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सन्तोषी माता आरती [Santoshi Mata Aarti] का जाप करने के शुक्रवार का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है| माना जाता है कि सन्तोषी माता की पूजा करने तथा सन्तोषी माता आरती [Santoshi Mata Aarti] का जाप करने से व्यक्ति को धन संबंधित सभी परेशानियों से राहत मिलती है| माता सन्तोषी का व्रत करने तथा सन्तोषी माता आरती [Santoshi Mata Aarti] का जाप करने से भक्तों की सभी मनोकामनाए पूर्ण होती है| हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश जी तथा माता रिद्धि – सिद्धि को माँ सन्तोषी के माता – पिता के रूप में जाना जाता है| कहा जाता है कि सन्तोषी माता की पूजा करने के पश्चात उनकी आरती उतारने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती है|
जो भी सच्चे मन व पूर्ण श्रद्धा के साथ माँ सन्तोषी का व्रत करता है व उनकी सन्तोषी माता आरती [Santoshi Mata Aarti] का भी जाप करता है, उस व्यक्ति पर हमेशा सन्तोषी माता की कृपा बनी रहती है| यदि आप सन्तोषी माता का व्रत करते है तो आपको इस बात अवश्य ध्यान रखना है कि इस दिन आपको खट्टी चीजों का सेवन करने से बचना है| सन्तोषी माता की पूजा करने के पश्चात आरी बहुत ही श्रद्धापूर्वक भाव से जाप करें|
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|| सन्तोषी माता आरती ||
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ।
अपने सेवक जन की,
सुख संपति दाता ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
सुन्दर चीर सुनहरी,
मां धारण कीन्हो ।
हीरा पन्ना दमके,
तन श्रृंगार लीन्हो ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
गेरू लाल छटा छबि,
बदन कमल सोहे ।
मंद हंसत करुणामयी,
त्रिभुवन जन मोहे ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
स्वर्ण सिंहासन बैठी,
चंवर दुरे प्यारे ।
धूप, दीप, मधु, मेवा,
भोज धरे न्यारे ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
गुड़ अरु चना परम प्रिय,
तामें संतोष कियो ।
सन्तोषी कहलाई,
भक्तन वैभव दियो ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
शुक्रवार प्रिय मानत,
आज दिवस सोही ।
भक्त मंडली छाई,
कथा सुनत मोही ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
मंदिर जग मग ज्योति,
मंगल ध्वनि छाई ।
विनय करें हम सेवक,
चरनन सिर नाई ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
भक्ति भावमय पूजा,
अंगीकृत कीजै ।
जो मन बसे हमारे,
इच्छित फल दीजै ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
दुखी दारिद्री रोगी,
संकट मुक्त किए ।
बहु धन धान्य भरे घर,
सुख सौभाग्य दिए ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
ध्यान धरे जो तेरा,
वांछित फल पायो ।
पूजा कथा श्रवण कर,
घर आनन्द आयो ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
चरण गहे की लज्जा,
रखियो जगदम्बे ।
संकट तू ही निवारे,
दयामयी अम्बे ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
सन्तोषी माता की आरती,
जो कोई जन गावे ।
रिद्धि सिद्धि सुख सम्पति,
जी भर के पावे ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ।
अपने सेवक जन की,
सुख सम्पति दाता ॥
|| Santoshi Mata Aarti ||
Jai Santoshi Mata,
Maiya Jai Santoshi Mata.
Apne sevak jan ki,
Sukh Sampati Data.
Jai Santoshi Mata,
Maiya Jai Santoshi Mata.
Sundar cheera sunehri,
Maa dharaṇ kinho.
Heera panna damke,
Tan shringar leenho.
Jai Santoshi Mata,
Maiya Jai Santoshi Mata.
Geru laal chhata chhavi,
Badan kamal sohe.
Mand hansat karunamayi,
Tribhuvan jan mohe.
Jai Santoshi Mata,
Maiya Jai Santoshi Mata.
Swarn sinhasan baithee,
Chamvar dure pyare.
Dhoop, deep, Madhu, meva,
Bhoj dhare nyare.
Jai Santoshi Mata,
Maiya Jai Santoshi Mata.
Gudh aru chana param priya,
Tame santosh kiyo.
Santoshi kahlaai,
Bhaktan vaibhav diyo.
Jai Santoshi Mata,
Maiya Jai Santoshi Mata.
Shukravar priya manat,
Aaj divas sohi.
Bhakt mandali chhaai,
Katha sunat mohe.
Jai Santoshi Mata,
Maiya Jai Santoshi Mata.
Mandir jag mag Jyoti,
Mangal dhvani chhaai.
Vinay kareṁ ham sevak,
Charanan sir naai.
Jai Santoshi Mata,
Maiya Jai Santoshi Mata.
Bhakti bhavmay puja,
Angikrit kijai.
Jo man base hamare,
Ichchhit phal dijai.
Jai Santoshi Mata,
Maiya Jai Santoshi Mata.
Dukhi daridri rogi,
Sankat mukt kiye.
Bahu dhan dhanya bhare ghar,
Sukh saubhagya diye.
Jai Santoshi Mata,
Maiya Jai Santoshi Mata.
Dhyan dhare jo tera,
Vaanchhit phal paayo.
Puja katha shravan kar,
Ghar aanand aayo.
Jai Santoshi Mata,
Maiya Jai Santoshi Mata.
Charan gahe ki lajja,
Rakhiyo Jagdamba.
Sankat tu hi nivaare,
Dayamayi Ambe.
Jai Santoshi Mata,
Maiya Jai Santoshi Mata.
Santoshi Mata ki aarti,
Jo koi jan gaave.
Riddhi Siddhi Sukh Sampati,
Ji bhar ke paave.
Jai Santoshi Mata,
Maiya Jai Santoshi Mata.
Apne sevak jan ki,
Sukh Sampati Data.
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