Gita Jayanti 2023 : जाने गीता जयंती 2023 की शुभ तिथि व महत्व
गीता जयंती 2023 [Gita Jayanti 2023] हिन्दू धर्म के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण त्यौहार माना जाता है| इस गीता…
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दीपावली के एक या फिर दो दिन पहले धनतेरस 2023 का त्यौहार मनाया जाता है| हिन्दू धर्म में पाँच दिन के इस दीप पर्व की जो शुरुआत है वो धनतेरस से ही होती है| धनतेरस 2023 के त्यौहार को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है| हिन्दू धर्म के लोगों के लिए कुछ भी नया सामान खरीदने के लिए इस त्यौहार का मुहूर्त बहुत ही शुभ माना जाता है| धनतेरस या धन त्रयोदशी का त्यौहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है| धनतेरस 2023 को पांच दिवसीय दिवाली त्योहार का पहला दिन माना जाता है| यह त्यौहार सम्पूर्ण भारत देश में बहुत ही उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है|
धनतेरस 2023 के दिन माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और भगवान कुबेर जी की पूजा की जाती है| धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा करने से वित्तीय समृद्धि में बढ़ावा होता है| तथा उस व्यक्ति को कभी भी, किसी भी तरह की आर्थिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है| हिन्दू धर्म के लोग इस दिन को अच्छा भाग्य मानकर ही धनतेरस 2023 के दिन सोने व चांदी की वस्तुएं खरीदते है| पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन सोने व चांदी तथा अन्य किसी प्रकार की नयी वस्तु लेने से घर में सुख और समृद्धि में बढ़ोतरी होती है|
महान ज्योतिषियों के अनुसार धनतेरस 2023 पर ग्रहों की स्थिति बड़े समय के लिए फाइनेंस स्कीम और कोई भी सम्पति को खरीदने के बहुत ही शुभ मानी गयी है| इस वर्ष धनतेरस 2023 का त्योहार 10 नवम्बर 2023 को मनाया जाएगा| तथा इसके 2 दिन बाद ही दिवाली (दीपावली) का पावन त्यौहार मनाया जाएगा| घर, गाडी, सोना – चांदी जैसी महत्वपूर्ण और कीमती वस्तुएं खरीदने के लिए धनतेरस 2023 का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है|
किसी भी त्यौहार को अच्छे से व सम्पूर्ण रीति रिवाजों के साथ मनाने से त्यौहार की तिथि और उसके उचित मुहूर्त के बारे में जानना भी बहुत आवश्यक है| यदि हम बात करें धनतेरस या धन त्रयोदशी के त्यौहार की तो इस दिन खरीदारी के लिए भी शुभ मुहूर्त के बारे में जानना भी आवश्यक है| इस वर्ष धनतेरस 2023 का त्यौहार 10 नवम्बर 2023 को मनाया जाएगा| तथा इसके 2 दिन बाद ही दिवाली (दीपावली) का पावन त्यौहार मनाया जाएगा| इसके अलावा धनतेरस या धन त्रयोदशी का त्यौहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है|
धनतेरस 2023 का शुभ मुहूर्त –
10 नवंबर 2023, दोपहर 12:35 से
11 नवंबर 2023, दोपहर 01:57 तक
पूजा का शुभ मुहूर्त –
शाम 06:02 बजे से
रात 08:00 बजे तक
खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त –
10 नवंबर 2023, दोपहर 02:35 से
11 नवंबर 2023, सुबह 06:40 तक
