ओणम 2023: कब से हुई ओणम की शुरुआत, जानें तिथि, मुहूर्त और महत्व

Posted By: 99PanditJi
Posted On: August 29, 2023
Last Update On: September 22, 2023

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भारत को त्योहारों का देश भी कहा जाता है| ऐसा इसलिए है क्योंकि यहाँ हर दिन कोई ना कोई त्यौहार अवश्य आता ही रहता है| लेकिन यही हम दूसरी ओर यानी दक्षिण भारत की तरफ देखे तो वहां पर ओणम का त्यौहार बड़े ही उत्साह तथा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है| मान्यता है कि यह त्यौहार 10 दिनों तक मनाया जाने वाला सबसे सुप्रसिद्ध त्यौहार है| आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ओणम 2023 का यह त्यौहार महाराजा बलि और भगवान विष्णु के वामन अवतार के स्वागत के लिए मनाया जाता है| इस वर्ष में ओणम 2023 का त्यौहार 20 अगस्त से लेकर 31 अगस्त तक मनाया जाएगा| 

ओणम 2023

ओणम को दक्षिण भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार के नाम से जाना जाता है| मलयालम कैलेंडर के अनुसार ओणम 2023 का त्यौहार चिंगम महीने में मनाया जाता है| इस कैलेंडर के अनुसार चिंगम माह मलयालम कैलेंडर का पहला महीना माना जाता है जो कि अगस्त – सितम्बर के बीच में आता है| इस त्यौहार को सर्वाधिक महत्व केरल राज्य के लोगों के द्वारा दिया जाता है| वहां के लोग इस त्यौहार को बहुत ही धूमधाम के साथ मनाते है|

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ओणम के त्योहार को थिरुवोणम के नाम से भी जाना जाता है| इस त्यौहार को दक्षिण भारत के लोग बहुत ही उत्साह से मनाते है तथा अपने भगवान को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा करते है| और उनका आशीर्वाद पाने के लिए उनसे प्रार्थना करते है| 

ओणम का त्यौहार वैसे तो 12 दिनों तक मनाया जाता है| जैसा कि हमने आपको पहले बताया कि इस त्यौहार को 10 दिन तक मनाया जाता है| क्योंकि इसके प्रारम्भ के 10 दिन ही सबसे शुभ और मुख्य माने जाते है| चिंगम माह में सावन या थिरुवोणम नक्षत्र के सक्रिय होने पर थिरु ओणम का पूजन किया जाता है| 

ओणम 2023: शुभ तिथि व मुहूर्त  

तिथि 

  • पहला ओणम – 28 अगस्त 2023, सोमवार 
  • थिरुवोणम – 29 अगस्त 2023, मंगलवार 
  • तीसरा ओणम – 30 अगस्त 2023, बुधवार 
  • चौथा ओणम – 31 अगस्त 2023, गुरुवार 

मुहूर्त  

  • थिरुवोणम नक्षत्र की शुरुआत – 29 अगस्त को सुबह 02: 43 मिनट से 
  • थिरुवोणम नक्षत्र का समापन – 29 अगस्त को रात 11:50 मिनट पर 

ओणम क्या है ? 

यह त्यौहार सर्वाधिक दक्षिणी भारत में मनाया जाता है| मुख्यत: भारत देश के केरल राज्य में यह त्यौहार मनाया जाता है| मलयालम कैलेंडर के अनुसार ओणम 2023 का त्यौहार चिंगम महीने में मनाया जाता है| इस कैलेंडर के अनुसार चिंगम माह मलयालम कैलेंडर का पहला महीना माना जाता है जो कि अगस्त – सितम्बर के बीच में आता है| 

ओणम के त्योहार को थिरुवोणम के नाम से भी जाना जाता है| आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ओणम का त्यौहार वैसे तो 12 दिनों तक मनाया जाता है लेकिन ओणम के शुरुआती 10 दिनों को ही सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है| इसके अलावा भी ओणम के त्यौहार का प्रत्येक दिन अपने आप में ही एक अलग खास महत्व रखता है| 

