Gita Jayanti 2023 : जाने गीता जयंती 2023 की शुभ तिथि व महत्व
गीता जयंती 2023 [Gita Jayanti 2023] हिन्दू धर्म के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण त्यौहार माना जाता है| इस गीता…
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नवरात्रि के इस पावन त्यौहार में दुर्गा अष्टमी 2023 [Durga Ashtami 2023] की पूजा तथा व्रत का बहुत ही बड़ा महत्व बताया गया है| इस वर्ष 2023 में शारदीय नवरात्रि का त्यौहार 15 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 23 अक्टूबर तक समाप्त हो जाएगी तथा इसके अगले दिन दशहरा का त्योहार मनाया जाता है| जिस दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध करके असत्य पर सत्य की विजय प्राप्त की थी| इस पावन नवरात्रि के त्यौहार के मध्य में आने वाली अष्टमी तिथि को महाष्टमी [Mahaashtami] के नाम से भी जाना जाता है| महाष्टमी या दुर्गा अष्टमी 2023 [Durga Ashtami 2023] का त्यौहार देवी दुर्गा माँ को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है|
दुर्गा अष्टमी 2023 [Durga Ashtami 2023] के दिन सभी महिलाएं उपवास रखती है तथा दुर्गा माता की पूजा करती है| दुर्गा अष्टमी 2023 [Durga Ashtami 2023] का यह दिन दुर्गा माता की आठवीं शक्ति महागौरी को अर्पित किया गया है| इस कारण शारदीय नवरात्रि 2023 की अष्टमी तिथि को देवी महागौरी का पूजन किया जाता है| मान्यता है कि देवी दुर्गा महाष्टमी तिथि पर ही असुरों का संहार करने के लिए प्रकट हुई थी| इसके अलावा दुर्गा अष्टमी 2023 [Durga Ashtami 2023] के दिन कन्या पूजन भी किया जाता है| तो आइये आपको इस लेख के माध्यम से बताते है कि दुर्गा अष्टमी 2023 [Durga Ashtami 2023] की तिथि का हिन्दू धर्म में इतना महत्व क्यों है|
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इस वर्ष शारदीय नवरात्रि में दुर्गा अष्टमी 2023 [Durga Ashtami 2023] की तिथि 22 अक्टूबर 2023 रविवार के दिन रहेगी|
अष्टमी तिथि आरंभ : 21 अक्टूबर 2023 को रात्रि 09:55:15 से
अष्टमी तिथि समाप्त : 22 अक्टूबर 2023 को रात्रि 08:00:57 तक
अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 12:00 से 12:46 तक |
विजय मुहूर्त : दोपहर 02:19 से 03:05 तक |
अमृत काल : दोपहर 12:38 से 02:10 तक |
संधि पूजा समय : शाम 07:34 से 08:22 तक |
निशीथ काल मुहूर्त : रात्रि 11:58 से 12:48 तक |
सर्वार्थ सिद्धि योग : सुबह 06:35 से 06:44 तक |
रवि योग : शाम 06:44 से अगली सुबह 06:35 तक |
हिन्दू धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार माना जाता है कि इस दिन माता चंड-मुंड ने राक्षस का संहार किया था| इस कारण से इस दुर्गा अष्टमी 2023 [Durga Ashtami 2023] का महत्व और अधिक बढ़ जाता है| इस तिथि को हथियारों की पूजा की जाती है| इस वजह से इस तिथि को वीर अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है| महाष्टमी के त्यौहार को दुर्गा अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है| दुर्गा अष्टमी 2023 [Durga Ashtami 2023] की तिथि नवरात्रि पूजा के महत्वपूर्ण दिनों में से एक मानी जाती है| इस दिन माँ दुर्गा के रूप महागौरी की पूजा की जाती है|
माँ गौरी भगवान शिव की पत्नी तथा भगवान गणेश जी की माता है| सबसे पहले भगवान श्री राम ने समुन्द्र के किनारे नौ दिनों तक माँ दुर्गा की पूजा की थी| इसके पश्चात ही उन्होंने युद्ध के लिए लंका की ओर प्रस्थान किया था| जिसके पश्चात उन्होंने रावण के खिलाफ युद्ध किया तथा उस पर विजय प्राप्त कर ली| इस कारण से नवरात्रि पूर्ण होने अगले दिन यानि दशमी तिथि को दशहरा मनाया जाता है| माना जाता है कि दुर्गा माँ नवरात्रि के समय कैलाश पर्वत को छोड़कर धरती पर आकर रहती है|