दीपावली के त्यौहार से पहले धनतेरस 2023 की पूजा का बहुत ही बड़ा महत्व माना गया है| इस दिन भगवान गणेश जी, माता लक्ष्मी जी और धन के देवता कुबेर भगवान की पूजा की जाती है| धनतेरस शब्द का अर्थ यह है कि इस दिन अपने धन को तेरह गुना बनाने और धन में वृद्धि करने के लिए लोग माता लक्ष्मी, भगवान गणेश तथा कुबेर जी की पूजा करते है| माना जाता है इस दिन भगवान धन्वंतरि का भी जन्म हुआ था| जो कि समुद्र मंथन के समय अमृत का कलश तथा आयुर्वेद भी साथ ही लेकर प्रकट हुए थे|
यही कारण है कि भगवान धन्वंतरि को औषधियों के जनक के रूप में भी जाना जाता है| धनतेरस 2023 का त्योहार प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है| इस दिन सोने व चांदी के बर्तन खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है| साथ ही इस दिन धातु खरीदना भी बहुत अच्छा माना गया है| धनतेरस 2023 में धन का अर्थ समृद्धि और तेरस का अर्थ तेरह से होता है| जो भी लोग व्यापार या किसी तरह का कोई कारोबार करते है तो धनतेरस 2023 का त्यौहार इस सभी के लिए बहुत ही खास महत्व रखता है|
इस दिन माँ लक्ष्मी की पूजा करने से सुख – समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है| धनतेरस 2023 के दिन के बाद से ही दिवाली की भी तैयारियां शुरू कर दी जाती है| लक्ष्मी माता को घर में आमंत्रित करने के लिए घर के मुख्य के द्वार पर उनके पैरों की भांति पदचिह्न बनाए जाते है| इसके पश्चात शाम को कुल 13 दीपक जलाकर माता लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है| सौभाग्य प्राप्ति के लिए धनतेरस 2023 के दिन सोने व चांदी के बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है| इसके अलावा भी जमीन, कार खरीदने, निवेश करने तथा किसी भी व्यापार की नयी शुरुआत के लिए भी यह दिन बहुत शुभ माना जाता है|
हिन्दू धर्म में प्रत्येक त्यौहार को मनाने के पीछे कोई ना कोई कारण अवश्य होता है| भारतीय संस्कृति में स्वास्थ्य को धन के कई ज्यादा ऊपर माना गया है| इसलिए एक कहावत भी है कि पहला सुख निरोगी काया, दूजा सुख घर में माया’ इसलिए धनतेरस 2023 को दिवाली से पहले बहुत महत्व दिया जाता है| धनतेरस को मनाने के पीछे बहुत सारी पौराणिक कथाएँ चली आ रही है| जिनके बारे में हम आपको आज बताएँगे
एक बहुत ही पुरानी कथा के अनुसार समुद्र मंथन के समय कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को भगवान धन्वंतरि अपने हाथो में अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे| पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु ने ही चिकित्सा विज्ञान के विस्तार के लिए ही भगवान धन्वंतरि का अवतार लिया था| इन्हें भगवान व देवताओं का वैद्य भी कहा जाता है| भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से आरोग्य सुख तथा स्वास्थ्य में लाभ मिलता है| इसके ही दो दिन समुद्र मंथन ने माता लक्ष्मी जी निकली थी| जिस दिन दिवाली का पावन त्यौहार मनाया जाता है|
धनतेरस 2023 का त्यौहार भगवान विष्णु के वामन अवतार से बहुत गहरा सम्बन्ध रखता है| क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु देवताओं को राजा बलि के भय से मुक्त करने के लिए वामन अवतार में जन्म लिया था| भगवान वामन ने राजा बलि से तीन पग जमीन मांगी थी| तब भगवान वामन ने पहले पग में धरती, दूसरे में आसमान नाप दिया| जब तीसरा पैर रखने के लिए कोई स्थान नहीं बचा तो राजा बलि ने अपने सिर पर उनका पैर रखवा लिया| जिससे राजा बलि पाताल लोक में चले गए| इस तरह से भगवान वामन ने देवताओं को राजा के भय से मुक्ति दिलाई और उन्हें उनकी खोई हुई संपत्ति भी वापस मिल गयी|