जब तक भी यह ओणम का त्यौहार चलता है तब तक सभी लोग अपने घरों को फूलों से सजाकर ही रखते है| इस दिन सम्पूर्ण विधि विधान के साथ भगवान विष्णु और महाराजा बलि का पूजन किया जाता है| ओणम का यह पवित्र त्यौहार नयी फसलो के आने की खुशी में भी मनाया जाता है| ओणम का यह त्यौहार  थ्रिकरा नामक एक वामन मंदिर से प्रारम्भ होता है जो कि केरल राज्य में स्थित है| इस दिन वहा के सभी घरों में फूलों की पंखुड़ियों की सहायता से बहुत सारी सुन्दर – सुन्दर रंगोलियों का निर्माण किया जाता है| सभी युवतियां उन रंगोलियों के चारों और बड़ी प्रसन्नता के साथ नृत्य करती है| 

इस फूलों से बनाई जाने वाली वृताकार रंगोलियों की संख्या प्रारम्भ में कम ही होती है, लेकिन जैसे – जैसे त्यौहार के दिन बढ़ते जाते है| उसी प्रकार से इन वृताकार रंगोलियों की संख्या भी बढती रहती है| इसी प्रकार से यह इन 10 दिनों पुकलम वृहत का आकार धारण कर लेता है| मान्यता है कि इस पुकलम के मध्य में भगवान विष्णु के वामन अवतार और महाराजा बलि की मिट्टी की प्रतिमा को रखकर पूजा की जाती है|  

क्यों मनाया जाता है ओणम 2023 का त्यौहार   

ओणम के त्योहार को मनाने के पीछे बहुत से कारण तथा अनेकों कथाएं प्रचलित है| आज हम उन्ही में से एक कथा आपको बताने वाले है, जो कि सबसे श्रेष्ठ है| तथा इस कथा का बखान भी कई ग्रंथों और वेदों में मिलता है| 

कथा  

एक पौराणिक कथा के अनुसार मान्यता है कि महाबली नाम का एक असुर राजा था| वैसे तो महाबली एक असुर राजा था लेकिन उसने अपनी प्रजा के लिए बहुत ही अच्छे काम (नेक) काम किये थे| इसलिए वह सभी देवता के समान ही मानते थे| महाबली को अपनी प्रजा बहुत ही प्रिय थी| वह अपनी प्रजा पर किसी भी तरह का कोई भी संकट नहीं आने देता था| इस कारण से प्रजा भी महाबली से बहुत ही प्रसन्न रहती थी| महाबली अपने जप और तप की सहायता से अनेकों शक्तियां प्राप्त कर रहा था| माना जाता है कि महाबली इतना शक्तिशाली राजा था| जिसे परास्त करना बिल्कुल ही संभव नहीं था| महाबली ने इंद्र देव को पराजित करके स्वर्गलोक पर कब्ज़ा कर लिया था| 

इंद्र की स्थिति को देखकर उनकी माँ ने भगवान विष्णु की प्रार्थना की| उनकी प्रार्थना से प्रसन्न होकर इंद्र देव ने माता अदिति को यह वचन दिया कि वह अवश्य ही इंद्र देव का उद्धार करेंगे| तथा उन्हें उनका खोया हुआ राजपाट फिर वापिस दिलवाएँगे| इसके कुछ समय के बाद ही भगवान विष्णु ने माता अदिति के गर्भ से वामन रूप में जन्म लिया| 

ओणम 2023

आपको बता दें कि इस अवतार को भगवान का ब्रह्मचारी रूप में जाना जाता है| असुर महाबली स्वर्ग लोक पर स्थायी रूप से अधिकार करना चाहता था| इसके लिए वो अश्वमेध यज्ञ भी करवा रहा था| 

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तब भगवान श्री हरि वामन अवतार में राजा बलि के पास पहुँचे| तब राजा बलि ने उनका आदर सत्कार किया और उनसे भेट मांगने को कहा तो भगवान विष्णु ने उनसे तीन पग जमीन मांगी| बलि ने यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया| तब भगवान विष्णु ने अपना विशाल रूप धारण किया| तथा उन्होंने पहले पग में सम्पूर्ण पृथ्वी, दुसरे पग में सम्पूर्ण आसमान नाप दिया जब तीसरा पग रखने के लिए कोई स्थान नहीं बचा तो राजा बलि ने अपने सिर पर तीसरा पैर रखवा लिया| जिससे राजा बलि पाताल में चला गया| 

