Aigiri Nandini Lyrics in Sanskrit: महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम संस्कृत में
अयि गिरिनन्दिनि [Aigiri Nandini] के नाम से जाना जाने वाला महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम दुर्गा माता का एक लोकप्रिय देवी मंत्र…
यह भगवान श्री राम का सबसे प्रिय भजन माना जाता है| इस भजन भए प्रगट कृपाला की रचना स्वामी तुलसीदास जी ने की थी| यह भजन भगवान श्री राम जी के भूलोक पर आगमन की एक सुन्दर अनुभूति को दर्शाता है| इस भजन भए प्रगट कृपाला भजन अधिकतर नवजात शिशु बधाई तथा जन्मदिन जैसे शुभ अवसरों पर गाया जाता है| भगवान श्री राम के इस भजन को सुनने के पश्चात व्यक्ति इस भजन के अलावा कुछ और सुनना पसंद नहीं करता है| तो आइये जानते है इस श्री राम भजन के बारे में|
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|| छंद ||
भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,
कौसल्या हितकारी ।
हरषित महतारी, मुनि मन हारी,
अद्भुत रूप बिचारी ॥
लोचन अभिरामा, तनु घनस्यामा,
निज आयुध भुजचारी ।
भूषन बनमाला, नयन बिसाला,
सोभासिंधु खरारी ॥
कह दुइ कर जोरी, अस्तुति तोरी,
केहि बिधि करूं अनंता ।
माया गुन ग्यानातीत अमाना,
वेद पुरान भनंता ॥
करुना सुख सागर, सब गुन आगर,
जेहि गावहिं श्रुति संता ।
सो मम हित लागी, जन अनुरागी,
भए उ प्रगट श्रीकंता ॥
ब्रह्मांड निकाया, निर्मित माया,
रोम रोम प्रति बेद कहै ।
मम उर सो बासी, यह उपहासी,
सुनत धीर मति थिर न रहै ॥
उपजा जब ग्याना, प्रभु मुसुकाना,
चरित बहुत बिधि कीन्ह चहै ।
कहि कथा सुहाई, मातु बुझाई,
जेहि प्रकार सुत प्रेम लहै ॥
माता पुनि बोली, सो मति डोली,
तजहु तात यह रूपा ।
कीजै सिसुलीला, अति प्रियसीला,
यह सुख परम अनूपा ॥
सुनि बचन सुजाना, रोदन ठाना,
होइ बालक सुरभूपा ।
यह चरित जे गावहिं, हरिपद पावहिं,
ते न परहिं भवकूपा ॥
|| दोहा ||
बिप्र धेनु सुर संत हित,
लीन्ह मनुज अवतार ।
निज इच्छा निर्मित तनु,
माया गुन गो पार ॥
|| Chhand ||
Bhaaye pragat kripala deen-dayaala,
Kausalya hitkaari.
Harshit mahataari, muni man haari,
Adbhut roop bichaari.
Lochan abhiraama, tanu ghanasyaama,
Nij aayudh bhujachaari.
Bhushan banmaala, nayan bisaala,
Sobhasindhu kharaari.
Kah dui kar jori, astuti tori,
Kehi biddhi karoon anantaa.
Maya gun gyaanateet amanaa,
Ved puraan bhananta.
Karuna sukh saagar, sab gun aagar,
Jehi gaavahin shruti santa.
So mam hit laagi, jan anuraagi,
Bhayau pragat Shreekantha.
Brahmaand nikaayaa, nirmit maaya
Rom rom prati bed Kahe |
Mam ur sau baasi, yah uphasi,
Sunat dhir mati thir na rahe
Upaja jab gyana, prabhu musukana,
Charit bahut bidhi keenh chahay |
Kahi kathaa suhaee, maatu bujhaee,
Jehi prakaar sut prem lahay ||
Mata puni boli, so mati doli,
Tajahu taat yah roopa |
Keejay sisulila, ati priyasila,
Yah sukh param anupa ||
Suni bachan sujaana, rodan thaana,
Hoi Balak sur bhoopa |
Yah charit je gavahin, haripad pavahin,
Te na paragon bhavakoopa ||
Bhaaye pragat kripala deen-dayaala,
Kausalya hitkaari.
Harshit mahataari, muni man haari,
Adbhut roop bichaari.
|| Doha ||
Bipra dhenoo sur sant hit,
Leenhu manuj avatar.
Nij ichhaa nirmit tanu,
maa gun go paar.
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