इस प्राचीन कथा के अनुसार उस समय में एक हेम नाम का राजा था| जिसकी रानी के एक पुत्र हुआ| इस बालक के जन्म के समय ही ज्योतिषियों ने बता दिया था कि जब इस बालक की शादी होगी तो शादी के चौथे दिन ही इसकी मृत्यु हो जाएगी| अपनी संतान की मृत्यु के भय के कारण राजा ने उस बालक को गुफा में एक ब्रह्मचारी के रूप में बड़ा किया| एक दिन महाराज हंस की पुत्री यमुना नदी के तट पर घूम रही थी| तभी उसकी नजर राजा हेमू के पुत्र को देखा| जिसको देखकर वह उससे काफी ज्यादा आकर्षित हुई| और उससे गंधर्व विवाह कर लिया| इसके बाद में वही हुआ जो कि भविष्यवाणी की गई थी|
यमराज ने इस अकाल मृत्यु से बचने के लिए धनतेरस 2023 की पूजा को सम्पूर्ण विधि विधान से करना ही बताया|
धनतेरस की पूजा के लिए एक कहानी प्रचलित है| एक समय मे राजा रानी हुआ करते थे। उनके कोई संतान नहीं थी बहुत दिनो बाद उनके एक बेटा हुआ तब किसी ब्राह्मण ने भविष्यवाणी की उनकी संतान की मृत्यु अल्पायु में हो जाएगी। यह बालक सिर्फ 6 वर्ष ही जी पायेगा। यह बात सुनकर राजा रानी बहुत दुखी हुए।
जब राजकुमार 6 वर्ष का हुआ तो राजा रानी और भी ज्यादा दुखी हुए। यमदूत तय समय पर राजकुमार के प्राण लेने पहुंच गए। रानी ने रोते हुए यमदूत से पूछा कि कोई उपाय बताओ कि यह संकट दूर हो सके। उन्होने बताया कि अगर वो कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की तेरहवीं के दिन घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा की ओर दीपक जलाकर रखें तो यह संकट जरूर टल जाएगा। रानी ने यमदूत ने जैसे बताया रानी ने वैसा ही किया ऐसा करने से उसके बेटे की जान बच गई|
हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भगवान धन्वंतरि को पीतल की धातु अधिक प्रिय है| इसलिए इस दिन पीतल के बर्तन खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है| पीतल के समान के अलावा भी इस दिन सोने – चांदी के सामान व साथ ही बर्तन भी खरीदने चाहिए| सोने व चांदी से बनी हुई वस्तुएं घर में लाने से घर में आरोग्यता व समृद्धि का भी आगमन होता है| इस दिन घर में झाड़ू खरीदना भी बहुत शुभ माना जाता है| झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है| इसलिए झाड़ू को घर में लाने से घर में लक्ष्मी जी का आगमन होता है|
धनतेरस के दिन लोग नए – नए सामान खरीदते है लेकिन इसका मतलब यह नही है कि इस दिन कुछ भी सामान खरीदा जा सकता है| कुछ सामान ऐसे भी होते है जिन्हें खरीदने से माता लक्ष्मी भक्तों से नाराज़ हो जाती है| मान्यता है कि धनतेरस के दिन चीनी या मिट्टी के शोपिस तथा लोहे के सामान को नहीं खरीदना चाहिए| लोहे को शनिदेव का कारक माना जाता है| जो कि अशुभ है|
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि धनतेरस के दिन अपने हाथो मे अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। धनतेरस 2023 के दिन हम धन्वंतरि देव,लक्ष्मी जी और कुबेर देव की पूजा की जाती है।धनतेरस 2023 के दिन कुबेर देव की विधि पूर्वक पूजा अर्चना करने से घर में धन की कमी नहीं होती है। धनतेरस के दिन हम अपने घरों को तरह-तरह की डिजाइन वाली लाइट और दीयों से घर को सजाते है। बाजारों को भी तरह-तरह की फैंसी डिजाइन वाली लाइटों से सजाते है|
