शतचण्डी एवं नवचण्डी पूजा सामग्री की सूची

Posted By: 99PanditJi
Posted On: July 25, 2023
Last Update On: August 3, 2023

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भारतीय संस्कृति में धर्म और परंपरा एक अभिन्न अंग है। शतचण्डी और नवचण्डी दोनों ही विशेष प्रकार के दुर्गा पूजा के रूप में विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित की जाती हैं। यह पर्व धार्मिक तथा सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण होता है। शतचण्डी एवं नवचण्डी पूजा सामग्री का प्रयोग इस अनुष्ठान में और भक्तों के अंतरंग मन को धार्मिक उत्सव के लिए उत्साहवर्धक बनाने में सहायक सिद्ध होती है।

99पंडित पेशेवर व अनुभवी, विद्वान पंडितो का ऐसा समूह है जो आपको  शतचण्डी एवं नवचण्डी पूजा को बिना किसी विधन के संपन्न कराता है | यहाँ मौजूद पंडित शास्त्रों के पूर्ण ज्ञाता होने  साथ – साथ  धार्मिक – अनुष्ठान को हिन्दू समाज की रीती – रिवाज के अनुसार सम्पन्न करवाते  है| 

पंडित बुक करने के लिए आप “बुक ए पंडित” विक्लप का चयन कर सकते है , यह अपनी समय जानकारी का विवरण देकर आप आसानी से अपना पंडित बुक कर सकते है | 

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इस ब्लॉग के पीछे हमारा 99पंडित का उदेश्य भगतों  को शतचण्डी एवं नवचण्डी पूजा सामग्री ,  इसके आध्यात्मिक महत्व , से अवगत करवाना हैं, ताकि इसका लाभ भगतों को मिल सके, और उनकी हर संभव मनोकामनां पूर्ण हो सके | आप हमें व्हाट्सएप्प द्वारा भी अपने सुझाव दे सकते है इसके लिए हमारा नंबर रहेगा 8005663275 साथ ही शतचण्डी एवं नवचण्डी पूजा सामग्री का विवरण निचे वर्णित है , अत : आप सामग्री सूचि वहा से देख सकते है | 

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आगे हम भगतों  को  शतचण्डी एवं नवचण्डी पूजा सामग्री की सूचि प्रस्तुत कर रहे है जिसकी पूजन के समय पंडित जी को आवश्यता रहेगी |  

शतचण्डी और नवचण्डी रस्म के लिए विशेष सामग्री सूची निम्न प्रकार से है:-

वस्तुमात्रा
काला तिल2 किलो
श्वेत तिल500 ग्राम
जौ1 किलो
चावल पूर्णपात्र हेतु11 किलो
धूपलकडी500 ग्राम
कमलबीज100 ग्राम
सुगंधाबाला50 ग्राम
नागरमोथा50 ग्राम
सुगंधकोकिला50 ग्राम
जटामासी50 ग्राम
इंदर जौ50 ग्राम
बेलगुड़ी100 ग्राम
सतवारी50 ग्राम
गुर्च50 ग्राम
जावित्री50 ग्राम
भोजपत्र2 पैकेट
अगर-अगर100 ग्राम
गुग्गुल50 ग्राम
काला उड़द50 ग्राम
मुंग का पापड़1 पैकेट
आबा हल्दी50 ग्राम
देशी घी2 किलो
कपूर250 ग्राम
नवग्रह समिधा1 पैकेट
पञ्चमेवा250 ग्राम
हवनसामग्री गायत्री पूजन भंडार से3 किलो
गरिगोला1 किलो
जयकार1 नग
शहद1 शीशी
केला1 दर्जन
हलवा एवं खीर आवश्यकतनुसार
केथा1 नग
त्रिशूल एक चक्र1 सेट
मोती1 नग
पिली सरसो50 ग्राम
शंख एवं धनुष1 सेट
राई50 ग्राम
काली सरसो50 ग्राम
विफल1 नग
कागजी नींबू2 नग
विजौरा नींबू2 नग
पेड़ा200 ग्राम
गुड़50 ग्राम
दूध100 ग्राम
कट्टु छोटा पीस1 नग
लोकि1 नग
पालक100 ग्राम
मुस्समी1 नग
श्वेत चन्दन बुरादा50 ग्राम
लाल चन्दन बुरादा50 ग्राम
केसर एवं गोरोचन1 डिब्बी
कस्तूरी1 डिब्बी
काजल1 डिब्बी
कमल पुष्प1 नग
चिरोंजी50 ग्राम
गेरू50 ग्राम
काली मिर्च50 ग्राम
मिश्री50 ग्राम
मक्खन50 ग्राम
अनार का छिलका एवं अनार पुष्प
अनार दाना100 ग्राम
लौंग , इलायची सुपारी, एवं तलनार
पान के पते बड़ा साइज50 नग
कनेर का पुष्प1 नग
दारू हल्दी50 नग
कुशा बण्डल पूर्णपात्र में स्थापित हेतु1 सेट
पूर्णपात्र बड़ी परात अथवा बड़ा भगोना1 सेट
आम की समिधा15 किलो

शतचण्डी एवं नवचण्डी पूजा सामग्री की व्यवस्था आप ऊपर वर्णित सूचि के अनुरूप कर सकते हो |  

शतचण्डी पूजा क्या होती है ?

