Pandit for Dussehra Puja in Kolkata: Cost, Vidhi & Benefits
A Pandit for Dussehra Puja in Kolkata is necessary to perform the Puja ritual perfectly. Dussehra is one of the…
कहते है की श्रद्धा व समर्पित भाव से किया हुआ कोई भी कार्य कभी भी निष्फल नहीं होता बशर्ते की किये गए कार्य की दिशा सही हो। अगर आप गणेश उत्सव की तैयारियों में लगे हुए है तो आप के लिए गणेश उत्सव में प्रयोग होने वाली पूजन सामग्री में का ज्ञान होना उतना ही जरुरी है जितना की किसी राहगीर को मार्ग का ज्ञान होना जरुरी होता है। गणेश पूजन सामग्री पूर्ण शुद्ध हो,व मूर्ति खंडित हुई न हो, यह भी ध्यान रखने योग्य होता है।
क्यों की कोई भी कार्य किसी निश्चित फल की प्राप्ति हेतु किया जाता है।
भगवान श्री गणेश जी का आह्वान अगर सच्चे मन और निस्वार्थ भाव व सम्पूर्ण विधि-विधान के साथ किया जाये यह हमेशा फलदायी होता है। पूर्ण वैदिक मंत्रो का उच्चारण करते हुए व समर्पित भाव से अगर हम गणेश जी को बुलाये तो वे हमारे घर जरूर आते है।
गणेश उत्सव, हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास की चतुर्थी से चतुर्दशी (चार तारीख से शुरू होता है व चौदह तारीख तक) लगभग दस दिनों तक चलता है। इसका आयोजन महाराष्ट्र के पुणे में बड़ी धूम-धाम से किया जाता है।
अगर आप गणेश उत्सव का आयोजन अपने घर में कर रहे हो तो आपको पंडित की आवश्यता होगी। वह पंडित जो सभी वैदिक रीती-रिवाज को भली-भांति जानने वाला हो साथ ही विशेषकर वह जो संस्कृत और हिन्दू विधि, धर्म, संगीत या दर्शनशास्त्र में सक्षम हो।
हम 99Pandit विशेषज्ञों और पेशेवरों की एक ऐसी टीम हैं जो आपको गणेश उत्सव जैसे धार्मिक- अनुष्ठान और किसी भी प्रकार के शुभ कार्यो को एक ही छत के नीचे पूरा करने के लिए समावेशी पैकेज पेश करते हैं।
आप गणेश उत्सव हेतु 99Pandit के माध्यम से अपना पंडित आसानी से बुक कर सकते हो यहाँ बुकिंग प्रणाली इतनी आसान है की कोई भी व्यक्ति अपनी सामान्य जानकारी का विवरण देकर आसानी से पंडितजी बुक कर सकता है।
हमारी बुकिंग प्रणाली इतनी आसान है की यदि आप घर बैठे हमारी वेबसाइट पर पंजीकरण करते हैं तो उन्हें अपनी इच्छित पूजा या गणेश उत्सव जैसे धार्मिक समागम कराने के लिए अनुभवी और पेशेवर पंडित मिल जाते हैं।
99Pandit द्वारा प्रदान की गई सेवा आपको संतुष्ट करेगी और सभी धार्मिक गतिविधियों को करने में मानसिक शांति प्रदान करेगी | हम इसके लिए हमेशा प्रयासरत रहते है। आपका विश्वास ही हमें ऊर्जावान बनाता है।
सामग्री | मात्रा |
रोली | 1 पैकेट |
कलावा (मौली) | 2 पैकेट |
सिंदूर | 1 पैकेट |
लौंग | 1 पैकेट |
इलायची | 1 पैकेट |
सुपारी | 11 नग |
शहद | 1 शीशी |
इत्र | 1 शीशी |
गंगाजल | 1 शीशी |
गुलाब जल | 1 बड़ी बोतल |
अबीर | 1 पैकेट |
गुलाल | 1 पैकेट |
हल्दी | 50 ग्राम |
गरिगोला | 1 नग |
पानी नारियल | 1 पैकेट |
लाल कपड़ा | आधा मीटर |
पिली सरसों | 50 ग्राम |
कलश | 1 (अगर कोई धातु का कलश घर पर हो तो ना खरीदे ) |
सकोरा | 04 नग |
दियाली | 15 नग |
जनेऊ | 4 नग |
माचिस | 1 नग |
नवग्रह चावल | 1 पैकेट |
धूपबत्ती | 1 पैकेट |
कपूर | 50 ग्राम |
रूईबत्ती गोल वाली | 1 पैकेट |
देशी घी | 500 ग्राम |
आम का लकड़ी | 2 किलो |
पानी का नारियल | 2 नग |
पिली सरसो | 50 ग्राम |
चावल | 09 या 11 किलो |
नवग्रह समिधा | 1 पैकेट |
हवन सामग्री | 500 ग्राम |
फूल, फूलमाला,दूर्वा, दूर्वा की माता, फल , मिठाई , | – |
पान के पते | 5 नग |
पञ्चामृत, मोदक, विशेष व्यंजन का भोग नित्य | – |
विशेष :- जिन सज्जनों को हवन नहीं करवाना है ,उन्हें नवग्रह समिधा हवन सामग्री व आम की लकड़ी लेने की आवश्यकता नहीं होती है।
