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Shree Kuber Aarti: कुबेर जी की आरती

99Pandit Ji
Last Updated:November 11, 2023

इस कुबेर जी की आरती [Kuber Ji Ki Aarti] पाठ का जाप भगवान कुबेर को प्रसन्न करता है| साथ ही धन को आकर्षित करने तथा वित्तीय कठिनाइयों को दूर करने के लिए भी किया जाता है| ऐसा माना जाता है कि इस कुबेर जी की आरती [Kuber Ji Ki Aarti] का जाप करने से भगवान कुबेर प्रसन्न होते है तथा इसके बदले वह अपना आशीर्वाद भक्तों को प्रदान करते है| जिससे भक्तों को धन संबंधी सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है| कुबेर जी की आरती [Kuber Ji Ki Aarti] का नियमित रूप से जाप करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण होती है|

कुबेर जी की आरती

कुबेर जी की आरती [Kuber Ji Ki Aarti] का पाठ धन के देवता भगवान कुबेर जी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है| इस कुबेर जी की आरती [Kuber Ji Ki Aarti] का पाठ स्वयं को भगवान के चरणों में समर्पित करके करने से भक्त को धन से संबंधित सभी समस्याओं से राहत मिलती है| इस आरती का जाप भगवान कुबेर जी की पूजा तथा कुबेर चालीसा पाठ के पश्चात करना बहुत ही शुभ माना जाता है| कुबेर जी की आरती [Kuber Ji Ki Aarti] का नियमित रूप से जाप करने से भगवान कुबेर जी की असीम कृपा प्राप्त होती है|

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कुबेर जी की आरती | Shri Kuber Aarti Lyrics In Hindi

|| श्री कुबेर आरती ||

ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे,
स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे ।
शरण पड़े भगतों के,
भण्डार कुबेर भरे ।
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,
स्वामी भक्त कुबेर बड़े ।
दैत्य दानव मानव से,
कई-कई युद्ध लड़े ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

स्वर्ण सिंहासन बैठे,
सिर पर छत्र फिरे,
स्वामी सिर पर छत्र फिरे ।
योगिनी मंगल गावैं,
सब जय जय कार करैं ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

गदा त्रिशूल हाथ में,
शस्त्र बहुत धरे,
स्वामी शस्त्र बहुत धरे ।
दुख भय संकट मोचन,
धनुष टंकार करें ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,
स्वामी व्यंजन बहुत बने ।
मोहन भोग लगावैं,
साथ में उड़द चने ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

बल बुद्धि विद्या दाता,
हम तेरी शरण पड़े,
स्वामी हम तेरी शरण पड़े ।
अपने भक्त जनों के,
सारे काम संवारे ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

मुकुट मणी की शोभा,
मोतियन हार गले,
स्वामी मोतियन हार गले ।
अगर कपूर की बाती,
घी की जोत जले ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

यक्ष कुबेर जी की आरती,
जो कोई नर गावे,
स्वामी जो कोई नर गावे ।
कहत प्रेमपाल स्वामी,
मनवांछित फल पावे ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

कुबेर जी की आरती

Kuber Ji Ki Aarti Lyrics In English | ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे

|| Shri Kuber Aarti ||

Om Jai Yaksha Kubera Hare,
Swami Jai Yaksha Jai Yaksha Kubera Hare.
Sharan Pade Bhakton Ke,
Bhandar Kubera Bhare.
॥ Om Jai Yaksha Kubera Hare…॥

Shiv Bhakton Mein Bhakt Kubera Bade,
Swami Bhakt Kubera Bade.
Daitya Danav Manav Se,
Kai-Kai Yudh Lade.
॥ Om Jai Yaksha Kubera Hare…॥

Swarn Sinhasan Baitha,
Sir Par Chatra Phire,
Swami Sir Par Chatra Phire.
Yogini Mangal Gaavain,
Sab Jay Jaykaar Karain.
॥ Om Jai Yaksha Kubera Hare…॥

Gada Trishul Haath Mein,
Shastra Bahut Dhare,
Swami Shastra Bahut Dhare.
Dukh Bhay Sankat Mochan,
Dhanush Tankar Karen.
॥ Om Jai Yaksha Kubera Hare…॥

Bhanti Bhanti Ke Vyanjan Bahut Bane,
Swami Vyanjan Bahut Bane.
Mohan Bhog Lagaavain,
Saath Mein Udad Chane.
॥ Om Jai Yaksha Kubera Hare…॥

Bal Buddhi Vidya Data,
Ham Teri Sharan Pade,
Swami Ham Teri Sharan Pade.
Apne Bhakt Janon Ke,
Saare Kaam Sanvare.
॥ Om Jai Yaksha Kubera Hare…॥

Mukut Mani Ki Shobha,
Motiyan Haar Gale,
Swami Motiyan Haar Gale.
Agar Kapur Ki Baati,
Ghee Ki Jyot Jale.
॥ Om Jai Yaksha Kubera Hare…॥

Yaksha Kubera Ji Ki Aarti,
Jo Koi Nar Gaave,
Swami Jo Koi Nar Gaave.
Kahat Premapal Swami,
Manvaanchhit Phal Paave.
॥ Om Jai Yaksha Kubera Hare…॥

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