लगन तुमसे लगा बैठे जो होगा देखा जाएगा हिंदी भजन लिरिक्स
Lagan Tumse Laga baithe, Jo Hoga Dekha Jayega Hindi Bhajan Lyrics: यूं तो श्री कृष्ण को खुश करने के कई…
हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार शनि चालीसा (Shani Chalisa) के पाठ को शनिवार के दिन करना बहुत ही शुभ माना जाता है| शनि देव की पूजा करने के बाद शनि चालीसा (Shani Chalisa) का पाठ करने से शनिदेव अपने भक्तों से बहुत ही प्रसन्न होते है| इस शनि चालीसा (Shani Chalisa) का पाठ करने से भक्तों के सभी कष्ट व परेशानियां दूर होती है| ऐसा माना जाता है कि जिन लोगों पर शनि देव की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही हो, उन्हें इससे मुक्ति पाने व शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनि चालीसा (Shani Chalisa) का पाठ करना चाहिए| जैसा आप सभी जानते है कि शनि देव को न्याय के देवता के रूप में भी जाना जाता है|
शनि अमावस्या के दिन शनि चालीसा (Shani Chalisa) का पाठ करने व्यक्ति को पितृ दोष में भी राहत मिलती है|शनि चालीसा (Shani Chalisa) का पाठ कभी भी किया जा सकता है| यदि आप शनि चालीसा (Shani Chalisa) का पाठ प्रारंभ करना चाहते है तो शनिवार इसके लिए सबसे शुभ दिन माना जाता है| शनि चालीसा (Shani Chalisa) का पाठ बहुत अधिक लाभकारी होता है, जब इसका जाप शनि देव के मंदिर में किया जाए| शनि देव की विशेष कृपा पाने के लिए पीपल के पेड़ के नीचे शनि चालीसा (Shani Chalisa) का पाठ करना चाहिए|
अब हम आपको 99Pandit के बारे में जानकारी देंगे| 99Pandit एक ऐसा ऑनलाइन प्लेटफार्म है जिसकी सहायता से आप हिन्दू धर्म से संबंधित किसी भी पूजा जैसे – दिवाली पूजा [Diwali Puja], तथा धनतेरस पूजा [Dhanteras Puja] के लिए ऑनलाइन पंडित बुक कर सकते है| यहाँ बुकिंग प्रक्रिया बहुत ही आसान है| बस आपको “बुक ए पंडित” [Book A Pandit] विकल्प का चुनाव करना होगा|
|| शनि चालीसा ||
|| दोहा ||
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल ।
दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल ॥
जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज ।
करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज ॥
|| चौपाई ||
जयति जयति शनिदेव दयाला ।
करत सदा भक्तन प्रतिपाला ॥
चारि भुजा, तनु श्याम विराजै ।
माथे रतन मुकुट छबि छाजै ॥
परम विशाल मनोहर भाला ।
टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला ॥
कुण्डल श्रवण चमाचम चमके ।
हिय माल मुक्तन मणि दमकै ॥
कर में गदा त्रिशूल कुठारा ।
पल बिच करैं अरिहिं संहारा ॥
पिंगल, कृष्णों, छाया नन्दन ।
यम, कोणस्थ, रौद्र, दुखभंजन ॥
सौरी, मन्द, शनी, दश नामा ।
भानु पुत्र पूजहिं सब कामा ॥
जा पर प्रभु प्रसन्न ह्वैं जाहीं ।
रंकहुँ राव करैं क्षण माहीं ॥
पर्वतहू तृण होई निहारत ।
तृणहू को पर्वत करि डारत ॥
राज मिलत बन रामहिं दीन्हयो ।
कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हयो ॥
बनहूँ में मृग कपट दिखाई ।
मातु जानकी गई चुराई ॥
लखनहिं शक्ति विकल करिडारा ।
मचिगा दल में हाहाकारा ॥
रावण की गतिमति बौराई ।
रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई ॥
दियो कीट करि कंचन लंका ।
बजि बजरंग बीर की डंका ॥
नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा ।
चित्र मयूर निगलि गै हारा ॥
हार नौलखा लाग्यो चोरी ।
हाथ पैर डरवाय तोरी ॥
भारी दशा निकृष्ट दिखायो ।
तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो ॥
विनय राग दीपक महं कीन्हयों ।
तब प्रसन्न प्रभु ह्वै सुख दीन्हयों ॥
हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी ।
आपहुं भरे डोम घर पानी ॥
तैसे नल पर दशा सिरानी ।
भूंजीमीन कूद गई पानी ॥
श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई ।
पारवती को सती कराई ॥
तनिक विलोकत ही करि रीसा ।
नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा ॥
पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी ।
बची द्रौपदी होति उघारी ॥
कौरव के भी गति मति मारयो ।
युद्ध महाभारत करि डारयो ॥
रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला ।
लेकर कूदि परयो पाताला ॥
शेष देवलखि विनती लाई ।
रवि को मुख ते दियो छुड़ाई ॥
वाहन प्रभु के सात सजाना ।
जग दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना ॥
जम्बुक सिंह आदि नख धारी ।
सो फल ज्योतिष कहत पुकारी ॥
गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं ।
