Mahamaya Ashtakam Lyrics: महामाया अष्टकम हिंदी अर्थ सहित
महामाया अष्टकम (Mahamaya Ashtakam Lyrics) माँ काली को समर्पित भजन है। माँ काली को सभी प्रकार की बुराइयों का नाश…
प्रभु श्री राम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है| भगवान श्री राम को प्रसन्न करने के लिए तुलसीदास जी के द्वारा रचित राम चालीसा (Ram Chalisa) का जप किया जाता है| राम चालीसा (Ram Chalisa) का जप करने से प्रभु श्री राम अपने भक्तों से बहुत ही प्रसन्न होते है तथा भक्तों पर अपनी कृपा भी बनाए रखते है| ऐसा माना जाता है कि इस जीवन रूपी भवसागर को पार करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को नियमित रूप से राम चालीसा (Ram Chalisa) का पाठ करना चाहिए| राम चालीसा (Ram Chalisa) का पाठ करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होने लगती है|
पौराणिक कथाओं के अनुसार राम चालीसा (Ram Chalisa) का जप किये बिना भगवान श्री राम की पूजा अधूरी मानी जाती है| राम चालीसा (Ram Chalisa) का पाठ करने से व्यक्ति में मन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है| माना जाता है कि राम चालीसा (Ram Chalisa) का पाठ नियमित तथा पूर्ण भक्ति भाव से करने पर भक्त को दीर्घायु की भी प्राप्ति होती है|
अब हम आपको 99Pandit के बारे में जानकारी देंगे| 99Pandit एक ऐसा ऑनलाइन प्लेटफार्म है जिसकी सहायता से आप हिन्दू धर्म से संबंधित किसी भी पूजा जैसे – महालक्ष्मी पूजा [Mahalakshmi Puja], गोवर्धन पूजा [Govardhan Puja] तथा धनतेरस पूजा [Dhanteras Puja] के लिए ऑनलाइन पंडित बुक कर सकते है| यहाँ बुकिंग प्रक्रिया बहुत ही आसान है| बस आपको “बुक ए पंडित” [Book A Pandit] विकल्प का चुनाव करना होगा और अपनी सामान्य जानकारी जैसे कि अपना नाम, मेल, पूजन स्थान, समय,और पूजा का चयन के माध्यम से आप अपना पंडित बुक कर सकेंगे|
|| राम चालीसा | Ram Chalisa ||
|| दोहा ||
आदौ राम तपोवनादि गमनं हत्वाह् मृगा काञ्चनं
वैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीव संभाषणं
बाली निर्दलं समुद्र तरणं लङ्कापुरी दाहनम्
पश्चद्रावनं कुम्भकर्णं हननं एतद्धि रामायणं
|| चौपाई ||
श्री रघुबीर भक्त हितकारी । सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी ॥
निशि दिन ध्यान धरै जो कोई । ता सम भक्त और नहिं होई ॥
ध्यान धरे शिवजी मन माहीं । ब्रह्मा इन्द्र पार नहिं पाहीं ॥
जय जय जय रघुनाथ कृपाला । सदा करो सन्तन प्रतिपाला ॥
दूत तुम्हार वीर हनुमाना । जासु प्रभाव तिहूँ पुर जाना ॥
तुव भुजदण्ड प्रचण्ड कृपाला । रावण मारि सुरन प्रतिपाला ॥
तुम अनाथ के नाथ गोसाई । दीनन के हो सदा सहाई ॥
ब्रह्मादिक तव पार न पावैं । सदा ईश तुम्हरो यश गावैं ॥
चारिउ वेद भरत हैं साखी । तुम भक्तन की लज्जा राखी ॥
गुण गावत शारद मन माहीं । सुरपति ताको पार न पाहीं ॥
नाम तुम्हार लेत जो कोई । ता सम धन्य और नहिं होई ॥
राम नाम है अपरम्पारा । चारिहु वेदन जाहि पुकारा ॥
गणपति नाम तुम्हारो लीन्हो । तिनको प्रथम पूज्य तुम कीन्हों ॥