इसके अलावा इस बात का भी विशेष ध्यान रखें की गणेश जी की प्रतिमा जो आप खरीद रहे हो वो सूंदर हो, खंडित न हो ,मूषक साथ हो तथा पानी में विसर्जन के बाद पानी में आसनी घुलनशील हो।
गणेश उत्सव का आयोजन शुरू करने से पहले पूजा का आरंभ करें। इसके लिए एक सुगंधित मंदिर या पूजा स्थल तैयार करें जहां गणेश जी की मूर्ति स्थापित की जाएगी। तत्पश्चात गणेश जी की मूर्ति को पूजा स्थल पर स्थापित करें। मूर्ति को स्वच्छ और सुंदर रखें। इसके लिए पुष्प, दीपक, रोली, अक्षत, धूप, लाल वस्त्र, देवी-देवताओं के पुष्प, नागदेवता की मूर्ति, नागदेवता की पुष्पों आदि को लगाएं।
श्री गणेश जी की पूजा के लिए विधि के अनुसार घी दिया, पुष्प,अक्षत, रोली, लाल वस्त्र, मिठाई, फल, आदि का आयोजन करें। गणेश चालीसा, आरती और मंत्रों का जाप करें। भक्तों को भगवान गणेश की प्रसाद भंडार करें। गणेश उत्सव को परिवार के साथ मनाएं। व्रत का पालन करें और गणेश जी के भजन गाएं। साथ मिलकर अनुष्ठान करने से उत्सव का महत्व और आनंद बढ़ता है।
गणेश उत्सव में दोस्तों, परिवार के सदस्यों और पड़ोसियों को निमंत्रण दें। सभी का आपके घर में स्वागत करें और उन्हें गणेश जी की पूजा दर्शन का आनंद दें। इसके बाद आप गणेश उत्सव का अवसान करते समय मूर्ति को नदी, झील या समुद्र में विसर्जित करें। गणेश विसर्जन में सभी लोग मिलकर गणेश जी के प्रतिष्ठान को पानी में ले जाते हैं और विदाई करते हैं।
भगवान गणेश को प्रथम पूजन देव के रूप में माना जाता है। भगवान श्री गणेश के नाम मात्र स्मरण से ही सभी कार्य अपने आप ही सम्पन्न होने लगते है। कहते है कि भगवान श्री गणेश के इन 12 नामों का अगर कोई व्यक्ति सुबह- शाम उच्चारण करता है तो उसके रुके हुए कार्य में आने वाली बाधा अपने आप हल होने लगती है। तथा व्यक्ति कष्ट व परेशानियों से मुक्त होने लगता है।
विवाह के समय, यात्रा, रोजगार के शुभारम्भ में या अन्य किसी भी शुभ कार्य को करते समय गणेश के ये 12 नाम मात्र लेने से कार्यो में आने वाली सब अड़चने दूर हो जाती है।
भगवान गणेश के इन बारह नामों को संकटनाशक स्त्रोत भी कहा जाता है क्योंकि ये 12 नाम विपरीत परिस्थितियों में हमारे लिए रक्षा सूत्र की भांति कार्य करते है। ये 12 नाम निम्न है –
सुमुख– सुन्दर मुख वाले।
लम्बोदर -लम्बे पेट वाले।
विधनहर्ता – विधन को हरने वाले।
एकदंताय– एक दन्त वाले।
विनायक – न्याय करने वाले।
कपिल-कपिल वर्ण वाले।
विकट – विपत्ति का नाशक।
गजानन– हाथी के सामान मुख वाले।
धूम्रकेतु–धुये के रंग वाली पताका वाले।
भालचन्द्राय– चन्द्रमा के सामान मस्तक वाले।
गणाध्यक्ष– गुणों के अध्यक्ष।
विघननाशक – विधानों का नाश करने वाले।
गणेश चतुर्थी की इस पावन अवसर पर अगर आप अपने घर- परिवार मे गणेश उत्सव की सम्पूर्ण तैयारी पूरी रीती-रिवाजों के साथ संपन्न करवाना चाहते हो तो 99Pandit आपको इस हेतु महत्वपूर्ण पंडित सेवा प्रदान करवाता है साथ ही साथ आपके घर- परिवार में सुख- समृद्धि बने रहने की कामना करता है।
विशेष:- अब आप 99Pandit ऑनलाइन प्लेटफार्म से किसी भी धार्मिक-अनुष्ठान जैसे रामकथा पाठ, अखंड रामायण पाठ, श्रीमद् महापुराण की कथा को संपन्न करवाने में प्रयूक्त होने वाली सामग्री की सूचि भी प्राप्त कर सकेंगे। 99Pandit ऑनलाइन सर्विस के माध्यम से अपना पंडित बुक या सामग्री किट खरीदने पर आपको इस गणेश महोत्सव पर भारी छूट मिल सकती है।
इसके अतिरिक्त अगर आपको पंडित बुकिंग में किसी भी प्रकार की समस्या आती है तो हमें आप हमें WhatsApp या ईमेल के द्वारा भी अपने सुझाव भेज सकते है, आपके सुझाव आमंत्रित है।
Table Of Content