8 Chiranjeevi Names: हिंदू पौराणिक कथाओं के अष्ट चिरंजीवी
8 Chiranjeevi Names: हिन्दू धर्म के कई पुराणों, वेदों तथा विभिन्न कथाओं में कभी न कभी आपने भी 8 चिरंजीवी…
भगवान को फूल: भारत देश में अनेकों धर्मो के लोग रहते है| सभी धर्मों के लोग अपने – अपने धर्मों में पूर्ण रूप से मान्यता रखते है| सभी धर्म अपने स्थान पर बिल्कुल बेहतर है किन्तु हिन्दू धर्म में भगवान की पूजा – पाठ करने का अलग ही विशेष महत्व बताया गया है| हिन्दू धर्म में प्रकृति से सम्बंधित सभी चीज़ों को पूजनीय योग्य माना गया है| ऐसा माना जाता है भगवान की पूजा – पाठ करने से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है और देवी – देवताओं का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है| हिन्दू धर्म में भगवान को खुश करने के लिए अनेकों प्रकार की पूजा – पाठ, उपवास, हवन व अनुष्ठान किये जाते है| हिन्दू धर्म में किसी भी देवता की पूजा, हवन या अनुष्ठान में फूल अर्पित करने की परंपरा ऋषि – मुनियों के समय से से ही चली आ रही है|
बिना फूल चढ़ाए भगवान की पूजा को अधुरा माना जाता है| इसलिए जब भी आप किसी भी भगवान की पूजा करे तो उस पूजा या अनुष्ठान में फूल अवश्य चढ़ाना चाहिए| पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पूजा में फूलों का इस्तेमाल करने से सुगंध के रूप में हमारे आस – पास के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करता है तथा शुभ तरंगो का भी वातावरण में संचार करता है| इससे हमारे घर में भी सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है|
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भगवान को भी फूलों की खुशबू अत्यंत प्रिय होती है| इसलिए सभी देवी – देवताओं की पूजा को फूल न चढाने पर अधुरा ही माना जाता है| भगवान को फूल चढाने हमें पूजा का सम्पूर्ण लाभ मिलता है| इसी के साथ हमें भगवान का आशीर्वाद मिलता है और सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है| हिन्दू धर्मग्रंथों में बताया गया है कि हमारे सभी देवी – देवताओं के मस्तक पर फूल से सुसज्जित रहता है|
हिन्दू धर्म के अनुसार सभी देवी – देवताओं की पूजा के लिए उनके स्वयं के प्रिय फूल है| भगवान को उनके पसंदीदा फूल चढाने से भगवान भी अपने भक्तों से बहुत प्रसन्न रहते है और हमेशा उन पर अपनी कृपा बनाए रखते है| आप जिस भी भगवान की पूजा कर रहे हो तो उन्हें उनके प्रिय फूल चढाने से पूजा का फल कई गुना ज्यादा बढ़कर मिलता है| तो आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे कि किस भगवान को कौन सा फूल अधिक प्रिय है| इसके अलावा भी हम इस विषय के बारे में और अधिक चर्चा करेंगे तो इस आर्टिकल पूरा पढना जिससे आपके मन में जो भी सवाल है| उनका जवाब आपको मिल सके|
गणेश जी की एक ऐसे देवता है| जिनकी पूजा किसी भी कार्य को करने से पूर्व या किसी भी देवता की पूजा से पहले भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है| आपकी जानकारी की बता दे कि गणेश जी हरी दूर्वा घास बहुत प्रिय है| वैसे तो गणेश जी को सभी प्रकार के फूल चढ़ाए जा सकते है लेकिन गणेश जी की पूजा में हरी दूर्वा घास को चढाने से गणेश जी बहुत प्रसन्न होते है और अपने भक्तों को मनचाहा फल भी प्रदान करते है| एक सबसे महत्वपूर्ण बात कि गणेश जी को कभी भी तुलसीदल नहीं चढ़ाया जाता है| गणेश जी तुलसीदल चढ़ाना वर्जित बताया गया है|
