Panguni Uthiram 2025: Date, Auspicious Timings and its Rituals
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Basant Panchami 2024: क्या आप जानते है कि बसंत पंचमी 2024 (Basant Panchami 2024) का त्यौहार क्यों मनाया जाता है तथा इसका क्या महत्व है| आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बसंत पंचमी 2024 (Basant Panchami 2024) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे| यह बसंत पंचमी का पावन त्यौहार प्रत्येक वर्ष माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है| हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी 2024 (Basant Panchami 2024) का दिन ज्ञान, विद्या तथा संगीत की देवी माता सरस्वती जी को समर्पित किया जाता है| बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती के साथ-साथ कलम तथा दवात की भी पूजा की जाती है|
विद्वानों के अनुसार बसंत पंचमी 2024 (Basant Panchami 2024) के दिन माता सरस्वती की पूर्ण श्रद्धा के साथ पूजा करने से देवी काली तथा माँ लक्ष्मी बहुत ही प्रसन्न हो होती है| आपकी जानकारी के लिए बता दे कि बसंत पंचमी 2024 (Basant Panchami 2024) के त्यौहार को सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है| इस वर्ष बसंत पंचमी 2024 (Basant Panchami 2024) का त्यौहार 14 फरवरी 2024 बुधवार के दिन मनाया जाएगा| इसी दिन तक्षक पूजा तथा कामदेव पूजा भी जाती है|
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पंचमी तिथि प्रारंभ | 13 फरवरी 2024 | दोपहर 02:41 से प्रारंभ |
पंचमी तिथि समाप्त | 14 फरवरी 2024 | दोपहर 12:09 तक |
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार ब्रह्माजी अपने द्वारा ही रचित की गई सृष्टि पर भ्रमण करने के लिए निकले| जब ब्रह्माजी ने सम्पूर्ण सृष्टि को देखा तो उन्हें सब कुछ मौन ही नज़र आया अर्थात सभी जगह पर बिल्कुल ही ख़ामोशी-सी छा गई हो| यह देखने के पश्चात ब्रह्माजी को भी लगा कि संसार की रचना करने में कुछ कमी-सी रह गई है|
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इसके पश्चात ब्रह्माजी भ्रमण करते हुए एक स्थान पर रुक गए तथा उन्होंने अपने कमंडल से कुछ जल लेकर उसे छिड़क दिया| ब्रह्माजी के जल छिड़कने से एक महान ज्योतिपुंज के द्वारा एक देवी उत्पन्न हुई| जिनके हाथ में पुस्तक, वीणा, हाथों में श्वेत कमल एवं चेहरे पर एक अलग ही तेज था| इन्हें ही देवी सरस्वती के नाम से जाना जाता है| देवी सरस्वती जी ने ब्रह्माजी को प्रणाम किया| माता सरस्वती के अवतरण के दिवस को ही बसंत पंचमी 2024 (Basant Panchami 2024) के रूप में मनाया जाता है|
इसके बाद ब्रह्मा जी ने माता सरस्वती से कहा कि – हे देवी ! इस सम्पूर्ण ससार के लोग मूक है अर्थात मौन है| यह लोग केवल चल-फिर रहे है किन्तु इन सभी में किसी भी प्रकार का कोई आपसी संवाद नहीं हो रहा है| यह लोग आपस में बातचीत नहीं कर पा रहे है| ब्रह्मा जी के ऐसा कहने पर माता सरस्वती ने ब्रह्मा जी से पूछा कि हे प्रभु मेरे लिए क्या आज्ञा है? तब ब्रह्मा जी ने कहा कि हे देवी ! आप अपनी वीणा की सहायता से सम्पूर्ण जगत को ध्वनि प्रदान करे| जिसकी सहायता से लोग आपस में एक-दुसरे से बातें कर सके एवं एक दुसरे की समस्या को समझ सके| इसके पश्चात ही माता सरस्वती ने पूरी सृष्टि को ध्वनि प्रदान की|
पूजन सामग्री निम्न प्रकार है:
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता, या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना ।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता, सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥१॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं, वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम् ।
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्, वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम् ॥२॥
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यह बसंत पंचमी 2024 (Basant Panchami 2024) का त्यौहार किसी भी नए तथा शुभ कार्य को प्रारंभ करने के लिए बहुत अच्छा माना जाता है| किन्तु बसंत पंचमी के त्यौहार को सबसे ज्यादा शुभ विवाह के लिए माना जाता है| इसके अलावा भी बसंत पंचमी 2024 (Basant Panchami 2024) का त्यौहार नवीन विद्या प्राप्ति तथा गृह प्रवेश पूजा के लिए भी बहुत ही शुभ माना गया है| इसे प्रकृति का उत्सव भी माना गया है| तुलसीदास जी ने भी बसंत ऋतु को भी अपने ऋतुसंहार काव्य में अलंकृत किया है| इसके अलावा भगवान श्री कृष्ण ने भगवद गीता में कहा है है कि “मैं ऋतुओं में बसंत हूँ|”
इसके अतिरिक्त पौराणिक कथाओं के अनुसार कामदेव तथा रति के द्वारा सर्वप्रथम मानव के हृदय में प्रेम का संचार किया था| इसलिए देवी सरस्वती के अलावा इस दिन कामदेव तथा रति की पूजा भी की जाती है| बसंत पंचमी 2024 (Basant Panchami 2024) के दिन कामदेव तथा रति की पूजा करने जातक का दाम्पत्य जीवन सुखद रहता है तथा माता सरस्वती की पूजा करने भक्त का जीवन अंधकार से निकलकर ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर अग्रसर होता है|
आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से बसंत पंचमी 2024 (Basant Panchami 2024) के बारे में काफी बातें जानी है| हमने इस लेख के माध्यम से सरस्वती पूजा तथा बसंत पंचमी के शुभ मुहूर्त के बारे में जानकारी प्रदान की है| हम उम्मीद करते है कि हमारे द्वारा बताई गई जानकारी से आपको कोई ना कोई मदद अवश्य मिली होगी| इसके अलावा भी अगर आप किसी और पूजा के बारे में जानकारी लेना चाहते है। तो आप हमारी वेबसाइट 99Pandit पर जाकर सभी तरह की पूजा या त्योहारों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी ले सकते है|
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Q.हिंदू कैलेंडर के अनुसार बसंत पंचमी कब मनाई जाती है?
A.बसंत पंचमी की पूजा के लिए 14 फरवरी 2024 को सुबह 07 बजकर 01 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक का समय शुभ माना गया है.
Q.बसंत पंचमी मनाने के पीछे क्या कारण है?
A.मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिन्द सिंह जी का विवाह हुआ था।
Q.बसंत पंचमी का दूसरा नाम क्या है?
A.इस त्यौहार को देश के कई हिस्सों में सरस्वती पूजा के रूप में भी जाना जाता है और इसमें देवी सरस्वती की पूजा की जाती है।
Q.सरस्वती को कौन सा फल पसंद है?
A.बेर या बेर , एक फल है जिसका बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा से गहरा संबंध है। इस भारतीय बेर को देवताओं को अर्पित करें, और फिर इसे एक शुभ वर्ष के लिए प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।
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