Durga Kavach Lyrics in Hindi: माँ दुर्गा कवच संस्कृत में
दुर्गा कवच (Durga Kavach Lyrics in Hindi ) का पाठ माता दुर्गा से रक्षा की प्रार्थना करने के लिए किया…
शीतला माता चालीसा का पाठ माता शीतला को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है| शीतला माता को हिन्दू धर्म की सबसे प्रसिद्ध देवी के रूप जाना जाता है| इस देवी की महिमा हिन्दू धर्म में बहुत ही प्राचीन काल से चली आ रही है| पौराणिक ग्रंथों के आधार पर शीतला माता का वाहन गधा बताया गया है| शीतला माता को चेचक आदि कई रोगों की देवी भी माना जाता है| शीतला चालीसा का यह पाठ दुर्बल व्यक्तियों को बलवान तथा मुर्ख व्यक्तियों को ज्ञानी बनाता है| इस शीतला माता चालीसा का जाप करने से भक्तों को माता शीतला की छत्रछाया प्राप्त होती है| तो आइये जानते है शीतला माता चालीसा के लिरिक्स के बारे में|
इसके आलवा यदि आप ऑनलाइन किसी भी पूजा जैसे गृह प्रवेश पूजा (Griha Pravesh Puja), विवाह पूजा (Marriage Puja), तथा ऑफिस उद्घाटन पूजा (Office Opening Puja) के लिए आप हमारी वेबसाइट 99Pandit की सहायता से ऑनलाइन पंडित बहुत आसानी से बुक कर सकते है| इसी के साथ हमसे जुड़ने के लिए आप हमारे Whatsapp Channel – “Hindu Temples, Puja and Rituals” को भी Follow कर सकते है|
|| शीतला माता चालीसा ||
|| दोहा ||
जय जय माता शीतला ,
तुमहिं धरै जो ध्यान ।
होय विमल शीतल हृदय,
विकसै बुद्धी बल ज्ञान ॥
घट-घट वासी शीतला,
शीतल प्रभा तुम्हार ।
शीतल छइयां में झुलई,
मइयां पलना डार ॥
|| चौपाई ||
जय-जय-जय श्री शीतला भवानी ।
जय जग जननि सकल गुणधानी ॥
गृह-गृह शक्ति तुम्हारी राजित ।
पूरण शरदचंद्र समसाजित ॥
विस्फोटक से जलत शरीरा ।
शीतल करत हरत सब पीड़ा ॥
मात शीतला तव शुभनामा ।
सबके गाढे आवहिं कामा ॥4॥
शोक हरी शंकरी भवानी ।
बाल-प्राणक्षरी सुख दानी ॥
शुचि मार्जनी कलश करराजै ।
मस्तक तेज सूर्य सम साजै ॥
चौसठ योगिन संग में गावैं ।
वीणा ताल मृदंग बजावै ॥
नृत्य नाथ भैरौं दिखलावैं ।
सहज शेष शिव पार ना पावैं ॥8॥
धन्य धन्य धात्री महारानी ।
सुरनर मुनि तब सुयश बखानी ॥
ज्वाला रूप महा बलकारी ।
दैत्य एक विस्फोटक भारी ॥
घर घर प्रविशत कोई न रक्षत ।
रोग रूप धरी बालक भक्षत ॥
हाहाकार मच्यो जगभारी ।
सक्यो न जब संकट टारी ॥12॥
तब मैंय्या धरि अद्भुत रूपा ।
कर में लिये मार्जनी सूपा ॥
विस्फोटकहिं पकड़ि कर लीन्हो ।
मूसल प्रमाण बहुविधि कीन्हो ॥
बहुत प्रकार वह विनती कीन्हा ।
मैय्या नहीं भल मैं कछु कीन्हा ॥
अबनहिं मातु काहुगृह जइहौं ।