शिवजी जिन्हें इस संसार के पालनकर्ता के रूप में भी जाना जाता है| भगवान शिव को कई अनेक मानों से जाना जाता है| लेकिन उन्हें भक्तों के द्वारा उनके सबसे प्रचलित नाम भोले बाबा पुकारा जाता है| ऐसा इसलिए क्योंकि उनका स्वभाव बहुत ही भोला और सरल है| भगवान शिव केवल एक लोटा जल चढाने मात्र से ही अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाते है और उनकी हर संकट में सहायता करते है| भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र, धतूरे के फूल, हरसिंगार का फूल, नागकेसर के सफ़ेद फूल, कनेर के फूल, कुसुम के फूल, आक के फूल आदि चढाने की परंपरा है| हिन्दू शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव को पूजा के समय तुलसी, केतकी और केवड़े के फूल चढ़ाना पूर्ण रूप से वर्जित है|
भगवान विष्णु को तुलसी बहुत ही अधिक प्रिय है| इसी कारण से तुलसी को प्रियाहरि के नाम से भी जाना जाता है| भगवान श्री कृष्ण ने गीता में भी कहा है कि यदि कोई भक्त मुझे एक तुलसी का पत्ता गंगाजल में डुबो कर मुझे अर्पित करता है तो सम्पूर्ण जीवन के लिए उस भक्त का ऋणी हो जाता हु और उसका ऋण कैसे चुकाना है| यह मैं नहीं जानता हूं| इसलिए भगवान विष्णु की पूजा में तुलसीदल का बहुत ही आवश्यक है| इसके अलावा भगवान विष्णु को कमल का फूल, जूही का फूल, केवड़े का फूल, चमेली के फूल, मालती, चंपा और वैजयंती के फूल भी बहुत प्रिय है|
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हिन्दू धर्म में माता लक्ष्मी को धन की देवी के रूप में जाना जाता है| इसी के साथ मां लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी भी है| इसी के साथ मान्यता है कि जिस पर माता लक्ष्मी की कृपा होती है तो उस व्यक्ति के जीवन में कभी भी धन की कोई कमी नहीं आती है| माता लक्ष्मी को कमल का फूल बहुत ही प्रिय है| उनकी पूजा करते समय उन्हें कमल का फूल चढाने से वह प्रसन्न होती है| जिससे भी माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है तो उस भक्त के जीवन को धन – धान्य से भरपूर कर देती है|
भगवान सूर्य देव एकमात्र साक्षात देव है| जब व्यक्ति भगवान सूर्य देव की पूजा करना प्रारंभ करता है तो उसके व्यक्तित्व में पूर्ण रूप से अलग ही बदलाव आ जाता है| हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार सूर्य देव की पूजा करने और उन्हें नियमित जल चढ़ाने से वे प्रसन्न होते है| सुबह जल्दी उठकर सूर्य भगवान को जल चढाने से मान – सम्मान और सुख – समृद्धि की प्राप्ति होती है| भगवान सूर्य देव को गुडहल के फूल, कनेर के फूल, लाल कमल के फूल और गेंदे के फूल बहुत प्रिय है|
श्री कृष्ण भगवान विष्णु के ही अवतार है| भगवान श्री कृष्ण को कुमुद, करवरी, चणक, मालती के फूल, वनमाला के फूल काफी पसंद है| इसके अलावा भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप जिन्हें लड्डू गोपाल जी के नाम से भी जाना जाता है| उन्हें तुलसीदल अधिक प्रिय माना गया है|
माँ गौरी भगवान शिव की पत्नी है| इसलिए जो फूल भगवान शिव को पसंद है| वाही फूल माता गौरी को भी पसंद है| इसके अलावा बताया जाता है कि माँ गौरी को लाल रंग के फूल बहुत ही प्रिय है|
हिन्दू धर्म के शास्त्रों में बताया गया है कि माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए भी लाल रंग के ही फूल अर्पित किये जाते है| इसके अलावा गुलाब के फूल और गुडहल के फूल माँ दुर्गा को अत्यंत प्रिय है|
