Jeev Ashtakam Lyrics in Hindi: जीव अष्टकम हिंदी अर्थ सहित
हरे कृष्ण ! जीव अष्टकम आठ संस्कृत छंदों (अष्ट = आठ, काम = छंद) का एक सेट है, जिसे अक्सर…
प्रभु श्री राम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है| भगवान श्री राम को प्रसन्न करने के लिए तुलसीदास जी के द्वारा रचित राम चालीसा (Ram Chalisa) का जप किया जाता है| राम चालीसा (Ram Chalisa) का जप करने से प्रभु श्री राम अपने भक्तों से बहुत ही प्रसन्न होते है तथा भक्तों पर अपनी कृपा भी बनाए रखते है| ऐसा माना जाता है कि इस जीवन रूपी भवसागर को पार करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को नियमित रूप से राम चालीसा (Ram Chalisa) का पाठ करना चाहिए| राम चालीसा (Ram Chalisa) का पाठ करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होने लगती है|
पौराणिक कथाओं के अनुसार राम चालीसा (Ram Chalisa) का जप किये बिना भगवान श्री राम की पूजा अधूरी मानी जाती है| राम चालीसा (Ram Chalisa) का पाठ करने से व्यक्ति में मन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है| माना जाता है कि राम चालीसा (Ram Chalisa) का पाठ नियमित तथा पूर्ण भक्ति भाव से करने पर भक्त को दीर्घायु की भी प्राप्ति होती है|
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|| राम चालीसा | Ram Chalisa ||
|| दोहा ||
आदौ राम तपोवनादि गमनं हत्वाह् मृगा काञ्चनं
वैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीव संभाषणं
बाली निर्दलं समुद्र तरणं लङ्कापुरी दाहनम्
पश्चद्रावनं कुम्भकर्णं हननं एतद्धि रामायणं
|| चौपाई ||
श्री रघुबीर भक्त हितकारी । सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी ॥
निशि दिन ध्यान धरै जो कोई । ता सम भक्त और नहिं होई ॥
ध्यान धरे शिवजी मन माहीं । ब्रह्मा इन्द्र पार नहिं पाहीं ॥
जय जय जय रघुनाथ कृपाला । सदा करो सन्तन प्रतिपाला ॥
दूत तुम्हार वीर हनुमाना । जासु प्रभाव तिहूँ पुर जाना ॥
तुव भुजदण्ड प्रचण्ड कृपाला । रावण मारि सुरन प्रतिपाला ॥
तुम अनाथ के नाथ गोसाई । दीनन के हो सदा सहाई ॥
ब्रह्मादिक तव पार न पावैं । सदा ईश तुम्हरो यश गावैं ॥
चारिउ वेद भरत हैं साखी । तुम भक्तन की लज्जा राखी ॥
गुण गावत शारद मन माहीं । सुरपति ताको पार न पाहीं ॥
नाम तुम्हार लेत जो कोई । ता सम धन्य और नहिं होई ॥
राम नाम है अपरम्पारा । चारिहु वेदन जाहि पुकारा ॥
गणपति नाम तुम्हारो लीन्हो । तिनको प्रथम पूज्य तुम कीन्हों ॥
शेष रटत नित नाम तुम्हारा । महि को भार शीश पर धारा ॥
फूल समान रहत सो भारा । पावत कोउ न तुम्हरो पारा ॥
भरत नाम तुम्हरो उर धारो । तासों कबहुँ न रण में हारो ॥
नाम शत्रुहन हृदय प्रकाशा । सुमिरत होत शत्रु कर नाशा ॥
लषन तुम्हारे आज्ञाकारी । सदा करत सन्तन रखवारी ॥
ताते रण जीते नहिं कोई । युद्ध जुरे यमहूँ किन होई ॥
