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Shani Chalisa Lyrics: जयति जयति शनिदेव दयाला

99Pandit Ji
Last Updated:November 2, 2023

हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार शनि चालीसा (Shani Chalisa) के पाठ को शनिवार के दिन करना बहुत ही शुभ माना जाता है| शनि देव की पूजा करने के बाद शनि चालीसा (Shani Chalisa) का पाठ करने से शनिदेव अपने भक्तों से बहुत ही प्रसन्न होते है| इस शनि चालीसा (Shani Chalisa) का पाठ करने से भक्तों के सभी कष्ट व परेशानियां दूर होती है| ऐसा माना जाता है कि जिन लोगों पर शनि देव की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही हो, उन्हें इससे मुक्ति पाने व शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनि चालीसा (Shani Chalisa) का पाठ करना चाहिए| जैसा आप सभी जानते है कि शनि देव को न्याय के देवता के रूप में भी जाना जाता है|

शनि चालीसा

शनि अमावस्या के दिन शनि चालीसा (Shani Chalisa) का पाठ करने व्यक्ति को पितृ दोष में भी राहत मिलती है|शनि चालीसा (Shani Chalisa) का पाठ कभी भी किया जा सकता है| यदि आप शनि चालीसा (Shani Chalisa) का पाठ प्रारंभ करना चाहते है तो शनिवार इसके लिए सबसे शुभ दिन माना जाता है| शनि चालीसा (Shani Chalisa) का पाठ बहुत अधिक लाभकारी होता है, जब इसका जाप शनि देव के मंदिर में किया जाए| शनि देव की विशेष कृपा पाने के लिए पीपल के पेड़ के नीचे शनि चालीसा (Shani Chalisa) का पाठ करना चाहिए|

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शनि चालीसा | Shani Chalisa Lyrics In Hindi 

|| शनि चालीसा ||

|| दोहा ||

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल ।
दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल ॥

जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज ।
करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज ॥

|| चौपाई ||

जयति जयति शनिदेव दयाला ।
करत सदा भक्तन प्रतिपाला ॥

चारि भुजा, तनु श्याम विराजै ।
माथे रतन मुकुट छबि छाजै ॥

परम विशाल मनोहर भाला ।
टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला ॥

कुण्डल श्रवण चमाचम चमके ।
हिय माल मुक्तन मणि दमकै ॥

कर में गदा त्रिशूल कुठारा ।
पल बिच करैं अरिहिं संहारा ॥

पिंगल, कृष्णों, छाया नन्दन ।
यम, कोणस्थ, रौद्र, दुखभंजन ॥

सौरी, मन्द, शनी, दश नामा ।
भानु पुत्र पूजहिं सब कामा ॥

जा पर प्रभु प्रसन्न ह्वैं जाहीं ।
रंकहुँ राव करैं क्षण माहीं ॥

पर्वतहू तृण होई निहारत ।
तृणहू को पर्वत करि डारत ॥

राज मिलत बन रामहिं दीन्हयो ।
कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हयो ॥

बनहूँ में मृग कपट दिखाई ।
मातु जानकी गई चुराई ॥

लखनहिं शक्ति विकल करिडारा ।
मचिगा दल में हाहाकारा ॥

रावण की गतिमति बौराई ।
रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई ॥

दियो कीट करि कंचन लंका ।
बजि बजरंग बीर की डंका ॥

नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा ।
चित्र मयूर निगलि गै हारा ॥

हार नौलखा लाग्यो चोरी ।
हाथ पैर डरवाय तोरी ॥

भारी दशा निकृष्ट दिखायो ।
तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो ॥

विनय राग दीपक महं कीन्हयों ।
तब प्रसन्न प्रभु ह्वै सुख दीन्हयों ॥

हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी ।
आपहुं भरे डोम घर पानी ॥

तैसे नल पर दशा सिरानी ।
भूंजीमीन कूद गई पानी ॥

श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई ।
पारवती को सती कराई ॥

तनिक विलोकत ही करि रीसा ।
नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा ॥

पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी ।
बची द्रौपदी होति उघारी ॥

कौरव के भी गति मति मारयो ।
युद्ध महाभारत करि डारयो ॥

रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला ।
लेकर कूदि परयो पाताला ॥

शेष देवलखि विनती लाई ।
रवि को मुख ते दियो छुड़ाई ॥

वाहन प्रभु के सात सजाना ।
जग दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना ॥

जम्बुक सिंह आदि नख धारी ।
सो फल ज्योतिष कहत पुकारी ॥

गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं ।
हय ते सुख सम्पति उपजावैं ॥

गर्दभ हानि करै बहु काजा ।
सिंह सिद्धकर राज समाजा ॥

जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै ।
मृग दे कष्ट प्राण संहारै ॥

जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी ।
चोरी आदि होय डर भारी ॥

तैसहि चारि चरण यह नामा ।
स्वर्ण लौह चाँदी अरु तामा ॥

लौह चरण पर जब प्रभु आवैं ।
धन जन सम्पत्ति नष्ट करावैं ॥

समता ताम्र रजत शुभकारी ।
स्वर्ण सर्व सर्व सुख मंगल भारी ॥

जो यह शनि चरित्र नित गावै ।
कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै ॥