जहँ अपवित्र वही घर रहि हो ॥16॥
अब भगतन शीतल भय जइहौं ।
विस्फोटक भय घोर नसइहौं ॥
श्री शीतलहिं भजे कल्याना ।
वचन सत्य भाषे भगवाना ॥
पूजन पाठ मातु जब करी है ।
भय आनंद सकल दुःख हरी है ॥
विस्फोटक भय जिहि गृह भाई ।
भजै देवि कहँ यही उपाई ॥20॥
कलश शीतलाका सजवावै ।
द्विज से विधीवत पाठ करावै ॥
तुम्हीं शीतला, जगकी माता ।
तुम्हीं पिता जग की सुखदाता ॥
तुम्हीं जगद्धात्री सुखसेवी ।
नमो नमामी शीतले देवी ॥
नमो सुखकरनी दु:खहरणी ।
नमो- नमो जगतारणि धरणी ॥24॥
नमो नमो त्रलोक्य वंदिनी ।
दुखदारिद्रक निकंदिनी ॥
श्री शीतला , शेढ़ला, महला ।
रुणलीहृणनी मातृ मंदला ॥
हो तुम दिगम्बर तनुधारी ।
शोभित पंचनाम असवारी ॥
रासभ, खर , बैसाख सुनंदन ।
गर्दभ दुर्वाकंद निकंदन ॥28॥
सुमिरत संग शीतला माई,
जाही सकल सुख दूर पराई ॥
गलका, गलगन्डादि जुहोई ।
ताकर मंत्र न औषधि कोई ॥
एक मातु जी का आराधन ।
और नहिं कोई है साधन ॥
निश्चय मातु शरण जो आवै ।
निर्भय मन इच्छित फल पावै ॥32॥
कोढी, निर्मल काया धारै ।
अंधा, दृग निज दृष्टि निहारै ॥
बंध्या नारी पुत्र को पावै ।
जन्म दरिद्र धनी होइ जावै ॥
मातु शीतला के गुण गावत ।
लखा मूक को छंद बनावत ॥
यामे कोई करै जनि शंका ।
जग मे मैया का ही डंका ॥36॥
भगत ‘कमल’ प्रभुदासा ।
तट प्रयाग से पूरब पासा ॥
ग्राम तिवारी पूर मम बासा ।
ककरा गंगा तट दुर्वासा ॥
अब विलंब मैं तोहि पुकारत ।
मातृ कृपा कौ बाट निहारत ॥
पड़ा द्वार सब आस लगाई ।
अब सुधि लेत शीतला माई ॥40॥
॥ दोहा ॥
यह चालीसा शीतला,
पाठ करे जो कोय ।
सपनें दुख व्यापे नही,
नित सब मंगल होय ॥
बुझे सहस्र विक्रमी शुक्ल,
भाल भल किंतू ।
जग जननी का ये चरित,
रचित भक्ति रस बिंतू ॥
॥ इति श्री शीतला चालीसा ॥
|| Sheetala Mata Chalisa ||
|| Doha ||
Jai Jai Mata Sheetala,
Tumhin dhare jo dhyan.
Hoye vimal Sheetala hriday,
Vikasai buddhi, bal, gyaan.
Ghat-ghat vaasi Sheetala,
Sheetal prabha tumhaara.
Sheetal chhaya mein jhulai,
Maiyaan palna daar.
|| Chaupai ||
Jai-Jai-Jai Shri Sheetala Bhavani,
Jai Jag Janani Sakal Gunadhani.
Grih-Grih Shakti Tumhari Rajit,
Puran Sharadchandra Samasajit.
Visphotak Se Jalat Shareera,
Sheetal Karat Harat Sab Peeda.
Maa Sheetala Tav Shubh Naama,
Sabke Gaadhe Aavahin Kaama.
Shok Hari Shankari Bhavani,
Bal-Pranakshari Sukh Daani.
Shuchi Marjani Kalash Kararajai,
Mastak Tej Surya Sam Sajai.
Chausath Yogini Sang Mein Gaavain,
Veena Taal Mrudang Bajaavain.