प्रजा का बलि के लिए प्रेम  

जैसे ही राजा बलि की प्रजा को यह पता चला कि उनका राजा पाताल में चला गया है| यह सुनकर सम्पूर्ण राज्य में ही हडकंप मच गया| राजा बलि के पाताल में चले जाने से सम्पूर्ण राज्य की प्रजा बहुत ही दुखी और निराश हो गयी थी| भगवान भी बड़े ही दयालु है| उन्होंने राजा बलि के प्रति प्रजा का इतना स्नेह देख कर भगवान विष्णु ने उन्हें यह वरदान दिया कि प्रत्येक वर्ष में किसी एक निश्चित तिथि पर राजा बलि उनसे मिलने अवश्य आयेंगे| मान्यता है कि आज भी राजा बलि अपनी प्रजा से मिलने एक निश्चित तिथि पर आते है| 

ओणम 2023

इसी समय को एक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है| जिसे हम ओणम के नाम से जानते है| ओणम को एक अन्य नाम थिरुवोणम से भी जाना जाता है| वहां पर ऐसी मान्यता है कि जब भी राजा बलि अपनी प्रजा से मिलने आते है| तो सम्पूर्ण राज्य में हरियाली छा जाती है| और सभी घरों में खुशहाली और समृद्धि आती है| 

ओणम त्योहार के 10 दिन

दिन महत्व 
अथं पहला दिन जब राजा बलि केरल जाने के लिए निकलते है| 
चिथिरा फूलों का कालीन जिसे पुक्कलम कहते है, बनाना शुरू करते है| 
चोधीपुक्कलम में 4 – 5 प्रकार के फूलों से अगली परत बनाई जाती है| 
विशाकम इस दिन से अलग – अलग प्रकार की प्रतियोगिता प्रारम्भ हो जाती है| 
अनिज्हमनौका रेस की तैयारी प्रारम्भ होती है| 
थ्रिकेताछुट्टियां शुरू हो जाती है| 
मूलम मंदिरों में विशेष पूजा प्रारम्भ हो जाती है| 
पूरादममहाबली और वामन जी की प्रतिमा घर में स्थापित की जाती है| 
उठ्रादोमइस दिन महाबली केरल में प्रवेश करते है| 
थिरुवोनम मुख्य त्यौहार 

ओणम 2023 की मनाने की विधि  

दक्षिण भारत की बात करे तो वहां पर ओणम का त्यौहार बड़े ही उत्साह तथा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है| मान्यता है कि यह त्यौहार 10 दिनों तक मनाया जाने वाला सबसे सुप्रसिद्ध त्यौहार है| आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ओणम 2023 का यह त्यौहार महाराजा बलि और भगवान विष्णु के वामन अवतार के स्वागत के लिए मनाया जाता है| इस त्यौहार को केरल में बहुत ही अच्छे पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है| इस दिन होने वाली नौका रेस व अलग – अलग प्रतियोगिताओं को देखने के लिए लोग बहुत ही दूर – दूर से आते हैं| तो आइये जानते है ओणम को कैसे मनाया जाता है – 

  • ओणम का यह त्यौहार  थ्रिकरा नामक एक वामन मंदिर से प्रारम्भ होता है जो कि केरल राज्य में स्थित है| इस दिन मंदिर में ओणम के त्यौहार बहुत ही अच्छे से मनाया जाता है| 
  •  यह त्यौहार 10 दिनों तक मनाया जाने वाला बहुत ही सुप्रसिद्ध त्यौहार है| जिसमे नाच, गाना, पूजा, आरती, मेला, खरीददारी  के बाजार तथा अन्य कई चीज़ों की तैयारिया होती है| 
  • इस दिन यहाँ पर भिन्न – भिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है| जिस सभी लोग ही खुशी – खुशी भाग लेते है| 
  • ओणम के दिन बाजारों में किसानों के लिए सभी सामान जैसे – कपड़े, गहने अन्य सभी चीज़े बहुत ही सस्ते कीमत पर मिलती है| ताकि सभी लोग त्यौहार का भरपूर आनंद ले सके| 
  • इस सभी लोग नये – नये कपड़े खरीदते है और उन्ही कपड़ो को ही पहनते है| इसका भी एक अलग महत्व है| इसलिए इसको ओनक्कोदी के नाम से जाना जाता है| 
  • यह त्यौहार दानवीर महाबली की याद में मनाया जाता है| इसलिए इस दिन जरुरतमंदों को दान करना की भी मान्यता है| उनके राजा बलि बहुत ही प्रसन्न होते है| 
  • ओणम के त्यौहार पर केरल में लोकनृत्य का आयोजन किया जाता है| जो कि बहुत ही बड़े स्तर पर आयोजित किया जाता है| 
  • इस त्यौहार के अंतिम दिन में अलग – अलग 26 प्रकार के पकवान का निर्माण किया जाता है| तथा इसके पश्चात उन्हें केले के पत्तों में सभी लोगों को परोसा जाता है| 