महा लक्ष्मी धर अवतारा । सब विधि करत पाप को छारा ॥
सीता राम पुनीता गायो । भुवनेश्वरी प्रभाव दिखायो ॥
घट सों प्रकट भई सो आई । जाको देखत चन्द्र लजाई ॥
सो तुमरे नित पांव पलोटत । नवो निद्धि चरणन में लोटत ॥
सिद्धि अठारह मंगल कारी । सो तुम पर जावै बलिहारी ॥
औरहु जो अनेक प्रभुताई । सो सीतापति तुमहिं बनाई ॥
इच्छा ते कोटिन संसारा । रचत न लागत पल की बारा ॥
जो तुम्हरे चरनन चित लावै । ताको मुक्ति अवसि हो जावै ॥
सुनहु राम तुम तात हमारे । तुमहिं भरत कुल- पूज्य प्रचारे ॥
तुमहिं देव कुल देव हमारे । तुम गुरु देव प्राण के प्यारे ॥
जो कुछ हो सो तुमहीं राजा । जय जय जय प्रभु राखो लाजा ॥
रामा आत्मा पोषण हारे । जय जय जय दशरथ के प्यारे ॥
जय जय जय प्रभु ज्योति स्वरूपा । निगुण ब्रह्म अखण्ड अनूपा ॥
सत्य सत्य जय सत्य- ब्रत स्वामी । सत्य सनातन अन्तर्यामी ॥
सत्य भजन तुम्हरो जो गावै । सो निश्चय चारों फल पावै ॥
सत्य शपथ गौरीपति कीन्हीं । तुमने भक्तहिं सब सिद्धि दीन्हीं ॥
ज्ञान हृदय दो ज्ञान स्वरूपा । नमो नमो जय जापति भूपा ॥
धन्य धन्य तुम धन्य प्रतापा । नाम तुम्हार हरत संतापा ॥
सत्य शुद्ध देवन मुख गाया । बजी दुन्दुभी शंख बजाया ॥
सत्य सत्य तुम सत्य सनातन । तुमहीं हो हमरे तन मन धन ॥
याको पाठ करे जो कोई । ज्ञान प्रकट ताके उर होई ॥
आवागमन मिटै तिहि केरा । सत्य वचन माने शिव मेरा ॥
और आस मन में जो ल्यावै । तुलसी दल अरु फूल चढ़ावै ॥
साग पत्र सो भोग लगावै । सो नर सकल सिद्धता पावै ॥
अन्त समय रघुबर पुर जाई । जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई ॥
श्री हरि दास कहै अरु गावै । सो वैकुण्ठ धाम को पावै ॥
|| दोहा ||
सात दिवस जो नेम कर पाठ करे चित लाय ।
हरिदास हरिकृपा से अवसि भक्ति को पाय ॥
राम चालीसा जो पढ़े रामचरण चित लाय ।
जो इच्छा मन में करै सकल सिद्ध हो जाय ॥
|| Ram chalisa ||
|| Doha ||
Aado Ram Tapovanaadi Gamanam Htvaah Mriga Kaanchan,
Vaidehi Haran Jatayu Maranam Sugreeva Sambhashanam,
Bali Nirdalam Samudra Taranam Lankapuri Dahanam,
Paschdravanam Kumbhakarna Hananam Etadhi Ramayanam
|| Chaupai ||
Shri Raghubir Bhakt Hitkari | Suni Lijai Prabhu Araj Hamari ||
Nishi Din Dhyan Dharai Jo Koi | Ta Sam Bhakt Aur Nahin Hoi ||
Dhyan Dhare Shivaji Man Mahin | Brahma Indr Paar Nahin Pahin ||
Jai Jai Jai Raghunath Kripaka | Sada Karo Santan Pratipala ||
Dut Tumhaar Veer Hanumana | Jaasu Prabhav Tihun Pur Jana ||
Tuv Bhujchand Prachand Kripala | Ravana Maari Suran Pratipala ||
Tum Anaath Ke Naath Gosai | Dinan Ke Ho Sada Sahai ||
Brahmadik Tav Paar Na Paave | Sada Ish Tumharo Yash Gaave ||
Chaariu Ved Bharat Hai Saakhi | Tum Bhaktan Ki Lajja Raakhi ||
Gun Gaavat Shaarad Man Maahi | Surpati Taako Paar Na Paahin ||