शेष रटत नित नाम तुम्हारा । महि को भार शीश पर धारा ॥
फूल समान रहत सो भारा । पावत कोउ न तुम्हरो पारा ॥
भरत नाम तुम्हरो उर धारो । तासों कबहुँ न रण में हारो ॥
नाम शत्रुहन हृदय प्रकाशा । सुमिरत होत शत्रु कर नाशा ॥
लषन तुम्हारे आज्ञाकारी । सदा करत सन्तन रखवारी ॥
ताते रण जीते नहिं कोई । युद्ध जुरे यमहूँ किन होई ॥
महा लक्ष्मी धर अवतारा । सब विधि करत पाप को छारा ॥
सीता राम पुनीता गायो । भुवनेश्वरी प्रभाव दिखायो ॥
घट सों प्रकट भई सो आई । जाको देखत चन्द्र लजाई ॥
सो तुमरे नित पांव पलोटत । नवो निद्धि चरणन में लोटत ॥
सिद्धि अठारह मंगल कारी । सो तुम पर जावै बलिहारी ॥
औरहु जो अनेक प्रभुताई । सो सीतापति तुमहिं बनाई ॥
इच्छा ते कोटिन संसारा । रचत न लागत पल की बारा ॥
जो तुम्हरे चरनन चित लावै । ताको मुक्ति अवसि हो जावै ॥
सुनहु राम तुम तात हमारे । तुमहिं भरत कुल- पूज्य प्रचारे ॥
तुमहिं देव कुल देव हमारे । तुम गुरु देव प्राण के प्यारे ॥
जो कुछ हो सो तुमहीं राजा । जय जय जय प्रभु राखो लाजा ॥
रामा आत्मा पोषण हारे । जय जय जय दशरथ के प्यारे ॥
जय जय जय प्रभु ज्योति स्वरूपा । निगुण ब्रह्म अखण्ड अनूपा ॥
सत्य सत्य जय सत्य- ब्रत स्वामी । सत्य सनातन अन्तर्यामी ॥
सत्य भजन तुम्हरो जो गावै । सो निश्चय चारों फल पावै ॥
सत्य शपथ गौरीपति कीन्हीं । तुमने भक्तहिं सब सिद्धि दीन्हीं ॥
ज्ञान हृदय दो ज्ञान स्वरूपा । नमो नमो जय जापति भूपा ॥
धन्य धन्य तुम धन्य प्रतापा । नाम तुम्हार हरत संतापा ॥
सत्य शुद्ध देवन मुख गाया । बजी दुन्दुभी शंख बजाया ॥
सत्य सत्य तुम सत्य सनातन । तुमहीं हो हमरे तन मन धन ॥
याको पाठ करे जो कोई । ज्ञान प्रकट ताके उर होई ॥
आवागमन मिटै तिहि केरा । सत्य वचन माने शिव मेरा ॥
और आस मन में जो ल्यावै । तुलसी दल अरु फूल चढ़ावै ॥
साग पत्र सो भोग लगावै । सो नर सकल सिद्धता पावै ॥
अन्त समय रघुबर पुर जाई । जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई ॥
श्री हरि दास कहै अरु गावै । सो वैकुण्ठ धाम को पावै ॥
|| दोहा ||
सात दिवस जो नेम कर पाठ करे चित लाय ।
हरिदास हरिकृपा से अवसि भक्ति को पाय ॥
राम चालीसा जो पढ़े रामचरण चित लाय ।
जो इच्छा मन में करै सकल सिद्ध हो जाय ॥
|| Ram chalisa ||
|| Doha ||
Aado Ram Tapovanaadi Gamanam Htvaah Mriga Kaanchan,
Vaidehi Haran Jatayu Maranam Sugreeva Sambhashanam,
Bali Nirdalam Samudra Taranam Lankapuri Dahanam,
Paschdravanam Kumbhakarna Hananam Etadhi Ramayanam
|| Chaupai ||
Shri Raghubir Bhakt Hitkari | Suni Lijai Prabhu Araj Hamari ||
Nishi Din Dhyan Dharai Jo Koi | Ta Sam Bhakt Aur Nahin Hoi ||
Dhyan Dhare Shivaji Man Mahin | Brahma Indr Paar Nahin Pahin ||
Jai Jai Jai Raghunath Kripaka | Sada Karo Santan Pratipala ||
Dut Tumhaar Veer Hanumana | Jaasu Prabhav Tihun Pur Jana ||
Tuv Bhujchand Prachand Kripala | Ravana Maari Suran Pratipala ||
Tum Anaath Ke Naath Gosai | Dinan Ke Ho Sada Sahai ||