हनुमान जी को कलयुग के देवता के रूप में जाना जाता है| इन्हें प्रसन्न करने के लिए भी कठिन नियम नहीं है| भगवान राम के नाम का करने वाले व्यक्तियों से हनुमान जी हमेशा ही प्रसन्न ही रहते है| हनुमान जी को तुलसी के पत्ते, पान के पत्ते, और लाल गुलाब के फूल भगवान हनुमान जी को बहुत ही अधिक प्रिय है|
हम लोगों को बचपन में बताया जाता था कि हमने भगवान की पूजा को पुरे ध्यान और विचारों के साथ करनी चाहिए| इसी के साथ हमे भगवान को फूल चढ़ाना भी सिखाया जाता था| भगवान को फूल चढाने के पीछे सिर्फ उसकी खुशबु या उसका रंग ही मुख्य कारण नहीं है| भगवान को फुल चढ़ने के पीछे बहुत ही गहरा अर्थ छुपा हुआ है| भगवान को फूल चढाने का जो महत्व है| उसे कई अलग – अलग तरीकों से समझाया जाता है| जिसमे यह कृतज्ञता की एक अलग व्याख्या है|
लोग भगवान को फूल जब चढाते जब उन्हें लगे कि उनका कोई कार्य भगवान के द्वारा सिद्ध हो गया या भगवान के द्वारा उन्हें धन व उपहारों की प्राप्ति हुई हो| अधिकतर लोग इन्ही के लिए भगवान का आभार व्यक्त करने के लिए उन्हें फूल चढाते है| लेकिन भगवान को फूल चढाने का सही अर्थ यह नहीं है| हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको भगवान को फूल चढ़ाने के पीछे का मुख्य कारण क्या है|
भगवान को फूल किसी भेंट के रूप में चढ़ाये जाते है क्योंकि भगवान को जीवन, आत्मा और शरीर की परिपूर्णता का प्रतीक माना गया है| वह जीवित है और अंततः मर जाएंगे, जो कि सभी चीज़ों की अल्पकालिक प्रकृति और समय के अपरिहार्य मार्ग को ही दर्शाता है| जो कि ईश्वर के ही प्राचीन दृश्य के विषय के बारें में ही बताता है|
अब हम भगवान को फूल चढाने के इतिहास के बारे में बात करेंगे| भगवान को फूल चढाने की परंपरा को उतना ही प्राचीन बताया गया है| जितना कि इतिहास खुद प्राचीन है| यह केवल एक ही परंपरा नहीं है, जो इतने पुराने काल से चली आ रही है| इसके अलावा भी हिन्दू धर्म में बहुत सारी ऐसी परंपराए है, जो काफी पुराने देवी – देवताओं के समय से चली आ रही है| सभी विभिन्न संस्कृतियों के लोग अपने – अपने संस्कृति के अनुसार भगवान को फूल चढाते है क्योंकि सभी के अपने अलग फूल मान्य होते है|
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जैसे चीनी लोग गुलदाउदी के फूल को अधिक मानते है, जो कि उनकी सकारात्मक भावनाओं को दर्शाता है| इसके अलावा हिन्दू धर्म के लोग कमल के फूल को अर्पित करते है, जो कि आत्मा की पूर्णता का प्रतिनिधित्व करते है| इसके अलावा अन्य कई संस्कृतियों में ट्यूलिप फूल को अर्पित किया जाता है, जो कि प्रेम का प्रतीक होता है| इसके अलावा भी इस धरती पर ऐसी बहुत सी संस्कृतियाँ है जो अलग – अलग प्रकार के फूल भगवान को चढ़ाए जाते है| यह तो केवल हमने आपको एक उदाहरण बताया है कि किस प्रकार प्राचीन संस्कृति में भगवान को फूल चढ़ाए जाते थे|
फूलों को इंसानों की भावना और श्रद्धा का प्रतीक माना गया है| इसी के साथ फूल मनुष्य की मानसिक स्थिति के बारे में जानकारी देते है| फूलों के भिन्न – भिन्न रंग और भिन्न – भिन्न सुगंध आस – पास का एक अलग ही वातावरण बना देते है| भगवान की पूजा में उपयोग में आने वाले सभी फूलों का अपना अलग महत्व रहता है तो अब हम अलग – अलग फूलों के बारे में जानेंगे|
भगवान की पूजा में सबसे ज्यादा उपयोग में गेंदे के फूलों का होता है, जो कि अनेक प्रकार के होते है| गेंदे एक फूल नहीं होता है बल्कि छोटे – छोटे फूलों का एक समूह है| गेंदे के फूल का सम्बन्ध बृहस्पति से बताया गया है| गेंदे के फूल का प्रयोग करने से विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होती है| गेंदे के फूल में आकर्षण की क्षमता बहुत ही अधिक पायी जाती है| इसी के साथ भगवान विष्णु को गेंदे के फूल से बनी माला चढाते है तो संतान से जुड़ी सभी समस्याएं दूर होती है|
