Pandit for Medha Sukta Saraswati Homam: Cost, Vidhi & Benefits
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भूमि पूजन सामग्री की आवश्यकता भूमि पूजन जैसे धार्मिक कार्य के निर्वाह में एक महत्वपूर्ण अंग है। इसमें प्रयुक्त होने वाली सामग्री भूमि पूजन के आयोजन में उपयोग की जाती है और भूमि की प्राकृतिक शक्तियों का सम्मान करने में मदद करती है।
भूमि पूजन एक पवित्र और सामर्थ्यपूर्ण अवसर है जो हमें भूमि की महिमा को समझने और सम्मान करने का अवसर देता है। यह हमें हमारी प्राकृतिक पर्यावरण का संरक्षण करने की महत्वपूर्णता को समझाता है और हमें धरा की आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आह्वान करता है। भूमि पूजन के माध्यम से हम समृद्धि, सुरक्षा, और खुशहाली की प्राप्ति का आश्वासन प्राप्त करते हैं।
भूमि पूजन जैसे पवित्र कार्य को सम्पन्न करवाने के लिए 99पंडित की टीम हमेशा तत्पर रहती है | हम 99पंडित आपको भूमि पूजन का वास्तविक अनुभव प्रदान करते है साथ में यह भी ध्यान में रखते है की इसमें प्रयुक्त होने वाली भूमि पूजन सामग्री का यजमान को ज्ञान हो ताकि इस शुभ कार्य में किसी प्रकार का व्यवधान न आये | क्यों की अधिकांश लोगो को भूमि पूजन के बारे में सही जानकारी का आभाव होता है |
इस ब्लॉग के पीछे हमरा यानि 99पंडित का उद्देश्य आपको भूमि पूजन सामग्री का प्रयोग, इसका महत्व समझना, आपको इसके विधि- विधान का ज्ञान करवाना है|
आगे हम हमारे भगतों को भूमि पूजन सामग्री के बारे में बताते है की हमें भूमि पूजन के लिए कौन – कौनसी सामग्री चाहिए होगी | हम आपकी सुविधा के हिसाब से यहाँ भूमि पूजन में प्रयोग होने वाली सामग्री को सूचीबद्ध कर रहे है | ताकि आपको समग्रः जानकारी मिल सकें | चलो, सूचि का अवलोकन कर लेते है |
सामग्री | मात्रा |
रोली | 1 पैकेट |
कलावा (मौली) | 2 गोला |
सिन्दूर | 1 पैकेट |
लौंग | 1 पैकेट |
इलायची | 1 पैकेट |
सुपारी | 1 पैकेट |
गरिगोला | 2 नग |
अबीर | 1 पैकेट |
गुलाल | 1 पैकेट |
शहद | 1 शीशी |
इत्र | 1 शीशी |
हल्दी | 1 पैकेट |
गंगाजल | 1 बोतल |
गुलाबजल | 1 बोतल |
लाल कपडा | आधा मीटर |
पीला कपडा | सवा मीटर |
जनेऊ | 7 नग |
सर्वोषधि | 1 पैकेट |
सप्तमूर्तिका | 1 पैकेट |
सप्तधान्य | 1 पैकेट |
पंचरत्न | 1 पैकेट |
कपूर | 100 ग्राम |
गाय का घृत | 500 ग्राम |
पिली सरसो | 200 ग्राम |
धूपबत्ती | 1 पैकेट |
रूईबत्ती | 1 पैकेट |
दोना | 1 पैकेट |
माचिस | 1 नग |
कलश मिटटी का | 1 नग |
सकोरा | 5 नग |
दियाळी | 15 नग |
पञ्चमेवा | 100 ग्राम |
वास्तुयंत्र | 1 नग |
ताम्र कलश (छोटा सा ढक्कन सहित ) | – |
पानी वाला नारियल | 5 नग |
नवग्रह चावल | 1 पैकेट |
नवग्रह समिधा | 1 पैकेट |
आम की समिधा | 2 किलो |
हवन सामग्री | 500 ग्राम |
खैर की लकड़ी | 4 नग |
चावल | 250 ग्राम |
नाग एवं नागिन का जोड़ा चांदी के | – |
कछवा | – |
मछली | – |
शंख एवं चक्र | – |
लकड़ी की चौकी | 1 नग |
नवीन ईंट | 5 नग |
फल आवश्यकतानुसार | – |
मिष्ठान आवश्यकतानुसार | – |
पान के पत्ते | 11 नग |
फूलमाला (छोटे एवं बड़े ) | 5 नग |
खुले फूल | 500 ग्राम |
पञ्चामृत घर से तैयार करके लाये | – |
आम का पल्लव | 1 नग |
बालू, मोरंग , सीमेंट आदि की व्यवस्था | – |
शेष घर से लाने वाली भूमि पूजन सामग्री निम्न प्रकार से है:-
बैठने हेतु दरी व चद्दर की व्यवस्था , पिने के लिए व् पूजा के लिए जल की व्यवस्था, छोटा अखण्ड दीपक ढक्कन वाला | इसके अलावा थाली 4, प्लेट 2, लोटा 1, चम्मच , व चाकू की व्यवस्था भी सुनिश्चित कर ले |
भारतीय संस्कृति में धरती और भूमि की महिमा अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमारे पूर्वजों ने अपने जीवन में धरा को देवी और भगवान की रूप में पूजा करने का मार्ग चुना है। यह प्रथा हमारी संस्कृति और परंपराओं का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसी प्रकार, भूमि पूजन एक ऐसा पवित्र और सामर्थ्यपूर्ण अवसर है जो भूमि की प्राकृतिक शक्ति के आदर्शों को गर्व के साथ मान्यता देता है।