शतचण्डी पूजा नियमित रूप से विशेष अवसरों पर आयोजित की जाती है। इस पूजा का मुख्य उद्देश्य देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करना होता है, जिन्हें शतचण्डी कहा जाता है। यह नौ रूप विचारित संसार में शक्ति के विभिन्न अंशों का प्रतीक होते हैं, जिन्हें पूजन से व्यक्ति अपने जीवन में साहस और सफलता प्राप्त करता है।

पूर्व में शतचण्डी पूजा को मुख्य रूप से बिहार और पश्चिम बंगाल के क्षेत्रों में मनाया जाता था, लेकिन आज यह धरोहर अन्य क्षेत्रों में भी प्रचलित है। इस पूजा में संगीत, नृत्य, व्रत कथाएं और धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन होता है, जिससे समृद्धि, शक्ति, और साहस की प्रतीक्षा की जाती है।

शतचण्डी एवं नवचण्डी पूजा सामग्री  99पंडित के विद्वान पंडितो द्वारा तैयार की गयी है | शेष सामग्री की व्यवस्था हेतु आप अपने लोकाहित पंडित से विचार विमर्श कर सकते है |   

नवचण्डी पूजा और इसका महत्व  

नवचण्डी पूजा भारत के बंगाल क्षेत्र में एक प्रसिद्ध पर्व है, जो मां दुर्गा की नौ दिव्य शक्तियों की पूजा के लिए आयोजित की जाती है। नवरात्रि के दौरान इस पूजा को धूमधाम से मनाया जाता है और लाखों श्रद्धालु इसमें भाग लेते हैं। यह पूजा धरोहर और समरसता का प्रतीक मानीं  जाती है | 

नवचण्डी पूजा एक मार्गदर्शक रूप में काम आती है, जो समरसता और एकता की भावना को स्थापित करती है। इस पूजा में, नौ दिव्य शक्तियां प्रत्येक दिन विशेष रूप से पूजी जाती हैं, जो धर्मिकता, साहस, और नैतिकता के प्रतीक हैं। इस पूजा के दौरान लोग सामाजिक तानाशाही, भ्रष्टाचार, और दुर्व्यवहार के खिलाफ संघर्ष का संदेश देते हैं।

नवचण्डी  पूजा का  लाभ

नवचण्डी पूजा के पीछे प्रथम उद्देश्य अपनी सभी इच्छाओं को पूरा करने का होता है । इसका एक और लाभ यह मिलता है की , यह पूजा स्वस्थ रहने और लंबे जीवन जीने के लिए आपको को अधिकृत करती है।

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इसके अलावा, धन की प्राप्ति  के साथ साथ आप यशस्वी बनते है । इसके अलावा, यह मोक्ष प्राप्ति का उत्तम मार्ग है साथ ही में शुभ ग्रहों के सभी प्रकार के बुरे प्रभावों को दूर करता है । नवचण्डी पूजा  से मन, शरीर और आत्मा की पवित्र होता है । इस पूजा में हवन सामग्री के प्रयोग से पर्यावरण को शुद्ध और शांत रहता है । मन, शरीर, आत्मा में पवित्रता लाने  के लिए आप  नव चंडी पूजा का आयोजन करवा सकते है।

शतचण्डी और नवचण्डी पूजा में सम्बन्ध और इसका धार्मिक महत्व

शतचण्डी और नवचण्डी दोनों ही दुर्गा पूजाओं के अलग-अलग रूप हैं, लेकिन इनमें समानता भी है। दोनों पर्वों का मुख्य उद्देश्य मां दुर्गा की नौ दिव्य शक्तियों के प्रतीकात्मक पूजन करना है, जो समृद्धि, साहस, और समरसता की प्रतीक हैं। यह दोनों ही पूजाएं धार्मिकता, सांस्कृतिकता, और समाज में समरसता को बढ़ावा देने में मदद करती हैं।

इसके अलावा शतचण्डी और नवचण्डी पूजा सामग्री का उपयोग इस पूजा में महत्वपूर्ण होता है | यह पूर्ण शुद्ध व् पवित्र हो यह भी आवश्यक है | 

निष्कर्ष 

शतचण्डी और नवचण्डी दोनों ही धार्मिक परंपराएं भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग हैं, जो धर्म, सांस्कृतिकता, और समरसता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये पर्व भारतीय समुदाय की एकता का प्रतीक हैं और सभी वर्गों के लोगों को एक साथ लाते हैं। हम सभी को यह धार्मिक परंपरा को समर्थन करना चाहिए और इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए, ताकि हम समृद्ध, समरस्त और एकत्रित समाज की रचना में सहायता कर सकें। शतचण्डी और नवचण्डी पूजन सामग्री के द्वारा आप अपने घर में पंडित जी द्वारा सलाह के अनुसार की पूजा अर्चना सम्पन्न करवा सकते हो |

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