हय ते सुख सम्पति उपजावैं ॥
गर्दभ हानि करै बहु काजा ।
सिंह सिद्धकर राज समाजा ॥
जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै ।
मृग दे कष्ट प्राण संहारै ॥
जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी ।
चोरी आदि होय डर भारी ॥
तैसहि चारि चरण यह नामा ।
स्वर्ण लौह चाँदी अरु तामा ॥
लौह चरण पर जब प्रभु आवैं ।
धन जन सम्पत्ति नष्ट करावैं ॥
समता ताम्र रजत शुभकारी ।
स्वर्ण सर्व सर्व सुख मंगल भारी ॥
जो यह शनि चरित्र नित गावै ।
कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै ॥
अद्भुत नाथ दिखावैं लीला ।
करैं शत्रु के नशि बलि ढीला ॥
जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई ।
विधिवत शनि ग्रह शांति कराई ॥
पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत ।
दीप दान दै बहु सुख पावत ॥
कहत राम सुन्दर प्रभु दासा ।
शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा ॥
|| दोहा ||
पाठ शनिश्चर देव को, की हों भक्त तैयार ।
करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार ॥
|| Shani Chalisa ||
|| Doha ||
Jai Ganesh Girija Suvan, Mangal karan Kripal |
Dinan Ke Dukh Dur Kari, Kije Nath Nihaal ||
Jai Jai Shree Shanidev Prabhu, Sunahu Vinay Maharaj |
Karahu Kripa He Ravi Tanay, Raakhhu Jan Ki Laaj ||
|| Chaupai ||
Jayati Jayati Shanidev Dayala |
Karan Sada Bhaktan Pratipala ||
Chaari Bhuja, Tanu Shyam Viraaje |
Maathe Ratan Mukut Chhabi Chhaje ||
Param Vishal Manohar Bhala |
Tedhi Drishti Bhrikuti Vikrala ||
Kundal Sharavan Chamacham Chamke |
Hiya Maal Muktan Mani Damke ||
Kar Me Gada Trishul Kuthara |
Pal Bich Kare Arihi Sanhara ||
Pingal, Krishano, Chhaya Nandan |
Yam, Konstha, Raudra, Dukhbhanjan ||
Sauri, Mand, Shani, Dash Nama |
Bhaanu Putra Pujanhi Sab Kama ||
Jaa Par Prabhu Prasann He Jaanhi |
Rankhun Raav Kare Kshan Maahin ||
Parvathu Trin Hoe Niharat |
Trinhu Ko Parvat Kari Daarat ||
Raaj Milat Ban Ramhin Dinhon |
Kaikeihun Ki Mati Hari Linhyo ||
Banahun Me Mrig Kapat Dikhayi |
Maatu Jaanki Gai Churai ||
Lakanhi Shakti Vikal Karidara |
Machiga Dal Me Hahakar ||
Ravan Ki Gatimati Baurai |
Ramchandra Sau Bair Badhai ||
Diyo Kit Kari Kanchan Lanka |
Baji Bajrang Bir Ki Danka ||
Nrip Vikram Par Tuhi Pagu Dhara |
Chitr Mayur Nigali Gai Hara ||
Haar Naulakha Laagyo Chauri |
Haath Pair Darvaay Tori ||
Bhari Dasha Nikrisht Dikhayo |
Telihin Ghar Kolhu Chalvaayo ||
Vinay Rag Deepak Maham Kinhayo |
Tab Prasann Prabhu Haiv Sukh Dinhayo ||
Harischandra Nrip Naari Bikaani |
Apahun Bhare Dom Ghar Paani ||
Taise Nal Par Dasha Sirani |
Bhunjimin Kud Gai Paani ||
Shree Shankarhin Gahyo Jaai |
Parvati Ko Sati Karai ||
Tanik Vilokat Hi Kari Risa |
Nabh Udi Gayo Gaurisut ||
Paandav Par Bhe Dasha Tumhari |
Bachi Draupadi Hoti Ughaari ||
Kaurav Ke Bhi Gati Mati Maaryo |
Yuddha Mahabharat Kari Daaryo ||
Ravi Kahn Mukh Mahn Tatkala |
Lekar Kudi Paryo Patala ||
Shesh Devlakhi Vinati Laai |
RAvi Ko Mukh Te Diyo Chhudai ||
Vahan Prabhu Ke Saat Sajaanna |
Jag Digaaj Gardabh Mrig Swana ||
Jambuk Singh Aadi Nakh Dhaari |
So Fal Jyotish Kahat Pukari ||
Gaj Vahan Laxmi Gruh Aave |
Haya Te Sukh Sampati Upjaave ||
Gardabh Haani Kare Bahu Kaja |
Singh Siddhkar Raj Samaja ||
Jambuk Buddhi Nashth Kar Daare |
Mrig De Kashth Praan Sanhaare ||
Jab Aavahin Prabhu Swaan Sawari |
Chori Aadi Hoya Dar Bhaari ||
Taisahi Chaari Charan Yah Nama |
Swarn Lauha Chandi Aru Tama ||
Lauha Charan Par Jab Prabhu Aave |
Dhan Jan Sampatti Nashth Karave ||
Samta Taamr Rajat Shubhkari |
Swarn Sarv Sarv Sukh Mangal Bhari ||
Jo Yah Shani Charitra Nit Gaave |
Kabahun Na Dasha Nikrashth ||
Adbhut Nath Dikhaave Leela |
Kare Shatru Ke Nashi Bali Dhila ||
Jo Pandit Suyogya Bulvaae |
Vidhivat Shani Grah Shanti Karai ||
Pipal Jal Shani Divas Chadhavat |
Deep Dan De Bahu Sukh Paavat ||
Kahat Ram Sundar Prabhu Dasa |
Shani Sumirat Sukh Hot Prakasha ||
|| Doha ||
Paath Shanischar Dev Ko, Ki Ho Bhakt Taiyaar |
Karat Paath Chalish Din, Ho Bhavsagar Paar ||
Table Of Content