Nritya Nath Bhairon Dikhlavain,
Sahaj Shesh Shiv Paar Na Paavain.
Dhany Dhany Dhaatri Maharani,
Sur Nar Muni Tab Suyash Bakhaani.
Jwala Roop Maha Balakaari,
Daitya Ek Visphotak Bhari.
Ghar Ghar Pravishat Koi Na Rakshat,
Rog Roop Dhari Baalak Bhakshat.
Haahakaar Machyo Jagabhaari,
Sakyo Na Jab Sankat Taari.
Tab Mainyya Dhar Adbhut Roopa,
Kar Mein Liye Marjani Soopa.
Visphotakhin Pakad Kar Leenho,
Musal Pramaan Bahut Vidhi Keenho.
Bahut Prakar Vah Vinati Kiinha,
Maiyya Nahi Bhal Main Kuch Kiinha.
Abnahi Maa Tu Kahugrih Jaihau,
Jahan Apavitr Vahi Ghar Rahi Ho.
Ab Bhakatan Sheetal Bhay Jaihau,
Visphotak Bhay Ghor Nasiyau.
Shri Sheetalahin Bhaje Kalyaana,
Vachan Satya Bhaashe Bhagwaana.
Poojan Paath Maatu Jab Kari Hai,
Bhaya Anand Sakal Dukh Hari Hai.
Visphotak Bhay Jihi Grih Bhaai,
Bhajai Devi Kahan Yehi Upaai.
Kalash Sheetalaka Sajavaai,
Dwij Se Vidhivat Paath Karaavai.
Tumhi Sheetala, Jag Ki Maata,
Tumhi Pita Jag Ki Sukhdaata.
Tumhi Jagadhaatri Sukhasevi,
Namo Namaami Sheetale Devi.
Namo Sukhakarni Dukhharni,
Namo Namo Jagtaran Dharani.
Namo Namo Trilokya Vandini,
Dukhdaridrak Nikandini.
Shri Sheetala, Shedhala, Mahala,
Runleehrinani Maatru Mandal.
Ho Tum Digambar Tanudhaari,
Shobhit Panchanaam Asvaari.
Raasabh, Khar, Baisakh Sunandan,
Gardabh Durvaakand Nikandan.
Sumirat Sang Sheetala Mai,
Jahi Sakal Sukh Door Parai.
Galaka, Galgandadi Juhoyi,
Takar Mantra Na Aushadhi Koi.
Ek Maatu Ji Ka Aaraadhan,
Aur Nahi Koi Hai Saadhan.
Nischay Maatu Sharan Jo Aavai,
Nirbhay Man Ichhit Phal Paavai.
Kodhi, Nirmal Kaaya Dhaari,
Andha, Drig Nij Drishti Nihaari.
Bandhya Naari Putra Ko Paavai,
Janma Daridra Dhani Hoi Jaavai.
Maa Sheetala Ke Gun Gaavat,
Lakha Mook Ko Chand Banaavat.
Yame Koi Karai Jani Shanka,
Jag Mein Maiya Ka Hi Danka.
Bhagat ‘Kamal’ Prabhudasa,
Tat Prayag Se Poorab Paasa.
Graam Tivari Poor Mam Baasa,
Kakra Ganga Tat Durvaasa.
Ab Vilamb Mein Tohi Pukaarat,
Maatru Kripa Ko Baat Niharat.
Pada Dwaar Sab Aas Lagaai,
Ab Sudhi Let Sheetala Mai.
|| Doha ||
Yeh Chaalisa Sheetala,
Path Kare Jo Koi.
Sapne Dukh Vyape Nahi,
Nitya Sab Mangal Hoye.
Bujhe Sahasra Vikrami Shukl,
Bhaal Bhal Kintu.
Jag Janani Ka Ye Charit,
Rachit Bhakti Ras Bintu.
|| Iti Shri Sheetala Chaalisa ||
Table Of Content