Ahoi Mata ki Aarti Lyrics: अहोई माता की आरती हिंदी में
Ahoi Mata Ki Aarti Lyrics: अहोई माता की आरती का जाप अहोई माता को प्रसन्न करने के लिए ही किया…
ऐसे तो हनुमान जी की आरती (Hanuman Ji Ki Aarti) – “Aarti Kije Hanuman Lala Ki” को प्रतिदिन किया जा सकता है लेकिन धार्मिक कथाओं के अनुसार हनुमान जी की आरती (Hanuman Ji Ki Aarti) को मंगलवार तथा शनिवार के दिन करना भक्तों के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है| हनुमान जी की आरती (Hanuman Ji Ki Aarti) को Sunderkand Path एवं Akhand Ramayan Path के पूर्ण होने के बाद भी किया जाता है| इस आरती का जाप करने से आपको जीवन में सुख, शांति व आरोग्य की प्राप्ति होती है| माना जाता है कि इस सुप्रसिद्ध हनुमान जी की आरती (Hanuman Ji Ki Aarti) की रचना महाकवि तुलसीदास जी के द्वारा 15 वी सदी में की गई थी|
Hanuman Chalisa Path तथा हनुमान जी की आरती (Hanuman Ji Ki Aarti) शक्तिशाली पवित्र ग्रंथो में से एक है जो लोगो को बुरी व नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षित रखने और संकट को दूर करने में सहायता करते है| हनुमान जी आरती का जप करने से भगवान हनुमान जी अपने भक्तों से प्रसन्न होते है तथा उन्हें अपना आशीर्वाद प्रदान करते है| लोगों का मानना है कि हनुमान जी आज भी इस धरती पर जीवित है और भगवान राम की भक्ति कर रहे है|
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|| हनुमान जी की आरती | Hanuman Ji Ki Aarti ||
॥ श्री हनुमंत स्तुति ॥
मनोजवं मारुत तुल्यवेगं,
जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम् ॥
वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं,
श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥
॥ आरती ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
जाके बल से गिरवर काँपे ।
रोग-दोष जाके निकट न झांके ॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई ।
संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
दे बीरा रघुनाथ पठाए ।
लंका जारि सिया सुधि लाये ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।
जात पवनसुत बार न लाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
लंका जारि असुर संहारे ।
सियाराम जी के काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे ।
लाए संजीवन प्राण उबारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
पैठि पताल तोरि जमकारे ।
अहिरावण की भुजा उखारे ॥
बाईं भुजा असुर दल मारे ।
दाहिने भुजा संतजन तारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे।
जय जय जय हनुमान उचारे ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई ।
आरती करत अंजना माई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
जो हनुमान जी की आरती गावे ।
बसि बैकुंठ परम पद पावे ॥
लंक विध्वंस किए रघुराई ।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
॥ इति संपूर्णम् ॥
|| Hanuman Ji Ki Aarti | हनुमान जी की आरती ||
|| Shree Hanuman Stuti ||
Manojavam Maaruta Tulyavegam,
Jitendriyam Buddhimatam Varishtham ||
Vatatmajam Vanaryuth Mukhyam,
Shriramdutam Sharanam Prapadye ||
|| Aarti ||
Aarti Kije Hanuman Lala Ki |
Dusht Dalan Raghunath Kala Ki ||
Jake Bal Se Girivar Kaanpe |
Rog dosh Jake Nikat Na Jhanke ||
Anjani Putra Maha Baldai |
Santan Ke Prabhu Sada Sahay ||
Aarti Kije Hanuman Lala Ki….||
De Beera Raghunath Pathae |
Lanka Jaari Siya Sudhi Laye ||
Lanka So Kot Samundra Si Khai |
Jaat Pavansut Baar Na Laai ||
Aarti Kije Hanuman Lala Ki….||
Lanka Jaari Asur Sab Maare |
Siya Ram Ji Ke Kaaj Sanvare ||
Lakshman Murchit Pade Sakare |
Aan Sanjeevan Pran Ubare ||
Aarti Kije Hanuman Lala Ki….||
Paithi Pataal Tori Jamkare |
Ahiravan Ki Bhuja Ukhare ||
Baayen Bhuja Asur Dal Mare |
Dahine Bhuja Santjan Tare ||
Aarti Kije Hanuman Lala Ki….||
Surnar Munijan Aarti Utare |
Jai Jai Jai Hanuman Uchare ||
Kanchan Thaar Kapoor Lo Chaai |
Aarti Karat Anjna Mai ||
Aarti Kije Hanuman Lala Ki….||
Jo Hanuman Ji Ki Aarti Gaave |
Basi Baikunth Param Padh Pave ||
Lanka Vidhvans Kiye Raghurai |
Tulsidas Swami Kirti Gaaie
Aarti Kije Hanuman Lala Ki….||
Aarti Kije Hanuman Lala Ki |
Dusht Dalan Raghunath Kala Ki ||
॥ Eti Sampuarnam ॥
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