Naam Tumhaar Let Jo Koi | Ta Sam Dhanya Aur Nahin Hoi ||
Ram Naam Hai Aprampara | Chaarihu Vedan Jaahi Pukara ||
Ganpati Naam Tumhaaro Linhon | Tinko Pratham Pujya Tum Kinhon ||
Shesh Ratat Nit Naam Tumhara | Mahi Ko Bhaar Shish Par Dhara ||
Ful Saman Rahat So Bhara | Paavat Kou Na Tumharo Para ||
Bharat Naam Tumharo Ur Dhaaro | Taaso Kabahu Na Ran Me Haaro ||
Naam Shatruhan Hridya Prakasha | Sumirat Hot Shatru Kar Nasha ||
Lashan Tumhare Aagyakari | Sada Karat Santan Rakhvari ||
Taate Ran Jite Nahin Koi | Yuddha Jure Yamahun Kin Hoi ||
Mahalakshmi Dhar Avataara | Sab Vidhi Karat Paap Ko Chhara ||
Sita Ram Punita Gaayo | Bhuvneshwari Prabhaav Dikhaayo ||
Ghat Sau Prakat Bhyi Sau Aayi | Jaako Dekhat Chandra Lajaai ||
Sau Tumare Nit Paanv Palotat | Navo Niddhi Charnan Me Lautat ||
Siddhi Attahrah Mangalkari | Sau Tum Par Jaave Balihaari ||
Aurahu Jo Anek Prabhutai | Sau Sitapati Tumahin Banai ||
Iccha Te Kotin Sansara | Rachat Na laagat Pal Ki Baara ||
Jo Tumhare Charnan Chit Laave | Taako Mukti Avasi Ho Jaave ||
Sunahun Ram Tum Taat Humaare | Tumahin Bharat Kul – Pujya Prachaare ||
Tumahin Dev Kul Dev Humaare | Tum Gurudev Praan Ke Pyaare ||
Jo Kuch Ho So Tumhin Raja | Jai Jai Jai Prabhu Raakh Laaja ||
Rama Aatma Poshan Haare | Jai Jai Jai Dashrath Ke Pyaare ||
Jai Jai Jai Prabhu Jyoti Swropa | Nigun Brahm Akhand Anupa ||
Satya Satya Jai Satya – Brat Swami | Satya Sanatan Antaryami ||
Satya Bhajan Tumharo Jo Gaave | Sau Nischay Chaaron Fal Paave ||
Satya Shapath Gauripath Kinhi | Tumne Bhakthin Sab SIddhi Dinhin ||
Gyaan Hridya Do Gyaan Swaroopa | Namo Namo Jai Jaapati Bhupa ||
Dhanya Dhanya Tum Dhanya Pratapa | Naam Tumhaar Harat Santapa ||
Satya Shuddh Devan Mukh Gaaya | Baji Dundubhi Shankh Bajaya ||
Satya Satya Tum Satya Sanatn | Tumhi Ho Humre Tan Man Dhan ||
Yaako Paath Kare Jo Koi | Gyan Prakat Taake Ur Hoi ||
Aavagaman Mite Tihi Kera | Satya Vachan Maane Shiv Mera ||
Aur Aas Man Me Jo Lyaave | Tulsi Dal Aru Phul Chadhave ||
Saag Patr Sau Bhog Lagave | Sau Nar Sakal Siddhta Paave ||
Ant Samay Raghubar Pur Jaai | Jahan Janam Hari Bhakt Kahai ||
Shree Hari Daas Kahe Aru Gaaev | Sau Vaikunth Dhaam Ko Paave ||
|| Doha ||
Saath Diwas Jo Nem Kar Paath Kare Chit Laay |
Haridaas Harikripa Se Avasi Bhakti Ko Paay ||
Ram Chalisa Jo Padhe Ram Charan Chit Laay |
Jo Iccha Man Me Kare Sakal Siddh Ho Jaaye ||
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