ओणम 2023 का महत्व   

ओणम को दक्षिण भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार के नाम से जाना जाता है| मलयालम कैलेंडर के अनुसार ओणम 2023 का त्यौहार चिंगम महीने में मनाया जाता है| इस कैलेंडर के अनुसार चिंगम माह मलयालम कैलेंडर का पहला महिना माना जाता है जो कि अगस्त – सितम्बर के बीच में आता है| इस त्यौहार को सर्वाधिक महत्व केरल राज्य के लोगों के द्वारा दिया जाता है| वहां के लोग इस त्यौहार को बहुत ही धूमधाम के साथ मनाते है| ओणम के त्योहार को थिरुवोणम के नाम से भी जाना जाता है| 

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ओणम एक बहुत ही प्राचीन त्यौहार माना गया है| जिसे आज भी बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है| ओणम के साथ साथ इस महीने में चावल की फसल का त्यौहार और वर्षा के फूलों के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है| जब तक भी यह ओणम का त्यौहार चलता है तब तक सभी लोग अपने घरों को फूलों से सजाकर ही रखते है| इस दिन सम्पूर्ण विधि विधान के साथ भगवान विष्णु और महाराजा बलि का पूजन किया जाता है| ओणम का यह पवित्र त्यौहार नयी फसलो के आने की खुशी में भी मनाया जाता है| इस दिन मान्यता है कि महाबली अपनी प्रजा से मिलने आते है और उनके सभी दुःख, दर्द व कष्ट दूर कर देते है| 

निष्कर्ष  

किसी भी तरह की पूजा करने के लिए हमें बहुत सारी तैयारियां करनी होती है| गावों में पूजा आसानी से हो जाती है लेकिन शहरों में लोगों के पास समय की कमी होती है| जिस वजह से वह लोग पूजा नहीं करवा पाते है तो उनकी इस समस्या का समाधान हम लेकर आये है 99Pandit के साथ| यह सबसे बेहतरीन प्लेटफार्म है जिससे आप किसी पूजा के लिए ऑनलाइन पंडित जी को बुक कर सकते है|  

आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से ओणम के बारें में काफी बाते जानी है| आज हमने ओणम पूजन के फ़ायदों के बारे में भी जाना| इस दिन होने वाली भिन्न – भिन्न प्रतियोगिताओं के बार में भी हमने आपको बताया| हम उम्मीद करते है कि हमारे द्वारा बताई गयी जानकारी से आपको कोई ना कोई मदद मिली होगी| इसके अलावा भी अगर आप किसी और पूजा के बारे में जानकारी लेना चाहते है। तो आप हमारी वेबसाइट 99Pandit पर जाकर सभी तरह की पूजा या त्योहारों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी ले सकते है| 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q.ओणम के दिन किसकी पूजा की जाती है ?

A.इस पर्व के दिन भगवान विष्णु और महाबली की पूजा की जाती है|

Q.ओणम का त्यौहार कब मनाया जाता है ?

A.मलयालम कैलेंडर के अनुसार ओणम 2023 का त्यौहार चिंगम महीने में मनाया जाता है| इस कैलेंडर के अनुसार चिंगम माह मलयालम कैलेंडर का पहला महीना माना जाता है जो कि अगस्त – सितम्बर के बीच में आता है|

Q.ओणम मुख्य रूप से कहाँ मनाया जाता है ?

A.ऐसे तो ओणम का त्यौहार सम्पूर्ण दक्षिण भारत में मनाया जाता है लेकिन मुख्यत: यह त्यौहार केरल राज्य में मनाया जाता है|

Q.ओणम कितने दिन का होता है ?

A.यह त्यौहार दिन तक मनाया जाता है लेकिन मुख्यत: 10 दिनों का ही होता है|

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