लाइटों से सजाने के बाद बाजार जगमगा उठते है। धनतेरस के पहले से ही घरों की साफ सफाई करते है। धनतेरस के दिन सोने चांदी के आभूषण और बर्तनो की खरीदारी करना बहुत शुभ बताया गया है| लक्ष्मी माता को घर में आमंत्रित करने के लिए घर के मुख्य के द्वार पर उनके पैरों की भांति पदचिह्न बनाए जाते है| इसके पश्चात शाम को कुल 13 दीपक जलाकर माता लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है| सौभाग्य प्राप्ति के लिए धनतेरस 2023 के दिन सोने व चांदी के बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है|
धनतेरस 2023 के दिन अक्षत जरूर खरीदकर लाना चाहिए इससे माँ लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और घर में भी धन की वृद्धि होती है। धनतेरस 2023 के दिन 11 गोमेद चक्र खरीद कर लाना चाहिए इस गोमेद चक्र की दिवाली के दिन पूजा करनी चाहिए। इसके बाद इन्हे एक पीले वस्त्र में बांधकर तिजोरी में रख दें। इससे घर में संपन्नता आती है। और घर के लोग निरोगी रहते है। धनतेरस 2023 के दिन श्री यंत्र खरीद कर घर मे लाये। श्री यंत्र माँ लक्ष्मी को बहुत प्रिय होता है। दिवाली पूजन के समय इस श्री यंत्र की पूजा करें इससे लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती है|
किसी भी तरह की पूजा करने के लिए हमें बहुत सारी तैयारियां करनी होती है| गावों में पूजा आसानी से हो जाती है लेकिन शहरों में लोगों के पास समय की कमी होती है| जिस वजह से वह लोग पूजा नहीं करवा पाते है तो उनकी इस समस्या का समाधान हम लेकर आये है 99Pandit के साथ| यह सबसे बेहतरीन प्लेटफार्म है जिससे आप किसी पूजा के लिए ऑनलाइन पंडित जी को बुक कर सकते है|
आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से धनतेरस के बारें में काफी बाते जानी है| आज हमने धनतेरस पूजन के फ़ायदों के बारे में भी जाना| हम उम्मीद करते है कि हमारे द्वारा बताई गयी जानकारी से आपको कोई ना कोई मदद मिली होगी| इसके अलावा भी अगर आप किसी और पूजा के बारे में जानकारी लेना चाहते है। तो आप हमारी वेबसाइट 99Pandit पर जाकर सभी तरह की पूजा या त्योहारों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी ले सकते है|
Q.इस वर्ष धनतेरस 2023 का शुभ मुहूर्त क्या है ?
A.धनतेरस 2023 का शुभ मुहूर्त 11 नवम्बर को सुबह 06 बजकर 31 मिनट से दोपहर 02 बजकर 34 मिनट तक रहेगा|
Q.धनतेरस का त्यौहार क्यों मनाया जाता है ?
A.एक बहुत ही पुरानी कथा के अनुसार समुद्र मंथन के समय कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे| तभी से धनतेरस का पर्व मनाया जाता है|
Q.क्या धनतेरस का सम्बन्ध यमराज से भी है ?
A.जी हाँ, धनतेरस का सम्बन्ध यमराज से भी है| यमराज जी कहते है कि यदि कोई व्यक्ति धनतेरस की पूजा पूर्ण विधि – विधान से करता है व दीपदान करता है तो उसे अकाल मृत्यु प्राप्त नहीं होती है|
Q.हमें धनतेरस के दिन क्या खाना चाहिए ?
A.इस दिन हमें सबसे पहले कुबेर जी की पूजा करनी चाहिए तथा उन्हें भोग लगाना चाहिए| तथा धनतेरस के दिन आटे का हलवा, लापसी, पंचामृत, बूंदी के लड्डू व खीर खाना चाहिए|