गुलाब का फूल एक बहुत ही अद्भुत और चमत्कारी फूल है| गुलाब के फूल के बारे में कहा जाता है कि यह रिश्तों पर काफी गहरा प्रभाव डालता है| ऐसे तो गुलाब के फूल कई प्रकार के है लेकिन भगवान की पूजा ने अधिकतर लाल रंग के गुलाब के फूलों का ही इस्तेमाल किया जाता है| लाग गुलाब का सम्बन्ध मंगल और इसकी सुगंध शुक्र से सम्बंधित है| माता लक्ष्मी जी को गुलाब का फूल चढाने से आर्थिक तंगी दूर होती है| किसी को भी गुलाब का फूल देने से रिश्ते मजबूत होते है तथा प्रेम और जीवन काफी अच्छा चलता है|
हिन्दू धर्म में कमल के फूल को एक अध्यात्मिक फूल की भांति जाना जाता है| सफ़ेद कमल के फूल को सबसे पवित्र माना जाता है और इस फूल में सबसे अधिक ऊर्जा भी होती है| कमल के फूल का सम्बन्ध ब्रह्मांड में उपस्थित नौग्रहों और उनकी ऊर्जा से बताया गया है| भगवान को कमल का फूल चढाने का यही मतलब है कि अपने आप को ईश्वर के चरणों में समर्पित कर देना| यदि कोई व्यक्ति माता लक्ष्मी को लगातार 27 दिनों तक प्रतिदिन कमल का फूल चढाने से अखंड राज्य के सुख की प्राप्ति होती है|
देवी मां की उपासना करने के लिए यह फूल सबसे उत्तम माना गया है| गुडहल के फूल में तमाम प्रकार की औषधियां पाई जाती है| इस फूल को बहुत ही ऊर्जावान माना गया है| देवी माता और भगवान सूर्यदेव की पूजा में इस पुष्प का अधिक इस्तेमाल किया जाता है| गुडहल के फूल को जल में डालकर उसे सूर्य भगवान को चढ़ाने से उनकी असीम कृपा प्राप्त होती हैं| इसकी वजह से हर प्रकार की शारीरिक बीमारियां दूर होती है|
आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से भगवान को फूल चढाने के बारें में काफी बाते जानी है| आज हमने भगवान को फूल चढाने से होने वाले फ़ायदों के बारे में भी जाना| इसके अलावा हमने आपको भगवान को फूल चढाने के इतिहास के बारे में बताया है| हम उम्मीद करते है कि हमारे द्वारा बताई गयी जानकारी से आपको कोई ना कोई मदद मिली होगी| इसके अलावा भी अगर आप किसी और पूजा के बारे में जानकारी लेना चाहते है। तो आप हमारी वेबसाइट 99Pandit पर जाकर सभी तरह की पूजा या त्योहारों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी ले सकते है।
इसके अलावा भी अगर आपको कोई भी पूजा या हवन या कोई अनुष्ठान करवाने के लिए पंडित जी की आवश्यकता है,वो भी आपकी अपनी भाषा है| तो परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है| अब 99Pandit लाया है, आपके लिए ऑनलाइन पंडित जी को बुक करने की सेवा| जो आपको किसी भी शहर में आपके लिए उचित पंडित तलाश करने का काम आसान कर देंगे|
Q.भगवान पर फूल क्यों चढ़ाए जाते है ?
A.भगवान को फूल किसी भेंट के रूप में चढ़ाये जाते है क्योंकि भगवान को जीवन, आत्मा और शरीर की परिपूर्णता का प्रतीक माना गया है|
Q.भगवान राम को कौन सा फूल अत्यधिक प्रिय है ?
A.भगवान राम को कमल का फूल बहुत प्रिय है| जिसको उनके जन्मदिन पर उन्हें अर्पित करना शुभ माना जाता है|
Q.गणेशजी भगवान को कौनसा फूल नहीं चढ़ाया जाता है ?
A.भगवान गणेश जी को तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाए जाते है|
Q.मंदिर में फूल क्यों चढ़ाए जाते है ?
A.भगवान को फूल या फूलों की माला चढाने से भक्तों की सभी मनोकामनाए पूर्ण होती है|
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