Brahmadik Tav Paar Na Paave | Sada Ish Tumharo Yash Gaave ||
Chaariu Ved Bharat Hai Saakhi | Tum Bhaktan Ki Lajja Raakhi ||
Gun Gaavat Shaarad Man Maahi | Surpati Taako Paar Na Paahin ||
Naam Tumhaar Let Jo Koi | Ta Sam Dhanya Aur Nahin Hoi ||
Ram Naam Hai Aprampara | Chaarihu Vedan Jaahi Pukara ||
Ganpati Naam Tumhaaro Linhon | Tinko Pratham Pujya Tum Kinhon ||
Shesh Ratat Nit Naam Tumhara | Mahi Ko Bhaar Shish Par Dhara ||
Ful Saman Rahat So Bhara | Paavat Kou Na Tumharo Para ||
Bharat Naam Tumharo Ur Dhaaro | Taaso Kabahu Na Ran Me Haaro ||
Naam Shatruhan Hridya Prakasha | Sumirat Hot Shatru Kar Nasha ||
Lashan Tumhare Aagyakari | Sada Karat Santan Rakhvari ||
Taate Ran Jite Nahin Koi | Yuddha Jure Yamahun Kin Hoi ||
Mahalakshmi Dhar Avataara | Sab Vidhi Karat Paap Ko Chhara ||
Sita Ram Punita Gaayo | Bhuvneshwari Prabhaav Dikhaayo ||
Ghat Sau Prakat Bhyi Sau Aayi | Jaako Dekhat Chandra Lajaai ||
Sau Tumare Nit Paanv Palotat | Navo Niddhi Charnan Me Lautat ||
Siddhi Attahrah Mangalkari | Sau Tum Par Jaave Balihaari ||
Aurahu Jo Anek Prabhutai | Sau Sitapati Tumahin Banai ||
Iccha Te Kotin Sansara | Rachat Na laagat Pal Ki Baara ||
Jo Tumhare Charnan Chit Laave | Taako Mukti Avasi Ho Jaave ||
Sunahun Ram Tum Taat Humaare | Tumahin Bharat Kul – Pujya Prachaare ||
Tumahin Dev Kul Dev Humaare | Tum Gurudev Praan Ke Pyaare ||
Jo Kuch Ho So Tumhin Raja | Jai Jai Jai Prabhu Raakh Laaja ||
Rama Aatma Poshan Haare | Jai Jai Jai Dashrath Ke Pyaare ||
Jai Jai Jai Prabhu Jyoti Swropa | Nigun Brahm Akhand Anupa ||
Satya Satya Jai Satya – Brat Swami | Satya Sanatan Antaryami ||
Satya Bhajan Tumharo Jo Gaave | Sau Nischay Chaaron Fal Paave ||
Satya Shapath Gauripath Kinhi | Tumne Bhakthin Sab SIddhi Dinhin ||
Gyaan Hridya Do Gyaan Swaroopa | Namo Namo Jai Jaapati Bhupa ||
Dhanya Dhanya Tum Dhanya Pratapa | Naam Tumhaar Harat Santapa ||
Satya Shuddh Devan Mukh Gaaya | Baji Dundubhi Shankh Bajaya ||
Satya Satya Tum Satya Sanatn | Tumhi Ho Humre Tan Man Dhan ||
Yaako Paath Kare Jo Koi | Gyan Prakat Taake Ur Hoi ||
Aavagaman Mite Tihi Kera | Satya Vachan Maane Shiv Mera ||
Aur Aas Man Me Jo Lyaave | Tulsi Dal Aru Phul Chadhave ||
Saag Patr Sau Bhog Lagave | Sau Nar Sakal Siddhta Paave ||
Ant Samay Raghubar Pur Jaai | Jahan Janam Hari Bhakt Kahai ||
Shree Hari Daas Kahe Aru Gaaev | Sau Vaikunth Dhaam Ko Paave ||
|| Doha ||
Saath Diwas Jo Nem Kar Paath Kare Chit Laay |
Haridaas Harikripa Se Avasi Bhakti Ko Paay ||
Ram Chalisa Jo Padhe Ram Charan Chit Laay |
Jo Iccha Man Me Kare Sakal Siddh Ho Jaaye ||
Table Of Content