दुर्गा अष्टमी 2023 [Durga Ashtami 2023] वह दिन है जब जब नवरात्रि का त्यौहार अंतिम चरण पर होता है| इस दिन हिन्दू धर्म में माता रानी के भक्तों के द्वारा छोटी कन्याओं को भोजन करवाया जाता है| हिन्दू धर्म में दुर्गा अष्टमी तिथि का बहुत ही विशिष्ट महत्व बताया गया है| नवरात्रि की इस दुर्गा अष्टमी तिथि के दिन माता भवानी का जन्म हुआ था| माता भवानी एक बहुत ही महानतम शक्ति है| इस वजह से दुर्गा अष्टमी 2023 [Durga Ashtami 2023] की तिथि को महाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है| दुर्गा अष्टमी 2023 [Durga Ashtami 2023] के दिन महिलाएं कन्याओं का पूजन करके अपना उपवास खोलती है|
108.ब्रह्मवादिनी– वर्तमान में हर जगह वास करने वाली
इस तिथि के दिन कुछ माता दुर्गा के भक्त कन्याओं को भोजन करवाते है तथा उनकी पूजा करते है| माना जाता है कि इस 2 साल से 10 साल तक बच्चियों को भोजन कराने तथा उनकी पूजा करने से आपको देवी माता की कृपा प्राप्त होती है| इस शारदीय नवरात्रि में दुर्गा अष्टमी 2023 [Durga Ashtami 2023] की तिथि को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है| इस दिन माँ दुर्गा के रूप महागौरी की पूजा की जा सकती है| हिन्दू धर्म के अनुसार माना जाता है कि महागौरी का रूप घर में धन तथा एक बेहतरीन जीवनशैली लाता है| दुर्गा अष्टमी के दिन कई महिलाएं उपवास रखती है|
कुछ लोग जो पुरे नौ दिन का उपवास नहीं रखते है| उन्हें अष्टमी तिथि का व्रत निश्चित रूप से रखना चाहिए| माना जाता है कि दुर्गा अष्टमी 2023 [Durga Ashtami 2023] का व्रत लोगो के भाग्य में एक बहुत ही बड़ा बदलाव लाता है| कुछ लोग अपनी सभी प्रकार की चिंताओं को दूर करने के लिए दुर्गा अष्टमी 2023 [Durga Ashtami 2023] की तिथि का उपवास रखते तथा देवी दुर्गा की पूजा करते है| दुर्गा अष्टमी 2023 [Durga Ashtami 2023] का त्यौहार घर तथा माता के पंडालो के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार माना जाता है|
किसी भी तरह की पूजा करने के लिए हमें बहुत सारी तैयारियां करनी होती है| गावों में पूजा आसानी से हो जाती है लेकिन शहरों में लोगों के पास समय की कमी होती है| जिस वजह से वह लोग पूजा नहीं करवा पाते है तो उनकी इस समस्या का समाधान हम लेकर आये है 99Pandit के साथ| यह सबसे बेहतरीन प्लेटफार्म है जिससे आप किसी पूजा के लिए ऑनलाइन पंडित जी को बुक कर सकते है| इसके अलावा वर्तमान में ऐसे बहुत से लोग जिन्हें अपने ग्रंथो के बारे में कुछ भी नहीं पता है|
हालांकि, किसी भी समय भगवान की पूजा करना आपको कठिनाइयों, समस्याओं, तनाव और नकारात्मक ऊर्जाओं से हमें बचाता है। जैसा कि आज आपने इस लेख के माध्यम से दुर्गा अष्टमी 2023 [Durga Ashtami 2023] के महत्व तथा पूजा की विधि के बारे में जाना| इसके अलावा भी अगर आप किसी और पूजा जैसे सुंदरकांड पाठ [Sunderkand Path] तथा अखंड रामायण [Akhand Ramayana] के बारे में जानकारी लेना चाहते है। तो आप हमारी वेबसाइट पर जाकर सभी तरह की पूजा या त्योहारों के बारे में सम्पूर्ण ज्ञान ले सकते है।
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Q.दुर्गा अष्टमी 2023 का शुभ मुहूर्त क्या है ?
A.21 अक्टूबर 2023 को रात्रि 09.53 बजे से 22 अक्टूबर 2023 को सायं 07.58 बजे तक दुर्गा अष्टमी 2023 का शुभ मुहूर्त है|
Q.दुर्गा पूजा पर कौन सा रंग पहनना शुभ माना जाता है ?
A.दुर्गा पूजा के समय नारंगी, सफेद, लाल, रॉयल ब्लू, पीला, हरा, ग्रे, बैंगनी और पीकॉक ग्रीन रंग को पहनना बहुत शुभ माना जाता है|
Q.दुर्गा अष्टमी का महत्व क्या है?
A.नवरात्रि के आठवें दिन महाष्टमी मनाई जाती है. ये दिन मां दुर्गा की आठवीं शक्ति मां महागौरी को समर्पित हैं जो ऐश्वर्य, धन और समृद्धि की देवी मानी गई है|
Q.अष्टमी का व्रत किसका होता है?
A.इस तिथि के दिन माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए उपवास किया जाता है|