-Samarath Ho Jo Dhan Ko.
Daan-Dakshina De Vipran Ko.
Ve Jagati Ke Nar Aur Naari.
Manvaanchhit Phal Paave Bhaari.
Jo Jan Sharan Tumhaari Jaave.
So Nishchay Bhav Se Tar Jaave.
Tumharo Dhyaan Kumaari Dhyaave.
Nishchay Manvaanchhit Var Paave.
Sadhwaa Pooja Kare Tumhari.
Amar Suhagini Ho Vah Naari.
Vidhava Dhar Ke Dhyaan Tumhaara.
Bhavsaagar Se Utare Paara.
Jayati Jayati Jay Sankat Harani.
Vighn Vinaashan Mangal Karni.
Ham Par Sankat Hai Ati Bhaari.
Vegi Khabar Lo Maat Hamaari.
Nishidin Dhyaan Tumhaaro Dhyaata.
Deh Bhakti Var Ham Ko Maata.
Yah Chaalisa Jo Nit Gaave.
So Bhavsaagar Se Tar Jaave.
|| Doha ||
Santoshi Maa Ke Sada Bandhuun Pag Nish Vaas.
Poorn Manorath Ho Sakal Mat Harau Bhav Traas.
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