अद्भुत नाथ दिखावैं लीला ।
करैं शत्रु के नशि बलि ढीला ॥

जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई ।
विधिवत शनि ग्रह शांति कराई ॥

पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत ।
दीप दान दै बहु सुख पावत ॥

कहत राम सुन्दर प्रभु दासा ।
शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा ॥

|| दोहा ||

पाठ शनिश्चर देव को, की हों भक्त तैयार ।
करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार ॥

शनि चालीसा

Shani Chalisa Lyrics In English |  Shani Chalisa In English

|| Shani Chalisa ||

|| Doha ||

Jai Ganesh Girija Suvan, Mangal karan Kripal |
Dinan Ke Dukh Dur Kari, Kije Nath Nihaal ||

Jai Jai Shree Shanidev Prabhu, Sunahu Vinay Maharaj |
Karahu Kripa He Ravi Tanay, Raakhhu Jan Ki Laaj ||

|| Chaupai ||

Jayati Jayati Shanidev Dayala |
Karan Sada Bhaktan Pratipala ||

Chaari Bhuja, Tanu Shyam Viraaje |
Maathe Ratan Mukut Chhabi Chhaje ||

Param Vishal Manohar Bhala |
Tedhi Drishti Bhrikuti Vikrala ||

Kundal Sharavan Chamacham Chamke |
Hiya Maal Muktan Mani Damke ||

Kar Me Gada Trishul Kuthara |
Pal Bich Kare Arihi Sanhara ||

Pingal, Krishano, Chhaya Nandan |
Yam, Konstha, Raudra, Dukhbhanjan ||

Sauri, Mand, Shani, Dash Nama |
Bhaanu Putra Pujanhi Sab Kama ||

Jaa Par Prabhu Prasann He Jaanhi |
Rankhun Raav Kare Kshan Maahin ||

Parvathu Trin Hoe Niharat |
Trinhu Ko Parvat Kari Daarat ||

Raaj Milat Ban Ramhin Dinhon |
Kaikeihun Ki Mati Hari Linhyo ||

Banahun Me Mrig Kapat Dikhayi |
Maatu Jaanki Gai Churai ||

Lakanhi Shakti Vikal Karidara |
Machiga Dal Me Hahakar ||

Ravan Ki Gatimati Baurai |
Ramchandra Sau Bair Badhai ||

Diyo Kit Kari Kanchan Lanka |
Baji Bajrang Bir Ki Danka ||

Nrip Vikram Par Tuhi Pagu Dhara |
Chitr Mayur Nigali Gai Hara ||

Haar Naulakha Laagyo Chauri |
Haath Pair Darvaay Tori ||

Bhari Dasha Nikrisht Dikhayo |
Telihin Ghar Kolhu Chalvaayo ||

Vinay Rag Deepak Maham Kinhayo |
Tab Prasann Prabhu Haiv Sukh Dinhayo ||

Harischandra Nrip Naari Bikaani |
Apahun Bhare Dom Ghar Paani ||

Taise Nal Par Dasha Sirani |
Bhunjimin Kud Gai Paani ||

Shree Shankarhin Gahyo Jaai |
Parvati Ko Sati Karai ||

Tanik Vilokat Hi Kari Risa |
Nabh Udi Gayo Gaurisut ||

Paandav Par Bhe Dasha Tumhari |
Bachi Draupadi Hoti Ughaari ||

Kaurav Ke Bhi Gati Mati Maaryo |
Yuddha Mahabharat Kari Daaryo ||

Ravi Kahn Mukh Mahn Tatkala |
Lekar Kudi Paryo Patala ||

Shesh Devlakhi Vinati Laai |
RAvi Ko Mukh Te Diyo Chhudai ||

Vahan Prabhu Ke Saat Sajaanna |
Jag Digaaj Gardabh Mrig Swana ||

Jambuk Singh Aadi Nakh Dhaari |
So Fal Jyotish Kahat Pukari ||

Gaj Vahan Laxmi Gruh Aave |
Haya Te Sukh Sampati Upjaave ||

Gardabh Haani Kare Bahu Kaja |
Singh Siddhkar Raj Samaja ||

Jambuk Buddhi Nashth Kar Daare |
Mrig De Kashth Praan Sanhaare ||

Jab Aavahin Prabhu Swaan Sawari |
Chori Aadi Hoya Dar Bhaari ||

Taisahi Chaari Charan Yah Nama |
Swarn Lauha Chandi Aru Tama ||

Lauha Charan Par Jab Prabhu Aave |
Dhan Jan Sampatti Nashth Karave ||

Samta Taamr Rajat Shubhkari |
Swarn Sarv Sarv Sukh Mangal Bhari ||

Jo Yah Shani Charitra Nit Gaave |
Kabahun Na Dasha Nikrashth ||

Adbhut Nath Dikhaave Leela |
Kare Shatru Ke Nashi Bali Dhila ||

Jo Pandit Suyogya Bulvaae |
Vidhivat Shani Grah Shanti Karai ||

Pipal Jal Shani Divas Chadhavat |
Deep Dan De Bahu Sukh Paavat ||

Kahat Ram Sundar Prabhu Dasa |
Shani Sumirat Sukh Hot Prakasha ||

|| Doha ||

Paath Shanischar Dev Ko, Ki Ho Bhakt Taiyaar |
Karat Paath Chalish Din, Ho Bhavsagar Paar ||

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