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Aarti Shri Vrshabhanusuta Ki Lyrics: श्री राधा जी की आरती

99Pandit Ji
Last Updated:February 19, 2024

श्री राधा जी कृपा पाने के लिए सभी भक्तों को राधा जी की आरती (Radha Ji Ki Aarti) का जाप निश्चित रूप से करना चाहिए| माँ राधा रानी की पूजा करते समय जो भक्त राधा चालीसा के साथ-साथ राधा जी की आरती (Radha Ji Ki Aarti) का जाप भी करते है| उन भक्तों को सौभाग्य की प्राप्ति होती है|

राधा जी की आरती

जो भी राधा जी की आरती (Radha Ji Ki Aarti) का जाप करता है, उस व्यक्ति के जीवन में कभी भी किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होती है| माना जाता है राधा जी की आरती (Radha Ji Ki Aarti) का जाप करने से भक्तों के कष्ट दूर होते है तथा व्यक्ति तेजस्वी बनता है आइये जानते है श्री राधा जी की आरती (Radha Ji Ki Aarti) के बारे में |

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राधा जी की आरती हिंदी में | Radha Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi

|| राधा जी की आरती ||

आरती श्री वृषभानुसुता की,
मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥

त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि,
विमल विवेकविराग विकासिनि ।

पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि,
सुन्दरतम छवि सुन्दरता की ॥
॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥

मुनि मन मोहन मोहन मोहनि,
मधुर मनोहर मूरति सोहनि ।

अविरलप्रेम अमिय रस दोहनि,
प्रिय अति सदा सखी ललिता की ॥
॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥

संतत सेव्य सत मुनि जनकी,
आकर अमित दिव्यगुन गनकी ।

आकर्षिणी कृष्ण तन मनकी,
अति अमूल्य सम्पति समता की ॥
॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥

। आरती श्री वृषभानुसुता की ।

कृष्णात्मिका, कृष्ण सहचारिणि,
चिन्मयवृन्दा विपिन विहारिणि ।

जगजननि जग दुखनिवारिणि,
आदि अनादिशक्ति विभुता की ॥
॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥

आरती श्री वृषभानुसुता की,
मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥

राधा जी की आरती

Radha Ji Ki Aarti Lyrics in English | आरती श्री वृषभानुसुता की

|| Radha Ji Ki Aarti ||

Aarti Shri Vrishabhanusuta ki,
Manjul moorti Mohan mamta ki.

Trividh tapayut sansriti nashini,
Vimal vivek-virag vikasini.

Pavan Prabhu pad Preeti Prakashini,
Sundartam chhavi sundarta ki.
Aarti Shri Vrishabhanusuta ki…

Muni man Mohan Mohan Mohani,
Madhur manohar moorti sohani.

Aviral prem amiy ras dohani,
Priya ati sada sakhi Lalita ki.
Aarti Shri Vrishabhanusuta ki..

Santat sevya sat muni janaki,
Aakar amit divyagun ganaki.

Aakarshini Krishna tan man ki,
Ati amulya sampati samata ki.
Aarti Shri Vrishabhanusuta ki..

Aarti Shri Vrishabhanusuta ki.

Krishnatmika, Krishna sahacharini,
Chinmayavrida vipin viharini.

Jagjanani jag dukh-nivari ni,
Adi anadi shakti vibhuta ki.
Aarti Shri Vrishabhanusuta ki..

Aarti Shri Vrishabhanusuta ki,
Manjul moorti Mohan mamta ki.

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