भूमि पूजन भूमि की प्राकृतिक शक्तियों को प्रशस्त करने और ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इसका महत्व निम्नलिखित है:
भूमि पूजन भूमि की प्राकृतिक शक्तियों का सम्मान करता है और उन्हें आशीर्वाद देने का मार्ग प्रदान करता है।
भूमि पूजन नए भवन, मकान, कार्यालय या किसी अन्य नगरिक योजना के निर्माण में सफलता की प्राप्ति में मदद करता है।
भूमि पूजन से भूमि की सुरक्षा और अभिवृद्धि होती है और इसके आशीर्वाद से समृद्धि और सम्पन्नता की प्राप्ति होती है।
भूमि पूजा एक विधि है जिसमें भूमि की प्राकृतिक शक्तियों का आदर्शोपासना किया जाता है। इस पूजा को आमतौर पर नए भवन, मकान, कार्यालय, उद्यान या किसी अन्य नगरिक योजना के निर्माण के पहले किया जाता है। यह पूजा उचित मुहूर्त में पंडित जी या ब्राह्मण द्वारा संपन्न की जाती है। इसमें निम्नलिखित चरणों का पालन किया जाता है:
पूजा की शुरुआत में पंडित या ब्राह्मण उचित मंत्रों का उच्चारण करके पूजा का आरंभ करते हैं।
भूमि पूजा में कलश स्थापित किया जाता है। कलश में शुद्ध जल, सुपारी, कच्चा सूत, गंगा जल, हल्दी, कुमकुम, नारियल, फूल और सिक्के रखे जाते हैं। भूमि पूजन सामग्री का चयन आप पंडित जी से विचार विमर्श से कर सकते है |
भूमि पूजा में ध्वज स्थापित किया जाता है, जिसे मंगलमय ध्वज के रूप में जाना जाता है। ध्वज को विशेष मंत्रों के साथ उठाया जाता है।
इसके बाद, पंडित या ब्राह्मण को अक्षत और फूलों के साथ धन्यवाद दिया जाता है, जो ईश्वर के आशीर्वाद की प्रतीक्षा करते हैं।
इसके बाद, पंडित या ब्राह्मण द्वारा भूमि की प्राकृतिक शक्तियों का उच्चारण किया जाता है। मंत्रों के माध्यम से भूमि का आदर्शोपासना की जाती है और ईश्वर से भूमि की सुरक्षा और आशीर्वाद की प्रार्थना की जाती है। भूमि पूजन मंत्र –
ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा । यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तरः शुचिः ॥ ॐ पुण्डरीकाक्षः पुनातु । ॐ पुण्डरीकाक्षः पुनातु ।
अंतिम चरण में, पूजा का प्रसाद वितरित किया जाता है, जिसे उपस्थित सभी लोग खाते हैं।
यहाँ हम आपको बता रहे है की क्यों हमारे लिए भूमि पूजन आवश्यक है :
भूमि पूजन धार्मिक और सामाजिक महत्वपूर्ण है, और यह हमें हमारे धर्म और संस्कृति को समझने का मौका देता है।
भूमि पूजन के द्वारा भूमि की सुरक्षा और अभिवृद्धि होती है, और इससे किसी अनुष्ठान की सफलता की संभावना बढ़ती है।
भूमि पूजन से शांति, समृद्धि और खुशहाली की प्राप्ति होती है।
नए निर्माण के पहले भूमि पूजन करने से कार्य की सफलता में वृद्धि होती है और नए परियोजनाओं के लिए शुभारंभ का संकेत मिलता है।
भूमि पूजन करने से भूमि की शुद्धि होती है और उसमें नकारात्मक ऊर्जा का समापन होता है।
इसके अतिरिक्त भूमि पूजन एक पवित्र और सामर्थ्यपूर्ण अवसर है जो हमें भूमि की महिमा को समझने और सम्मान करने का अवसर देता है। यह हमें हमारी प्राकृतिक पर्यावरण का संरक्षण करने की महत्वपूर्णता को समझाता है और हमें धरा की आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आह्वान करता है।
मार्केट की बात करे तो मार्केट में बहुत से पंडित सेवाएं कम्पनियां हमें बेहतरीन पंडित सर्विस का दिखावा करती है जब हम एक बार उन पर आँख बंद करके भरोसा कर लेते है तो वे बाद में अपना असली रूप हमें दिखती है , जैसे यजमान से मनचाही पैसा वसूली, समय पर कार्यकर्म को सम्पन्न न करवाना, पंडित का महूर्त समय के बाद में आना आदि |
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